Featured
विडियो: शिमला के रोहड़ू में भयंकर आग में 56 से अधिक घर जलकर राख, सैंकड़ों निवासी एक ही रात में हुए बेघर
शिमला- शिमला के रोहड़ू में एक भीषण अग्निकांड होने का मामला सामने आया है। जहां चिड़गांव तहसील की दूरदराज तांगणू जांगलिख पंचायत के बनवाड़ी (तांगणू) गांव में भयंकर आग लगने से 56 से अधिक घर जल गए। आग इतनी भयंकर थी कि देखते ही देखते घर धू-धू कर जलने लगे। शनिवार रात करीब 10:30 बजे लगी आग से 50 से अधिक परिवार बेघर हो गए हैं और भयंकर ठंड के बीच ये परिवार ठंड में ठिठुरने को विवश रहे। जानकारी के मुताबिक आग लगने की इस घटना से करोड़ों रुपए के नुकसान का अनुमान है। वहीं आग से मवेशी जलने की बात सामने आ रही है। आग गांव के एक घर से शॉट सर्किट होने से लगी।
विडियो
लोगों ने जान की परवाह किए बिना आग को बुझाने में लगा दी ताकत
आग लगने की सूचना मिलते ही एसडीएम रोह़ड़ू अनुपम ठाकुर खुद रात को एक बजे दल बल के साथ घटना स्थल पर पहुंच गए थे और खुद राहत कार्यों का जायजा लिया। आग लगने के बाद रोहड़ू से दोनों फायर टेंडर भी पहुंच गए थे और इससे आग पर काबू पाने की कोशिश की गई। इसके साथ-साथ स्थानीय लोगों ने अपनी जान की परवाह किए बिना आग को बुझाने में पूरी ताकत लगा दी। वहीं प्रशासन राशन का प्रबंध कर रहा है। प्रभावित लोगों को बिस्तर पहुंचाए जा रहे हैं और जिन परिवारों को कहीं शरण नहीं मिली है, उन्हें स्थानीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में रखा जा रहा है और खाने का भी वहीं बंदोबस्त किया जा रहा है। शिमला के उपयुक्त रोहन चाँद ठाकुर ने हिमाचल वॉचर को बताया कि आग में करीब १०० से ज्यादा पशु भी जल गए !
बर्फ के बीच हड्डियां कंपा देने वाली ठंड में अग्नि पीड़ितों ने काटी पहली रात
वहीँ आग लगने के अगले दिन गांव वालो को और मुसिबतों का सामना करना पड़ा। भले ही प्रशासन की तरफ से तांगणू अग्नि पीड़ितों के लिए हरसंभव सहायता की जा रही है लेकिन स्कूल में शरण लिए अग्नि पीड़ितों की पहली रात अपने घरों की याद में कटी तथा रातभर नींद नहीं लाई। ऊपर से बरस रहे बर्फ के फाहे तथा कड़कती ठंड के बीच अग्नि पीड़ितों ने एक-दूसरे के सहारे रात काटी तथा रातभर अपनी किस्मत को कोसते रहे। कभी गर्म बिस्तर व पुश्तैनी घरों में रहने वाले तांगणू के ये अग्नि पीड़ित परिवार आज बर्फ के बीच हाड कंपा देने वाली ठंड में टैंटों व स्कूलों में शरण लेकर रहने को मजबूर हैं। महिलाएं व पुरुष सहित बच्चे भी रात भर भीषण अग्निकांड के मंजर से सो नहीं पाए तथा उनकी आंखों में आग का तांडव ही सामने दिख रहा था। पीड़ित अपने-अपने आशियाने की याद में बाहर जाने को तैयार नहीं हैं जहां कल एक गांव हुआ करता था, अब वहां राख का ढेर दिख बिलख-बिलख कर रो रहे हैं।
जेसीबी से बर्फ हटाकर पीड़ितों तक पहुंचाई जा रही राहत सामग्री
