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HMPV से न घबराएँ, यह एक सामान्य वायरस: स्वास्थ्य मंत्री

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hmpv cases in himachal pradesh

शिमला- एचपीएमवी एक सामान्य वायरस है और इससे घबराने की आवश्यकता नही है। यह कोई नया वायरस नहीं है और 2001 से भारत सहित विभिन्न देशों में प्रचलन में है। हर वर्ष वयस्क और बच्चे इस वायरस से प्रभावित होते हैं और ठीक हो जाते हैं। इस वर्ष भी भारत में नियमित निगरानी के दौरान एचपीएमी के कुछ मामले दर्ज किए गए हैं लेकिन हिमाचल में अब तक इससे जुड़ा एक भी मामला सामने नहीं आया है।

यह जानकारी स्वस्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने मंगलवार को स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचपीएमवी) के संबंध में आयोजित बैठक के दौरान दी।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि एचपीएमवी ‘वायरस ऑफ कन्सर्न’ नहीं है और इसे एक सामान्य वायरस की तरह ही देखा जाना चाहिए जिससे आसानी से बचाव किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय सहित प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग एचपीएमवी पर लगातार नजर बनाए हुए है। देश भर में अब तक इन्फलुएंजा जैसी बीमारी और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी के मामले सामान्य स्तर पर हैं। हिमाचल में भी ऐसे मामलों में किसी प्रकार की असमान्य वृद्धि दर्ज नहीं हुई है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस वायरस के आम लक्षण खांसी, बुखार और नाक बंद होना है। यह संक्रमण खांसने, छींकने, छूने या हाथ मिलाने से फैलता है।

उन्होंने प्रदेशवासियों से सावधानी बरतने का अनुरोध करते हुए कहा कि यदि किसी को खांसी या बुखार आदि के लक्षण नजर में आएं तो वह नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर अपनी जांच करवाएं तथा किसी के साथ सम्पर्क से बचे।

उन्होंने कहा कि मास्क लगाएं, समय-समय पर हाथों को साबुन से धोने, खांसते या झींकते समय मुंह और नाक को ढकने तथा बीमार होने की स्थिति में घर पर आराम करने आदि उपायों को अपनाकर इस संक्रमण से बचा जा सकता है।

उन्होंने कहा कि यदि निकट भविष्य में एचपीएमवी के मामलों में उछाल आता है तो भी स्वास्थ्य विभाग ऐसे मामलों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रतिकूल स्थिति से निपटने के लिए प्रदेश में पर्याप्त स्वास्थ्य अधोसंरचना, बिस्तरों की संख्या, ऑक्सीजन, सिलैण्डर की उपलब्धता सहित सभी तरह के पुख्ता इंतजाम है।

उन्होंने प्रदेश सरकार एचपीएमवी के संदर्भ में भारत सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों और प्रोटोकॉल का पालन करते हुए आगामी रणनीति को अपनाएगी।

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वर्ष 2024 में हिमाचल में कम हुई सड़क दुर्घटनाएं : मुख्यमंत्री सुक्खू

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Road accidents himachal pradesh in 2024

शिमला-वर्ष 2023 की तुलना में हिमाचल प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में 6.48 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। वर्ष 2024 में 2107 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जबकि वर्ष 2023 में 2253 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं थी। सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मृत्यु दर में भी कमी दर्ज हुई है। विभिन्न सड़क दुर्घटनाओं में वर्ष 2024 में 806 लोगों की मृत्यु हुई, जबकि वर्ष 2023 में 892 लोगों की मृत्यु हुई थी। वर्ष 2023 में सड़क दुर्घटनाओं में 3449 लोग घायल हुए जबकि वर्ष 2024 में 3290 लोग विभिन्न सड़क दुर्घटनाओं में घायल हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय पृष्ठभूमि के संदर्भ में भी राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई है। वर्ष 2023 में भारत में सड़क दुर्घटनाओं और मृत्यु दर में वृद्धि दर्ज की गई हैं। इस अवधि के दौरान लगभग 1.73 लाख मृत्यु और लगभग 4.63 लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं में घायल हुए।

