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शिमला: कच्ची घाटी हादसे के बाद क्या होगा इलाके की बहुमंजिला इमारतों का भविष्य, निगम आयुक्त से खास बातचीत
शिमला– शिमला के कच्चीघाटी में कुछ दिनों पहले एक बहुमंजिला ईमारत गिर गई थी। जिसके कारण आस-पास के क्षेत्र में काफी अफरा तफरी मच गयी थी। इस बहुमंजिला इमारत के गिरने से कई लोग घर से बेघर हो गए थे, और आस पास की इमारतों को भी काफी नुकसान पहुंचा था। इस इमारत को गिरने से पहले ही खाली करवा दिया गया था, क्योंकि इसमें दरारें आ गयी थी। भवन में रह रहे आठ परिवारों के लोगों को दूसरी जगह स्थांनांतरित कर दिया था। नगर निगम ने वहां पर कुछ भवनों को गिराने के आदेश भी दिए हैं। सवाल ये उठता है कि क्या ये भवन वैध हैं और नगर निगम की पूरी अनुमति लेकर बनाये गए हैं ? ऐसे कई तरह के सवालों को लेकर हिमाचल वॉचर ने नगर निगम आयुक्त आशीष कोहली से बातचीत की।
आशीष कोहली ने बताया कि कच्ची घाटी में जो इमारत गिरी है उस इमारत के ऊपर की तरफ दो ऐसी इमारतें हैं जिनकी नींव खराब हो चुकी है। उनके गिरने का भी काफी खतरा बना हुआ है, इसलिए इन इमारतों को गिराने के आदेश दिए गए हैं। कोहली ने कहा कि सरकार की तरफ से भी एक कमेटी गठित की गयी है जिसमे जिलाधीश ,डायरेक्टर टीसीपी ,एमसी कमिशनर, एसइ पीडब्ल्यूडी शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि इस कमेटी ने कच्ची घाटी क्षेत्र का सर्वे किया और उसके उपरांत एक टेक्निकल टीम ने भी इस क्षेत्र का सर्वे किया। सर्वे के उपरांत पाया गया कि चार इमारतों को गिराया जाना चाहिए, ताकि जो आस पड़ोस में लोग रह रहे हैं उनको भी कोई खतरा न हों। साथ ही एक भवन को खाली करने के आदेश भी दिए गए थे।
कोहली ने कहा कि नगर निगम ने भवन मालिकों को अपने स्तर पर असुरक्षित भवन गिराने के नोटिस दिए थे और यह भी कहा गया था कि अगर भवन मालिक भवनों को नहीं गिराते हैं तो सरकार अपने स्तर पर इन असुरक्षित भवनों को गिराएगी। उन्होंने कहा है कि इसके खिलाफ भवन मालिकों ने अपनी तरफ से टेक्निकल रिपोर्ट दी है कि उनके भवन सुरक्षित हैं।
उन्होंने कहा कि भवन मालिकों को मुआवजा नहीं दिया जायेगा क्योंकि एमसी एक्ट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। अगर कोई भवन असुरक्षित हो जाता है तो उसे तोडा ही जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भवनों को तकनीकी तरीके से गिराया जायेगा ताकि आस-पास की इमारतों को कोई नुकसान न पहुंचे। कोहली ने कहा है कि इन भवनों को गिराने के लिए पीडब्ल्यूडी को शामिल करके ही यह काम पूरा किया जायेगा क्योंकि उन्ही के पास उपकरण तथा विशेषज्ञ हैं। उन्होंने कहा कि स्ट्रक्चर इंजनीयर, आईआईटी मंडी (IIT Mandi), एनआईटी हमीरपुर (NIT Hamirpur) और पीडब्ल्यूडी (PWD) के आर्किटेक्टर से भी यहां मूल्यांकन करवाया जा रहा है।
जब आयुक्त से पूछा गया कि क्या कच्ची घाटी नाम इसलिए पड़ा क्योंकि जब शिमला शहर का निर्माण हो रहा था तो शिमला का सारा मलबा वहां फेंका जाता था,तो इस सवाल का जवाब देते हुए कोहली ने कहा कि आधिकारिक रिकॉर्ड के हिसाब से उन्हें ऐसी कोई जानकारी नहीं है। अगर बीस साल पहले देखा जाये तो यह क्षेत्र पहले नगर निगम में रहा उसके बाद नगर पंचायत टूटू में चला गया और उसके बाद साडा (SADA) में चला गया। ऐसे ही यह क्षेत्र बदलता रहा। उन्होंने यह भी कहा कि इस खतरे वाले क्षेत्र का पता लगाने के लिए राज्य भूविज्ञान विभाग के कुछ भू-वैज्ञानिकों को भी इसमें शामिल किया गया है लेकिन अभी उनकी रिपोर्ट आनी बाकी है। आयुक्त से पूरी बातचीत ऊपर दिए वीडियो में देखी जा सकती है।
