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तेंदुए द्वारा मारे गए बच्चे के परिवार को 10 लाख रुपए मुआवजा दें सरकार, जंगल के साथ लगते क्षेत्रों में की जाए बाड़बंदी और स्ट्रीट लाइटों का उचित प्रबंध: संजय चौहान
शिमला-भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने शिमला शहर के डाउनडेल क्षेत्र में एक छः वर्ष के बच्चे को दिवाली की रात को तेंदुए के द्वारा घर के बाहर से उठाने व उसकी हत्या की दुखद घटना को लेकर सरकार व वन विभाग की लचर कार्यप्रणाली की कड़ी निंदा की है। पार्टी ने सरकार से मारे गए बच्चे के प्रभावित परिवार को तुरन्त 10 लाख रुपए मुआवजे के रूप में देने की मांग की है व वन विभाग इस नरभक्षी तेंदुए को तलाश कर इसको मारने के लिए ठोस कदम उठाए।
आज पुनः सीपीएम की एक टीम जिसमें जिला सचिव संजय चौहान, राज्य कमेटी सदस्य विजेंद्र मेहरा, फलमा चौहान, जगत राम, लोकल कमेटी शिमला के सचिव बाबू राम, किशोरी डडवालिया, अनिल, प्रकाश शामिल थे ने डाउन डेल में जाकर बच्चे के परिजनों व क्षेत्र के अन्य लोगों की से भी मुलाकात की। इस दौरान परिजनों व क्षेत्रवासियों ने बताया कि अभी भी इस क्षेत्र में तेंदुए को देखा गया है परन्तु सरकार व वन विभाग ने अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं की है और इस घटना के बाद से ही क्षेत्रवासियों में दहशत का माहौल है।
संजय चौहान ने कहा कि इस क्षेत्र में पहले भी बाघ के देखे जाने की घटना की सूचना वन विभाग को दी गई थी परन्तु फिर भी वन विभाग ने इस पर तेंदुए को पकड़ने या मारने के लिए कोई भी कार्यवाही नहीं की। यदि वन विभाग समय रहते कार्यवाही करता तो शायद इस मासूम बच्चे की जान को बचाया जा सकता था। आज इस दुखद घटना के पश्चात भी केवल वन विभाग के अधिकारी या कर्मचारी महज़ औपचारिकता पूरी करने के लिए यहाँ आते हैं और चले जाते हैं और कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं।
चौहान ने कहा कि इस घटना से 3 माह पूर्व इसी के साथ लगते कनलोग क्षेत्र से भी एक बच्ची को बाघ उठाकर ले गया था और उसे मारने की दुखद घटना सामने आई थी। परन्तु वन विभाग व सरकार ने इस घटना को संजीदगी से नहीं लिया और अब इस बच्चे को डाउन डेल में तेंदुए ने शिकार बनाया है। यदि सरकार व वन विभाग समय रहते कदम उठाता तो शायद इस बच्चे की जान को बचाया जा सकता था।
चौहान ने यह भी कहा कि सरकार व वन विभाग की लचर व्यवस्था इससे स्पष्ट हो जाती है कि आज डाउन डेल में बच्चे के तेंदुए के हमले में मारे जाने को लगभग एक सप्ताह बीत गया है परन्तु सरकार व वन विभाग अभी तक कोई भी ठोस कदम नहीं उठा पाया है। न तो इस तेंदुए को नरभक्षी घोषित किया गया है और न ही इसको ढूंढने और पकड़ने के लिए कोई कार्यवाही की गई है।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से शिमला शहर व इसके साथ लगते कई क्षेत्रों में बाघों को आमतौर पर घूमते हुए देखा गया है जिससे शहरवासियों में दहशत का माहौल बना हुआ है। डाउनडेल में बच्चे को उठाने की इस घटना ने जनता के जहन में और अधिक खौफ पैदा कर दिया है। इस परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए सरकार व वन विभाग को बाघों व अन्य वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए वैज्ञानिक तौर तरीके अपनाकर उनके व जनता के बीच कैसे समन्वय बैठाया जाए, इसके लिए योजनबद्ध तरीके से कार्ययोजना बनानी होगी, ताकि जनता में इनका खौफ भी न रहे और इनका संरक्षण भी हो सके।
