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शराब में इथेनाल की जगह मिथेनाल मिला देने के कारण जहरीली हुई थी शराब, पुलिस ने पांच और आरोपियों को किया गिरफ्तार

अब तक जहरीली शराब पीने से सुंदरनगर क्षेत्र के सात 7 लोगों की मौत हुई है और 20 लोगों का उपचार चल रहा है।
शिमला- प्रदेश के मंडी जिले के सलापड़-कांगू क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से हुई 7 लोगों की मौत के बाद पुलिस की एसआईटी टीम ने इस मामलें से जुड़े और पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अब तक कुल 13 आरोपियों की पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
इस मामले में कांग्रेस हमीरपुर महासचिव नीरज ठाकुर का नाम सामने आने से पार्टी ने उन्हें महासचिव पद से हटा दिया है। पुलिस ने नीरज को चंडीगढ़ से किया गिरफ्तार किया है।
वहीं जहरीली शराब के मामलें में प्रदेश कांग्रेस पार्टी को घेरते हुए प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता बलदेव तोमर और सह मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने कहा कि इस मामले में जिस प्रकार से कांग्रेस पार्टी द्वारा लीपापोती के मकसद से हमीरपुर के कांग्रेस नेता नीरज को हटाया गया है उससे यह स्पष्ठ हो गया है कि कांग्रेस पार्टी अवैध शराब के कारोबार की संरक्षक है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में खनन, वन और भू माफिया के चौकीदार भी कांग्रेस पार्टी ने नेता है।
डीआईजी मधुसूदन जो एसआईटी प्रमुख भी है उन्होंने बताया कि आरोपियों ने शराब में इथेनाल की जगह मिथेनाल मिला दिया था जिसके कारण सात लोगों की मौत हो गई। इन्होंने वीआरवी फूल्स नाम से नकली शराब बनाकर बेची थी।
मधुसूदन ने बताया कि आरोपियों ने शराब की अवैध फैक्टरी लगाई थी और और शराब का उत्पादन शुरू कर दिया था।
उन्होंने बताया कि इस शराब की खेप मंडी, जिला कांगड़ा और हमीरपुर में भी सप्लाई हुई है। जिसके कारण पुलिस अब जगह-जगह छापा मारकर नकली शराब की खेप को नष्ट करने में जुटी है।
वहीं मंडी एसपी शालिनी अग्निहोत्री ने बताया कि मामले में अब तक कुल 13 आरोपियों की गिरफ्तार किया है और इस रैकेट में शामिल अन्य लोगों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस जांच कर रही है।
जानिए कैसे अवैध फैक्ट्री में बनी जहरीली शराब
एसआईटी की टीम ने जांच में पाया कि हमीरपुर की अवैध फैक्ट्री के प्लांट में उचित तरीके से मिक्सिंग नही की गई थी जिसके कारण
शराब जहरीली बन गई।
जानकरी के अनुसार पकड़े गए आरोपियों में कांगड़ा के पंचरुखी के गौरव मिन्हास और प्रवीण ठाकुर मिलावटी शराब के कारोबार के मुख्य चेहरे हैं । सुंदरनगर का कालू शराब बांटने का काम देखता था
वहीं हमीरपुर में जिस प्लांट में जहरीली शराब बनी है,वहां का मालिक प्रवीण ठाकुर है। प्लांट में 25 टन की खेप बनाई गई थी और यह फैक्टरी प्रवीण अपने घर की दूसरी मंजिल में चला रहा था। तथा जिन दो कमरों में शराब की पेटियां रखी जाती थी उसे बाहर से ताला लगा दिया जाता था।
गौरव कच्चे माल से लेकर शराब बनने तक सारी प्रक्रिया में समन्वय करता था। हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, जम्मू, यूपी और चंडीगढ़ में फैले नेटवर्क से शराब तैयार की जाती थी।
एसपी कांगड़ा डॉ. खुशहाल सिंह ने बताया कि आरोपी गौरव मिन्हास (उर्फ गोरू) जिला कांगड़ा के पंचरुखी का रहने वाला है और आरोपी गौरव के खिलाफ जिला कांगड़ा सहित अन्य जिलों में भी कई मामले दर्ज हैं। पुलिस कई मर्तबा आरोपी की गाड़ियों से शराब को बरामद कर चुकी है।
नालागढ़ में भी पुलिस ने संतरा लेबल के प्रिंट कागज किए बरामद