तांगणू गांव में अग्निकांड से बेघर हुए लोगों की सहायता के लिए प्रशासन द्वारा हरसंभव सहायता की जा रही है तथा प्रशासन द्वारा जेसीबी से बर्फबारी हटाकर राहत सामग्री को अग्नि पीड़ितों तक पहुंचाया जा रहा है। उपायुक्त ने बताया कि पीड़ित परिवार वालों को कपडे,खाना, एलपीजी सिलेंडर रहने के लिए आश्रय,का प्रबंध किया गया है। उपमंडल अधिकारी रोहड़ू अनुपम ठाकुर ने बताया कि सोमवार को तांगणू में लगभग पौना फुट बर्फ गिर गई थी लेकिन फिर भी प्रशासन की तरफ से अग्नि पीड़ितों का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि तहसीलदार व पटवारी सहित प्रशासनिक अधिकारी एवं कर्मचारी अग्नि पीड़ितों की सहायता में लगे हैं तथा उन्हें किसी भी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी।
एसडीएम ने कहा कि कल 48 लोगों को राहत सामग्री बांटी गई थी लेकिन कई लोग ऐसे भी छूट गए थे जिनके मकान आग की भेंट चढ़ गए तथा वे स्वयं बगीचों में रह रहे थे। उन्होंने बताया कि अब कुल 55 लोगों को राहत प्रदान की जा चुकी है। बर्फ की ठंड में अपना सब कुछ गंवा चुके तांगणू गांव के अग्नि पीड़ित आज भी राख के ढेर में हुए अपने घरों को देख बुजुर्ग व महिलाएं फूट-फूट कर रो रहे हैं। अधिक ठंड के कारण पीड़ितों को गैस हीटर मुहैया करवाने की मांग की जा रही है जिसे प्रशासन ने भी संज्ञान में लिया है। दूसरी ओर स्थानीय विधायक मोहन लाल ब्राक्टा ने भी अग्नि पीड़ितों की सहायता में कोई कमी नहीं आने की बात कही है।
वित्तीय सहायता व टीडी प्रदान करेगी सरकार मुख्यमंत्री
राज्य सरकार शिमला जिला की रोहड़ू तहसील के गांव बानवाड़ी (तांगणू) के सभी प्रभावित परिवारों के उपयुक्त पुनर्वास के लिए हरसंभव सहायता प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने यह बात कही। बता दें कि शनिवार रात को हुए इस भीषण अग्निकांड में अनेक परिवारों के घर एवं अन्य सामान जलकर राख हो गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह निजी तौर पर राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं और शीघ्र ही अग्निकांड प्रभावित परिवारों से मिलेंगे। उन्होंने कहा कि उनके स्थायी पुनर्वास तक उन्हें किसी प्रकार की कठिनाई न आए, इसकी वह लगातार जिला प्रशासन से फीडबैक प्राप्त कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने प्रभावित परिवारों को चिकित्सा सुविधा तथा बिजली व पानी की आपूर्ति सुचारू बनाए रखने के संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावित परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर इंदिरा आवास योजना तथा राजीव आवास योजना के अंतर्गत मकान बनाने के लिए वित्तीय सहायता तथा वन विभाग द्वारा टी.डी. प्रदान की जाएगी। वीरभद्र सिंह ने स्थानीय लोगों द्वारा पीड़ितों की सहायता करने पर उनकी सराहना की है।
उपायुक्त ने लोगो से यह अपील की है कि लोग पीड़ित लोगो को सहायताके लिएआगे आये, जितना हो सके उनकी हर संभव मदद करें, रोज मर्रा की चीजें पीड़ित परिवार वालो को उपलब्ध करवाने में मदद करें। उपायुक्त ने यह भी कहा कि हो सके हो पीड़ित परिवार वालो को घर बसाने के लिए लोग आर्थिक तौर से मदद करे।
Featured
हिमाचल की तीन ग्राम पंचायतों में 435 एकड़ भूमि पर लगे 76,000 से अधिक सेब के पौधे
