राष्ट्रीय
केंद्र सरकार ने नये कृषि कानून वापिस लेने का लिया निर्णय, पंजाब और उत्तर प्रदेश चुनावों से पहले की घोषणा
नई दिल्ली- केंद्र सरकार ने तीनों नये कृषि कानून वापिस लेने का निर्णय ले लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यह बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों को कृषि कानूनों के बारे में समझाने का हरसंभव प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माने। इसलिए सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है।
आज मैं आपको, पूरे देश को, ये बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है।
इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि कानूनों को Repeal करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) November 19, 2021
मोदी ने कहा कि इसकी प्रक्रिया भी इसी संसद सत्र में पूरी कर दी जाएगी। प्रधानमंत्री ने देशवासियों से माफी भी मांगी है।
यह माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने गुरु नानक देव जी की जयंती पर किसानों को खुश करने के लिए कृषि कानूनों को वापिस लेने का निर्णय लिया है क्योंकि अगले साल पंजाब में चुनाव होने वाले हैं। कहीं न कहीं कृषि कानूनों को वापिस लेने का निर्णय उपचुनावों में मिली हार को भी माना जा रहा है।
Great news! Thankful to PM @narendramodi ji for acceding to the demands of every punjabi & repealing the 3 black laws on the pious occasion of #GuruNanakJayanti. I am sure the central govt will continue to work in tandem for the development of Kisani! #NoFarmers_NoFood @AmitShah
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) November 19, 2021
मोदी ने कहा, “आज मैं आपको, पूरे देश को यह बताने आया हूं कि हमने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है। इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में हम तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे।” प्रधानमंत्री ने आंदोलनरत किसानों से अपने-अपने घर लौटने का भी आग्रह किया है।
यह जीत देश के किसानों की जीत है, लोकतंत्र की जीत है।
किसानों की जीत ने स्पष्ट कर दिया है- भारत में कभी तानाशाही हावी नहीं हो सकती, आखिर तानाशाह को झुकना पड़ा।#जीता_किसान_हारा_अभिमान pic.twitter.com/A9psOtBGq8
— Congress (@INCIndia) November 19, 2021
राष्ट्रीय
संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन किया स्थगित, 11 दिसम्बर को करेंगे घर वापसी
शिमला-भारत सरकार ने, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव के माध्यम से, संयुक्त किसान मोर्चा को एक औपचारिक पत्र भेजा है जिसमें विरोध कर रहे किसानों की कई लंबित मांगों पर सहमति व्यक्त की गई है। इसके जवाब में संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली सीमाओं पर राष्ट्रीय राजमार्गों और अन्य स्थानों पर चल रहे विभिन्न मोर्चों को हटाने की औपचारिक घोषणा की है। वर्तमान आंदोलन को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।
किसान मोर्चा ने कहा है कि लड़ाई जीत ली गई है और किसानों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए, विशेष रूप से सभी किसानों के लिए एमएसपी के कानूनी अधिकार को सुरक्षित करने के लिए सँघर्ष जारी रहेगा। संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन के लगभग 715 शहीदों को इस संघर्ष की शानदार और ऐतिहासिक जीत समर्पित की है।
किसान मोर्चा ने कहा है कि सीडीएस बिपिन रावत और उनके सहकर्मियों के निधन पर पूरा देश शोक मना रहा है, इसलिए एसकेएम ने भी किसानों की जीत के संबंध में आज सभी समारोहों को स्थगित किया है। जश्न की रैलियां अब परसों ( 11 दिसंबर ) को निकाली जाएंगी,उस दिन किसान विजय रैलियां निकाल कर मोर्चा स्थलों को एक साथ छोड़ देंगे।
किसान मोर्चा ने कहा है कि भारत सरकार विरोध कर रहे किसानों से की गई अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा कर रही है और भविष्य की कार्रवाई का खाका तैयार करने के लिए, यह सुनिश्चित करने के लिए एसकेएम की अगली बैठक 15 जनवरी को दिल्ली में आयोजित की जाएगी।
संयुक्त किसान मोर्चा ने लंबे आंदोलन के दौरान धैर्य और समर्थन के लिए मोर्चा स्थलों के स्थानीय निवासियों का धन्यवाद किया है और उन्हें हुई असुविधाओं के लिए माफी भी मांगी है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने इस आंदोलन में किसानों के साथ संघर्ष करने वाले श्रम संगठनों, महिला संगठनों और युवा/छात्र संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं ,वकीलों जिन्होंने कानूनी सहायता और एकजुटता बढ़ाई, डॉक्टरों जिन्होंने चिकित्सा शिविर स्थापित किए और अपनी अथक सेवाएं दीं, विभिन्न धार्मिक निकायों जिन्होंने लंगर स्थापित किया और प्रदर्शनकारियों को बिना शर्त और निर्बाध रूप से खिलाया, मानवाधिकार संगठनों सहित विभिन्न प्रगतिशील संगठनों जो समर्थन में खड़े थे, कई कलाकार जो लगातार आंदोलन के साथ थे, कई संगठन जिन्होंने एसकेएम के आह्वान का लगातार और निरन्तर जवाब दिया, राजमार्ग ढाबा मालिकों और किसान आंदोलन को अपनी संगठनात्मक बैठकें चलाने के लिए जगह देने वाले लोगों, एनआरआई और अंतर्राष्ट्रीय किसान संगठनों और अन्य लोगों जिन्होंने अपने अपने स्थानों पर एकजुटता की कार्रवाई की, सैकड़ों स्वयंसेवकों जिन्होंने अपनी सेवा देकर भाग लिया, और अन्य शुभचिंतकों का धन्यवाद किया है।
राष्ट्रीय
हेलीकॉप्टर क्रैश में सीडीएस (CDS) जनरल बिपिन रावत की मौत
नई दिल्ली-तमिलनाडु के कोयंबटूर और सुलूर के बीच आज दोपहर में दुर्घटनाग्रस्त हुए सेना के हेलीकॉप्टर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी का निधन हो गया। भारतीय वायु सेना ने ट्विटर पर जनरल बिपिन रावत व उनके पत्नी की मौत की पुष्टि की है।
With deep regret, it has now been ascertained that Gen Bipin Rawat, Mrs Madhulika Rawat and 11 other persons on board have died in the unfortunate accident.
