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अधिक टैक्स लगा कर जनता का खून चूसने का कार्य कर रहा है नगर निगम, करेंगे निगम चुनाव का बहिष्कार: विकास समिति टुटू
निगम चुनावों के विरोध के मुख्य कारण
पिछले दस वर्षों से मूलभूत सुविधाएं जैसे पानी के कनेकश्न घरेलू बिलों का भुगतान कमर्शीयल,टैक्स वसूली के लिए भवन नियमित,बिजली -पानी देने के लिए अनियमित,सीवरेज,स्ट्रीट लाईटों, पार्किंग,बिना रेलिंग की गलियां,सार्वजनिक शौचालय,सीढ़ियां जैसे झूठे वादे नगर निगम ने किये और इन मूलभूत सुविधाएं देने में नाकामयाब रहा है!
शिमला- विकास समिति टुटू के अध्यक्ष नागेन्द्र गुप्ता ने कहा कि टुटू नगर निगम वार्ड नंबर 6 के बुद्धिजीवी राजनीति से ऊपर उठ कर निगम चुनावो का बहिष्कार करने का मन बना रहे हैं! समिति अध्यक्ष ने प्रैस को जारी एक ब्यान में कहा कि नगर-निगम वार्ड बड़े लंबे समय से शिमला व पूर्व और वर्तमान प्रदेश सरकार के झूठे वादो के कारण मूलभूत सुविधाओं से वंचित है जिस कारण उपनगर में रह रहे भवन मालिक और किरायदार व दूकानदार आगामी वर्ष होने वाले नगर-निगम चुनावों का बहिष्कार करने का मन बना रहे हैं और निगम प्रशासन के खिलाफ विरोध करने के लिए आगामी रणनीती बनाने के लिए एकजुट हो रहे हैं!
समिति अध्यक्ष नागेन्द्र गुप्ता का कहना है कि नगर-निगम शिमला वर्तमान समय में मूलभूत सुविधाएं देने के लिए कोई ठोस नीती नहीं बना रहा है जबकि प्रापर्टी टैक्स,पानी के बढ़ते बिल और अन्य करो को बिना सीवरेज सुविधा के सीवरेज सेस जैसे कर लगाकर जनता का खून चूसने का कार्य कर रहा है!
समिति ने कहा कि नगर निगम शिमला ने तकरीबन दो दशक पूर्व पानी की तंगी के चलते टुटू क्षेत्र को घरेलू इस्तेमाल के लिए पानी मुहैया करवाया था जबकि निगम क्षेत्र के दायरे में आने के बावजूद भी आजतक कमर्शीयल दरों के बिल थमा रहा है! वहीं भाजपा विचारधारा रखने वाले वरिष्ठ वकील टुटू निवासी विवेक शर्मा ने कहा कि नगर-निगम शिमला नए शामिल क्षेत्रों के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है और दोहरी नीती अपना रहा है टुटू निवासी का ये भी कहना है कि एक ओर तो निगम टैक्स वसूली करने के लिए बहुमंजिला भवनो को नियमित समझता है जबकि दूसरी ओर अवैध करार कर नक्शे स्वीकृत करने के लिए नियमों में प्रावधान न होने के कारण जनता को बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं देने में आनाकानी कर रहा है!
वहीं व्यापार मण्डल के अध्यक्ष राजीव सूद का कहना है कि निगम व्यापारियों पर बेफिजूल के प्रापर्टी टैक्स व लाईसेंस फीस लगाकर अतिरिक्त बोझ डाल रहा है जबकि भवन मालिकों द्वारा प्रापर्टी टैक्स की अदायगी अपरोक्ष रूप से व्यापारी वर्ग को ही चुकानी पड़ती है! राजीव सूद ने कहा कि पहले ही ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर तक सड़क पहुँचने के कारण गाँव-गाँव में कारोबार बढ़ रहा है और शहर में कारोबार कम हो रहा है जबकि निगम नए से नए कर लगाकर व्यापारी वर्ग पर आर्थिक बोझ डाल रहा है!
स्वाभिमान पार्टी के जिला प्रवक्ता और कारोबारी सुरेन्द्र बाटला ने कहा कि नगर निगम व सरकार के झूठे वादों से तंग आकर स्थानीय जनता में विरोध के स्वर उठ रहे हैं और लबे समय से सीवरेज सुविधाएं देने और भवन नियमित न करने के लिए निगम नाकामायब साबित हुआ है इसलिए स्थानीय जनता आगामी वर्ष में होने वाले निगम चुनावो का बहिष्कार करने के लिए विकास मंच के झंडे तले खड़े होने को मजबूर हैं!
