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अपने अंदर निर्भिकता की भावना लाने के लिए बच्चे ले रहे है नशे का सहारा
“एम्स के एक नए अध्ययन के मुताबिक करीब 42 फीसदी बेसहारा बच्चे अपने अंदर निर्भिकता की भावना लाने के लिए नशे का सहारा लेते हैं जबकि 35 फीसदी का कहना है कि इससे उन्हें भूख नहीं लगती अध्ययन में ये बात भी सामने आई है कि इस नशे की लत से 47 फीसदी बच्चों में कुछ हद तक स्मृति लोप की समस्या है पैदा हुई है और करीब 48 फीसदी बच्चों के व्यवहार में भी इसके वजह से बदलाव देखने को मिला और 67 फीसदी बच्चों में इसके कारणवश वजन में भी कमी आई”
नई दिल्ली अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के नेशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट सेंटर ने नषे की लत के शिकार बच्चों को लेकर एक अध्ययन किया है जिसमें ये सामने आया है जिसमें 43 फीसदी बच्चों ने स्वीकार किया कि वो नशा इसलिए करते है क्योंकि उसके बाद उनमें किसी तरह का कोई भाव नहीं रहता है और वहीं आधे से ज्यादा बच्चों ने ये कहा है कि नशा करने के बाद उन्हें हर तरह से दर्द से राहत मिलती है।
अध्ययन में 42 फीसदी बच्चों ने माना है कि नशा करने से उनके अंदर निर्भिकता आती है जब्कि 35 फीसदी ने कहा कि नशा करने से उन्हें भूख नहीं लगती। वहीं ए केवल दो फीसदी ने कहा कि वे मजे के लिए ऐसा करते हैं जबकि एक फीसदी बच्चों ने बताया कि ऐसा वे टाइम पास के लिए करते हैं।
अध्ययन के दौरान जो बात सामने आई है वो ये कि 83 फीसदी बच्चे नशे के लिए जिस पद्वार्थ का इस्तेमाल करते है उसमें इरेजर का इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता है करते हैं जबकि 34 फीसदी ग्लू ;चिपकाने वाले पदार्थ का इस्तेमाल करते हैं। वहीं तीन प्रतिशत बच्चे पेट्रोलियम पदार्थों का इस्तेमाल करते हैं।
अध्ययन में कहा गया है कि इस तरह के द्रव दो बोतलों में बेचे जाते हैं एक में थीनर और इरेजर होता है तथा दूसरे में व्हाइटनर आता है और इस तरह का नशा करने वाला हर बच्चा प्रति दिन इस तरह की दो ट्यूब इस्तेमाल करता है।
अध्ययन की सह जांचकर्ताओं में शामिल एनडीडीटीसी की डॉ . अंजु धवन ने कहा कि अध्ययन का उद्देश्य इस तरह की चीजों के इस्तेमाल की वजह का पता लगाना और उनके जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की कार्य प्रणाली को विकसित करना है।
अध्ययन में यह भी बताया गया है कि करीब 33 फीसदी बेसहारा बच्चे इस तरह की चीजों को दिन में 24 बार सूंघा करते हैं। आधे से अधिक बच्चे ;55 फीसदी द्ध दिन में एक से तीन बार इसका इस्तेमाल करते हैं वहींए 13 फीसदी दिन में चार से छह बार इनका इस्तेमाल करते हैं। हालांकि एक तिहाई बच्चे दिन में 24 बार इनका इस्तेमाल करते हैं।
अध्ययन में ये बात भी सामने आई है कि इस नशे की लत से 47 फीसदी बच्चों में कुछ हद तक स्मृति लोप की समस्या है पैदा हुई है और करीब 48 फीसदी बच्चों के व्यवहार में भी इसके वजह से बदलाव देखने को मिला और 67 फीसदी बच्चों में इसके कारणवश वजन में भी कमी आई।
अध्ययन में कहा गया है कि ये नशा बेसहारा बच्चों जो सड़को पर अपना जीवन बिताने के लिए मजबुर है उन्हें ये सड़कों की जिंदगी जीने के लिए मजबूत बनाता है और इससे वे भावनात्मक आघात का मुकाबला कर पाते हैं।
अध्ययन में ये भी कहा गया है कि नशे के लिए सूंघी जाने वाली इन चीजों का बच्चे इसलिए इस्तेमाल का रहे है क्योंकि इसके इस्तेमाल से वे शारीरिक दर्द और मानसिक आघात का मुकाबला करने के लिए सक्षम हो पाते है और साथ ही ये नशीले पद्वार्थ आसानी से उपलब्ध हो जाते है।( भाषा) -PTI
