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अपने ही नेताओं के खिलाफ बयानबाजी कर रहे वीरभद्र सिंह खो बैठे हैं अपना मानसिक संतुलन: भाजपा

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Himachal Congress vs Himachal BJP

शिमला- भारतीय जनता पार्टी जिला शिमला की कार्यसमिति ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के इतिहास में वर्तमान कांग्रेस सरकार का यह कार्यकाल काले अध्याय के रूप में जाना जाएगा क्योंकि इस दौरान न तो प्रदेश में कोई विकास कार्य हुए और न ही जनता की समस्याओं का समाधान हुआ! उल्टा मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर आय से अधिक सम्पति और भ्रष्टाचार के मामले में सी0बी0आई0 (CBI) ई0डी0 (ED) व अदालतों द्वारा की जा रही कार्यवाहियों से प्रदेश शर्मसार हुआ। पिछले कुछ महीनो से तो मुख्यमंत्री व उनके परिवार के सदस्यों की गिरफ्तारी की आशंका बनी हुई है जिससे प्रदेश में असमंजस का माहौल है।

भाजपा का आरोप है आय से अधिक सम्पति व भ्रष्टाचार के प्रमाण सहित आरोपों से घिरे और रजवाड़ाशाही मानसिकता से ग्रस्त मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह भाजपा नेताओं पर तथ्यहीन आरोप लगाते हुए अशोभनीय टिप्पणियां तो कर ही रहे थे परन्तु अब उनके द्वारा कांग्रेसी नेताओं के बारे में भी की जा रही बयानबाजी से लगता है कि वे अब अपना मानसिक संतुलन पूरी तरह से खो बैठे हैं।

भाजपा का आरोप है कि ऐसा लगता है प्रदेश में किसी चुनी हुई सरकार का राज नहीं बल्कि माफिया का राज चल रहा है। सरकार के मंत्रियों के संरक्षण में ट्रांसफर माफियरए भू-माफियाए वन माफियाए खनन माफिया व ड्रग माफिया तो पहले से ही सक्रिय थे! अब सरकार की देख रेख में शराब माफिया ने भी प्रदेश में पैर पसार लिए है। नतीजन आये दिन किसी न किसी युवा का शव पाया जाना प्रदेश की कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।

केन्द्र से अब तक की सबसे उदार वित्तीय सहायता मिलने के बावजूद जनता के पैसे को वार्डों में हारे व जनता द्वारा नकारे नेताओं के उपर खर्च का आरोप लगते हुए भाजपा ने कहा कि चापलूस व स्वार्थी अफसरशाही सरकार चला रही है और ईमानदार व कर्मठ अधिकारी डेपुटेशन पर प्रदेश से पलायन कर रहे हैं। ईमानार अधिकारियों के उपर सरकार का भरोसा नहीं है। सरकार बदला.बदली की भावना से कार्य कर रही है तथा भाजपा कार्यकर्ताओं व उनके रिश्तेदारों को चुन-2 कर परेशान कर रही है और उन पर झूठे केस बना रही है।

भारतीय जनता पार्टी का आरोप है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ चुकी है और प्रशासनिक ढांचा पूरी तरह से चरमरा गया है। प्रदेश की राजधानी शिमला में घटा ष्युग.हत्याकांडष् इसका मुंह बोलता उदाहरण है। 4 साल के बच्चे को अगवा कर एक सप्ताह रख कर फिरौती मांगते रहना और फिर मारकर पीने के पानी के टैंक में डाल देना एक हृदय विदारक घटना है। भाजपा का ये भी आरोप है कि इससे भी बड़े दुख की बात यह है कि साम्यवादियों द्वारा नियंत्रित नगर निगम शिमला द्वारा फाइलों में उस टैंक की तीन बार सफाई दशाई गई। अब दो सालों बाद बच्चे का शव उस टैंक में मिला जिसका पानी शिमला के सभी वी0आई0पी0 (VIP)व अन्य लोग पीते रहे। इसी तरह का एक और मामला सामने आया है जिसमें लोअर बाजार के व्यापारी का लड़का ध्रुव लखनपाल एक साल से लापता हैए परन्तु पुलिस अभी तक उसको ढूंढने में नाकाम रही है जोकि पुलिस की कार्यप्रणाली पर एक बहुत बड़ा सवालिया निशान खड़ा करती है।