मंडी पुलिस की सूचना पर नालागढ़ पुलिस ने शनिवार को नालागढ़ के गुज्जरहट्टी गांव के साथ जंगल से अवैध शराब, खाली ड्रम, बोतलें ,संतरा लेबल के प्रिंट कागज और गत्ते की पेटियां बरामद की हैं।
वहीं पुलिस को एक बंद कमरे में जो कि स्व. रामप्रकाश का बताया जा रहा है का ताला तोड़कर 40 खाली ड्रम, एक प्लास्टिक के थैले में खाली बोतलें, खाली गत्ते के डिब्बे, वीआरवी के लेबल, नैना थ्री एक्स रम की 16 शराब की पेटियां, दस बोतलें वीआरवी संतरा की बरामद की जिन्हे पुलिस ने कब्जे में ले लिया है।
518 शराब की पेटियां एसआईटी ने की बरामद
एसआईटी के प्रमुख वीरेंद्र कालिया की टीम ने शुक्रवार को हमीरपुर की ग्राम पंचायत देई का नौण के पन्याला गांव में प्रवीण के बहुमंजिला घर के अंदर चल रही शराब की फैक्टरी से मौके पर 518 शराब की पेटियां भी बरामद कीं थी। यह फैक्टरी कांगड़ा के पंचरुखी निवासी गौरव मिन्हास की है, जिसे पुलिस ने पालमपुर से गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस की जांच टीम ने वहां से स्प्रिट, शराब की बॉटलिंग करने वाली मशीनें, होलोग्राम, कार्टन, शराब में अलकोहल की मात्रा जांचने वाले हाइड्रो मीटर, थर्मामीटर, प्लास्टिक टंकियां, खाली बोतलें इत्यादि अन्य सामान को कब्जे में लिया है।
एसआईटी ने मौके पर पकड़ी गई शराब और शराब तैयार करने में प्रयोग होने वाले उपकरण को अपने साथ मंडी ले गई है। साथ ही भवन के मालिक प्रवीण और शराब बनाने वाले यूपी के रहने वाले दो कारीगर भी गिरफ्तार किए हैं। इनकी पहचान पुष्पेंद्र पुत्र ऋषि पाल और सनी पुत्र अशोक कुमार निवासी, भवानीगढ़ी अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) के रूप में हुई है।
आपको बता दें कि जहां पुलिस ने इस अवैध फैक्ट्री में छापा मारा है वह हमीरपुर पुलिस अधीक्षक डॉ. आकृति शर्मा के सरकारी आवास से महज 800 मीटर की दूरी पर है।
कांगड़ा में पुलिस ने ठेके से पकड़ी 12 जहरीली शराब की बोतलें
एसपी कांगड़ा डॉ. खुशहाल चंद शर्मा ने बताया कि पुलिस थाना शाहपुर के तहत नेरटी गांव में चल रहे एक ठेके की तलाशी के दौरान संदिग्ध जहरीली शराब मार्का की 12 बोतलें मंडी जिले में मिली वीआरएस संतरा मार्का बरामद की हैं। पुलिस ने शराब की बोतलों को कब्जे में ले लिया है, जबकि मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
जानिए पुलिस ने किन 5 आरोपियों की किया गिरफ्तार
डीआईजी मधुसूदन ने बताया कि शराब की अवैध फैक्टरी चलाने के आरोपी प्रवीण कुमार, दो कारीगर पुष्पेंद्र व सन्नी, फार्मूला देने वाला एके त्रिपाठी,स्प्रिट सप्लायर सागर सैनी को गिरफ्तार किया गया है।
वहीं 54 वर्षीय अलोक कुमार त्रिपाठी गांधी नगर फ्रंट ऑफ कोतवाली जिला उन्नाव उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। सागर सैनी बेहरा एनक्लेव पश्चिम विहार नई दिल्ली का है। प्रवीण कुमार निवासी पनयाला गांव जिला हमीरपुर, पुष्पेंद्र और सन्नी निवासी भवानीगढ़ी अलीगढ़, उत्तर प्रदेश का है।
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सनवारा टोल प्लाजा पर अब और कटेगी जेब, अप्रैल से 10 से 45 रुपए तक अधिक चुकाना होगा टोल

शिमला- कालका-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग-5 पर वाहन चालकों से अब पहली अप्रैल से नई दरों से टोल वसूला जाएगा। केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्रालय की ओर से बढ़ी हुई दरों पर टोल काटने के आदेश जारी हो गए हैं। जारी आदेश के अनुसार कालका-शिमला एनएच-5 पर सनवारा टोल प्लाजा पर 10 से 45 रुपए तक की वृद्धि हुई है।
टोल प्लाजा संचालक कंपनी के मैनेजर ने बताया कि 1 अप्रैल से कार-जीप का एक तरफ शुल्क 65 और डबल फेयर में 95 रुपये देने होंगे।
