शिक्षा
मजबूरी में फीस न दे पाने वाले बच्चों को ऑनलाइन कक्षाओं से बहार कर रहे निजी स्कूल, स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट के लिए भी हो रही 15 से 25 हजार रुपये तक की वसूली
शिमला– प्रदेश में निजी स्कूलों की फीस वृद्धि को लेकर अभिभावकों की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। अभिभावकों की मानें तो निजी स्कूलों ने बड़ी चतुराई से वर्ष 2021 में कुल फीस के 80% से ज़्यादा हिस्से को टयूशन फीस में बदल कर लूट को जारी रखा है। छात्र अभिभावक मंच का आरोप है कि जो अभिभावक कोरोना काल में रोज़गार छिनने पर फीस नहीं दे पा रहे हैं उनके बच्चों को ऑनलाइन कक्षाओं से बाहर किया जा रहा है या तो उन्हें स्कूल से ही बाहर किया जा रहा है। सैंकड़ों अभिभावक निजी स्कूलों की फीस जमा न कर पाने पर अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भर्ती कर रहे हैं परन्तु निजी स्कूल माइग्रेशन,ट्रांसफर अथवा स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट देने की एवज़ में 15,000 से 25,000 रुपये तक वसूल रहे हैं। मंच का कहना है कि जिन बच्चों ने स्कूल की एक भी ऑनलाइन कक्षा तक नहीं लगाई उनसे भी स्कूल छोड़ने पर 25,000 रुपये तक वसूले जा रहे हैं।
छात्र अभिभावक मंच के राज्य संयोजक विजेंद्र मेहरा,जिला कांगड़ा अध्यक्ष विशाल मेहरा,मंडी अध्यक्ष सुरेश सरवाल,शिमला अध्यक्ष विवेक कश्यप,उपाध्यक्ष भुवनेश्वर सिंह,बद्दी अध्यक्ष जयंत पाटिल,पालमपुर अध्यक्ष आशीष भारद्वाज,नालागढ़ अध्यक्ष अशोक कुमार,कुल्लू अध्यक्ष पृथ्वी चंद व मनाली अध्यक्ष अतुल राजपूत ने कहा है कि प्रदेश सरकार की नाकामी व उसकी निजी स्कूलों से मिलीभगत के कारण निजी स्कूल लगातार मनमानी कर रहे हैं। कोरोना काल में भी निजी स्कूल टयूशन फीस के अलावा एनुअल चार्जेज़,कम्प्यूटर फीस,स्मार्ट क्लारूम,मिसलेनियस,केयरज़,स्पोर्ट्स,मेंटेनेंस,इंफ्रास्ट्रक्चर,बिल्डिंग फंड व अन्य सभी प्रकार के फंड व चार्जेज़ वसूल रहे हैं।
मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने प्रदेश सरकार पर निजी स्कूलों से मिलीभगत का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि कानून का प्रारूप तैयार करने में ही इस सरकार ने तीन वर्ष का समय लगा दिया। जबकि महीनों पहले अभिभावकों ने दर्जनों सुझाव दिए हैं तब भी जान बूझकर यह सरकार कानून बनाने में आनाकानी कर रही है। इस मानसून सत्र में कानून हर हाल में बनना चाहिए था परन्तु सरकार की संवेदनहीनता के कारण कानून नहीं बन रहा है। सरकार की नाकामी के कारण ही बिना एक दिन भी स्कूल गए बच्चों की फीस में 15% से 50% तक की फीस बढ़ोतरी की गई है। स्कूल न चलने से स्कूलों का बिजली,पानी,स्पोर्ट्स,कम्प्यूटर,स्मार्ट क्लास रूम,मेंटेनेंस,सफाई आदि का खर्चा लगभग शून्य हो गया है तो फिर ये निजी स्कूल किस बात की पन्द्रह से पचास प्रतिशत फीस बढ़ोतरी कर रहे हैं और इस बढ़ोतरी पर सरकार क्यों मौन है।
उन्होंने कहा है कि फीस वसूली के मामले पर वर्ष 2014 के मानव संसाधन विकास मंत्रालय व पांच दिसम्बर 2019 के शिक्षा विभाग के दिशानिर्देशों का निजी स्कूल खुला उल्लंघन कर रहे हैं व इसको तय करने में अभिभावकों की आम सभा की भूमिका को दरकिनार कर रहे हैं। निजी स्कूल अभी भी एनुअल चार्जेज़ की वसूली करके एडमिशन फीस को पिछले दरवाजे से वसूल रहे हैं व हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के वर्ष 2016 के निर्णय की अवहेलना कर रहे हैं जिसमें उच्च न्यायालय ने सभी तरह के चार्जेज़ की वसूली पर रोक लगाई थी।
