शिक्षा
शिमला में 10-15 दिनों के लिए स्कूल खोलने पर मुखर हुए परिजन, ऑकलैन्ड हाउस स्कूल को बदलना पड़ा निर्णय

शिमला– शिमला के ऑकलैन्ड हाउस स्कूल ने अभिभावकों के अनुरोध पर तीसरी से सातवीं कक्षा के बच्चों के लिए स्कूल फिलहाल बंद रखने का निर्णय ले लिया है। अब उनकी परीक्षा भी ऑफलाइन के जगह ऑनलाइन ली जाएगी।
इससे पहले ऑकलैंड हाउस स्कूल शिमला के महज़ वार्षिक परीक्षाओं के लिए दस दिन के लिए स्कूल खोलने के निर्णय के खिलाफ अभिभावकों ने इस संदर्भ में स्कूल प्रिंसिपल माइकल जॉन व अतिरिक्त जिलाधीश किरण भडाना से मुलाकात की थी व वार्षिक परीक्षाएं ऑनलाइन करने की मांग की थी। अभिभावकों के आंदोलन के फलस्वरूप स्कूल प्रबंधन ने तीसरी से सातवीं कक्षा तक के लिये स्कूल खोलने का निर्णय वापिस ले लिया व ऑनलाइन परीक्षाएं करवाने का भी निर्णय लिया है।
ऑकलैंड स्कूल के पीटीए सदस्य विजेंद्र मेहरा,अधिवक्ता रमन पराशर,सुगंधा सूद,वीना चंदेल,रीना मेहता,दविंद्रा वर्मा,अरुणा गौतम,दीपा शर्मा व अनु कामटा के नेतृत्व में स्कूल के अभिभावक लामबंद हुए व अतिरिक्त जिलाधीश शिमला को स्कूल न खोलने की मांग को लेकर एक ज्ञापन सौंपा था। इससे पहले अभिभावकों का एक प्रतिनिधिमंडल स्कूल के प्रधानाचार्य माइकल जॉन से मिला था व ऑनलाइन परीक्षाओं की मांग की थी। उनके द्वारा मांग न माने जाने पर अभिभावक आक्रोशित हो गए थे और वह उपायुक्त कार्यालय पहुंचे थे।
उपायुक्त के अपने दफ्तर में मौजूद न होने पर अभिभावक अतिरिक्त जिलाधीश कार्यालय पहुंच गए व लगभग एक घण्टे तक डटे रहे थे। इस दौरान अतिरिक्त जिलाधीश ने ऑकलैंड स्कूल के चेयरमैन व प्रिंसिपल से बातचीत की व इस मुद्दे का समाधान करने की बात की थी। उन्होंने स्कूल प्रबंधन से इस मुद्दे पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने के संदर्भ में एक पत्र भी जारी किया था। इसके बाद स्कूल प्रबंधन ने ऑनलाइन परीक्षाएं लेने का निर्णय लिया है।
अभिभावकों ने जिला प्रशासन के समक्ष स्कूल प्रबंधन द्वारा सिर्फ दस दिन के लिए पांचवीं से सातवीं कक्षा के छात्रों के लिए स्कूल खोलने के निर्णय पर कड़ा विरोध ज़ाहिर किया था। उन्होंने कहा था कि जब पूरा वर्ष ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से ही बच्चों ने पढ़ाई की तो फिर वार्षिक परीक्षाएं ऑनलाइन करने में क्या दिक्कत है। इन दस दिनों के बाद स्कूल तीन महीने के लिए बन्द रहेगा तो फिर स्कूल सिर्फ वार्षिक परीक्षाओं के लिए खोलने का क्या तुक बनता है।
उन्होंने कहा था कि एक दिन के बाद शीतकालीन सत्र की वार्षिक परीक्षाएं शुरू हो रही हैं व इस तरह का निर्णय अव्यवहारिक है। उन्होंने कहा कि शीतकालीन सत्र व ग्रीष्मकालीन सत्र में समरूपता नहीं है। इसलिए सर्दियों में केवल वार्षिक परीक्षाओं के लिए दस दिन के लिए स्कूल खोलना तार्किक नहीं है।
शिक्षा
टर्म-2 परीक्षा की कंपार्टमेंट-इंप्रूवमेंट परीक्षा के लिए अब 25 तक करें आवेदन

शिमला- हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से मार्च-अप्रैल 2022 में संचालित की जाने वाली नियमित परीक्षार्थियों की टर्म-2 परीक्षा के लिए कंपार्टमेंट, एडिशनल विषय, अंग्रेजी केवल, इंप्रूवमेंट ऑफ परफोरमेंस के पात्र परीक्षार्थियों के लिए प्रवेश पत्र ऑनलाइन भरने की तिथि अब 25 फरवरी तक बढ़ा दी गई है।
बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सुरेश कुमार सोनी ने बताया कि अब छात्र 25 फरवरी तक प्रवेश पत्र भर सकते है और विलंब शुल्क 100 रुपये के साथ 28 फरवरी तक तिथि को बढ़ा दिया गया है।
डॉ. सोनी ने बताया कि मैट्रिक और जमा दो श्रेणी के पात्र परीक्षार्थी अपने प्रवेश पत्र संबंधित विद्यालय के माध्यम से विलंब शुल्क 100 रुपये के साथ 28 फरवरी तक केवल ऑनलाइन प्रेषित करवा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि मार्च 2022 में संचालित की जाने वाली नौवीं और 11वीं कक्षाओं की द्वितीय अवधि परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन कक्षा बार प्रश्नपत्र मांग, शुल्क प्राप्ति के लिए ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन विद्यालयों के लिए अंतिम तिथि को 28 फरवरी की गई है।
शिक्षा
प्रदेश के स्कूलों में शुरू की जाए योग और मनोविज्ञान की कक्षाएं: एबीवीपी

