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मुख्यमंत्री को देना चाहिए इस्तीफा: रविंदर रवि

“देहरा के भारतीय जनता पार्टी के विधायक रविंदर रवि ने कहा कि मुख्यमंत्री को देना चाहिए इस्तीफा ,एक साल के कार्यकाल में नहीं हुआ है कोई भी विकास कार्य , भ्रष्टाचार के घेरे में फंसते जा रहे हैं मुख्यमंत्री”
ठाकुर रविंदर सिंह रवि ने प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर निशाना साधते हुए कहा है की प्रदेश में विकास के नाम पर तो सरकार नाकाम रही लेकिन भ्रष्टाचार में सरकार ने हर मुकाम हासिल कर लिया है पालमपुर में आज एक पत्रकार वार्ता में रविंदर सिंह रवि ने कहा है की एक साल से जयादा समय हो चुका है, प्रदेश की सरकार को बने लेकिन इस एक साल में प्रदेश सरकार ने किसी भी विकास के काम को अंजाम नहीं दिया है बाकी प्रदेश के मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के घेरे में फंसते जा रहे हैं, जहां एक तरफ वीरभद्र सिंह पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं वो सही है ।
हाल ही में धर्मशाला विधान सभा के शीतकालीन स्त्र में 6 दिन में चार बार स्थगन प्रस्ताव पारित किया गया ओर बाकि समय में एक साल में वर्तमान सरकार द्वारा किस प्रकार के विकास कार्य किए गए हैं इसके बारे में समीक्षा की गई । वहीं रविंदर सिंह रवि नें वर्तमान मुख्यमंत्री की काली करतूतों का पर्दाफाश करते हुए कहा की मुख्यमंत्री के परिवार को बक्का मुल्ला ने इतना पैसा ऋण के रूप में कहा से दिया है, ओर इसके पास इतना पैसा कहा से आया है, जबकि बक्का मुल्ला के ने आज दिन तक जो भी प्रोजेक्ट है उनकी धन राशि अधर में लटकी है, उसे देने में असमर्थ नजर आया है ओर वहीं दूसरी ओर वीरभद्र परिवार को करोड़ो रुपए का ऋण देने में सफल हुए है जो की एक सवालीय निशान नज़र आ रहा है।
रवि का कहना है की तारिणी कंपनी में सी.एम की बेटी अपराजिता के तीन लाख चालीस हजार शेयर है जबकि सपुत्र विकरमादित्य के तीन लाख शेयर है ओर मुख्यमंत्री की धर्म पत्नी प्रतिभा सिंह के तीन लाख चालीस हजार शेयर है जो की कुल मिला कर नौ लाख शेयर इस परिवार के हैं ओर यह ही नहीं बल्कि बक्का मुल्ला की पत्नी के भी इस कंपनी में शेयर हैं । रविंदर रवि ने कहा है की यह कंपनी रजिस्टर भी नहीं है ओर हैरानी की बात तो यह है की वीरभद्र सिंह ने स्वयं कबूल किया है की बक्का मुल्ला वीरभद्र परिवार का पारिवारिक मित्र है।
वहीं हिमाचल प्रदेश में खनन माफिया भी हर दिन हावी होता जा रहा है इसके साथ साथ भू- माफिया भी प्रदेश के चारो तरफ सक्रिय है । किसी भी क्षेत्र में जमीन खरीदी ओर बेची जा रही है ए बे रोक टोक सरकारी कर्मचारियों को फेर बदल किया जा रहा है ओर इस सरकार से आम आदमी परेशान है। रविंदर रवि ने बताया की इस सरकार के सत्ता में आने के बाद डीपुओं में राशन की भारी कमी आ गई है, ओर इस सरकार ने अब एक नया पैंतरा खेला है की अब राशन कार्ड में फोटो लगाना जरूरी है ओर घर की महिला इस राशन कार्ड में प्रधान रहेगी जबकि ऐसा आज तक इतिहास में नहीं हुआ है ओर इस नए कार्य से आम जनता को भी अच्छी ख़ासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है ।