लाइट कामर्शियल व्हीकल, लाइट गुड्स व्हीकल और मिनी बस को एक तरफ के 105, बस-ट्रक (टू एक्सेल) को एकतरफ के 215, थ्री एक्सेल कामर्शियल व्हीकल को एक तरफ के 235, हैवी कंस्ट्रक्शन मशीनरी को एकतरफ के 340 और ओवरसीज्ड व्हीकल को एकतरफ के 410 रुपये का शुल्क नई दरों के हिसाब से देना होगा।
सनवारा टोल गेट से 20 किलोमीटर के दायरे में आने वाले वाहन चालकों को पास की सुविधा भी नियमों के अनुसार दी जाती है। इस पास के लिए अब 280 की जगह 315 रुपये प्रति महीना चुकाना पड़ेगा।
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बच्चों से खतरनाक किस्म की मजदूरी कराना गंभीर अपराध:विवेक खनाल

शिमला- बच्चों से खतरनाक किस्म की मज़दूरी कराना गंभीर अपराध है। 14 साल के अधिक आयु के बच्चों से ढाबे में 6 घंटे से अधिक काम नहीं लिया जा सकता। उन्हें तीन घंटे के बाद एक घंटे का आराम दिया जाना जरूरी है। यह बात वह उमंग फाउंडेशन द्वारा “मज़दूरों के कानूनी अधिकार, समस्याएं और समाधान” विषय पर वेबिनार में वरिष्ठ सिविल जज एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अतिरिक्त सचिव विवेक खनाल ने कही।
उन्होंने कहा कि असंगठित मजदूरों के शोषण का खतरा ज्यादा होता है। देश की जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद का 50% हिस्सा असंगठित मजदूरों के योगदान से ही अर्जित होता है।
विवेक खनाल ने संगठित एवं असंगठित श्रमिकों से जुड़े विभिन्न कानूनों की जानकारी दी। उन्होंने कहा की 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को खतरनाक किस्म के कामों में नहीं लगाया जा सकता। इनमें औद्योगिक राख, अंगारे, बंदरगाह, बूचड़खाना, बीड़ी, पटाखा, रेलवे निर्माण, कालीन, पेंटिंग एवं डाईंग आदि से जुड़े कार्य शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि 14 से 18 वर्ष तक के बच्चे रेस्टोरेंट या ढाबे में काम के तय 6 घंटे तक ही काम कर सकते हैं। शाम 7 बजे से सुबह 8 बजे के बीच उन से काम नहीं लिया जा सकता।
उन्होंने बताया कि भवन निर्माण एवं अन्य कामगार बोर्ड में पंजीकृत होने के बाद श्रमिकों को अनेक प्रकार की सुविधाएं एवं सामाजिक सुरक्षा मिल जाती है।
विवेक के अनुसार असंगठित मजदूरों के लिए कानून भी काफी कम हैं। जबकि उनकी स्थिति ज्यादा खराब होती है। उन्होंने बताया कि मनरेगा के अंतर्गत काम करने वाली महिला मजदूरों के बच्चों को संभालने के लिए उन्हीं में से एक वेतन देकर आया का काम भी दिया जाता है।
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अतिरिक्त सचिव ने कहा कि कि प्राधिकरण की ओर से समाज के जिन वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता दी जाती है उसमें एक श्रेणी मजदूरों की भी है।
इसके अतिरिक्त महिला, दिव्यांग, ट्रांसजेंडर, बच्चे, अनुसूचित जाति एवं जनजाति, और तीन लाख से कम वार्षिक आय वाले बुजुर्ग इस योजना में शामिल हैं। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से बद्दी में मजदूरों के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ स्थापित किया गया है।
इसके अलावा विभिन्न जिलों में वैकल्पिक विवाद समाधान केंद्र चलाए जा रहे हैं। एक अलग पोर्टल पर सरकार ई-श्रम कार्ड भी बना रही है।
इस दौरान उन्होंने युवाओं के सवालों के जवाब भी दिए।
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हिमाचल कैबिनेट के फैसले:प्रदेश में सस्ती मिलेगी देसी ब्रांड की शराब,पढ़ें सभी फैसले

शिमला- मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित प्रदेश मंत्रीमंडल की बैठक में आज वर्ष 2022-23 के लिए आबकारी नीति को स्वीकृति प्रदान की गई।
