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हिमाचल के 75% मंत्री और विधायक केवल 4% ब्याज पर लोन लेकर खरीद रहे कार और बंगले, जनता की बारी में जेबें खली
अपने घर में सब कुछ आए लेकिन जनता हमारा मुंह देखती रह जाए,
मंत्री सुधीर शर्मा ने कुल 44,56,000 रुपये ऋण लिया है, विधायक आशा कुमारी ने 47,10,309 रुपये का लोन लिया है
शिमला- कार और बंगले के लिए सस्ता लोन लेने में न मंत्री चूके और न ही विधायक। हिमाचल में विधायकों को केवल चार फीसदी ब्याज पर लोन मिलता है। इस बहती गंगा में हिमाचल की 12वीं विधानसभा के 75 प्रतिशत जनप्रतिनिधियों ने हाथ धोए हैं। प्रदेश विधानसभा सचिवालय से सबसे ज्यादा कर्ज लेने वालों में मंत्रियों में सुधीर शर्मा हैं तो विधायकों में आनी से कांग्रेस विधायक खूब राम हैं। नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल ने भी पांच लाख रुपये का कर्ज लिया है।
भवन निर्माण और गाड़ी खरीदने के लिए विधायकों को चार फीसदी ब्याज दर पर लोन मिलता है। इसे मोटर कार एडवांस और गृह एवं भवन एडवांस नाम से दिया जाता है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार कुल 51 विधायकों ने कार और भवन निर्माण के लिए कर्ज लिया है। खूब राम ने प्रदेश विधानसभा सचिवालय से 52,27,000 रुपये ऋण लिया है। उन्होंने 2,27,000 रुपये का कार और 50 लाख रुपये का आवास लोन लिया है। मंत्री सुधीर शर्मा ने कुल 44,56,000 रुपये ऋण लिया है।
इन्होंने 19,56,000 रुपये कार के लिए और 25 लाख रुपये हाउस लोन लिया है। अन्य मंत्रियों की बात करें तो कौल सिंह ठाकुर ने 14 लाख, मुकेश अग्निहोत्री ने छह लाख, प्रकाश चौधरी ने दो लाख 80 हजार, ठाकुर सिंह भरमौरी ने नौ लाख 40 हजार रुपये और सुजान सिंह पठानिया ने 6,50,000 रुपये लोन लिया है। 12 अन्य विधायकों ने भी 50-50 लाख रुपये कर्ज लिया है।
ये नूरपुर के कांग्रेस विधायक अजय महाजन, कसुम्पटी के कांग्रेस विधायक अनिरुद्ध सिंह, शिलाई से भाजपा विधायक बलदेव तोमर, भटियात से भाजपा विधायक बिक्रम जरयाल, चौपाल से निर्दलीय विधायक बलवीर वर्मा, मनाली से भाजपा विधायक गोविंद ठाकुर, नाहन से निर्दलीय विधायक किरणेश जंग, इंदौरा से निर्दलीय विधायक मनोहर धीमान, गगरेट से कांग्रेस विधायक राकेश कालिया, पच्छाद से भाजपा विधायक सुरेश कुमार, अर्की से भाजपा विधायक गोबिंद राम शर्मा और रेणुका से कांग्रेस विधायक विनय कुमार हैं।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार कुल 51 विधायकों ने कार और भवन निर्माण के लिए कर्ज लिया है। | ||
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खूब राम | 52,27,000 रुपये | 2,27,000 रुपये कार के लिए / 50 लाख रुपये का आवास लोन |
सुधीर शर्मा | 44,56,000/- | 19,56,000 रुपये कार के लिए / 25 लाख रुपये हाउस लोन |
कौल सिंह ठाकुर | 14 लाख | |
मुकेश अग्निहोत्री | 6 लाख | |
प्रकाश चौधरी दो लाख | 2 लाख 80 हजार | |
ठाकुर सिंह भरमौरी | 9 लाख 40 हजार | |
सुजान सिंह पठानिया | 6,50,000/- |
इन विधायकों ने भी लिया इतना लोन | ||
---|---|---|
आशा कुमारी | 47,10,309/- | |
बीके चौहान | 20,00,000/- | |
बिक्रम सिंह | 17,02,500/- | |
बिक्रम जरयाल | 50,00,000/- | |
बंबर ठाकुर | 13,50,000/- | |
राजीव बिंदल | 13,50,000/- | |
राजीव सैजल | 18,50,000/- | |
गोविंदराम शर्मा | 43,70,000/- | |