शिमला- डॉ यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के विस्तार शिक्षा निदेशालय में पहाड़ी कृषि एवं ग्रामीण विकास एजेंसी(हार्प), शिमला द्वारा एक अनुभव-साझाकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस कार्यशाला में जिला किन्नौर के निचार विकास खंड के रूपी, छोटा कम्बा और नाथपा ग्राम पंचायतों के 34 किसानों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर जीएम नाबार्ड डॉ. सुधांशु मिश्रा मुख्य अतिथि रहे जबकि नौणी विवि के अनुसंधान निदेशक डॉ रविंदर शर्मा ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की।
संस्था के अध्यक्ष डॉ. आर एस रतन ने कहा कि यह कार्यक्रम एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना के तहत रूपी, छोटा कम्बा और नाथपा ग्राम पंचायतों में वर्ष 2014 से आयोजित किया जा रहा है। परियोजना को नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित किया गया है और इसे हार्प द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
उन्होंने यह बताया कि यह एक बागवानी आधारित आजीविका कार्यक्रम है जिसे किसानों की भागीदारी से लागू किया गया है। इन तीन ग्राम पंचायतों में 435 एकड़ भूमि पर 76,000 से अधिक सेब के पौधे लगाए गए हैं और 607 परिवार लाभान्वित हुए हैं।
डॉ. सुधांशु मिश्रा ने यह भी कहा कि नाबार्ड हमेशा सामाजिक-आर्थिक उत्थान कार्यक्रमों के संचालन में आगे रहा है। उन्होंने इस कार्यशाला में भाग लेने वाले किसानों से अपने सहयोग से विभिन्न कार्यक्रमों को सफल बनाने का आग्रह किया।
अनुसंधान निदेशक डॉ. रविंदर शर्मा और विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. दिवेंद्र गुप्ता ने नाबार्ड और हार्प के प्रयासों की सराहना की और किसानों को आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय किसानों को तकनीकी रूप से समर्थन देने के लिए हमेशा तैयार है।
डॉ. नरेद्र कुमार ठाकुर ने कहा कि हार्प ने कृषक समुदाय के समन्वय से दुर्गम क्षेत्रों में कठिन परिस्थितियों में काम किया है। इस अवसर पर एक किसान-वैज्ञानिक परिचर्चा का भी आयोजन किया गया जिसमें भाग लेने वाले किसानों के तकनीकी प्रश्नों को संबोधित किया गया।
Featured
हिमाचल सरकार पुलिसकर्मियों का कर रही है शोषण
पुलिसकर्मियों की डयूटी बेहद सख्त है,कई-कई बार तो चौबीसों घण्टे वर्दी व जूता उनके शरीर में बंधा रहता है।थानों में खाने की व्यवस्था तीन के बजाए दो टाइम ही है,राजधानी शिमला के कुछ थानों के पास अपनी खुद की गाड़ी तक नहीं है,हैड कॉन्स्टेबल से एएसआई बनने के लिए सत्रह से बीस वर्ष भी लग जाते हैं।
शिमला सीटू राज्य कमेटी ने प्रदेश सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाया है। कमेटी ने यह कहा है कि वह हिमाचल प्रदेश के पुलिसकर्मियों की मांगों का पूर्ण समर्थन करती है। आरोप लगाते हुए सीटू ने कहा है कि प्रदेश सरकार पुलिसकर्मियों का शोषण कर रही है।