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मंत्रिमंडल के निर्णय: वन मित्रों की भर्ती को मंजूरी, 10 अंकों के व्यक्तिगत साक्षात्कार की शर्त समाप्त
शिमला – मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता मंत्रिमंडल की कैबिनेट बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में वन मित्रों की रूकी हुई भर्ती को मंजूरी प्रदान की गई, इंदौरा में फायर स्टेशन को मंजूरी, लाहौल स्पीति के शिंकुला में पुलिस पोस्ट की मंजूरी इसके अलावा अन्य मामलों पर स्वीकृति प्रदान की गई।
बैठक में वन विभाग में 2,061 वन मित्रों की नियुक्ति को स्वीकृति प्रदान की गई, जिसमें 10 अंकों के व्यक्तिगत साक्षात्कार की शर्त को समाप्त कर दिया गया है। बैठक में वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) 2023 में हाल ही में किए गए संशोधन के अनुरूप ईको टूरिज्म नीति-2017 में संशोधन करने का भी निर्णय लिया गया है।
हमीरपुर में 150 नर्सिंग कर्मियों के भरें जाएंगे पद : –
बैठक में डॉ. राधाकृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, हमीरपुर में 150 नर्सिंग कर्मियों के पद सृजित कर भरने का भी निर्णय लिया गया। इसके अतिरिक्त चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर में जनरल मेडिसिन, पीडियाट्रिक्स, जनरल सर्जरी, ऑर्थोपैडिक्स, एनेस्थीसिया और रेडियोलॉजी विभागों में एसोसिएट प्रोफेसर के छह पद और असिस्टेंट प्रोफेसर के 10 पद सृजित कर भरने का निर्णय भी लिया गया।
इन विभागों में भी भरें जाएंगे पद :-
हमीरपुर जिला के नादौन में एक नया उप-मंडल पुलिस अधिकारी कार्यालय खोलने के साथ-साथ विभिन्न श्रेणियों में पांच पदों को सृजित कर भरने को स्वीकृति प्रदान की गई।
कांगड़ा जिला के इंदौरा में एक नई अग्निशमन चौकी की स्थापना को मंजूरी दी गई। इसके सुचारू संचालन के लिए विभिन्न श्रेणियों के 13 पद सृजित कर भरने को भी मंजूरी प्रदान गई।
लाहौल-स्पीति जिला के केलांग पुलिस स्टेशन के अंतर्गत शिंकुला में एक नई पुलिस चौकी की स्थापना के साथ-साथ विभिन्न श्रेणियों में छह पदों को सृजित कर भरने को भी मंजूरी दी।
राज्य के छह हरित गलियारों के साथ ई.वी चार्जिंग स्टेशन नेटवर्क का विस्तार :-
मंत्रिमंडल ने राज्य के छह ग्रीन कॉरिडोर के साथ ईवी चार्जिंग स्टेशन नेटवर्क को निजी हितधारकों को शामिल करने को स्वीकृति प्रदान की। वर्तमान में, ग्रीन ग्रीन कॉरिडोर पर 77 ईवी चार्जिंग स्टेशन पहले से ही कार्यशील हैं। मंत्रिमंडल ने वाहन फिटनेस आकलन के लिए स्वचलित परीक्षण स्टेशन की स्थापना को भी मंजूरी दी, जिसमें उन्नत स्वचलित उपकरणों का उपयोग किया जाएगा।
शोंगटोंग कड़छम विद्युत परियोजना के संबंध में मंत्रिमंडल उप-समिति की सिफारिशें स्वीकार : –
बैठक में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में 450 मेगावॉट शोंगटोंग कड़छम विद्युत परियोजना के संबंध में मंत्रिमंडल उप-समिति की सिफारिशों को स्वीकृति प्रदान करने का निर्णय लिया गया। इसमें कम्पनी को वित्त वर्ष 2026-27 तक परियोजना को पूरा करना सुनिश्चित करने के निर्देश शामिल हैं।
पार्किंग सुविधाओं के संचालन की समीक्षा के लिए कैबिनेट उपसमिति का गठन :–
शिमला शहर में पीपीपी मॉडल के अन्तर्गत संचालित पार्किंग सुविधाओं के संचालन की समीक्षा के लिए मंत्रिमंडल उप-समिति के गठन को मंजूरी प्रदान की गई। समिति की अध्यक्षता राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी करेंगे। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह और नगर नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी इस समिति के सदस्य होंगे। शिमला के विधायक हरीश जनारथा विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में कार्य करेंगे। यह समिति लिफ्ट पार्किंग, छोटा शिमला पार्किंग, संजौली पार्किंग, न्यू बस स्टैंड पार्किंग और टुटीकंडी पार्किंग की समीक्षा करेगी।
