काँगड़ा
पालमपुर को बनाया जाए अलग जिला: विधायक आशीष बुटेल
शिमला- विधायक प्रथमिकता की बैठक में पालमपुर के कांग्रेस विधायक आशीष बुटेल ने पालमपुर को अलग जिला बनाने और पालमपुर को मुख्यालय बनाने की मांग बैठक में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के समक्ष रखी।
विधायक आशीष बुटेल ने कहा कि पिछली विधायक प्रथमिकता की बैठक में भी पालमपुर को अलग जिला बनाने की मांग रखी गई थी और इस बार भी बैठक में इस मामले को फिर से उठाया गया है।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा पालमपुर में खण्ड विकास अधिकारी का कार्यालय खोला जा सकता है। यह मांग चार सालों से की जा रही है पालमपुर के लोग तीन अलग-अलग बीडीओ के दफ्तर में जाते है।
बुटेल ने कहा कि पालमपुर शहर के योजनाबद्ध विकास के लिए समुचित विकास योजना तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि पालमपुर में एक युद्ध स्मारक और एक पैरा ग्लाइडिंग प्रशिक्षण स्कूल भी स्थापित किया जाए।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश आर्म्ड पुलिस हेडक्वाटर पालमपुर में बनना चाहिए। इसके लिए पालमपुर के भरमात में आठ एकड़ जमीन पुलिस विभाग के नाम है।
विधायक बुटेल ने यह भी कहा कि इसके अलावा नगर निगम में काफी पद सरकार ने स्वीकृति किये है लेकिन अभी पदों पर किसी को तैनाती नही दी गई है जिसकी बजह से विकास कार्यों पर पैसा उसे खर्च नही कर पा रहे हैं और विकास कार्य रुके हुए हैं ।
उन्होंने कहा कि पालमपुर अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध करवाए जाएं। उन्होंने मुख्यमंत्री से पालमपुर विधानसभा क्षेत्र के स्वास्थ्य संस्थानों को पर्याप्त एम्बुलेंस उपलब्ध करवाने का भी आग्रह किया।
काँगड़ा
टांडा अस्पताल को मिली सिटी स्कैन की सुविधा,जल्द ही मिलेगी डिजिटल एक्सरे और मैमोग्राफी की भी सुविधा:जयराम
शिमला- मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जिला कांगड़ा स्थित डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय टांडा (आरपीजीएमसी) में लगभग 5 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित सीटी स्कैन मशीन का लोकार्पण किया।
उन्होंने कहा कि यह 128 स्लाइस सीटी स्कैन मशीन राज्य के मरीजों को नवीनतम निदान सुविधा प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय टांडा राज्य के प्रमुख चिकित्सा महाविद्यालयों में से एक है और प्रदेश के लगभग छः जिलों की स्वास्थ्य आवश्यकताओं की पूर्ति करता है।
उन्होंने कहा कि चिकित्सा महाविद्यालय को शीघ्र ही डिजिटल एक्सरे और डिजिटल मैमोग्राफी मशीन उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय में मल्टी स्टोरी पार्किंग का निर्माण भी किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस ऑफ मेंटल हेल्थ, सराय भवन, ट्रामा सेन्टर, नर्सिंग भवन, छात्राओं के लिए छात्रावास, एमसीएच भवन और फैकल्टी ब्लॉक के कार्य में तेजी लाकर इन्हे शीघ्र ही पूर्ण किया जाएगा।
उन्होंने पैदल पुल और स्थानीय मार्ग के लिए 20-20 लाख रुपये की घोषणा की।
काँगड़ा
धर्मशाला में 283.19 करोड़ रुपये लागत की 17 परियोजनाओं का मुख्यमंत्री ने किया लोकार्पण और शिलान्यास
शिमला- आज बुधवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कांगड़ा जिला के धर्मशाला में 283.19 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 17 विकासात्मक परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास किए। इसमें 207 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित धर्मशाला स्काईवे भी शामिल है।
इस लोकार्पण सूचि में मुख्यमंत्री ने 6.30 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित धौलाधार कनवेशन केंद्र, उपायुक्त कार्यालय धर्मशाला में 2.88 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित पार्किंग, 8.40 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित धौलाधार गार्डन,6.50 करोड़ रुपये की लागत से अंघर महादेव मन्दिर परिसर में विकासात्मक कार्य का लोकार्पण किया।