इस नीति में वर्ष के दौरान 2,131 करोड़ रुपये के राजस्व प्राप्ति की परिकल्पना की गई है, जो कि वित्त वर्ष 2021-22 से 264 करोड़ रुपये अधिक होगा। यह राज्य आबकारी राजस्व में 14 प्रतिशत की कुल वृद्धि को दर्शाता है।
बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 राज्य में प्रति इकाई चार प्रतिशत नवीनीकरण शुल्क पर खुदरा आबकारी ठेकों के नवीनीकरण को स्वीकृति प्रदान की गई। इसका उद्देश्य सरकारी राजस्व में पर्याप्त बढ़ोतरी प्राप्त करना और पड़ोसी राज्यों में दाम कम करके होने वाली देसी शराब की तस्करी पर रोक लगाना है।
लाइसेंस फीस कम होने के कारण देसी शराब ब्रांड सस्ती होगी। इससे उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर अच्छी गुणवत्ता की शराब उपलब्ध होगी और उन्हें अवैध शराब खरीदने के प्रलोभन से भी बचाया जा सकेगा और शुल्क चोरी पर भी निगरानी रखी जा सकेगी।
नई आबकारी नीति में खुदरा लाइसेंसधारियों को आपूर्ति की जाने वाली देसी शराब के निर्माताओं और बॉटलर्ज के लिए निर्धारित 15 प्रतिशत कोटा समाप्त कर दिया गया है। इस निर्णय से खुदरा लाइसेंसधारी अपना कोटा अपनी पसंद के आपूर्तिकर्ता से उठा सकेंगे और प्रतिस्पर्धात्मक मूल्यों पर अच्छी गुणवत्ता की देसी शराब की आपूर्ति सुनिश्चित होगी। देसी शराब का अधिकतम खरीद मूल्य मौजूदा मूल्य से 16 प्रतिशत सस्ता हो जाएगा।
इस वर्ष की नीति में गौवंश के कल्याण के लिए अधिक निधि प्रदान करने के दृष्टिगत गौधन विकास निधि में एक रुपये की बढ़ोतरी करते हुए इसे मौजूदा 1.50 रुपये से बढ़ाकर 2.50 रुपये किया गया है।
राज्य में कोविड-19 के मामलों में कमी को देखते हुए कोविड उपकर में मौजूदा से 50 प्रतिशत की कमी की गई है।
लाइसेंस शुल्क के क्षेत्र विशिष्ट स्लैब को समाप्त करके बार के निश्चित वार्षिक लाइसेंस शुल्क को युक्तिसंगत बनाया गया है। अब पूरे राज्य में होटलों में कमरों की क्षमता के आधार पर एक समान लाइसेंस स्लैब होंगे।
जनजातीय क्षेत्रों में आने वाले पर्यटकों को बेहतर सुविधा प्रदान करने और होटल उद्यमियों को राहत प्रदान करने के लिए जनजातीय क्षेत्रों में बार के वार्षिक निर्धारित लाइसेंस शुल्क की दरों में काफी कमी की गई है।
शराब के निर्माण, संचालन, थोक विक्रेताओं को इसके प्रेषण और बाद में खुदरा विक्रेताओं को बिक्री की निगरानी के लिए इन सभी हितधारकों को अपने प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य किया गया है।
विभाग की ओर से हाल ही में शराब बॉटलिंग प्लांटों, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं में पाई गई अनियमितताओं को ध्यान में रखते हुए हिमाचल प्रदेश आबकारी अधिनियम, 2011 को और सख्त किया गया है।
राज्य में एक प्रभावी एंड-टू-एंड ऑनलाईन आबकारी प्रशासन प्रणाली स्थापित की जाएगी जिसमें शराब की बोतलों की ट्रैक एंड टेक्स की सुविधा के अलावा निगरानी के लिए अन्य मॉडयूल शामिल होंगे।
मंत्रिमंडल ने वर्ष 2022-23 के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य पथकर नीति को अपनी मंजूरी प्रदान की है जिसमें राज्य में सभी पथकर बेरियर की नीलामी व निविदा शामिल हैं। वर्ष 2021-22 के दौरान टोल राजस्व में गत वर्ष के राजस्व के मुकाबले 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश आपदा राहत नियमावली, 2012 में संशोधन को अपनी मंजूरी प्रदान की जिसमें मधुमक्खी, हॉरनेट और वैस्प के काटने से होने वाली मृत्यु, दुर्घटनाग्रस्त डूबने, और वाहन दुर्घटना मंे होने वाली मृत्यु के मामलोें को राहत नियमावली के अंतर्गत शामिल किया गया है।
मंत्रिमंडल ने लोक सेवा आयोग के माध्यम से राजस्व विभाग में नियमित आधार पर सीधी भर्ती के माध्यम से तहसीलदार श्रेणी-1 के 11 पदों को भरने की स्वीकृति प्रदान की।