मंत्रिमंडल ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) का प्रशासनिक नियंत्रण अतिरिक्त महानिदेशक (होमगार्ड और नागरिक सुरक्षा) को हस्तांतरित करने का निर्णय लिया है। इसके अतिरिक्त, एसडीआरएफ का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए अधिकतम दो वर्षों की अवधि के लिए होमगार्ड की प्रतिनियुक्ति को भी मंजूरी दी गई।
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गोबिंद सागर झील में क्रूज़ ट्रायल शुरू, अक्तूबर के अंत तक उपलब्ध होगी सुविधा
बिलासपुर-जिला बिलासपुर में इस वर्ष अक्तूबर के अंत तक पर्यटकों को क्रूज की सुविधा उपलब्ध हो जायेगी। इस बारे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जानकारी देते हुए कहा कि गोविंद सागर झील में क्रूज चलाने का ट्रायल आरम्भ कर दिया गया है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बिलासपुर से मनाली या कुल्लू तक हेली टैक्सी सेवा शुरू करने पर भी विचार कर रही है।
वहीं जिला ऊना के अंदरौली में गोविंद सागर झील में जल क्रीड़ा गतिविधियां भी शुरू होने वाली हैं। जिसे शुरू करने के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं और संभवतः इस माह के अंत तक इन्हें जारी कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष के अंत तक जल क्रीड़ा गतिविधियों, पैराग्लाइडिंग और अन्य संबद्ध गतिविधियों सहित साहसिक खेलों को शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इन साहसिक गतिविधियों को औपचारिक रूप से शुरू करने के लिए शीघ्र ही अंदरौली में गोविंद सागर झील कार्निवल का आयोजन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला कांगड़ा के पौंग बांध में भी साहसिक खेल गतिविधियां शुरू करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस दिशा में फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के मतियाल और जसवां- परागपुर विधानसभा क्षेत्र के नंगल चौक क्षेत्र में पौंग बांध में जल क्रीड़ा– गतिविधियां शुरू करने की अनुमति मिल गई है।
पर्यटन विभाग जून, 2025 तक शिकारा, क्रूज फ्लोटिंग रेस्तरां, हाउस बोट तथा अन्य जल आधारित खेल गतिविधियों का संचालन शुरू करने की योजना बना रहा है।
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शिमला में एचआरटीसी ने शुरू की मोबिलिटी कार्ड की सुविधा,जानिए कहां बनेगा कार्ड
शिमला: हिमाचल पथ परिवहन निगम ने अपने तीन काउंटर, बुकिंग काउंटर मॉल रोड शिमला, पुराना बस अड्डा शिमला व अन्तर्राज्य बस अड्डा टूटीकंडी शिमला में नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (NCMC) यात्रियों को जारी करने हेतू सुविधा उपलब्ध करवा दी है।
अब इच्छुक व्यक्ति हिमाचल पथ परिवहन निगम के उपरोक्त बुकिंग काउंटर से अपने नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड जारी करवा सकते हैं।
इस कार्ड का मूल्य 100 रु होगा और इसका उपयोग यात्री हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों में यात्रा पत्र लेने के लिए कर सकेंगे।
इस कार्ड के उपयोग के लिए किसी प्रकार की इंटरनेट सुविधा की आवश्यकता नहीं होगी। शुरुआत में यह कार्ड शिमला लोकल की बसों में उपयोग किया जा सकेगा तथा अगले चरण में यह सुविधा हिमाचल पथ परिवहन निगम के अन्य क्षेत्रों की बस सेवा में भी उपलब्ध करवा दी जाएगी।
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