उन्होंने प्रदेश सरकार से एक बार पुनः मांग की है कि वह निजी स्कूलों में फीस,पाठयक्रम व प्रवेश प्रक्रिया को संचालित करने के लिए तुरन्त कानून बनाए व रेगुलेटरी कमीशन का गठन करे।
इसके साथ ही छात्र अभिभावक मंच ने निजी स्कूलों की भारी फीस व मनमानी लूट पर रोक लगाने के लिए आगामी केबिनेट बैठक में ही कानून व रेगुलेटरी कमीशन के प्रारूप को अंतिम रूप देने की मांग की है। मंच ने प्रदेश सरकार को चेताया है कि अगर प्रदेश सरकार ने तुरन्त यह कानून व रेगुलेटरी कमीशन स्थापित न किया तो अभिभावक मंच एक बार पुनः आंदोलन का बिगुल बजा देगा व मंच के बैनर तले अभिभावक सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे।
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शिक्षा
टर्म-2 परीक्षा की कंपार्टमेंट-इंप्रूवमेंट परीक्षा के लिए अब 25 तक करें आवेदन
शिमला- हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से मार्च-अप्रैल 2022 में संचालित की जाने वाली नियमित परीक्षार्थियों की टर्म-2 परीक्षा के लिए कंपार्टमेंट, एडिशनल विषय, अंग्रेजी केवल, इंप्रूवमेंट ऑफ परफोरमेंस के पात्र परीक्षार्थियों के लिए प्रवेश पत्र ऑनलाइन भरने की तिथि अब 25 फरवरी तक बढ़ा दी गई है।
बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सुरेश कुमार सोनी ने बताया कि अब छात्र 25 फरवरी तक प्रवेश पत्र भर सकते है और विलंब शुल्क 100 रुपये के साथ 28 फरवरी तक तिथि को बढ़ा दिया गया है।
डॉ. सोनी ने बताया कि मैट्रिक और जमा दो श्रेणी के पात्र परीक्षार्थी अपने प्रवेश पत्र संबंधित विद्यालय के माध्यम से विलंब शुल्क 100 रुपये के साथ 28 फरवरी तक केवल ऑनलाइन प्रेषित करवा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि मार्च 2022 में संचालित की जाने वाली नौवीं और 11वीं कक्षाओं की द्वितीय अवधि परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन कक्षा बार प्रश्नपत्र मांग, शुल्क प्राप्ति के लिए ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन विद्यालयों के लिए अंतिम तिथि को 28 फरवरी की गई है।
शिक्षा
प्रदेश के स्कूलों में शुरू की जाए योग और मनोविज्ञान की कक्षाएं: एबीवीपी
शिमला- प्रदेश के स्कूलों में योग और मनोविज्ञान की कक्षाएं शुरू करने की मांग लंबे समय से होती आ रही है,लेकिन अभी तक प्रदेश के स्कूलों में यह कक्षाएं शुरू नहीं हो पा रही है। अब एक बार फिर से एबीवीपी ने सरकार से प्रदेश के स्कूलों ने योग और मनोविज्ञान विषय की कक्षाएं शुरू करने की मांग की है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इकाई के अध्यक्ष आकाश नेगी ने कहा कि प्रदेश सरकार को राज्य के प्रत्येक विद्यालय में योग और मनोविज्ञान विषय की कक्षाएं शुरू करनी चाहिए।