पार्टी ने मांग की है कि वन विभाग व नगर निगम शहर के जंगल के साथ लगते क्षेत्रों में बाड़बंदी करे ताकि तेंदुए व अन्य वन्य प्राणी रिहाइशी इलाकों में न आ सके तथा इन क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइटों का उचित प्रबंध किया जाए। इसके साथ ही वनों व वनों के साथ लगते रिहाइशी इलाकों में सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था की जाए ताकि भविष्य में जंगली जानवरों से हमलों पर रोक लगाई जा सके और शहरवासियों के जीवन सुरक्षित हो पाए।
शिमला नागरिक सभा ने किया प्रदर्शन
शिमला नागरिक सभा ने गत दिनों शिमला के डाउनडेल इलाके से तेंदुए द्वारा पांच वर्षीय बच्चे की जान लेने के घटनाक्रम के खिलाफ मुख्य अरण्यपाल वन विभाग हिमाचल प्रदेश के शिमला स्थित कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। सभा का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्य अरण्यपाल व डीएफओ वाइल्डलाइफ से मिला व उन्हें ज्ञापन सौंपा। बैठक लगभग एक घण्टा चली। वन विभाग के सभी आला अधिकारी बैठक में मौजूद रहे।
नागरिक सभा ने मांग की है कि तेंदुए को आदमखोर घोषित किया जाए। शहर के जंगल से सटे इलाकों में फेंसिंग,कैमरों व स्ट्रीट लाइटों की उचित व्यवस्था की जाए। डाउनडेल व कनलोग हादसों के पीड़ित परिवारों को कम से कम दस-दस लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाए।
शिमला नागरिक सभा अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व सचिव कपिल शर्मा ने शिमला शहर के बीचों-बीच इस तरह के हादसों पर हैरानी व्यक्त की है व इसे पूर्णतः प्रदेश सरकार,नगर निगम शिमला व वन विभाग की नाकामयाबी करार दिया है। उन्होंने कहा कि डाउन डेल शहर के बीचों-बीच है। जब इस तरह की घटना यहां पर हो सकती है तो फिर शिमला शहर के इर्दगिर्द के इलाकों में नागरिकों की जानमाल की सुरक्षा की तो कल्पना भी नहीं की जा सकती है। इससे साफ है कि शिमला नगर निगम व इसके इर्द-गिर्द के इलाके में कोई भी नागरिक सुरक्षित नहीं है।
उन्होंने कहा कि सबसे हैरानी की बात यह है कि डाउन डेल,नाभा,फागली व कनलोग जैसे शहर के रिहायशी इलाकों में तेंदुए बेखौफ घूम रहे हैं और वन विभाग संवेदनहीन वक्तव्य जारी करने व लीपापोती के सिवाए कुछ भी नहीं कर रहा है। अगर कनलोग में अगस्त के महीने में बच्ची को तेंदुए द्वारा उठाने की घटना को वन विभाग ने गम्भीरता से लिया होता, तो डाउनडेल की यह घटना नहीं होती। नगर निगम भी नागरिकों की सुरक्षा के प्रति गम्भीर नहीं है। शहर के रिहायशी इलाकों में या तो स्ट्रीट लाइटें कई महीनों से खराब पड़ी हैं या फिर हैं ही नहीं। इन दोनों की लापरवाही का खामियाजा निर्दोष जनता को भुगतना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा है कि उक्त घटनाक्रम पर प्रदेश सरकार,नगर निगम शिमला व वन विभाग की भूमिका संवेदनहीन रही है। शिमला शहर में पिछले तीन महीनों में तेंदुआ दो बच्चों की जान ले चुका है परन्तु वन विभाग तेंदुए को आदमखोर घोषित करने में आनाकानी कर रहा है। उक्त घटनाक्रम में शिमला शहर जोकि प्रदेश की राजधानी भी है,में डॉग स्क्वाड टीम भी तीसरे दिन भूमिका में आई। इसी से पता चलता है कि शिमला शहर जैसी जगह में भी सुरक्षा व छानबीन के न्यूनतम प्रबंध नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि कनलोग व डाउनडेल में तेंदुए के हमलों का शिकार हुए दोनों बच्चों के हादसों में एक समानता यह है कि ये घटनाक्रम गरीब बस्तियों में हुए जहां पर स्ट्रीट लाइटों व अन्य सुविधाओं का अभाव है, जिसके कारण तेंदुए को ये हमले करने का मौका मिला। इसलिए प्रदेश सरकार व नगर निगम भी ऐसे हादसों से अपना पल्ला नहीं झाड़ सकता है।