वहीं उन्होंने 97 लाख रुपये की लागत से विकसित बहुद्देशीय पार्क धर्मशाला, 10.50 करोड़ रुपये से चामुण्डा मन्दिर के जीर्णोधार कार्य, 4.63 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित आर्ट एंड क्राफ्ट सेन्टर रझियाणा, 3.60 करोड़ रुपये से बृजेश्वरी मंदिर परिसर में सुधार कार्य, 4.35 करोड़ रुपये से माता बाघ कांगड़ा में विकास कार्य और एडीबी के अन्तर्गत 14.34 करोड़ रुपये की लागत से ज्वालामुखी में निर्मित पार्किंग का भी लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री ने 3.58 करोड़ रुपये से निर्मित विलेज हार्ट कांगड़ा, दो करोड़ रुपये की लागत से निर्मित आरएफएसएल के टाईप-4 क्वाटर, धागवार में दो करोड़ रुपये की लागत से निर्मित मिल्कफेड के बिस्कुट प्लांट और 1.58 करोड़ रुपये से आरएफएसएल के डीएनए और साइबर कॉम्पलैक्स खंड का भी लोकार्पण किया।
जयराम ठाकुर ने 1.06 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले आरएफएसएल के एडवांस इंस्टूमेंट लैब और 3.50 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाली हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड धर्मशाला की क्षेत्रीय प्रयोगशाला का शिलान्यास किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार नई राहें नई मंजिलें योजना के अन्तर्गत पर्यटन की दृष्टि से शिमला जिले के चाशंल को स्कीइंग और शीतकालीन खेल गंतव्य स्थल, मंडी जिला के जंजैहली को इको-टूरिज्म स्थल,वहीं तो कांगड़ा जिले के बीड़ बिलिंग को साहसिक खेल स्थल और पौंग डैम को जलक्रीड़ा स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है।
धर्मशाला के विधायक विशाल नेहरिया ने कहा कि धर्मशाला शहर में 7000 स्मार्ट स्ट्रीट लाइटें भी लगाई जाएंगी।
काँगड़ा
कांगड़ा जिला में शाम 7:00 बजे तक ही खुलेंगी दुकानें, रविवार को बाजार रहेगा बंद
शिमला- हिमाचल में कोरोना के केस तेजी से बढ़ने लगे हैं। हिमाचल में हर दिन नए मामलों की दर में वृद्धि दर्ज हो रही है। दूसरी ओर देश में कोरोना के नए वरियनेट ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। प्रदेश सरकार ने कोविड-19 की स्थिति और कोरोना संख्या में हो रही वृद्धि के चलते कुछ प्रतिबंध लगाएं है जिसके तहत पुरे हिमाचल में रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक रात्रि कर्फ्यू लगया गया है।
कार्यालयों में भी हफ्ते में अब 5 दिन ही काम होगा और इनडोर क्षमता 50 प्रतिशित होगी। सरकार ने प्रदेश के सभी शैक्षणिक संस्थान इस महीने की 26 तारीख तक बंद कर दिया है।
ज़िला काँगड़ा के डीसी डा.निपुण जिंदल ने कोविड से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कांगड़ा जिला में सभी बाजारों को सात बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक बंद रखने के आदेश दिए हैं।
डीसी काँगड़ा ने कहा कि इत्यादि रात दस बजे तक खुले रहेंगे,जबकि दवाइयों की दुकानें 24 घंटे खुली रह सकती हैं। इसके अतिरिक्त कांगड़ा जिला में रविवार को सभी बाजार बंद रहेंगे ।
डीसी काँगड़ा द्वारा ज़िले में सभी शैक्षणिक संस्थानों, स्कूल, कालेज, विश्वविद्यालय, इंजीनियरिंग, बहुतकनीकी संस्थानों, आईटीआई, कोचिंग संस्थानों, आवासीय विद्यालयों को 26 जनवरी तक बंद रखने के आदेश दिए गए हैं इसमें कोविड प्रोटोकॉल की अनुपालना के साथ नर्सिंग तथा मेडिकल कालेज खुले रहेंगे।
उन्होंने बताया कि सभी सरकारी कार्यालयों, पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग, स्थानीय निकाय व स्वायत्त संस्थाओं में फाइव डे वीक की व्यवस्था भी लागू की गई है इसके अतिरिक्त कार्यालयों में पचास फीसदी कर्मचारी ही क्रमवार आएंगे जब कि आवश्यक सेवाओं से संबंधित विभागों में यह बंदिशें लागू नहीं होंगी।
उन्होंने कहा कि लंगर, धाम, और सामूहिक किचन पर पूरी तरह से रोक रहेगी। खेल शैक्षणिक मनोरंजन तथा सांस्कृतिक व राजनीतिक गतिविधियों के लिए इंडोर में पचास फीसदी क्षमता के साथ अधिकतम सौ लोगों की मौजूदगी तथा आउटडोर में क्षमता के पचास फीसदी या अधिकतम तीन सौ लोगों के इकट्ठा होने की अनुमति रहेगी।
डा.निपुण ने बताया कि इन आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करवाने के लिए पुलिस अधीक्षक कांगड़ा, सभी उपमंडलाधिकारियों, कार्यकारी दंडाधिकारी, विकास खंड अधिकारी, खंड चिकित्सा अधिकारियों को प्राधिकृत किया गया है, यदि कोई इन आदेशों की अवहेलना करता है तो उसके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के तहत कार्रवाई सुनिश्चित करने आदेश भी दिए गए हैं।
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