गुलाब सिंह ठाकुर | 3,00,000/- | |
हंस राज | 12,25,000/- | |
इंद्र सिंह | 28,00,000/- |
इन विधायकों ने भी लिया इतना लोन | ||
---|---|---|
जगत सिंह नेगी | 5,00,000/- | |
जयराम ठाकुर | 2,50,000/- | |
कर्ण सिंह | 18,39,000/- | |
किरणेश जंग | 50,00,000/- | |
किशोरी लाल | 10,72,900/- | |
केएल ठाकुर | 12,60,000/- | |
कुलदीप कुमार | 2,00,000/- | |
महेश्वर सिंह | 12,36,900/- | |
मनोहर धीमान | 50,00,000/- | |
मनसा राम | 2,00,000/- | |
मोहन लाल ब्राक्टा | 38,00,000/- |
इन विधायकों ने भी लिया इतना लोन | ||
---|---|---|
नीरज भारती | 20,00,000/- | |
नंद लाल | 20,00,000/- | |
पवन काजल | 50,00,000/- | |
राजेश धर्माणी | 14,00,000/- | |
नरेंद्र ठाकुर | 20,00,000/- | |
राम कुमार | 25,50,000/- | |
रवि ठाकुर | 49,99,700/- | |
रविंद्र सिंह रवि | 4,83,000/- |
इन विधायकों ने भी लिया इतना लोन | ||
---|---|---|
राकेश कालिया | 50,00,000/- | |
रिखी राम कौंडल | 85,000/- | |
सुरेश भारद्वाज | 11,84,000/- | |
सुरेश कुमार | 50,00,000/- | |
विजय अग्निहोत्री | 12,66,900/- | |
यादविंद्र गोमा | 10,97,000/- | |
विनय कुमार | 50,00,000/- | |
विनोद कुमार | 20,00,000/- |
Photo: Amar Ujala
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हिमाचल की तीन ग्राम पंचायतों में 435 एकड़ भूमि पर लगे 76,000 से अधिक सेब के पौधे
शिमला- डॉ यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के विस्तार शिक्षा निदेशालय में पहाड़ी कृषि एवं ग्रामीण विकास एजेंसी(हार्प), शिमला द्वारा एक अनुभव-साझाकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस कार्यशाला में जिला किन्नौर के निचार विकास खंड के रूपी, छोटा कम्बा और नाथपा ग्राम पंचायतों के 34 किसानों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर जीएम नाबार्ड डॉ. सुधांशु मिश्रा मुख्य अतिथि रहे जबकि नौणी विवि के अनुसंधान निदेशक डॉ रविंदर शर्मा ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की।
संस्था के अध्यक्ष डॉ. आर एस रतन ने कहा कि यह कार्यक्रम एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना के तहत रूपी, छोटा कम्बा और नाथपा ग्राम पंचायतों में वर्ष 2014 से आयोजित किया जा रहा है। परियोजना को नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित किया गया है और इसे हार्प द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
उन्होंने यह बताया कि यह एक बागवानी आधारित आजीविका कार्यक्रम है जिसे किसानों की भागीदारी से लागू किया गया है। इन तीन ग्राम पंचायतों में 435 एकड़ भूमि पर 76,000 से अधिक सेब के पौधे लगाए गए हैं और 607 परिवार लाभान्वित हुए हैं।
डॉ. सुधांशु मिश्रा ने यह भी कहा कि नाबार्ड हमेशा सामाजिक-आर्थिक उत्थान कार्यक्रमों के संचालन में आगे रहा है। उन्होंने इस कार्यशाला में भाग लेने वाले किसानों से अपने सहयोग से विभिन्न कार्यक्रमों को सफल बनाने का आग्रह किया।
अनुसंधान निदेशक डॉ. रविंदर शर्मा और विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. दिवेंद्र गुप्ता ने नाबार्ड और हार्प के प्रयासों की सराहना की और किसानों को आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय किसानों को तकनीकी रूप से समर्थन देने के लिए हमेशा तैयार है।