पार्टी के जिला प्रवक्ता ने बताया कि भंवनों को एकमुश्त बिना शर्त नियमित करने की आड़ में भाजपा और कांग्रेस यहाँ तक की सीपीआईएम(एम) ने आजतक सिर्फ राजनैतिक रोटियाँ सेकने का ही कार्य किया है जबकि जनता को बेहतर मूलभूत सुविधाएं देने के लिए आजतक कोई ठोस नीति न तो प्रदेश सरकार बना पाई है और न ही नगर निगम!
समिति ने कहा कि कांग्रेस पार्टी से सीधे तौर पर संबंध रखने वाले टुटू वासी कमलेश वर्मा,दिवाकर शर्मा,खेम राज,तरुण भारद्धाज,दिनेश कपूर का कहना है कि पिछले दिनो उन्होने युवा कांग्रेस अध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह के माध्यम से प्रदेश सरकार को एक ज्ञापन सौंपा है जिसमें इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे व प्रदेश के मुख्यमंत्री से भवनो को नियमित करने के लिए ठोस नीति बनाने की मांग और सीवरेज सुविधा की मांग को प्रमुखता से उठाया है!
पार्टी ने कहा की उन्हे उम्मीद है की जल्द ही प्रदेश सरकार कोई ठोस नीति बना कर नगर निगम में शामिल नए क्षेत्रों के भवन मालिकों को भवन नियमित करने के मामले में राहत प्रदान करेगी ताकि मूलभूत सुविधाओं से वंचित लोगों को उचित सुविधाएं मिल सके! पार्टी का यह भी कहना है कि वर्तमान सरकार के मुखिया शिमला ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र के विधायक भी हैं और वह जनता का दुख-दर्द भली भांति जानते हैं!
टुटू विकास समिति अध्यक्ष व् महासचिव व् अन्य पदाधिकारियों ने एक संयुक्त ब्यान में कहा कि वीरभद्र सरकार के गठन के तुरंत बाद उन्होंने भवन नियमतीकरण हेतु कुछ सुझाव शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा को भी दिए थे लेकिन अभी तक कोई अमल नजर नहीं आ रहा है!
समिति ने कहा कि टुटू की जनता जागरूक है और बार-बार भवन नियमतिकरण के नाम पर जनता को गुमराह किया जा रहा है जबकि पिछले 20-25 वर्षों से आश्वासनों पर आश्वासन ही मिल रहे हैं और अब उनका सब्र का बांध टूट रहा है और यदि सरकार और निगम आगामी दिनो में भवन नियमतिकरण के लिए मिलकर कोई ठोस नीति सामने नहीं लाती है तो सभी राजनैतिक पार्टियों को उसका अंजाम आगामी वर्ष में होने वाले विधानसभा और निगम चुनावों में सहना पड़ेगा!
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हिमाचल की तीन ग्राम पंचायतों में 435 एकड़ भूमि पर लगे 76,000 से अधिक सेब के पौधे
शिमला- डॉ यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के विस्तार शिक्षा निदेशालय में पहाड़ी कृषि एवं ग्रामीण विकास एजेंसी(हार्प), शिमला द्वारा एक अनुभव-साझाकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस कार्यशाला में जिला किन्नौर के निचार विकास खंड के रूपी, छोटा कम्बा और नाथपा ग्राम पंचायतों के 34 किसानों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर जीएम नाबार्ड डॉ. सुधांशु मिश्रा मुख्य अतिथि रहे जबकि नौणी विवि के अनुसंधान निदेशक डॉ रविंदर शर्मा ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की।
संस्था के अध्यक्ष डॉ. आर एस रतन ने कहा कि यह कार्यक्रम एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना के तहत रूपी, छोटा कम्बा और नाथपा ग्राम पंचायतों में वर्ष 2014 से आयोजित किया जा रहा है। परियोजना को नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित किया गया है और इसे हार्प द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
उन्होंने यह बताया कि यह एक बागवानी आधारित आजीविका कार्यक्रम है जिसे किसानों की भागीदारी से लागू किया गया है। इन तीन ग्राम पंचायतों में 435 एकड़ भूमि पर 76,000 से अधिक सेब के पौधे लगाए गए हैं और 607 परिवार लाभान्वित हुए हैं।
