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जिला कांग्रेस कमेटी शिमला शहरी के प्रवक्ता दीपक सुन्द्रियाल
जिला कांग्रेस कमेटी शिमला शहरी के प्रवक्ता दीपक सुन्द्रियाल ने कहा की भाजपा सरकार ने जो वादे जनता से चुनाव पूर्व किये थे वह छलावा मात्र थे, सत्ता हड़पने के लिए मोदी जी ने भ्र्ष्टाचार मुक्त भारत का झूठा सपना जनता को दिखाया जो १५० दिन में ही टूट गया, युवा मतदाताओ ने जोश से मतदान किया और भाजपा को सत्तासीन भी किया परन्तु पूर्ण बहुमत के पश्चात भी सरकार ने विकास ने नाम पर केवल यूपीए सरकार द्वारा चलाई गयी योजनाओ का नाम बदला तथा केवल रिबन काटने का काम किया। राष्टीय पर्वो का नाम बदल कर मीडिया को टी आर पि के लिए नए नए इवेंट दिए। इसके आलावा एक पैसे का काम केंद्र सरकार ने नहीं किया। काले धन को मिडिया में उछाल कर कांग्रेस के नेताओ की छवि खराब करने का जो षड्यंत्र चुनाव से पहले रचा गया था, आज उसका सच भी जनता के सामने है।
यदि आज भाजपा सरकार में है तो कयूं काले धन को वापस नहीं ला पा रही? क्या कारण है की काले धन रखने वालो के नाम जनता के सामने नहीं आ रहे? कहीं ऐसा तो नहीं की अब अपने ही लोगो के नाम लिस्ट में देख कर मोदी जी का जोश ठंडा पड़ गया? काले धन को लाने का जो शगूफा छोड़ा गया था वह मात्र चुनावी स्टंट था। १०० दिन के भीतर काले धन लाने वाले बाबा जी भी गायब है। सुन्द्रियाल ने कहा की ” न नो मन तेल होगा न राधा नाचेगी ” न कभी काले धन की लिस्ट जनता के सामने आएगी न ही कभी काला धन। भाजपा के नेता चुनाव से पहले काले धन वालो के नाम लेकर घूम रहे थे फिर आज क्या कारण है की जनता को वह नाम नहीं बताये जा रहे, भाजपा ने कांग्रेस के नेताओ की छवि ख़राब करने के लिए ये चुनावी हथकंडे अपनाए पर आज अपने ही बनाए जाल में फस गए। सुन्द्रियाल ने आरोप लगाया की चुनाव के दौरान किये गए किसी भी मुद्दे पर भाजपा संजीदा नहीं दिखी अपितु सरकार की प्राथमिकताए बदल गयी भ्रष्टाचार मुक्त भारत कांग्रेस मुक्त भारत बन कर रह गया आज सरकार देश के विकास की छोड़ केवल कांग्रेस मुक्त अभियान में लगी है।
मोदी जी बताये की वह गुजरात का विकास मॉडल उन्होने क्या किसी विशेष दिन के लिए रखा है? किस मुहर्त में उस विकास माडल के दर्शन जनता को होंगे, जनता ने भाजपा को सत्तासीन विकास के उनके बड़े बड़े वादो को देखते हुए किया था न की कांग्रेस मुक्त अभियान चलने के लिए। य़े कैसी सोच है जिसमे लोकतंत्र में सरकार विपक्ष नहीं चाहती? विपक्ष का दमन करके लोकतंत्र की परिकल्पना करना देश को किस दिशा में ले जाना है। जनता काले धन का सच तो जान चुकी है अब तो उस विकास माडल का इंतजार है जो मोदी जी ने छुपा कर रखा है जिसका मुहर्त भाजपा ने अभी निकला नहीं।
दीपक सुन्द्रियाल
प्रवक्ता जिला कांग्रेस कमेटी शिमला शहरी
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कांगड़ा में फरवरी 2026 तक तैयार हो जाएगा दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र, 35,000 से अधिक दुग्ध उत्पादक होंगे लाभान्वित
कांगड़ा: वीरवार को ढगवार में 1.50 लाख लीटर प्रतिदिन (एलएलपीडी) क्षमता वाले अत्याधुनिक दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र की आधारशिला रखी गई। प्रदेश सरकार के अनुसार इसका निर्माण कार्य फरवरी 2026 तक पूरा हो जाएगा। संयंत्र की प्रारंभिक प्रसंस्करण क्षमता 1.50 एलएलपीडी है, जिसे भविष्य में तीन एलएलपीडी तक बढ़ाया जा सकता है। इस संयत्र के क्रियाशील होने के बाद कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर, चंबा और ऊना जिलों के किसानों की आर्थिकी सुदृढ़ होगी जिससे 35,000 से अधिक दुग्ध उत्पादक लाभान्वित होंगे।
प्रदेश सरकार के अनुसार इससे दुग्ध उत्पादकों की आय में वृद्धि होगी और दुग्ध संग्रहण, प्रसंस्करण, गुणवत्ता नियंत्रण और वितरण में रोजगार के अवसर सृजित होंगे। इससे लोगों को परिवहन, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन और रखरखाव सेवाओं जैसे क्षेत्रों में अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिलेंगे। संयत्र के क्रियाशील होने के बाद किसानों को प्रतिदिन 40 लाख रुपये के भुगतान किए जाएंगे।