भाजपा का आरोप है कि शिमला शहर में सीवरेज की सही व्यवस्था न होने के कारण शहर में भयंकर पीलिया रोग फैला जिससे 3700 लोग प्रभावित हुए और 32 लोगों की मौत हुई। भाजपा का नगर निगम शिमला के मेयर और डिप्टी मेयर अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए लीपापोती कर जनता को गुमराह का आरोप है! भाजपा का कहना है कि नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर ने वायदा किया था कि शिमला की जनता को प्रतिदिन पानी उपलब्ध करवाया जाएगाए बावजूद इसके शिमला शहर में पिछले 6 महीने से पानी की राशनिंग चल रही है जिसमें लोगों सप्ताह में एक ही बार पानी मिल रहा है और नगर निगम ने पानी के बिलों में 10 प्रतिशत की बढ़ौतरी कर शिमला की जनता को त्योहारों का तोहफा दिया है!

साथ ही नगर निगम 6 महीने का बिल इकट्ठा दे रहा है जिसके कारण जनता को काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है! भाजपा जिला शिमला कार्यसमिति इसकी कड़ी निंदा करती है।

भाजपा का मानना है कि भाजपा पार्षदों के विरोध के बावजूद नगर निगम शिमला की जनता पर बेवजह तरह-2 के टैक्स लगा रही है और जनता को कोई सुविधा प्राप्त नहीं करवा रही है। हाल ही में निगम ने ग्रीन टैक्स लगाने की कोशिश की है परन्तु वो भूल गए हैं कि उनके संविधान में ऐसा कोई प्रावधान ही नहीं है कि वो ग्रीन टैक्स लगा सके। भाजपा का मानना है ग्रीन टैक्स से शिमला शहर में आने वाले सैलानी कम हो जाएंगे जिससे शहर के व्यापार में भारी कमी आएगी जिससे व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। टैक्स तभी लगता है जब कोई सुविधा जनता को प्राप्त हो और निगम किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं दे पा रही है। इससे यह स्पष्ट होता है कि नगर निगम व मेयर व डिप्टी मेयर अपनी ऐशपरस्ती एवं सैर सपाटे के लिए निगम की आय में बढ़ोतरी करने के लिए जनता पर अनावश्यक आर्थिक बोझ टैक्स के रूप में डाल रही है।

भाजपा का कहना है कि शिमला शहर में पार्किंग की बड़ी कमी चल रही है और खासकर आई0जी0एम0सी0 (IGMC)और कमला नेहरू जैसे हाॅस्पिटल (KNH)जहां पर मरीज बड़ी संख्या में ईलाज करवाने आते हैं उनको घंटो तक पार्किंग नहीं मिलती और अस्पताल से तकरीबन 3-4 कि0मी0 दूर गाड़ी खड़ी करनी पड़ती है। भाजपा जिला शिमला कार्यसमिति मांग करती है कि जल्द से जल्द नगर निगम को पार्किंग की समस्या का हल ढूंढ लेना चाहिए। मेयर और डिप्टी मेयर का चार साल का कार्यकाल पूर्ण हो गया है लेकिन अभी तक उन्होनें अपने घोषणा पत्र का एक भी वायदा पूरा नहीं किया है।

भाजपा का कहना है कि कसुम्पटी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले नगर निगम के 5 वार्डों में सीवरेज की कोई सुविधा नहीं हैए जिसके कारण सीवरेज खुले में बह रहा है और पीने के पानी में मिल रहा है जिससे गत वर्ष पीलिया के सबसे अधिक मामले कसुम्पटी विधान सभा क्षेत्र में सामने आये थे तथा कई लोगों को अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ा। चमयाणा, ढली, मल्याणा क्षेत्र में बिजली के अनावश्यक कट के कारण लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