वहीं आज रविंदर रवि ने कहा है की प्रदेश के मुख्यमंत्री सरकार चलाने में नाकाम साबित हो चुके हैं क्यों की इनके ऊपर लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे है ,जो की एक मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देते है ओर इसके चलते मुख्यमंत्री को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए नहीं तो भारतीय जनता पार्टी कड़ा कदम उठाएगी।
काँग्रेस ने भूतपूर्व सैनिकों के साथ भी बहुत बड़ा खिलवाड़ किया है आज तक सी. एस. डी पर किसी तरह का कोई बैट नहीं था लेकिन अब इस पर भी चार प्रतिशत बैट लगा दिया गया है जो की एक शर्मनाक बात है ओर इस सरकार के समय में कोई भी आम आदमी या फिर नेता सुरक्षित नहीं है।
प्रदेश में इस सरकार ने आम आदमी को परेशान करने के सिवा कोई भी काम नहीं किया है मात्र बस किरायों में बृद्धि की है, ओर महंगाई पर किसी प्रकार का का कोई भी नियंत्रण नहीं है, वीरभद्र की पत्नी प्रतिभा सिंह ने जब मंडी में सांसद का चुनाव लड़ा था तब उन्होने मात्र दो करोड़ की संपती चुनाव आयोग के सामने पेश की थी ओर अब निकला कुछ ओर है।
उन्होंने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री कहते है कि वे पुरे प्रदेश के हित में कार्य कर रहें है लेकिन अभी हाल में ही प्रदेश में पच्चीस एडिशनल अडवोकेट चुने गए जिसमे बीस लोग शिमला के ही चुन लिए गए है, ओर एक व्यक्ति को मंडी जिले से नियुकत किया गया है, जबकि कांगड़ा जिले से तीन व्यक्तियों को चुना गया है ओर हमीरपुर जिले से भी मात्र एक ही व्यक्ति को चुना गया है। क्या पूरे प्रदेश में कोई भी शिक्षित व्यक्ति नहीं मिले जो शिमला से ही बीस लोग चुने गए हैं? इससे साफ जाहीर होता है कि मुख्यमंत्री को केवल शिमला से ही प्यार है।
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सनवारा टोल प्लाजा पर अब और कटेगी जेब, अप्रैल से 10 से 45 रुपए तक अधिक चुकाना होगा टोल

शिमला- कालका-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग-5 पर वाहन चालकों से अब पहली अप्रैल से नई दरों से टोल वसूला जाएगा। केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्रालय की ओर से बढ़ी हुई दरों पर टोल काटने के आदेश जारी हो गए हैं। जारी आदेश के अनुसार कालका-शिमला एनएच-5 पर सनवारा टोल प्लाजा पर 10 से 45 रुपए तक की वृद्धि हुई है।
टोल प्लाजा संचालक कंपनी के मैनेजर ने बताया कि 1 अप्रैल से कार-जीप का एक तरफ शुल्क 65 और डबल फेयर में 95 रुपये देने होंगे।
लाइट कामर्शियल व्हीकल, लाइट गुड्स व्हीकल और मिनी बस को एक तरफ के 105, बस-ट्रक (टू एक्सेल) को एकतरफ के 215, थ्री एक्सेल कामर्शियल व्हीकल को एक तरफ के 235, हैवी कंस्ट्रक्शन मशीनरी को एकतरफ के 340 और ओवरसीज्ड व्हीकल को एकतरफ के 410 रुपये का शुल्क नई दरों के हिसाब से देना होगा।
सनवारा टोल गेट से 20 किलोमीटर के दायरे में आने वाले वाहन चालकों को पास की सुविधा भी नियमों के अनुसार दी जाती है। इस पास के लिए अब 280 की जगह 315 रुपये प्रति महीना चुकाना पड़ेगा।
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बच्चों से खतरनाक किस्म की मजदूरी कराना गंभीर अपराध:विवेक खनाल