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मंत्रिमंडल के निर्णय: वन मित्रों की भर्ती को मंजूरी, 10 अंकों के व्यक्तिगत साक्षात्कार की शर्त समाप्त
शिमला – मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता मंत्रिमंडल की कैबिनेट बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में वन मित्रों की रूकी हुई भर्ती को मंजूरी प्रदान की गई, इंदौरा में फायर स्टेशन को मंजूरी, लाहौल स्पीति के शिंकुला में पुलिस पोस्ट की मंजूरी इसके अलावा अन्य मामलों पर स्वीकृति प्रदान की गई।
बैठक में वन विभाग में 2,061 वन मित्रों की नियुक्ति को स्वीकृति प्रदान की गई, जिसमें 10 अंकों के व्यक्तिगत साक्षात्कार की शर्त को समाप्त कर दिया गया है। बैठक में वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) 2023 में हाल ही में किए गए संशोधन के अनुरूप ईको टूरिज्म नीति-2017 में संशोधन करने का भी निर्णय लिया गया है।
हमीरपुर में 150 नर्सिंग कर्मियों के भरें जाएंगे पद : –
बैठक में डॉ. राधाकृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, हमीरपुर में 150 नर्सिंग कर्मियों के पद सृजित कर भरने का भी निर्णय लिया गया। इसके अतिरिक्त चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर में जनरल मेडिसिन, पीडियाट्रिक्स, जनरल सर्जरी, ऑर्थोपैडिक्स, एनेस्थीसिया और रेडियोलॉजी विभागों में एसोसिएट प्रोफेसर के छह पद और असिस्टेंट प्रोफेसर के 10 पद सृजित कर भरने का निर्णय भी लिया गया।
इन विभागों में भी भरें जाएंगे पद :-
हमीरपुर जिला के नादौन में एक नया उप-मंडल पुलिस अधिकारी कार्यालय खोलने के साथ-साथ विभिन्न श्रेणियों में पांच पदों को सृजित कर भरने को स्वीकृति प्रदान की गई।
कांगड़ा जिला के इंदौरा में एक नई अग्निशमन चौकी की स्थापना को मंजूरी दी गई। इसके सुचारू संचालन के लिए विभिन्न श्रेणियों के 13 पद सृजित कर भरने को भी मंजूरी प्रदान गई।
लाहौल-स्पीति जिला के केलांग पुलिस स्टेशन के अंतर्गत शिंकुला में एक नई पुलिस चौकी की स्थापना के साथ-साथ विभिन्न श्रेणियों में छह पदों को सृजित कर भरने को भी मंजूरी दी।
राज्य के छह हरित गलियारों के साथ ई.वी चार्जिंग स्टेशन नेटवर्क का विस्तार :-
मंत्रिमंडल ने राज्य के छह ग्रीन कॉरिडोर के साथ ईवी चार्जिंग स्टेशन नेटवर्क को निजी हितधारकों को शामिल करने को स्वीकृति प्रदान की। वर्तमान में, ग्रीन ग्रीन कॉरिडोर पर 77 ईवी चार्जिंग स्टेशन पहले से ही कार्यशील हैं। मंत्रिमंडल ने वाहन फिटनेस आकलन के लिए स्वचलित परीक्षण स्टेशन की स्थापना को भी मंजूरी दी, जिसमें उन्नत स्वचलित उपकरणों का उपयोग किया जाएगा।
शोंगटोंग कड़छम विद्युत परियोजना के संबंध में मंत्रिमंडल उप-समिति की सिफारिशें स्वीकार : –
बैठक में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में 450 मेगावॉट शोंगटोंग कड़छम विद्युत परियोजना के संबंध में मंत्रिमंडल उप-समिति की सिफारिशों को स्वीकृति प्रदान करने का निर्णय लिया गया। इसमें कम्पनी को वित्त वर्ष 2026-27 तक परियोजना को पूरा करना सुनिश्चित करने के निर्देश शामिल हैं।
पार्किंग सुविधाओं के संचालन की समीक्षा के लिए कैबिनेट उपसमिति का गठन :–
शिमला शहर में पीपीपी मॉडल के अन्तर्गत संचालित पार्किंग सुविधाओं के संचालन की समीक्षा के लिए मंत्रिमंडल उप-समिति के गठन को मंजूरी प्रदान की गई। समिति की अध्यक्षता राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी करेंगे। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह और नगर नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी इस समिति के सदस्य होंगे। शिमला के विधायक हरीश जनारथा विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में कार्य करेंगे। यह समिति लिफ्ट पार्किंग, छोटा शिमला पार्किंग, संजौली पार्किंग, न्यू बस स्टैंड पार्किंग और टुटीकंडी पार्किंग की समीक्षा करेगी।