भाजपा का मानना है कि इस क्षेत्र की युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में आ चुकी जिस कारण युवाओं की कम उम्र में ही मौत हो रही है। इसलिए इस क्षेत्र में नशा मुक्ति केन्द्र स्थापित होना चाहिए। प्रदेश सरकार शिक्षा सम्बन्धी घोषणाएं तो कर रही है परन्तु धरातल पर कोई कार्य नहीं हो रहा है। नगर निगम शिमला सभी वार्डों में सार्वजनिक शौचालय होने का दावा कर रहा है परन्तु अभी भी शहर के कई वार्डों में सार्वजनिक शौचालय नहीं है।

कसुम्पटी विधान सभा क्षेत्र के तहत केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तावित फोरलेन के बनने से जहां यहां की स्थानीय जनता को फायदा हो रहा हैं वहीं इसका केन्द्र सरकार द्वारा तय चार गुना मुआवजा प्रदेश की कांग्रेस सरकार नहीं दे रही है और न ही अभी तक जमीन की दरें तय की गई है!

भाजपा का आरोप है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के अपने विधान सभा शिमला ग्रामीण में सुविधाओं के नाम पर केवल पट्टिकाओं की सजावट की है। प्रदेश सरकार ने विभिन्न सड़कों को बनाने की घोषणा तो कर दी है परन्तु प्रदेश सरकार को चार साल का कार्यकाल पूर्ण होने पर भी अभी तक उनका काम शुरू ही नहीं हुआ है और जो सड़कें बनी है वो भी अभी कच्ची ही हैं जिस कारण लोगों के घरों व दुकानो में मिट्टी व धूल के कारण लोगों का काम करन मुश्किल हो गया है।

आरोप लगाया कि शिमला ग्रामीण कांग्रेस के ब्लाॅक अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री की विशेष कृपा से न केवल लोक निर्माण विभाग में अपने व अपने पुत्र के नाम से लाखों के कार्य आबंटित करवाए बल्कि नया डिग्री काॅलेजए धामी भी अपने निजी भवन में खुलवा कर इसका अनुचित लाभ उठाया है!

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हिमाचल की तीन ग्राम पंचायतों में 435 एकड़ भूमि पर लगे 76,000 से अधिक सेब के पौधे

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nauni university himachal pradesh

शिमला- डॉ यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के विस्तार शिक्षा निदेशालय में पहाड़ी कृषि एवं ग्रामीण विकास एजेंसी(हार्प), शिमला द्वारा एक अनुभव-साझाकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया।

इस कार्यशाला में जिला किन्नौर के निचार विकास खंड के रूपी, छोटा कम्बा और नाथपा ग्राम पंचायतों के 34 किसानों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर जीएम नाबार्ड डॉ. सुधांशु मिश्रा मुख्य अतिथि रहे जबकि नौणी विवि के अनुसंधान निदेशक डॉ रविंदर शर्मा ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की।

संस्था के अध्यक्ष डॉ. आर एस रतन ने कहा कि यह कार्यक्रम एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना के तहत रूपी, छोटा कम्बा और नाथपा ग्राम पंचायतों में वर्ष 2014 से आयोजित किया जा रहा है। परियोजना को नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित किया गया है और इसे हार्प द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।

उन्होंने यह बताया कि यह एक बागवानी आधारित आजीविका कार्यक्रम है जिसे किसानों की भागीदारी से लागू किया गया है। इन तीन ग्राम पंचायतों में 435 एकड़ भूमि पर 76,000 से अधिक सेब के पौधे लगाए गए हैं और 607 परिवार लाभान्वित हुए हैं।

डॉ. सुधांशु मिश्रा ने यह भी कहा कि नाबार्ड हमेशा सामाजिक-आर्थिक उत्थान कार्यक्रमों के संचालन में आगे रहा है। उन्होंने इस कार्यशाला में भाग लेने वाले किसानों से अपने सहयोग से विभिन्न कार्यक्रमों को सफल बनाने का आग्रह किया।

अनुसंधान निदेशक डॉ. रविंदर शर्मा और विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. दिवेंद्र गुप्ता ने नाबार्ड और हार्प के प्रयासों की सराहना की और किसानों को आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय किसानों को तकनीकी रूप से समर्थन देने के लिए हमेशा तैयार है।