शिमला- बच्चों से खतरनाक किस्म की मज़दूरी कराना गंभीर अपराध है। 14 साल के अधिक आयु के बच्चों से ढाबे में 6 घंटे से अधिक काम नहीं लिया जा सकता। उन्हें तीन घंटे के बाद एक घंटे का आराम दिया जाना जरूरी है। यह बात वह उमंग फाउंडेशन द्वारा “मज़दूरों के कानूनी अधिकार, समस्याएं और समाधान” विषय पर वेबिनार में वरिष्ठ सिविल जज एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अतिरिक्त सचिव विवेक खनाल ने कही।
उन्होंने कहा कि असंगठित मजदूरों के शोषण का खतरा ज्यादा होता है। देश की जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद का 50% हिस्सा असंगठित मजदूरों के योगदान से ही अर्जित होता है।
विवेक खनाल ने संगठित एवं असंगठित श्रमिकों से जुड़े विभिन्न कानूनों की जानकारी दी। उन्होंने कहा की 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को खतरनाक किस्म के कामों में नहीं लगाया जा सकता। इनमें औद्योगिक राख, अंगारे, बंदरगाह, बूचड़खाना, बीड़ी, पटाखा, रेलवे निर्माण, कालीन, पेंटिंग एवं डाईंग आदि से जुड़े कार्य शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि 14 से 18 वर्ष तक के बच्चे रेस्टोरेंट या ढाबे में काम के तय 6 घंटे तक ही काम कर सकते हैं। शाम 7 बजे से सुबह 8 बजे के बीच उन से काम नहीं लिया जा सकता।
उन्होंने बताया कि भवन निर्माण एवं अन्य कामगार बोर्ड में पंजीकृत होने के बाद श्रमिकों को अनेक प्रकार की सुविधाएं एवं सामाजिक सुरक्षा मिल जाती है।
विवेक के अनुसार असंगठित मजदूरों के लिए कानून भी काफी कम हैं। जबकि उनकी स्थिति ज्यादा खराब होती है। उन्होंने बताया कि मनरेगा के अंतर्गत काम करने वाली महिला मजदूरों के बच्चों को संभालने के लिए उन्हीं में से एक वेतन देकर आया का काम भी दिया जाता है।
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अतिरिक्त सचिव ने कहा कि कि प्राधिकरण की ओर से समाज के जिन वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता दी जाती है उसमें एक श्रेणी मजदूरों की भी है।
इसके अतिरिक्त महिला, दिव्यांग, ट्रांसजेंडर, बच्चे, अनुसूचित जाति एवं जनजाति, और तीन लाख से कम वार्षिक आय वाले बुजुर्ग इस योजना में शामिल हैं। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से बद्दी में मजदूरों के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ स्थापित किया गया है।
इसके अलावा विभिन्न जिलों में वैकल्पिक विवाद समाधान केंद्र चलाए जा रहे हैं। एक अलग पोर्टल पर सरकार ई-श्रम कार्ड भी बना रही है।
इस दौरान उन्होंने युवाओं के सवालों के जवाब भी दिए।
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हिमाचल कैबिनेट के फैसले:प्रदेश में सस्ती मिलेगी देसी ब्रांड की शराब,पढ़ें सभी फैसले

शिमला- मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित प्रदेश मंत्रीमंडल की बैठक में आज वर्ष 2022-23 के लिए आबकारी नीति को स्वीकृति प्रदान की गई।
इस नीति में वर्ष के दौरान 2,131 करोड़ रुपये के राजस्व प्राप्ति की परिकल्पना की गई है, जो कि वित्त वर्ष 2021-22 से 264 करोड़ रुपये अधिक होगा। यह राज्य आबकारी राजस्व में 14 प्रतिशत की कुल वृद्धि को दर्शाता है।
बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 राज्य में प्रति इकाई चार प्रतिशत नवीनीकरण शुल्क पर खुदरा आबकारी ठेकों के नवीनीकरण को स्वीकृति प्रदान की गई। इसका उद्देश्य सरकारी राजस्व में पर्याप्त बढ़ोतरी प्राप्त करना और पड़ोसी राज्यों में दाम कम करके होने वाली देसी शराब की तस्करी पर रोक लगाना है।