आकाश नेगी ने कहा कि आजकल के तनाव भरे जीवन को सरल बनाने में योग बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आज पूरा विश्व योग को अपना रहा है और कोरोना सहित अन्य बीमारियों के इलाज में योग पद्धति को लोग काफी पसंद कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि युवा भी अपने आप को फिट रखने के लिए योग की शरण ले रहे हैं। योग व्यक्ति को शारीरिक एवं मानसिक रूप से मजबूती प्रदान कर रहा है।
विद्यार्थी परिषद ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को जीवन में शारीरिक स्वास्थ्य के साथ साथ अपने मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए। बाल्यकाल एक ऐसी अवस्था होती है जब मानसिक-भावनात्मक और बौद्धिक विकास की प्रक्रिया गति पकडती है।
मन किसी एक बात पर ठहर नहीं पाता और दिमाग सवालों से भर उठता है। इस उम्र में किशोर अपनी रचनात्मकता के शीर्ष पर होते हैं, लेकिन अगर चूक हो जाए तो विध्वंसक होने में भी देर नहीं लगती। ऐसे में उनके जीवन कि दशा और दिशा बदलने में योग और मनोविज्ञान से मदद मिलेगी।
इकाई अध्यक्ष ने कहा कि अगर प्रदेश सरकार इन विषयों को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करती है तो इस कदम से नए रोजगार भी सृजित होंगे। प्रत्येक वर्ष बहुत से छात्र विश्वविद्यालय से योग और मनोविज्ञान विभाग से उत्तीर्ण होकर निकलते हैं। उन छात्रों को प्रदेश के स्कूलों में नियुक्ति प्रदान कर के स्कूलों में योग और मनोविज्ञान की कक्षाओं को सुचारु रूप से चलाया सकता हैं।
उन्होंने कहा कि इन सभी बातों को मध्यनज़र रखते हुए प्रदेश सरकार को योग और मनोविज्ञान की कक्षाएं प्रत्येक विद्यालय में अगले शैक्षणिक सत्र से शुरू करनी चाहिए और विद्यार्थी परिषद आशा करती है कि प्रदेश सरकार जल्द से जल्द उनकी इस मांग को पूरा करेगी।
शिक्षा
तकनीकी शिक्षा बोर्ड धर्मशाला की परीक्षाओं और प्रैक्टिकल का शेड्यूल जारी, 23 फरवरी से शुरू होंगीं परीक्षाएं
शिमला- हिमाचल प्रदेश तकनीकी शिक्षा बोर्ड धर्मशाला के पाठ्यक्रम एन-2017 के तीसरे और पांचवे सेमेस्टर की प्रैक्टिकल परीक्षाएं 7 फरवरी से शुरू होंगी। इसी पाठ्यक्रम की थ्योरी की परीक्षाएं 14 फरवरी से करवाई जाएंगी और प्रथम सेमेस्टर की प्रैक्टिकल परीक्षाएं 14 फरवरी और थ्योरी की परीक्षाएं 23 फरवरी से शुरू होंगीं।
तकनीकी शिक्षा बोर्ड के सचिव आरके शर्मा ने जानकारी दी कि कोविड-19 के कारण बोर्ड ने जनवरी में परीक्षाएं स्थगित कर दी थीं। अब सरकार के निर्देशों के बाद बोर्ड ने इन्हें करवाने का निर्णय लिया है।
उन्होंने बताया कि पाठ्यक्रम एन-2017 के तहत प्रथम सेमेस्टर की प्रैक्टिकल परीक्षाएं 14 फरवरी तथा थ्योरी की परीक्षाएं 23 फरवरी से शुरू होंगी।
उन्होंने बताया कि दूसरे,चौथे और छठे सेमेस्टर (री-अपीयर),प्रथम व दूसरे वर्ष डी फार्मेसी (री-अपीयर) तथा पाठ्यक्रम एन-2012 के पहले से छठे सेमेस्टर (स्पेशल चांस) के विद्यार्थियों की थ्योरी की परीक्षाएं भी 14 फरवरी से शुरू होंगी।
उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में सभी सरकारी और निजी बहुतकनीकी संस्थानों के प्राचार्यों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। बोर्ड की वेबसाइट पर भी सूचना उपलब्ध है।
शर्मा ने बताया कि कोविड-19 के कारण बोर्ड ने जनवरी में परीक्षाएं स्थगित कर दी थीं। अब सरकार के निर्देशों के बाद बोर्ड ने इन्हें करवाने का निर्णय लिया है।
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