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अब सरल फार्म भरकर आसानी से प्राकृतिक खेती से जुड़ सकेंगे हिमाचल के किसान
शिमला -हिमाचल सरकार ने विधायक प्राथमिकता बैठक के दौरान राज्य में प्राकृतिक खेती में किसानों के पंजीकरण के लिए सरल फार्म लांच किया है। सरकार के अनुसार किसान ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से यह फार्म भर सकेंगे।
प्रदेश सरकार द्वारा जारी की गई जानकारी के अनुसार इच्छुक किसान अब इस फार्म को भरकर प्राकृतिक खेती से जुड़ सकते हैं। पंजीकरण फार्म में किसानों की भूमि, उगाई जाने वाली फसलों, पशुओं की नस्ल और प्राकृतिक खेती के प्रशिक्षण से संबंधित कुछ अन्य विवरण होंगे। यह फार्म प्रदेश की सभी पंचायतों में किसानों को वितरित किए जाएंगे। सरकार का कहना है कि इससे राज्य में वर्ष 2025-26 में प्राकृतिक खेती को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।
आत्मा( ATMA) स्टाफ पंजीकृत फार्म का सत्यापन करेगा
कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि आत्मा ( ATMA) स्टाफ किसानों द्वारा भरे गए फार्म का सत्यापन करेगा। उन्होंने कहा कि फार्म को PK3Y पोर्टल के सीटारा-एनएफ (प्राकृतिक खेती के कृषि संसाधन विशलेषण का प्रमाणित मूल्याकंन उपकरण) से जोड़ा जाएगा।
‘हिम भोग’ ब्रांड नाम से उपलब्ध है मक्की का आटा
जारी की गई जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार ने हाल ही में 1508 किसानों से 398.976 मीट्रिक टन प्राकृतिक रूप से उगाई गई मक्की 30 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदी है। प्रदेश, देश में मक्की पर सबसे अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान कर रहा है।
प्रदेश सरकार ने कहा कि आगामी सीजन में प्राकृतिक रूप से उत्पादित गेहूं की खरीद के लिए भी इसी तरह की प्रक्रिया अपनाई जाएगी, जिसका न्यूनतम समर्थन मूल्य 40 रुपये प्रति किलोग्राम निर्धारित किया गया है। लोगों को प्राकृतिक रूप से उत्पादित मक्की के आटे के एक किलोग्राम और पांच किलोग्राम के पैकेट ‘हिम भोग’ ब्रांड नाम से उपलब्ध करवाया जा रहा है।
प्रदेश सरकार ने कहा 1054 उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से 1 फरवरी, 2025 तक 38.225 मीट्रिक टन मक्की के आटे की बिक्री की गई है और हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम लिमिटेड की थोक इकाइयों के माध्यम से 73.52 मीट्रिक टन आटा बेचा गया है।
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बेटे ने दवा बताकर मां को लगा दी चिट्टे की लत, नशे के लिए बेच दिए गहने, बर्तन और पेड़
मंडी: हिमाचल प्रदेश में चिट्टे का जाल इस हद तक फैल चुका है कि कईं परिवार इसकी चपेट में आकर तबाह हो चुके है। चिट्टे की लत के कारण युवाओं के मां बाप से लड़ने झगड़ने ,चोरी-चकारी और तस्करी करने की खबरें आम हो चुकी हैं। पर अब एक चौंकानें वाला मामला सामने आया है जहां बेटे ने अपनी लत के चलते मां को ही चिट्टे की लत लगा दी।
सलापड़ क्षेत्र में एक ऐसा ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहां एक युवक ने घुटनों के दर्द की दवाई बताकर अपनी मां को चिट्टा देना शुरु किया। जब महिला को दर्द से राहत मिली तो उसने फिर से दवा की मांग की। इसी तरह बेटे ने अपनी मां को चिट्टे का आदि बना दिया। इसके बाद मां-बेटे ने नशे के लिए बार-बार रिश्तेदारों से उधार लेना शुरू कर दिया। हालात इतने बिगड़ गए है कि परिवार ने नशे के लिए गहने, बर्तन, यहां तक की पेड़ तक बेच दिए।
रिश्तेदारों ने भी एक वक्त के बाद उधार देने से मना कर दिया। रिश्तेदारों को मां-बेटे के व्यवहार पर शक होने लगा। रिश्तेदारों ने परिवार की शादीशुदा दो बेटियों को मां-बेटे के बारे में अवगत करवाया। अब परिवार की दोनों बेटियां अपनी मां और भाई को नशे की लत से बाहर निकालने की कोशिश में जुटी है।
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बिजली बोर्ड में पद समाप्ति के खिलाफ कर्मचारियों की राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी
शिमला: बिजली बोर्ड में चल रही पदों को समाप्त करने की प्रक्रिया पर बिजली बोर्ड कर्मचारी व अभियंता जॉइंट फ्रंट ऑफ़ ने पुरजोर विरोध जताया है। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि सरकार इस प्रक्रिया में आगे बढ़ती है तो कर्मचारी, अभियंता व पेंशनर्ज राज्यव्यापी आंदोलन की ओर बढ़ने के लिए मजबूर होंगे।
जॉइंट फ्रंट के संयोजक ई लोकेश ठाकुर और सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने कहा कि बिजली बोर्ड़ में चल रहे इन घटनाक्रर्मो पर सयुंक मंच ने 11 फरवरी,2025 को हमीरपुर में विशाल जिला बिजली पंचायत बुलाई है। जिसके बाद अन्य जिला में भी कर्मचारी, अभियंता, पेंशनर व उपभोक्ता ऐसी जिला पंचायत का आयोजन कर इन नीतियों का विरोध करेंगे।
उन्होंने कहा बिजली बोर्ड पिछले दो दशकों से कर्मचारियों के अभाव से जूझ रहा है और बिजली बोर्ड के कर्मचारियों की संख्या मात्र 13,800 रह गई है जबकि नब्बे के दशक में बोर्ड में 43,000 कर्मचारी हुआ करते थे।
उन्होंने कहा कि आज बोर्ड लाइन, सबस्टेशन व अन्य ढांचे में कई गुना वृद्धि हुई है वहीं उपभोक्ताओं की संख्या 6 लाख से 30 लाख हो गई है। लेकिन हैरानी की बात है बिजली बोर्ड प्रबंधन व प्रदेश सरकार बिजली बोर्ड में भर्तियां करवाने की बजाय कर्मचारियों की संख्या नीचे लाने में युद्धस्तर पर कार्य कर रहे है।
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कार्बन बाजार से अतिरिक्त राजस्व जुटाएगा हिमाचल: मुख्यमंत्री
शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार नें बुधवार को जानकारी देते हुए कहा कि अतिरिक्त मुख्य सचिव, वन की अध्यक्षता में कार्बन क्रेडिट समिति का गठन किया है। सरकार के अनुसार यह दस सदस्यीय समिति राज्य के लिए क्षेत्र-विशिष्ट अध्ययन विकसित करने के लिए मौजूदा अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू कार्बन बाजार का अध्ययन करेगी।
सरकार के अनुसार यह समिति परियोजना डेवलपर्स, सलाहकारों, खरीदारों, व्यापारियों आदि को शामिल करने के लिए प्रक्रियाएं विकसित करने में मदद करेगी। इसके अलावा, यह भारतीय कार्बन बाजार और अन्य अंतरराष्ट्रीय कार्बन मानकों के प्रशासकों के साथ नियमित बातचीत की व्यवस्था भी करेगी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इससे अतिरिक्त राजस्व जुटाने में भी सहायता मिलेगी
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