शिमला- प्रदेश के स्कूलों में योग और मनोविज्ञान की कक्षाएं शुरू करने की मांग लंबे समय से होती आ रही है,लेकिन अभी तक प्रदेश के स्कूलों में यह कक्षाएं शुरू नहीं हो पा रही है। अब एक बार फिर से एबीवीपी ने सरकार से प्रदेश के स्कूलों ने योग और मनोविज्ञान विषय की कक्षाएं शुरू करने की मांग की है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इकाई के अध्यक्ष आकाश नेगी ने कहा कि प्रदेश सरकार को राज्य के प्रत्येक विद्यालय में योग और मनोविज्ञान विषय की कक्षाएं शुरू करनी चाहिए।
आकाश नेगी ने कहा कि आजकल के तनाव भरे जीवन को सरल बनाने में योग बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आज पूरा विश्व योग को अपना रहा है और कोरोना सहित अन्य बीमारियों के इलाज में योग पद्धति को लोग काफी पसंद कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि युवा भी अपने आप को फिट रखने के लिए योग की शरण ले रहे हैं। योग व्यक्ति को शारीरिक एवं मानसिक रूप से मजबूती प्रदान कर रहा है।
विद्यार्थी परिषद ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को जीवन में शारीरिक स्वास्थ्य के साथ साथ अपने मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए। बाल्यकाल एक ऐसी अवस्था होती है जब मानसिक-भावनात्मक और बौद्धिक विकास की प्रक्रिया गति पकडती है।
मन किसी एक बात पर ठहर नहीं पाता और दिमाग सवालों से भर उठता है। इस उम्र में किशोर अपनी रचनात्मकता के शीर्ष पर होते हैं, लेकिन अगर चूक हो जाए तो विध्वंसक होने में भी देर नहीं लगती। ऐसे में उनके जीवन कि दशा और दिशा बदलने में योग और मनोविज्ञान से मदद मिलेगी।
इकाई अध्यक्ष ने कहा कि अगर प्रदेश सरकार इन विषयों को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करती है तो इस कदम से नए रोजगार भी सृजित होंगे। प्रत्येक वर्ष बहुत से छात्र विश्वविद्यालय से योग और मनोविज्ञान विभाग से उत्तीर्ण होकर निकलते हैं। उन छात्रों को प्रदेश के स्कूलों में नियुक्ति प्रदान कर के स्कूलों में योग और मनोविज्ञान की कक्षाओं को सुचारु रूप से चलाया सकता हैं।
उन्होंने कहा कि इन सभी बातों को मध्यनज़र रखते हुए प्रदेश सरकार को योग और मनोविज्ञान की कक्षाएं प्रत्येक विद्यालय में अगले शैक्षणिक सत्र से शुरू करनी चाहिए और विद्यार्थी परिषद आशा करती है कि प्रदेश सरकार जल्द से जल्द उनकी इस मांग को पूरा करेगी।
शिक्षा
तकनीकी शिक्षा बोर्ड धर्मशाला की परीक्षाओं और प्रैक्टिकल का शेड्यूल जारी, 23 फरवरी से शुरू होंगीं परीक्षाएं

शिमला- हिमाचल प्रदेश तकनीकी शिक्षा बोर्ड धर्मशाला के पाठ्यक्रम एन-2017 के तीसरे और पांचवे सेमेस्टर की प्रैक्टिकल परीक्षाएं 7 फरवरी से शुरू होंगी। इसी पाठ्यक्रम की थ्योरी की परीक्षाएं 14 फरवरी से करवाई जाएंगी और प्रथम सेमेस्टर की प्रैक्टिकल परीक्षाएं 14 फरवरी और थ्योरी की परीक्षाएं 23 फरवरी से शुरू होंगीं।
तकनीकी शिक्षा बोर्ड के सचिव आरके शर्मा ने जानकारी दी कि कोविड-19 के कारण बोर्ड ने जनवरी में परीक्षाएं स्थगित कर दी थीं। अब सरकार के निर्देशों के बाद बोर्ड ने इन्हें करवाने का निर्णय लिया है।
उन्होंने बताया कि पाठ्यक्रम एन-2017 के तहत प्रथम सेमेस्टर की प्रैक्टिकल परीक्षाएं 14 फरवरी तथा थ्योरी की परीक्षाएं 23 फरवरी से शुरू होंगी।
उन्होंने बताया कि दूसरे,चौथे और छठे सेमेस्टर (री-अपीयर),प्रथम व दूसरे वर्ष डी फार्मेसी (री-अपीयर) तथा पाठ्यक्रम एन-2012 के पहले से छठे सेमेस्टर (स्पेशल चांस) के विद्यार्थियों की थ्योरी की परीक्षाएं भी 14 फरवरी से शुरू होंगी।
उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में सभी सरकारी और निजी बहुतकनीकी संस्थानों के प्राचार्यों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। बोर्ड की वेबसाइट पर भी सूचना उपलब्ध है।
शर्मा ने बताया कि कोविड-19 के कारण बोर्ड ने जनवरी में परीक्षाएं स्थगित कर दी थीं। अब सरकार के निर्देशों के बाद बोर्ड ने इन्हें करवाने का निर्णय लिया है।