डॉ. नरेद्र कुमार ठाकुर ने कहा कि हार्प ने कृषक समुदाय के समन्वय से दुर्गम क्षेत्रों में कठिन परिस्थितियों में काम किया है। इस अवसर पर एक किसान-वैज्ञानिक परिचर्चा का भी आयोजन किया गया जिसमें भाग लेने वाले किसानों के तकनीकी प्रश्नों को संबोधित किया गया।

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हिमाचल सरकार पुलिसकर्मियों का कर रही है शोषण

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hp police

पुलिसकर्मियों की डयूटी बेहद सख्त है,कई-कई बार तो चौबीसों घण्टे वर्दी व जूता उनके शरीर में बंधा रहता है।थानों में खाने की व्यवस्था तीन के बजाए दो टाइम ही है,राजधानी शिमला के कुछ थानों के पास अपनी खुद की गाड़ी तक नहीं है,हैड कॉन्स्टेबल से एएसआई बनने के लिए सत्रह से बीस वर्ष भी लग जाते हैं।

शिमला सीटू राज्य कमेटी ने प्रदेश सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाया है। कमेटी ने यह कहा है कि वह हिमाचल प्रदेश के पुलिसकर्मियों की मांगों का पूर्ण समर्थन करती है। आरोप लगाते हुए सीटू ने कहा है कि प्रदेश सरकार पुलिसकर्मियों का शोषण कर रही है।

राज्य कमेटी ने प्रदेश सरकार से यह मांग की है कि वर्ष 2013 के बाद नियुक्त पुलिसकर्मियों को पहले की भांति 5910 रुपये के बजाए 10300 रुपये संशोधित वेतन लागू किया जाए व उनकी अन्य सभी मांगों को बिना किसी विलंब के पूरा किया जाए।

सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने प्रदेश सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जेसीसी बैठक में भी कर्मचारियों की प्रमुख मांगों को अनदेखा किया गया है। उन्होंने कहा कि जेसीसी बैठक में पुलिसकर्मियों की मांगों को पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया है।

सीटू कमेटी ने कहा कि सबसे मुश्किल डयूटी करने वाले व चौबीस घण्टे डयूटी में कार्यरत पुलिसकर्मियों को इस बैठक से मायूसी ही हाथ लगी है। इसी से आक्रोशित होकर पुलिसकर्मी मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे। उनके द्वारा पिछले कुछ दिनों से मैस के खाने के बॉयकॉट से उनकी पीड़ा का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों के साथ ही सभी सरकारी कर्मचारी नवउदारवादी नीतियों की मार से अछूते नहीं है। कमेटी ने कहा कि पुलिसकर्मियों की डयूटी बेहद सख्त है। कई-कई बार तो चौबीसों घण्टे वर्दी व जूता उनके शरीर में बंधा रहता है।

कमेटी ने यह भी कहा है कि थानों में स्टेशनरी के लिए बेहद कम पैसा है व आईओ को केस की पूरी फ़ाइल का सैंकड़ों रुपये का खर्चा अपनी ही जेब से करना पड़ता है। थानों में खाने की व्यवस्था तीन के बजाए दो टाइम ही है। मैस मनी केवल दो सौ दस रुपये महीना है जबकि मैस में पूरा महीना खाना खाने का खर्चा दो हज़ार रुपये से ज़्यादा आता है। यह प्रति डाइट केवल साढ़े तीन रुपये बनता है, जोकि पुलिस जवानों के साथ घोर मज़ाक है। यह स्थिति मिड डे मील के लिए आबंटित राशि से भी कम है।

उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के जमाने के बने बहुत सारे थानों की स्थिति खंडहर की तरह प्रतीत होती है जहां पर कार्यालयों को टाइलें लगाकर तो चमका दिया गया है परन्तु कस्टडी कक्षों,बाथरूमों,बैरकों,स्टोरों,मेस की स्थिति बहुत बुरी है। इन वजहों से भी पुलिस जवान भारी मानसिक तनाव में रहते हैं।

सीटू ने कहा कि पुलिस में स्टाफ कि बहुत कमी है या यूं कह लें कि बेहद कम है व कुल अनुमानित नियुक्तियों की तुलना में आधे जवान ही भर्ती किये गए हैं जबकि प्रदेश की जनसंख्या पहले की तुलना में काफी बढ़ चुकी है यहाँ तक पुलिस के पास रिलीवर भी नहीं है।

