शिक्षा
हि.प्र. शिक्षा बोर्ड दृष्टिबाधित अभ्यार्थियों के अधिकारों की उड़ा रहा धज्जियां, न्यायालय में दायर होगी याचिका: श्रीवास्तव
शिमला-हिमाचल प्रदेश विकलांगता सलाहकार बोर्ड के विशेषज्ञ सदस्य और उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव ने कहा है कि प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी स्पष्ट दिशा निर्देशों की धज्जियां उड़ा कर दृष्टिबाधित एवं हाथ से लिखने में असमर्थ अभ्यार्थियों के साथ परीक्षाओं में अन्याय कर रहा है।
उन्होंने कहा कि बोर्ड द्वारा संचालित 12वीं कक्षा तक की परीक्षाओं के अलावा शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) में भी दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के लिए राइटर संबंधी बिल्कुल अवैध नियम लागू किए गए हैं। अब इस मामले पर भी वह हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे, क्योंकि शिक्षा बोर्ड अपने रवैये में बदलाव के लिए तैयार नहीं है।
श्रीवास्तव ने बताया कि दिल्ली हाईकोर्ट ने आदित्य नारायण तिवारी बनाम भारत सरकार मामले में 04 दिसंबर 2018 को फैसला दिया था कि दृष्टिबाधित एवं हाथ से लिखने में असमर्थ अभ्यार्थियों के लिए परीक्षा लेने वाली एजेंसी जब तक राइटर का पैनल नहीं बना लेती है, तब तक केंद्र सरकार 26 फरवरी 2013 को जारी दिशानिर्देशों के अनुरूप ही परीक्षा ली जाएगी।
उन्होंने बताया कि दिल्ली हाईकोर्ट का कहना था कि यदि परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी स्वयं राइटर उपलब्ध कराती है तो वह परीक्षार्थी के समान शैक्षणिक योग्यता वाला होना चाहिए। यदि विकलांग विद्यार्थी को अपना राइटर लाना पड़ता है तो 2013 के दिशा निर्देशों के अनुरूप शैक्षणिक योग्यता की शर्त नहीं लगाई जाएगी।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने 01 जनवरी 2019 को सभी विभागों एवं राज्य सरकारों को नए दिशानिर्देश जारी करके दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश का सख्ती से पालन करने के लिए कहा था। इसके बावजूद हिमाचल प्रदेश सरकार ने 16 दिसंबर 2020 को केंद्र सरकार के आदेशों की परवाह किए बिना अवैध दिशा निर्देश जारी करके एक क्लास जूनियर कक्षा वाले राइटर की शर्त लगा दी।
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श्रीवास्तव ने बताया कि जब उन्होंने इसका लिखित विरोध किया तो 12 अप्रैल 2021 को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने नई अधिसूचना जारी करके दिल्ली हाईकोर्ट के आदेशों को लागू करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने इसका पालन सुनिश्चित किया। लेकिन राज्य सरकार के शिक्षा विभाग और राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड अभी तक अवैध ढंग से एक क्लास जूनियर राइटर लाने के लिए विकलांग विद्यार्थियों को मजबूर कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग और राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड की संवेदनहीनता और आपराधिक लापरवाही की सजा दृष्टिबाधित एवं हाथ से लिखने में असमर्थ अभ्यार्थियों को दी जा रही है। इस मामले पर वे हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करेंगे।
शिक्षा
टर्म-2 परीक्षा की कंपार्टमेंट-इंप्रूवमेंट परीक्षा के लिए अब 25 तक करें आवेदन
शिमला- हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से मार्च-अप्रैल 2022 में संचालित की जाने वाली नियमित परीक्षार्थियों की टर्म-2 परीक्षा के लिए कंपार्टमेंट, एडिशनल विषय, अंग्रेजी केवल, इंप्रूवमेंट ऑफ परफोरमेंस के पात्र परीक्षार्थियों के लिए प्रवेश पत्र ऑनलाइन भरने की तिथि अब 25 फरवरी तक बढ़ा दी गई है।
बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सुरेश कुमार सोनी ने बताया कि अब छात्र 25 फरवरी तक प्रवेश पत्र भर सकते है और विलंब शुल्क 100 रुपये के साथ 28 फरवरी तक तिथि को बढ़ा दिया गया है।
डॉ. सोनी ने बताया कि मैट्रिक और जमा दो श्रेणी के पात्र परीक्षार्थी अपने प्रवेश पत्र संबंधित विद्यालय के माध्यम से विलंब शुल्क 100 रुपये के साथ 28 फरवरी तक केवल ऑनलाइन प्रेषित करवा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि मार्च 2022 में संचालित की जाने वाली नौवीं और 11वीं कक्षाओं की द्वितीय अवधि परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन कक्षा बार प्रश्नपत्र मांग, शुल्क प्राप्ति के लिए ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन विद्यालयों के लिए अंतिम तिथि को 28 फरवरी की गई है।