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मंत्रिमंडल के निर्णय: वन मित्रों की भर्ती को मंजूरी, 10 अंकों के व्यक्तिगत साक्षात्कार की शर्त समाप्त
शिमला – मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता मंत्रिमंडल की कैबिनेट बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में वन मित्रों की रूकी हुई भर्ती को मंजूरी प्रदान की गई, इंदौरा में फायर स्टेशन को मंजूरी, लाहौल स्पीति के शिंकुला में पुलिस पोस्ट की मंजूरी इसके अलावा अन्य मामलों पर स्वीकृति प्रदान की गई।
बैठक में वन विभाग में 2,061 वन मित्रों की नियुक्ति को स्वीकृति प्रदान की गई, जिसमें 10 अंकों के व्यक्तिगत साक्षात्कार की शर्त को समाप्त कर दिया गया है। बैठक में वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) 2023 में हाल ही में किए गए संशोधन के अनुरूप ईको टूरिज्म नीति-2017 में संशोधन करने का भी निर्णय लिया गया है।
हमीरपुर में 150 नर्सिंग कर्मियों के भरें जाएंगे पद : –
बैठक में डॉ. राधाकृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, हमीरपुर में 150 नर्सिंग कर्मियों के पद सृजित कर भरने का भी निर्णय लिया गया। इसके अतिरिक्त चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर में जनरल मेडिसिन, पीडियाट्रिक्स, जनरल सर्जरी, ऑर्थोपैडिक्स, एनेस्थीसिया और रेडियोलॉजी विभागों में एसोसिएट प्रोफेसर के छह पद और असिस्टेंट प्रोफेसर के 10 पद सृजित कर भरने का निर्णय भी लिया गया।
इन विभागों में भी भरें जाएंगे पद :-
हमीरपुर जिला के नादौन में एक नया उप-मंडल पुलिस अधिकारी कार्यालय खोलने के साथ-साथ विभिन्न श्रेणियों में पांच पदों को सृजित कर भरने को स्वीकृति प्रदान की गई।
कांगड़ा जिला के इंदौरा में एक नई अग्निशमन चौकी की स्थापना को मंजूरी दी गई। इसके सुचारू संचालन के लिए विभिन्न श्रेणियों के 13 पद सृजित कर भरने को भी मंजूरी प्रदान गई।
लाहौल-स्पीति जिला के केलांग पुलिस स्टेशन के अंतर्गत शिंकुला में एक नई पुलिस चौकी की स्थापना के साथ-साथ विभिन्न श्रेणियों में छह पदों को सृजित कर भरने को भी मंजूरी दी।
राज्य के छह हरित गलियारों के साथ ई.वी चार्जिंग स्टेशन नेटवर्क का विस्तार :-
मंत्रिमंडल ने राज्य के छह ग्रीन कॉरिडोर के साथ ईवी चार्जिंग स्टेशन नेटवर्क को निजी हितधारकों को शामिल करने को स्वीकृति प्रदान की। वर्तमान में, ग्रीन ग्रीन कॉरिडोर पर 77 ईवी चार्जिंग स्टेशन पहले से ही कार्यशील हैं। मंत्रिमंडल ने वाहन फिटनेस आकलन के लिए स्वचलित परीक्षण स्टेशन की स्थापना को भी मंजूरी दी, जिसमें उन्नत स्वचलित उपकरणों का उपयोग किया जाएगा।
शोंगटोंग कड़छम विद्युत परियोजना के संबंध में मंत्रिमंडल उप-समिति की सिफारिशें स्वीकार : –
बैठक में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में 450 मेगावॉट शोंगटोंग कड़छम विद्युत परियोजना के संबंध में मंत्रिमंडल उप-समिति की सिफारिशों को स्वीकृति प्रदान करने का निर्णय लिया गया। इसमें कम्पनी को वित्त वर्ष 2026-27 तक परियोजना को पूरा करना सुनिश्चित करने के निर्देश शामिल हैं।
पार्किंग सुविधाओं के संचालन की समीक्षा के लिए कैबिनेट उपसमिति का गठन :–
शिमला शहर में पीपीपी मॉडल के अन्तर्गत संचालित पार्किंग सुविधाओं के संचालन की समीक्षा के लिए मंत्रिमंडल उप-समिति के गठन को मंजूरी प्रदान की गई। समिति की अध्यक्षता राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी करेंगे। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह और नगर नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी इस समिति के सदस्य होंगे। शिमला के विधायक हरीश जनारथा विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में कार्य करेंगे। यह समिति लिफ्ट पार्किंग, छोटा शिमला पार्किंग, संजौली पार्किंग, न्यू बस स्टैंड पार्किंग और टुटीकंडी पार्किंग की समीक्षा करेगी।