डॉ. सुधांशु मिश्रा ने यह भी कहा कि नाबार्ड हमेशा सामाजिक-आर्थिक उत्थान कार्यक्रमों के संचालन में आगे रहा है। उन्होंने इस कार्यशाला में भाग लेने वाले किसानों से अपने सहयोग से विभिन्न कार्यक्रमों को सफल बनाने का आग्रह किया।
अनुसंधान निदेशक डॉ. रविंदर शर्मा और विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. दिवेंद्र गुप्ता ने नाबार्ड और हार्प के प्रयासों की सराहना की और किसानों को आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय किसानों को तकनीकी रूप से समर्थन देने के लिए हमेशा तैयार है।
डॉ. नरेद्र कुमार ठाकुर ने कहा कि हार्प ने कृषक समुदाय के समन्वय से दुर्गम क्षेत्रों में कठिन परिस्थितियों में काम किया है। इस अवसर पर एक किसान-वैज्ञानिक परिचर्चा का भी आयोजन किया गया जिसमें भाग लेने वाले किसानों के तकनीकी प्रश्नों को संबोधित किया गया।
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हिमाचल सरकार पुलिसकर्मियों का कर रही है शोषण
पुलिसकर्मियों की डयूटी बेहद सख्त है,कई-कई बार तो चौबीसों घण्टे वर्दी व जूता उनके शरीर में बंधा रहता है।थानों में खाने की व्यवस्था तीन के बजाए दो टाइम ही है,राजधानी शिमला के कुछ थानों के पास अपनी खुद की गाड़ी तक नहीं है,हैड कॉन्स्टेबल से एएसआई बनने के लिए सत्रह से बीस वर्ष भी लग जाते हैं।
शिमला सीटू राज्य कमेटी ने प्रदेश सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाया है। कमेटी ने यह कहा है कि वह हिमाचल प्रदेश के पुलिसकर्मियों की मांगों का पूर्ण समर्थन करती है। आरोप लगाते हुए सीटू ने कहा है कि प्रदेश सरकार पुलिसकर्मियों का शोषण कर रही है।
राज्य कमेटी ने प्रदेश सरकार से यह मांग की है कि वर्ष 2013 के बाद नियुक्त पुलिसकर्मियों को पहले की भांति 5910 रुपये के बजाए 10300 रुपये संशोधित वेतन लागू किया जाए व उनकी अन्य सभी मांगों को बिना किसी विलंब के पूरा किया जाए।
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने प्रदेश सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जेसीसी बैठक में भी कर्मचारियों की प्रमुख मांगों को अनदेखा किया गया है। उन्होंने कहा कि जेसीसी बैठक में पुलिसकर्मियों की मांगों को पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया है।
सीटू कमेटी ने कहा कि सबसे मुश्किल डयूटी करने वाले व चौबीस घण्टे डयूटी में कार्यरत पुलिसकर्मियों को इस बैठक से मायूसी ही हाथ लगी है। इसी से आक्रोशित होकर पुलिसकर्मी मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे। उनके द्वारा पिछले कुछ दिनों से मैस के खाने के बॉयकॉट से उनकी पीड़ा का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों के साथ ही सभी सरकारी कर्मचारी नवउदारवादी नीतियों की मार से अछूते नहीं है। कमेटी ने कहा कि पुलिसकर्मियों की डयूटी बेहद सख्त है। कई-कई बार तो चौबीसों घण्टे वर्दी व जूता उनके शरीर में बंधा रहता है।
कमेटी ने यह भी कहा है कि थानों में स्टेशनरी के लिए बेहद कम पैसा है व आईओ को केस की पूरी फ़ाइल का सैंकड़ों रुपये का खर्चा अपनी ही जेब से करना पड़ता है। थानों में खाने की व्यवस्था तीन के बजाए दो टाइम ही है। मैस मनी केवल दो सौ दस रुपये महीना है जबकि मैस में पूरा महीना खाना खाने का खर्चा दो हज़ार रुपये से ज़्यादा आता है। यह प्रति डाइट केवल साढ़े तीन रुपये बनता है, जोकि पुलिस जवानों के साथ घोर मज़ाक है। यह स्थिति मिड डे मील के लिए आबंटित राशि से भी कम है।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के जमाने के बने बहुत सारे थानों की स्थिति खंडहर की तरह प्रतीत होती है जहां पर कार्यालयों को टाइलें लगाकर तो चमका दिया गया है परन्तु कस्टडी कक्षों,बाथरूमों,बैरकों,स्टोरों,मेस की स्थिति बहुत बुरी है। इन वजहों से भी पुलिस जवान भारी मानसिक तनाव में रहते हैं।