शिक्षा
प्रदेश के स्कूलों में शुरू की जाए योग और मनोविज्ञान की कक्षाएं: एबीवीपी
शिमला- प्रदेश के स्कूलों में योग और मनोविज्ञान की कक्षाएं शुरू करने की मांग लंबे समय से होती आ रही है,लेकिन अभी तक प्रदेश के स्कूलों में यह कक्षाएं शुरू नहीं हो पा रही है। अब एक बार फिर से एबीवीपी ने सरकार से प्रदेश के स्कूलों ने योग और मनोविज्ञान विषय की कक्षाएं शुरू करने की मांग की है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इकाई के अध्यक्ष आकाश नेगी ने कहा कि प्रदेश सरकार को राज्य के प्रत्येक विद्यालय में योग और मनोविज्ञान विषय की कक्षाएं शुरू करनी चाहिए।
आकाश नेगी ने कहा कि आजकल के तनाव भरे जीवन को सरल बनाने में योग बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आज पूरा विश्व योग को अपना रहा है और कोरोना सहित अन्य बीमारियों के इलाज में योग पद्धति को लोग काफी पसंद कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि युवा भी अपने आप को फिट रखने के लिए योग की शरण ले रहे हैं। योग व्यक्ति को शारीरिक एवं मानसिक रूप से मजबूती प्रदान कर रहा है।
विद्यार्थी परिषद ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को जीवन में शारीरिक स्वास्थ्य के साथ साथ अपने मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए। बाल्यकाल एक ऐसी अवस्था होती है जब मानसिक-भावनात्मक और बौद्धिक विकास की प्रक्रिया गति पकडती है।
मन किसी एक बात पर ठहर नहीं पाता और दिमाग सवालों से भर उठता है। इस उम्र में किशोर अपनी रचनात्मकता के शीर्ष पर होते हैं, लेकिन अगर चूक हो जाए तो विध्वंसक होने में भी देर नहीं लगती। ऐसे में उनके जीवन कि दशा और दिशा बदलने में योग और मनोविज्ञान से मदद मिलेगी।
इकाई अध्यक्ष ने कहा कि अगर प्रदेश सरकार इन विषयों को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करती है तो इस कदम से नए रोजगार भी सृजित होंगे। प्रत्येक वर्ष बहुत से छात्र विश्वविद्यालय से योग और मनोविज्ञान विभाग से उत्तीर्ण होकर निकलते हैं। उन छात्रों को प्रदेश के स्कूलों में नियुक्ति प्रदान कर के स्कूलों में योग और मनोविज्ञान की कक्षाओं को सुचारु रूप से चलाया सकता हैं।
उन्होंने कहा कि इन सभी बातों को मध्यनज़र रखते हुए प्रदेश सरकार को योग और मनोविज्ञान की कक्षाएं प्रत्येक विद्यालय में अगले शैक्षणिक सत्र से शुरू करनी चाहिए और विद्यार्थी परिषद आशा करती है कि प्रदेश सरकार जल्द से जल्द उनकी इस मांग को पूरा करेगी।
शिक्षा
तकनीकी शिक्षा बोर्ड धर्मशाला की परीक्षाओं और प्रैक्टिकल का शेड्यूल जारी, 23 फरवरी से शुरू होंगीं परीक्षाएं
शिमला- हिमाचल प्रदेश तकनीकी शिक्षा बोर्ड धर्मशाला के पाठ्यक्रम एन-2017 के तीसरे और पांचवे सेमेस्टर की प्रैक्टिकल परीक्षाएं 7 फरवरी से शुरू होंगी। इसी पाठ्यक्रम की थ्योरी की परीक्षाएं 14 फरवरी से करवाई जाएंगी और प्रथम सेमेस्टर की प्रैक्टिकल परीक्षाएं 14 फरवरी और थ्योरी की परीक्षाएं 23 फरवरी से शुरू होंगीं।
तकनीकी शिक्षा बोर्ड के सचिव आरके शर्मा ने जानकारी दी कि कोविड-19 के कारण बोर्ड ने जनवरी में परीक्षाएं स्थगित कर दी थीं। अब सरकार के निर्देशों के बाद बोर्ड ने इन्हें करवाने का निर्णय लिया है।
उन्होंने बताया कि पाठ्यक्रम एन-2017 के तहत प्रथम सेमेस्टर की प्रैक्टिकल परीक्षाएं 14 फरवरी तथा थ्योरी की परीक्षाएं 23 फरवरी से शुरू होंगी।
उन्होंने बताया कि दूसरे,चौथे और छठे सेमेस्टर (री-अपीयर),प्रथम व दूसरे वर्ष डी फार्मेसी (री-अपीयर) तथा पाठ्यक्रम एन-2012 के पहले से छठे सेमेस्टर (स्पेशल चांस) के विद्यार्थियों की थ्योरी की परीक्षाएं भी 14 फरवरी से शुरू होंगी।
उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में सभी सरकारी और निजी बहुतकनीकी संस्थानों के प्राचार्यों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। बोर्ड की वेबसाइट पर भी सूचना उपलब्ध है।
शर्मा ने बताया कि कोविड-19 के कारण बोर्ड ने जनवरी में परीक्षाएं स्थगित कर दी थीं। अब सरकार के निर्देशों के बाद बोर्ड ने इन्हें करवाने का निर्णय लिया है।
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