मंत्रिमंडल ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) का प्रशासनिक नियंत्रण अतिरिक्त महानिदेशक (होमगार्ड और नागरिक सुरक्षा) को हस्तांतरित करने का निर्णय लिया है। इसके अतिरिक्त, एसडीआरएफ का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए अधिकतम दो वर्षों की अवधि के लिए होमगार्ड की प्रतिनियुक्ति को भी मंजूरी दी गई।
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गोबिंद सागर झील में क्रूज़ ट्रायल शुरू, अक्तूबर के अंत तक उपलब्ध होगी सुविधा
बिलासपुर-जिला बिलासपुर में इस वर्ष अक्तूबर के अंत तक पर्यटकों को क्रूज की सुविधा उपलब्ध हो जायेगी। इस बारे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जानकारी देते हुए कहा कि गोविंद सागर झील में क्रूज चलाने का ट्रायल आरम्भ कर दिया गया है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बिलासपुर से मनाली या कुल्लू तक हेली टैक्सी सेवा शुरू करने पर भी विचार कर रही है।
वहीं जिला ऊना के अंदरौली में गोविंद सागर झील में जल क्रीड़ा गतिविधियां भी शुरू होने वाली हैं। जिसे शुरू करने के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं और संभवतः इस माह के अंत तक इन्हें जारी कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष के अंत तक जल क्रीड़ा गतिविधियों, पैराग्लाइडिंग और अन्य संबद्ध गतिविधियों सहित साहसिक खेलों को शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इन साहसिक गतिविधियों को औपचारिक रूप से शुरू करने के लिए शीघ्र ही अंदरौली में गोविंद सागर झील कार्निवल का आयोजन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला कांगड़ा के पौंग बांध में भी साहसिक खेल गतिविधियां शुरू करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस दिशा में फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के मतियाल और जसवां- परागपुर विधानसभा क्षेत्र के नंगल चौक क्षेत्र में पौंग बांध में जल क्रीड़ा– गतिविधियां शुरू करने की अनुमति मिल गई है।
पर्यटन विभाग जून, 2025 तक शिकारा, क्रूज फ्लोटिंग रेस्तरां, हाउस बोट तथा अन्य जल आधारित खेल गतिविधियों का संचालन शुरू करने की योजना बना रहा है।
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शिमला में एचआरटीसी ने शुरू की मोबिलिटी कार्ड की सुविधा,जानिए कहां बनेगा कार्ड
शिमला: हिमाचल पथ परिवहन निगम ने अपने तीन काउंटर, बुकिंग काउंटर मॉल रोड शिमला, पुराना बस अड्डा शिमला व अन्तर्राज्य बस अड्डा टूटीकंडी शिमला में नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (NCMC) यात्रियों को जारी करने हेतू सुविधा उपलब्ध करवा दी है।
अब इच्छुक व्यक्ति हिमाचल पथ परिवहन निगम के उपरोक्त बुकिंग काउंटर से अपने नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड जारी करवा सकते हैं।
इस कार्ड का मूल्य 100 रु होगा और इसका उपयोग यात्री हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों में यात्रा पत्र लेने के लिए कर सकेंगे।
इस कार्ड के उपयोग के लिए किसी प्रकार की इंटरनेट सुविधा की आवश्यकता नहीं होगी। शुरुआत में यह कार्ड शिमला लोकल की बसों में उपयोग किया जा सकेगा तथा अगले चरण में यह सुविधा हिमाचल पथ परिवहन निगम के अन्य क्षेत्रों की बस सेवा में भी उपलब्ध करवा दी जाएगी।
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