राज्य कमेटी ने प्रदेश सरकार से यह मांग की है कि वर्ष 2013 के बाद नियुक्त पुलिसकर्मियों को पहले की भांति 5910 रुपये के बजाए 10300 रुपये संशोधित वेतन लागू किया जाए व उनकी अन्य सभी मांगों को बिना किसी विलंब के पूरा किया जाए।
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने प्रदेश सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जेसीसी बैठक में भी कर्मचारियों की प्रमुख मांगों को अनदेखा किया गया है। उन्होंने कहा कि जेसीसी बैठक में पुलिसकर्मियों की मांगों को पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया है।
सीटू कमेटी ने कहा कि सबसे मुश्किल डयूटी करने वाले व चौबीस घण्टे डयूटी में कार्यरत पुलिसकर्मियों को इस बैठक से मायूसी ही हाथ लगी है। इसी से आक्रोशित होकर पुलिसकर्मी मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे। उनके द्वारा पिछले कुछ दिनों से मैस के खाने के बॉयकॉट से उनकी पीड़ा का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों के साथ ही सभी सरकारी कर्मचारी नवउदारवादी नीतियों की मार से अछूते नहीं है। कमेटी ने कहा कि पुलिसकर्मियों की डयूटी बेहद सख्त है। कई-कई बार तो चौबीसों घण्टे वर्दी व जूता उनके शरीर में बंधा रहता है।
कमेटी ने यह भी कहा है कि थानों में स्टेशनरी के लिए बेहद कम पैसा है व आईओ को केस की पूरी फ़ाइल का सैंकड़ों रुपये का खर्चा अपनी ही जेब से करना पड़ता है। थानों में खाने की व्यवस्था तीन के बजाए दो टाइम ही है। मैस मनी केवल दो सौ दस रुपये महीना है जबकि मैस में पूरा महीना खाना खाने का खर्चा दो हज़ार रुपये से ज़्यादा आता है। यह प्रति डाइट केवल साढ़े तीन रुपये बनता है, जोकि पुलिस जवानों के साथ घोर मज़ाक है। यह स्थिति मिड डे मील के लिए आबंटित राशि से भी कम है।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के जमाने के बने बहुत सारे थानों की स्थिति खंडहर की तरह प्रतीत होती है जहां पर कार्यालयों को टाइलें लगाकर तो चमका दिया गया है परन्तु कस्टडी कक्षों,बाथरूमों,बैरकों,स्टोरों,मेस की स्थिति बहुत बुरी है। इन वजहों से भी पुलिस जवान भारी मानसिक तनाव में रहते हैं।
सीटू ने कहा कि पुलिस में स्टाफ कि बहुत कमी है या यूं कह लें कि बेहद कम है व कुल अनुमानित नियुक्तियों की तुलना में आधे जवान ही भर्ती किये गए हैं जबकि प्रदेश की जनसंख्या पहले की तुलना में काफी बढ़ चुकी है यहाँ तक पुलिस के पास रिलीवर भी नहीं है।
आरोप लगाते हुए कमेटी ने कहा कि प्रदेश की राजधानी शिमला के कुछ थानों के पास अपनी खुद की गाड़ी तक नहीं है। वहीं पुलिस कर्मी निरन्तर ओवरटाइम डयूटी करते हैं। इसकी एवज में उन्हें केवल एक महीना ज़्यादा वेतन दिया जाता है। इस से प्रत्येक पुलिसकर्मी को वर्तमान वेतन की तुलना में दस से बारह हज़ार रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है। उन्हें लगभग नब्बे साप्ताहिक अवकाश,सेकंड सैटरडे,राष्ट्रीय व त्योहार व अन्य छुट्टियों के मुकाबले में केवल पन्द्रह स्पेशल लीव दी जाती है।