डॉ. नरेद्र कुमार ठाकुर ने कहा कि हार्प ने कृषक समुदाय के समन्वय से दुर्गम क्षेत्रों में कठिन परिस्थितियों में काम किया है। इस अवसर पर एक किसान-वैज्ञानिक परिचर्चा का भी आयोजन किया गया जिसमें भाग लेने वाले किसानों के तकनीकी प्रश्नों को संबोधित किया गया।
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हिमाचल सरकार पुलिसकर्मियों का कर रही है शोषण
पुलिसकर्मियों की डयूटी बेहद सख्त है,कई-कई बार तो चौबीसों घण्टे वर्दी व जूता उनके शरीर में बंधा रहता है।थानों में खाने की व्यवस्था तीन के बजाए दो टाइम ही है,राजधानी शिमला के कुछ थानों के पास अपनी खुद की गाड़ी तक नहीं है,हैड कॉन्स्टेबल से एएसआई बनने के लिए सत्रह से बीस वर्ष भी लग जाते हैं।
शिमला सीटू राज्य कमेटी ने प्रदेश सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाया है। कमेटी ने यह कहा है कि वह हिमाचल प्रदेश के पुलिसकर्मियों की मांगों का पूर्ण समर्थन करती है। आरोप लगाते हुए सीटू ने कहा है कि प्रदेश सरकार पुलिसकर्मियों का शोषण कर रही है।
राज्य कमेटी ने प्रदेश सरकार से यह मांग की है कि वर्ष 2013 के बाद नियुक्त पुलिसकर्मियों को पहले की भांति 5910 रुपये के बजाए 10300 रुपये संशोधित वेतन लागू किया जाए व उनकी अन्य सभी मांगों को बिना किसी विलंब के पूरा किया जाए।
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने प्रदेश सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जेसीसी बैठक में भी कर्मचारियों की प्रमुख मांगों को अनदेखा किया गया है। उन्होंने कहा कि जेसीसी बैठक में पुलिसकर्मियों की मांगों को पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया है।
सीटू कमेटी ने कहा कि सबसे मुश्किल डयूटी करने वाले व चौबीस घण्टे डयूटी में कार्यरत पुलिसकर्मियों को इस बैठक से मायूसी ही हाथ लगी है। इसी से आक्रोशित होकर पुलिसकर्मी मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे। उनके द्वारा पिछले कुछ दिनों से मैस के खाने के बॉयकॉट से उनकी पीड़ा का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों के साथ ही सभी सरकारी कर्मचारी नवउदारवादी नीतियों की मार से अछूते नहीं है। कमेटी ने कहा कि पुलिसकर्मियों की डयूटी बेहद सख्त है। कई-कई बार तो चौबीसों घण्टे वर्दी व जूता उनके शरीर में बंधा रहता है।
कमेटी ने यह भी कहा है कि थानों में स्टेशनरी के लिए बेहद कम पैसा है व आईओ को केस की पूरी फ़ाइल का सैंकड़ों रुपये का खर्चा अपनी ही जेब से करना पड़ता है। थानों में खाने की व्यवस्था तीन के बजाए दो टाइम ही है। मैस मनी केवल दो सौ दस रुपये महीना है जबकि मैस में पूरा महीना खाना खाने का खर्चा दो हज़ार रुपये से ज़्यादा आता है। यह प्रति डाइट केवल साढ़े तीन रुपये बनता है, जोकि पुलिस जवानों के साथ घोर मज़ाक है। यह स्थिति मिड डे मील के लिए आबंटित राशि से भी कम है।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के जमाने के बने बहुत सारे थानों की स्थिति खंडहर की तरह प्रतीत होती है जहां पर कार्यालयों को टाइलें लगाकर तो चमका दिया गया है परन्तु कस्टडी कक्षों,बाथरूमों,बैरकों,स्टोरों,मेस की स्थिति बहुत बुरी है। इन वजहों से भी पुलिस जवान भारी मानसिक तनाव में रहते हैं।