मंत्रिमंडल ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) का प्रशासनिक नियंत्रण अतिरिक्त महानिदेशक (होमगार्ड और नागरिक सुरक्षा) को हस्तांतरित करने का निर्णय लिया है। इसके अतिरिक्त, एसडीआरएफ का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए अधिकतम दो वर्षों की अवधि के लिए होमगार्ड की प्रतिनियुक्ति को भी मंजूरी दी गई।
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गोबिंद सागर झील में क्रूज़ ट्रायल शुरू, अक्तूबर के अंत तक उपलब्ध होगी सुविधा
बिलासपुर-जिला बिलासपुर में इस वर्ष अक्तूबर के अंत तक पर्यटकों को क्रूज की सुविधा उपलब्ध हो जायेगी। इस बारे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जानकारी देते हुए कहा कि गोविंद सागर झील में क्रूज चलाने का ट्रायल आरम्भ कर दिया गया है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बिलासपुर से मनाली या कुल्लू तक हेली टैक्सी सेवा शुरू करने पर भी विचार कर रही है।
वहीं जिला ऊना के अंदरौली में गोविंद सागर झील में जल क्रीड़ा गतिविधियां भी शुरू होने वाली हैं। जिसे शुरू करने के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं और संभवतः इस माह के अंत तक इन्हें जारी कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष के अंत तक जल क्रीड़ा गतिविधियों, पैराग्लाइडिंग और अन्य संबद्ध गतिविधियों सहित साहसिक खेलों को शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इन साहसिक गतिविधियों को औपचारिक रूप से शुरू करने के लिए शीघ्र ही अंदरौली में गोविंद सागर झील कार्निवल का आयोजन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला कांगड़ा के पौंग बांध में भी साहसिक खेल गतिविधियां शुरू करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस दिशा में फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के मतियाल और जसवां- परागपुर विधानसभा क्षेत्र के नंगल चौक क्षेत्र में पौंग बांध में जल क्रीड़ा– गतिविधियां शुरू करने की अनुमति मिल गई है।
पर्यटन विभाग जून, 2025 तक शिकारा, क्रूज फ्लोटिंग रेस्तरां, हाउस बोट तथा अन्य जल आधारित खेल गतिविधियों का संचालन शुरू करने की योजना बना रहा है।
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शिमला में एचआरटीसी ने शुरू की मोबिलिटी कार्ड की सुविधा,जानिए कहां बनेगा कार्ड
शिमला: हिमाचल पथ परिवहन निगम ने अपने तीन काउंटर, बुकिंग काउंटर मॉल रोड शिमला, पुराना बस अड्डा शिमला व अन्तर्राज्य बस अड्डा टूटीकंडी शिमला में नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (NCMC) यात्रियों को जारी करने हेतू सुविधा उपलब्ध करवा दी है।
अब इच्छुक व्यक्ति हिमाचल पथ परिवहन निगम के उपरोक्त बुकिंग काउंटर से अपने नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड जारी करवा सकते हैं।
इस कार्ड का मूल्य 100 रु होगा और इसका उपयोग यात्री हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों में यात्रा पत्र लेने के लिए कर सकेंगे।
इस कार्ड के उपयोग के लिए किसी प्रकार की इंटरनेट सुविधा की आवश्यकता नहीं होगी। शुरुआत में यह कार्ड शिमला लोकल की बसों में उपयोग किया जा सकेगा तथा अगले चरण में यह सुविधा हिमाचल पथ परिवहन निगम के अन्य क्षेत्रों की बस सेवा में भी उपलब्ध करवा दी जाएगी।
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