सीटू कमेटी ने यह भी कहा कि वर्ष 2007 में हिमाचल प्रदेश में बने पुलिस एक्ट के पन्द्रह साल बीतने पर भी नियम नहीं बन पाए हैं। इस एक्ट के अनुसार पुलिसकर्मियों को सुविधा तो दी नहीं जाती है परन्तु कर्मियों को दंडित करने के लिए इसके प्रावधान बगैर नियमों के भी लागू किये जा रहे हैं जिसमें एक दिन डयूटी से अनुपस्थित रहने पर तीन दिन का वेतन काटना भी शामिल है। पुलिसकर्मियों की प्रोमोशन में भी कई विसंगतियां हैं व इसका टाइम पीरियड भी बहुत लंबा है। हैड कॉन्स्टेबल से एएसआई बनने के लिए सत्रह से बीस वर्ष भी लग जाते हैं।
Featured
किन्नौर में लापता पर्यटकों में से 2 और के शव बरामद, 2 की तालाश जारी,आभी तक कुल 7 शव बरामद
शिमला रिकोंगपिओ में 14 अक्तुबर को उत्तरकाशी के हर्षिल से छितकुल की ट्रैकिंग पर निकले 11 पर्यटकों में से लापता चार पर्वतारोहीयों में से दो पर्वतारोहियों के शवो को आई.टी.बी.पी व पुलिस दल द्वारा पिछले कल सांगला लाया गया था जहां सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सांगला में दोनों शवों का पोस्टमार्टम किया गया।
यह जानकारी देते हुए उपायुक्त किन्नौर अपूर्व देवगन ने बताया कि इन दोनों की पहचान कर ली गई है जिनमे मे एक उतरकाशी व दूसरा पश्चिम बंगाल से सम्बंधित था।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन किन्नौर द्वारा आज एक शव वाहन द्वारा उतरकाशी को भेज दिया गया है जहाँ शव को जिला प्रशासन उतरकाशी को सौंपा जाएगा। जब कि दूसरा शव वाहन द्वारा शिमला भेजा गया है जिसे शिमला में मृतक के परिजनों को सौंपा जायेगा।
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि अभी भी लापता दो पर्यटकों की तलाश आई.टी.बी.पी के जवानों द्वारा जारी है। उल्लेखनीय है कि गत दिनों उतरकाशी से छितकुल के लिये 11 पर्वतारोही ट्रेकिंग पर निकले थे जो बर्फबारी के कारण लमखंगा दर्रे में फंस गये थे जिसकी सूचना मिलने पर जिला प्रशासन द्वारा सेना के हेलीकॉप्टर व आई.टी.बी.पी के जवानों की सहायता से राहत व बचाव कार्य आरम्भ किया था। सेना व आई.टी.बी.पी के जवानों ने 21 अक्टूबर को दो पर्यटकों को सुरक्षित ढूंढ निकाला था। इसी दौरान उन्हें अलग अलग स्थानों पर पाँच ट्रेकरों के शव ढूंढ निकलने में सफलता मिली थी। जबकि 4 पर्यटक लापता थे जिसमे से राहत व बचाव दल को 22 अक्तुबर को 2 शव ढूढ़ निकालने में सफलता मिली थी। अभी भी दो पर्यटक लापता हैं जिनकी राहत व बचाव दल द्वारा तलाश जारी है।
-
अन्य खबरे4 weeks ago
गोबिंद सागर झील में क्रूज़ ट्रायल शुरू, अक्तूबर के अंत तक उपलब्ध होगी सुविधा
-
अन्य खबरे1 month ago
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल के निर्णय : पोस्ट कोड 903 और 939 के परिणाम होंगे घोषित।
-
अन्य खबरे17 hours ago
मंत्रिमंडल के निर्णय: वन मित्रों की भर्ती को मंजूरी, 10 अंकों के व्यक्तिगत साक्षात्कार की शर्त समाप्त
-
एच डब्ल्यू कम्युनिटी2 days ago
घोटाला: रोहड़ू में प्रधान निलंबित, फर्जी बिल, समान की खरीददारी में गड़बड़ी व कई अन्य वित्तीय घोटालों की हुई थी पुष्टि
-
अन्य खबरे4 weeks ago
शिमला में एचआरटीसी ने शुरू की मोबिलिटी कार्ड की सुविधा,जानिए कहां बनेगा कार्ड