प्रदेश सरकार के अनुसार दूध की दरों में पहले ही वृद्धि कर दी गई है, जिसके बाद मिल्कफेड की दैनिक दूध खरीद क्षमता 1,40,000 लीटर से बढ़कर 2,10,000 लीटर हो गई है। सरकार के अनुसार इस अत्याधुनिक दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र में प्रतिदिन 1.50 लाख लीटर दूध का प्रसंस्करण किया जाएगा जिससे दही, लस्सी, मक्खन, घी, पनीर, फ्लेवर्ड मिल्क, खोया और मोजरेला चीज सहित विभिन्न प्रकार के डेयरी उत्पाद तैयार किए जाएंगे।
सरकार के अनुसार शिमला के दत्तनगर स्थित दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र की क्षमता को 20,000 लीटर से बढ़ाकर 70,000 लीटर प्रतिदिन कर दिया है जिसके लिए 25.67 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं। इससे शिमला, कुल्लू, मंडी और किन्नौर जिलों के डेयरी क्षेत्र से जुड़े लोगों को लाभ मिल रहा है। सरकार का कहना है कि 271 डेयरी सहकारी समितियों से जुड़े लगभग 20,000 किसान इसका लाभ उठा रहे हैं।
प्रदेश सरकार पहले ही गाय के दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य 32 रुपये से बढ़ाकर 45 रुपये प्रति लीटर और भैंस के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 47 रुपये से बढ़ाकर 55 रुपये प्रति लीटर कर चुकी है।
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हि.प्र. मंत्रिमंडल के निर्णय: भांग की खेती पर पायलट अध्ययन को मंजूरी,सरकार ने बदले दो संस्थानों के नाम
कांगड़ा : धर्मशाला में आज मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में कईं अहम निर्णय लिए गए।
तांदी गांव में आग प्रभावित परिवारों के लिए विशेष राहत पैकेज:
मंत्रिमंडल ने वर्ष 2023 में आपदा प्रभावित परिवारों के लिए लाए गए विशेष राहत पैकेज को जिला कुल्लू के तांदी गांव में आग की घटना से प्रभावित परिवारों के लिए प्रदान करने का निर्णय लिया। पैकेज के तहत तांदी गांव के प्रभावित परिवारों को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए 7 लाख रुपये, आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए एक लाख रुपये और गौशालाओं के नुकसान के लिए 50,000 रुपये प्रदान किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, प्रभावित परिवारों को 30 जून, 2025 तक मकान के किराए के भुगतान के लिए 5,000 रुपये की मासिक सहायता प्रदान की जाएगी।
रोबोटिक सर्जरी के लिए मशीनरी और उपकरणों की खरीद :
मंत्रिमंडल ने एम्स, नई दिल्ली की तर्ज पर अटल सुपर स्पेशिएलिटी आयुर्विज्ञान संस्थान (एआइएमएसएस) चमियाणा और डॉ राजेंद्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय टांडा, कांगड़ा में रोबोटिक सर्जरी के लिए 56 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक मशीनरी और उपकरणों की खरीद को भी स्वीकृति प्रदान की।
कशमल एक्सटरेक्शन की अनुमति :
मंत्रिमंडल ने वन विभाग के पिछले आदेश में संशोधन को मंजूरी प्रदान कर 15 फरवरी, 2025 की कट-ऑफ तिथि के साथ कश्मल की जड़ों के एक्सटरेक्शन की अनुमति प्रदान की। इसके अतिरिक्त, हिमाचल प्रदेश वन उपज पारगमन (लेंड रूटस) नियम, 2013 के प्रावधानों के अनुसार 4 जनवरी, 2025 से पहले खुले स्थानों से निकाले गए वन उत्पादों के परिवहन के लिए 15 फरवरी, 2025 तक की अनुमति प्रदान की।
सुपर लग्जरी बसों की खरीद को मंजूरी :
बैठक में दो नए मंडल ननखड़ी और खोलीघाट के साथ खराहन सेक्शन बनाकर लोक निर्माण विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग वृत शाहपुर को पुनर्गठित करने का निर्णय लिया गया।