सीटू ने कहा कि पुलिस में स्टाफ कि बहुत कमी है या यूं कह लें कि बेहद कम है व कुल अनुमानित नियुक्तियों की तुलना में आधे जवान ही भर्ती किये गए हैं जबकि प्रदेश की जनसंख्या पहले की तुलना में काफी बढ़ चुकी है यहाँ तक पुलिस के पास रिलीवर भी नहीं है।
आरोप लगाते हुए कमेटी ने कहा कि प्रदेश की राजधानी शिमला के कुछ थानों के पास अपनी खुद की गाड़ी तक नहीं है। वहीं पुलिस कर्मी निरन्तर ओवरटाइम डयूटी करते हैं। इसकी एवज में उन्हें केवल एक महीना ज़्यादा वेतन दिया जाता है। इस से प्रत्येक पुलिसकर्मी को वर्तमान वेतन की तुलना में दस से बारह हज़ार रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है। उन्हें लगभग नब्बे साप्ताहिक अवकाश,सेकंड सैटरडे,राष्ट्रीय व त्योहार व अन्य छुट्टियों के मुकाबले में केवल पन्द्रह स्पेशल लीव दी जाती है।
सीटू कमेटी ने यह भी कहा कि वर्ष 2007 में हिमाचल प्रदेश में बने पुलिस एक्ट के पन्द्रह साल बीतने पर भी नियम नहीं बन पाए हैं। इस एक्ट के अनुसार पुलिसकर्मियों को सुविधा तो दी नहीं जाती है परन्तु कर्मियों को दंडित करने के लिए इसके प्रावधान बगैर नियमों के भी लागू किये जा रहे हैं जिसमें एक दिन डयूटी से अनुपस्थित रहने पर तीन दिन का वेतन काटना भी शामिल है। पुलिसकर्मियों की प्रोमोशन में भी कई विसंगतियां हैं व इसका टाइम पीरियड भी बहुत लंबा है। हैड कॉन्स्टेबल से एएसआई बनने के लिए सत्रह से बीस वर्ष भी लग जाते हैं।
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किन्नौर में लापता पर्यटकों में से 2 और के शव बरामद, 2 की तालाश जारी,आभी तक कुल 7 शव बरामद
शिमला रिकोंगपिओ में 14 अक्तुबर को उत्तरकाशी के हर्षिल से छितकुल की ट्रैकिंग पर निकले 11 पर्यटकों में से लापता चार पर्वतारोहीयों में से दो पर्वतारोहियों के शवो को आई.टी.बी.पी व पुलिस दल द्वारा पिछले कल सांगला लाया गया था जहां सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सांगला में दोनों शवों का पोस्टमार्टम किया गया।
यह जानकारी देते हुए उपायुक्त किन्नौर अपूर्व देवगन ने बताया कि इन दोनों की पहचान कर ली गई है जिनमे मे एक उतरकाशी व दूसरा पश्चिम बंगाल से सम्बंधित था।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन किन्नौर द्वारा आज एक शव वाहन द्वारा उतरकाशी को भेज दिया गया है जहाँ शव को जिला प्रशासन उतरकाशी को सौंपा जाएगा। जब कि दूसरा शव वाहन द्वारा शिमला भेजा गया है जिसे शिमला में मृतक के परिजनों को सौंपा जायेगा।
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि अभी भी लापता दो पर्यटकों की तलाश आई.टी.बी.पी के जवानों द्वारा जारी है। उल्लेखनीय है कि गत दिनों उतरकाशी से छितकुल के लिये 11 पर्वतारोही ट्रेकिंग पर निकले थे जो बर्फबारी के कारण लमखंगा दर्रे में फंस गये थे जिसकी सूचना मिलने पर जिला प्रशासन द्वारा सेना के हेलीकॉप्टर व आई.टी.बी.पी के जवानों की सहायता से राहत व बचाव कार्य आरम्भ किया था। सेना व आई.टी.बी.पी के जवानों ने 21 अक्टूबर को दो पर्यटकों को सुरक्षित ढूंढ निकाला था। इसी दौरान उन्हें अलग अलग स्थानों पर पाँच ट्रेकरों के शव ढूंढ निकलने में सफलता मिली थी। जबकि 4 पर्यटक लापता थे जिसमे से राहत व बचाव दल को 22 अक्तुबर को 2 शव ढूढ़ निकालने में सफलता मिली थी। अभी भी दो पर्यटक लापता हैं जिनकी राहत व बचाव दल द्वारा तलाश जारी है।
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