सीटू ने कहा कि पुलिस में स्टाफ कि बहुत कमी है या यूं कह लें कि बेहद कम है व कुल अनुमानित नियुक्तियों की तुलना में आधे जवान ही भर्ती किये गए हैं जबकि प्रदेश की जनसंख्या पहले की तुलना में काफी बढ़ चुकी है यहाँ तक पुलिस के पास रिलीवर भी नहीं है।
आरोप लगाते हुए कमेटी ने कहा कि प्रदेश की राजधानी शिमला के कुछ थानों के पास अपनी खुद की गाड़ी तक नहीं है। वहीं पुलिस कर्मी निरन्तर ओवरटाइम डयूटी करते हैं। इसकी एवज में उन्हें केवल एक महीना ज़्यादा वेतन दिया जाता है। इस से प्रत्येक पुलिसकर्मी को वर्तमान वेतन की तुलना में दस से बारह हज़ार रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है। उन्हें लगभग नब्बे साप्ताहिक अवकाश,सेकंड सैटरडे,राष्ट्रीय व त्योहार व अन्य छुट्टियों के मुकाबले में केवल पन्द्रह स्पेशल लीव दी जाती है।
सीटू कमेटी ने यह भी कहा कि वर्ष 2007 में हिमाचल प्रदेश में बने पुलिस एक्ट के पन्द्रह साल बीतने पर भी नियम नहीं बन पाए हैं। इस एक्ट के अनुसार पुलिसकर्मियों को सुविधा तो दी नहीं जाती है परन्तु कर्मियों को दंडित करने के लिए इसके प्रावधान बगैर नियमों के भी लागू किये जा रहे हैं जिसमें एक दिन डयूटी से अनुपस्थित रहने पर तीन दिन का वेतन काटना भी शामिल है। पुलिसकर्मियों की प्रोमोशन में भी कई विसंगतियां हैं व इसका टाइम पीरियड भी बहुत लंबा है। हैड कॉन्स्टेबल से एएसआई बनने के लिए सत्रह से बीस वर्ष भी लग जाते हैं।
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किन्नौर में लापता पर्यटकों में से 2 और के शव बरामद, 2 की तालाश जारी,आभी तक कुल 7 शव बरामद
शिमला रिकोंगपिओ में 14 अक्तुबर को उत्तरकाशी के हर्षिल से छितकुल की ट्रैकिंग पर निकले 11 पर्यटकों में से लापता चार पर्वतारोहीयों में से दो पर्वतारोहियों के शवो को आई.टी.बी.पी व पुलिस दल द्वारा पिछले कल सांगला लाया गया था जहां सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सांगला में दोनों शवों का पोस्टमार्टम किया गया।
यह जानकारी देते हुए उपायुक्त किन्नौर अपूर्व देवगन ने बताया कि इन दोनों की पहचान कर ली गई है जिनमे मे एक उतरकाशी व दूसरा पश्चिम बंगाल से सम्बंधित था।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन किन्नौर द्वारा आज एक शव वाहन द्वारा उतरकाशी को भेज दिया गया है जहाँ शव को जिला प्रशासन उतरकाशी को सौंपा जाएगा। जब कि दूसरा शव वाहन द्वारा शिमला भेजा गया है जिसे शिमला में मृतक के परिजनों को सौंपा जायेगा।
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि अभी भी लापता दो पर्यटकों की तलाश आई.टी.बी.पी के जवानों द्वारा जारी है। उल्लेखनीय है कि गत दिनों उतरकाशी से छितकुल के लिये 11 पर्वतारोही ट्रेकिंग पर निकले थे जो बर्फबारी के कारण लमखंगा दर्रे में फंस गये थे जिसकी सूचना मिलने पर जिला प्रशासन द्वारा सेना के हेलीकॉप्टर व आई.टी.बी.पी के जवानों की सहायता से राहत व बचाव कार्य आरम्भ किया था। सेना व आई.टी.बी.पी के जवानों ने 21 अक्टूबर को दो पर्यटकों को सुरक्षित ढूंढ निकाला था। इसी दौरान उन्हें अलग अलग स्थानों पर पाँच ट्रेकरों के शव ढूंढ निकलने में सफलता मिली थी। जबकि 4 पर्यटक लापता थे जिसमे से राहत व बचाव दल को 22 अक्तुबर को 2 शव ढूढ़ निकालने में सफलता मिली थी। अभी भी दो पर्यटक लापता हैं जिनकी राहत व बचाव दल द्वारा तलाश जारी है।
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