मंत्रिमंडल ने यात्रियों की सुविधा के लिए हिमाचल पथ परिवहन निगम के लिए 24 वातानुकूलित सुपर लग्जरी बसों की खरीद को मंजूरी दी गई। मंत्रिमंडल ने बेहतर प्रवर्तन और औचक निरीक्षण सुनिश्चित करने के लिए राज्य कर एवं आबकारी विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों को 100 मोटरसाइकिलें प्रदान करने को भी मंजूरी दी।
भांग की खेती पर एक पायलट अध्ययन को मंजूरी:
मंत्रिमंडल ने चौधरी सरवन कुमार कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर, जिला कांगड़ा और डॉ. वाई.एस. परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी, जिला सोलन द्वारा संयुक्त रूप से भांग की खेती पर एक पायलट अध्ययन को मंजूरी दी। यह अध्ययन भांग की खेती के विषय में भविष्य की रूपरेखा का मूल्यांकन और सिफारिश करेगा। इसके अतिरिक्त, कृषि विभाग को इस पहल के लिए नोडल विभाग नामित किया गया।
कर्मचारियों को राज्य कैडर के दायरे में लाने को मंजूरी:
मंत्रिमंडल ने उपायुक्त कार्यालयों में चालकों, सभी तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों के साथ-साथ तीन मंडलायुक्तों, निदेशक भूमि अभिलेख, राजस्व प्रशिक्षण संस्थान जोगिंद्रनगर (मंडी), भू-एकत्रीकरण निदेशालय (शिमला), बंदोबस्त कार्यालय कांगड़ा और बंदोबस्त कार्यालय शिमला के कार्यालयों में तैनात कर्मचारियों को राज्य कैडर के दायरे में लाने को मंजूरी दी।
इन संस्थानों के बदले गए नाम:
बैठक में जिला शिमला में राजकीय महाविद्यालय सीमा का नाम राजा वीरभद्र सिंह राजकीय महाविद्यालय सीमा, जीजीएसएसएस, खेल छात्रावास (कन्या) जुब्बल को श्री रामलाल ठाकुर जीजीएसएसएस खेल छात्रावास (कन्या) और ऊना जिला के राजकीय महाविद्यालय खड्ड का नाम मोहन लाल दत्त राजकीय महाविद्यालय खड्ड रखने को भी मंजूरी दी गई। बैठक में रूकी हुई जल विद्युत परियोजनाओं को शुरू करने और शिक्षा विभाग के निदेशालयों के पुनर्गठन पर भी विस्तृत प्रस्तुति दी गई।
कुल्लू में रोपवे की स्थापना :
कुल्लू बस स्टैंड और पीज पैराग्लाइडिंग प्वाइंट के बीच एक रोपवे की स्थापना को बैठक में मंजूरी दी गई। मंत्रिमंडल ने ग्रामीण विकास विभाग में खंड विकास अधिकारियों के 9 पद भरने को भी स्वीकृति प्रदान की।
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धीमी गति से बढ़ रहा एचआरटीसी की कैशलेस सुविधा का प्रचलन
शिमला: हिमाचल पथ परिवहन निगम द्वारा शुरु की गई आधुनिक कैशलेस सुविधा में ईजाफा तो देखने को मिला है पर अभी तक यह सुविधा लोगों में ज्यादा प्रचलित नहीं हो पाई है। एचआरटीसी ने मार्च 2024 से एक आधुनिक कैशलेस सुविधा की शुरुआत की थी। निगम के आंकडों के अनुसार मार्च 2024 में मात्र प्रतिदिन 40 कैशलेस लेन-देन किया गया था जो कि वर्तमान में बढ़कर केवल 2500 प्रतिदिन तक पहुंच पाया है।
इस पहल के साथ निगम ने सार्वजनिक परिवहन सेवाओं के आधुनिकीकरण के लिए नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (NCMC) को सितंबर 2024 में शुरु किया था। निगम के अनुसार शुरु में सिर्फ प्रतिदिन 75 कैशलेस लेन-देन दर्ज किए गए थे जो वर्तमान में बढ़कर प्रतिदिन 800 हो गये हैं।
निगम द्वारा जारी की गई जानकारी के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक बैंक ट्रांसफर मशीन (EBTM) प्रणाली के एकीकरण के साथ, यात्री अब क्रेडिट/डेबिट कार्ड, यूपीआई के साथ-साथ हिमाचल पथ परिवहन निगम के एन०सी०एम०सी० कार्ड के माध्यम से अपने टिकटों का भुगतान आसानी से कर सकते हैं।
निगम ने बताया कि एन०सी०एम०सी० कार्ड का उपयोग एचआरटीसी की बसों तथा मेट्रो में देश भर के अन्य सार्वजनिक परिवहन प्रणाली के लेन-देन हेतु किया जा सकता है तथा ऑफलाइन सहित सरल टैप से भुगतान करने की सुविधा प्रदान करता है। यह कार्ड एचआरटीसी के सभी बुकिंग काऊटरों पर आसानी से निर्धारित मूल्य देकर प्राप्त किए जा सकते हैं। इसे https://transit.sbi, SBI UNIPAY, फोन पे, योनो लाईट, Bhim और कई अन्य माध्यमों से आसानी से टॉप-अप किया जा सकता हैं।
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