लाइसेंस फीस कम होने के कारण देसी शराब ब्रांड सस्ती होगी। इससे उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर अच्छी गुणवत्ता की शराब उपलब्ध होगी और उन्हें अवैध शराब खरीदने के प्रलोभन से भी बचाया जा सकेगा और शुल्क चोरी पर भी निगरानी रखी जा सकेगी।
नई आबकारी नीति में खुदरा लाइसेंसधारियों को आपूर्ति की जाने वाली देसी शराब के निर्माताओं और बॉटलर्ज के लिए निर्धारित 15 प्रतिशत कोटा समाप्त कर दिया गया है। इस निर्णय से खुदरा लाइसेंसधारी अपना कोटा अपनी पसंद के आपूर्तिकर्ता से उठा सकेंगे और प्रतिस्पर्धात्मक मूल्यों पर अच्छी गुणवत्ता की देसी शराब की आपूर्ति सुनिश्चित होगी। देसी शराब का अधिकतम खरीद मूल्य मौजूदा मूल्य से 16 प्रतिशत सस्ता हो जाएगा।
इस वर्ष की नीति में गौवंश के कल्याण के लिए अधिक निधि प्रदान करने के दृष्टिगत गौधन विकास निधि में एक रुपये की बढ़ोतरी करते हुए इसे मौजूदा 1.50 रुपये से बढ़ाकर 2.50 रुपये किया गया है।
राज्य में कोविड-19 के मामलों में कमी को देखते हुए कोविड उपकर में मौजूदा से 50 प्रतिशत की कमी की गई है।
लाइसेंस शुल्क के क्षेत्र विशिष्ट स्लैब को समाप्त करके बार के निश्चित वार्षिक लाइसेंस शुल्क को युक्तिसंगत बनाया गया है। अब पूरे राज्य में होटलों में कमरों की क्षमता के आधार पर एक समान लाइसेंस स्लैब होंगे।
जनजातीय क्षेत्रों में आने वाले पर्यटकों को बेहतर सुविधा प्रदान करने और होटल उद्यमियों को राहत प्रदान करने के लिए जनजातीय क्षेत्रों में बार के वार्षिक निर्धारित लाइसेंस शुल्क की दरों में काफी कमी की गई है।
शराब के निर्माण, संचालन, थोक विक्रेताओं को इसके प्रेषण और बाद में खुदरा विक्रेताओं को बिक्री की निगरानी के लिए इन सभी हितधारकों को अपने प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य किया गया है।
विभाग की ओर से हाल ही में शराब बॉटलिंग प्लांटों, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं में पाई गई अनियमितताओं को ध्यान में रखते हुए हिमाचल प्रदेश आबकारी अधिनियम, 2011 को और सख्त किया गया है।
राज्य में एक प्रभावी एंड-टू-एंड ऑनलाईन आबकारी प्रशासन प्रणाली स्थापित की जाएगी जिसमें शराब की बोतलों की ट्रैक एंड टेक्स की सुविधा के अलावा निगरानी के लिए अन्य मॉडयूल शामिल होंगे।
मंत्रिमंडल ने वर्ष 2022-23 के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य पथकर नीति को अपनी मंजूरी प्रदान की है जिसमें राज्य में सभी पथकर बेरियर की नीलामी व निविदा शामिल हैं। वर्ष 2021-22 के दौरान टोल राजस्व में गत वर्ष के राजस्व के मुकाबले 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश आपदा राहत नियमावली, 2012 में संशोधन को अपनी मंजूरी प्रदान की जिसमें मधुमक्खी, हॉरनेट और वैस्प के काटने से होने वाली मृत्यु, दुर्घटनाग्रस्त डूबने, और वाहन दुर्घटना मंे होने वाली मृत्यु के मामलोें को राहत नियमावली के अंतर्गत शामिल किया गया है।
मंत्रिमंडल ने लोक सेवा आयोग के माध्यम से राजस्व विभाग में नियमित आधार पर सीधी भर्ती के माध्यम से तहसीलदार श्रेणी-1 के 11 पदों को भरने की स्वीकृति प्रदान की।