— Indian Air Force (@IAF_MCC) December 8, 2021
बिपिन रावत ने आज दिल्ली से सुलूर के लिए उड़ान भरी थी। जनरल रावत भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ थे, यह पद 2019 में बनाया गया था। बिपिन रावत की मौत से देश में शोक की लहर दौड़ गई है।
शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल में पढ़े थे बिपिन रावत
बिपिन रावत का हिमाचल प्रदेश के शिमला से भी नाता रहा है। 13 मई 2019 को वे शिमला आए थे। बिपिन रावत ने शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल का दौरा कर स्कूल में बिताए लम्हों को याद किया था। सीडीएस जनरल बिपिन रावत शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल में 1972-73 में एक साल से अधिक समय तक पढ़े थे। यहां से उन्होंने मैट्रिक की पढ़ाई की थी। बता दें कि यह स्कूल अंग्रेजों के समय का है और कई नामी हस्तियों ने यहां से पढ़ाई की है।
पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ”मैं तमिलनाडु में हेलीकॉप्टर दुर्घटना से बहुत दुखी हूँ जिसमें हमने जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और सशस्त्र बलों के अन्य कर्मियों को खो दिया है। उन्होंने पूरी लगन से भारत की सेवा की। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं।”
I am deeply anguished by the helicopter crash in Tamil Nadu in which we have lost Gen Bipin Rawat, his wife and other personnel of the Armed Forces. They served India with utmost diligence. My thoughts are with the bereaved families.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 8, 2021
राष्ट्रीय
सेना का चॉपर तमिलनाडु के नीलगिरि जिले में क्रैश, CDS जनरल बिपिन रावत भी थे सवार
नई दिल्ली-सेना का एक हेलीकॉप्टर तमिलनाडु के नीलगिरि जिले में दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। इस हेलीकॉप्टर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS), जनरल बिपिन रावत, उनका स्टाफ और परिवार के सदस्य सहित 14 लोग सवार थे। इसमें पांच क्रू मेंबर शामिल हैं। दुर्घटनास्थल से अब तक पांच शव मिले हैं जबकि गंभीर रूप से झुलसे दो लोगों को अस्पताल ले जाया गया है तथा सात अन्य लोगों की तलाश की जा रही है।
#WATCH | Latest visuals from the spot (between Coimbatore and Sulur) where a military chopper crashed in Tamil Nadu. CDS Gen Bipin Rawat, his staff and some family members were in the chopper.
(Video Source: Locals involved in search and rescue operation) pic.twitter.com/YkBVlzsk1J
— ANI (@ANI) December 8, 2021
भारतीय वायुसेना ने ट्विटर पर इस बात की पुष्टि की है कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ इसमें थे। उन्होंने आज सुबह दिल्ली से सुलुर के लिए फ्लाइट ली थी। ट्वीट में कहा गयाा है, ‘वायुसेना के Mi-17V5 हेलीकॉप्टर,जिसमें सीडीएस जनरल बिपिन रावत सवार थे आज कूनूर (तमिलनाडु ) के निकट दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जांच का आदेश दिया गया है।
An IAF Mi-17V5 helicopter, with CDS Gen Bipin Rawat on board, met with an accident today near Coonoor, Tamil Nadu.
An Inquiry has been ordered to ascertain the cause of the accident.— Indian Air Force (@IAF_MCC) December 8, 2021
हादसे में चार लोगों की जान गई है जबकि दो बचने में सफल रहे हैं। घटना को लेकर विस्तृत जानकारी का इंतजार है। Mi सीरीज के हेलीकॉप्टर ने सुलुर आर्मी बेस से उड़ान भरी थी, इसके कुछ ही देर बाद यह नीलिगिरी में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
यह वेलिंगटन डिफेंस एस्टेब्लिशमेंट की ओर बढ़ रहा था। स्थानीय टीवी चैनल पर दुर्घटनास्थल की तस्वीरों में गहरे धुएं और आग के साथ हेलीकॉप्टर का मलबा भी दिखाई दे रहा है।
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