आरोप लगाते हुए कमेटी ने कहा कि प्रदेश की राजधानी शिमला के कुछ थानों के पास अपनी खुद की गाड़ी तक नहीं है। वहीं पुलिस कर्मी निरन्तर ओवरटाइम डयूटी करते हैं। इसकी एवज में उन्हें केवल एक महीना ज़्यादा वेतन दिया जाता है। इस से प्रत्येक पुलिसकर्मी को वर्तमान वेतन की तुलना में दस से बारह हज़ार रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है। उन्हें लगभग नब्बे साप्ताहिक अवकाश,सेकंड सैटरडे,राष्ट्रीय व त्योहार व अन्य छुट्टियों के मुकाबले में केवल पन्द्रह स्पेशल लीव दी जाती है।

सीटू कमेटी ने यह भी कहा कि वर्ष 2007 में हिमाचल प्रदेश में बने पुलिस एक्ट के पन्द्रह साल बीतने पर भी नियम नहीं बन पाए हैं। इस एक्ट के अनुसार पुलिसकर्मियों को सुविधा तो दी नहीं जाती है परन्तु कर्मियों को दंडित करने के लिए इसके प्रावधान बगैर नियमों के भी लागू किये जा रहे हैं जिसमें एक दिन डयूटी से अनुपस्थित रहने पर तीन दिन का वेतन काटना भी शामिल है। पुलिसकर्मियों की प्रोमोशन में भी कई विसंगतियां हैं व इसका टाइम पीरियड भी बहुत लंबा है। हैड कॉन्स्टेबल से एएसआई बनने के लिए सत्रह से बीस वर्ष भी लग जाते हैं।

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किन्नौर में लापता पर्यटकों में से 2 और के शव बरामद, 2 की तालाश जारी,आभी तक कुल 7 शव बरामद

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kinnaur trekker deaths

शिमला रिकोंगपिओ में 14 अक्तुबर को उत्तरकाशी के हर्षिल से छितकुल की ट्रैकिंग पर निकले 11 पर्यटकों में से लापता चार पर्वतारोहीयों में से दो  पर्वतारोहियों के शवो को आई.टी.बी.पी व पुलिस दल द्वारा पिछले कल सांगला लाया गया था जहां सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सांगला में दोनों शवों का पोस्टमार्टम किया गया।

यह जानकारी देते हुए उपायुक्त किन्नौर अपूर्व देवगन ने बताया कि इन दोनों की पहचान कर ली गई है जिनमे मे एक उतरकाशी व दूसरा पश्चिम बंगाल से सम्बंधित था।

उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन किन्नौर द्वारा आज एक शव वाहन द्वारा उतरकाशी को भेज दिया गया है जहाँ शव को जिला प्रशासन उतरकाशी को सौंपा जाएगा। जब कि दूसरा शव वाहन द्वारा शिमला भेजा गया है जिसे शिमला में मृतक के परिजनों को सौंपा जायेगा।

उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि अभी भी लापता दो  पर्यटकों की तलाश आई.टी.बी.पी के जवानों द्वारा जारी है। उल्लेखनीय है कि गत दिनों उतरकाशी से छितकुल के लिये 11 पर्वतारोही ट्रेकिंग पर निकले थे जो बर्फबारी के कारण लमखंगा दर्रे में फंस गये थे जिसकी सूचना मिलने पर जिला प्रशासन द्वारा सेना के हेलीकॉप्टर व आई.टी.बी.पी के जवानों की सहायता से राहत व बचाव कार्य आरम्भ किया था। सेना व आई.टी.बी.पी के जवानों ने 21 अक्टूबर को दो पर्यटकों को सुरक्षित ढूंढ निकाला था। इसी दौरान उन्हें अलग अलग स्थानों पर पाँच ट्रेकरों के शव ढूंढ निकलने में सफलता मिली थी। जबकि 4 पर्यटक लापता थे जिसमे से राहत व बचाव दल को 22 अक्तुबर को 2 शव ढूढ़ निकालने में सफलता मिली थी। अभी भी दो पर्यटक लापता हैं जिनकी राहत व बचाव दल द्वारा तलाश जारी है।

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