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से यातायात नियमों का पालन करने, तेज गति से वाहन न चलाने और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सहयोग करने का आग्रह भी किया। उन्होंने कहा कि सड़कों को सुरक्षित बनाने के मिशन में जन भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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मंत्रिमंडल के निर्णय: वन मित्रों की भर्ती को मंजूरी, 10 अंकों के व्यक्तिगत साक्षात्कार की शर्त समाप्त

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hp cabinet decisions 22 october

शिमला – मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता मंत्रिमंडल की कैबिनेट बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में वन मित्रों की रूकी हुई भर्ती को मंजूरी प्रदान की गई, इंदौरा में फायर स्टेशन को मंजूरी, लाहौल स्पीति के शिंकुला में पुलिस पोस्ट की मंजूरी इसके अलावा अन्य मामलों पर स्वीकृति प्रदान की गई।

बैठक में वन विभाग में 2,061 वन मित्रों की नियुक्ति को स्वीकृति प्रदान की गई, जिसमें 10 अंकों के व्यक्तिगत साक्षात्कार की शर्त को समाप्त कर दिया गया है। बैठक में वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) 2023 में हाल ही में किए गए संशोधन के अनुरूप ईको टूरिज्म नीति-2017 में संशोधन करने का भी निर्णय लिया गया है।

हमीरपुर में 150 नर्सिंग कर्मियों के भरें जाएंगे पद : – 

बैठक में डॉ. राधाकृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, हमीरपुर में 150 नर्सिंग कर्मियों के पद सृजित कर भरने का भी निर्णय लिया गया। इसके अतिरिक्त चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर में जनरल मेडिसिन, पीडियाट्रिक्स, जनरल सर्जरी, ऑर्थोपैडिक्स, एनेस्थीसिया और रेडियोलॉजी विभागों में एसोसिएट प्रोफेसर के छह पद और असिस्टेंट प्रोफेसर के 10 पद सृजित कर भरने का निर्णय भी लिया गया।

इन विभागों में भी भरें जाएंगे पद :-

हमीरपुर जिला के नादौन में एक नया उप-मंडल पुलिस अधिकारी कार्यालय खोलने के साथ-साथ विभिन्न श्रेणियों में पांच पदों को सृजित कर भरने को स्वीकृति प्रदान की गई।

कांगड़ा जिला के इंदौरा में एक नई अग्निशमन चौकी की स्थापना को मंजूरी दी गई। इसके सुचारू संचालन के लिए विभिन्न श्रेणियों के 13 पद सृजित कर भरने को भी मंजूरी प्रदान गई।

लाहौल-स्पीति जिला के केलांग पुलिस स्टेशन के अंतर्गत शिंकुला में एक नई पुलिस चौकी की स्थापना के साथ-साथ विभिन्न श्रेणियों में छह पदों को सृजित कर भरने को भी मंजूरी दी।

राज्य के छह हरित गलियारों के साथ ई.वी चार्जिंग स्टेशन नेटवर्क का विस्तार :- 

मंत्रिमंडल ने राज्य के छह ग्रीन कॉरिडोर के साथ ईवी चार्जिंग स्टेशन नेटवर्क को निजी हितधारकों को शामिल करने को स्वीकृति प्रदान की। वर्तमान में, ग्रीन ग्रीन कॉरिडोर पर 77 ईवी चार्जिंग स्टेशन पहले से ही कार्यशील हैं। मंत्रिमंडल ने वाहन फिटनेस आकलन के लिए स्वचलित परीक्षण स्टेशन की स्थापना को भी मंजूरी दी, जिसमें उन्नत स्वचलित उपकरणों का उपयोग किया जाएगा।

शोंगटोंग कड़छम विद्युत परियोजना के संबंध में मंत्रिमंडल उप-समिति की सिफारिशें स्वीकार : –  

बैठक में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में 450 मेगावॉट शोंगटोंग कड़छम विद्युत परियोजना के संबंध में मंत्रिमंडल उप-समिति की सिफारिशों को स्वीकृति प्रदान करने का निर्णय लिया गया। इसमें कम्पनी को वित्त वर्ष 2026-27 तक परियोजना को पूरा करना सुनिश्चित करने के निर्देश शामिल हैं।

पार्किंग सुविधाओं के संचालन की समीक्षा के लिए कैबिनेट उपसमिति का गठन :

शिमला शहर में पीपीपी मॉडल के अन्तर्गत संचालित पार्किंग सुविधाओं के संचालन की समीक्षा के लिए मंत्रिमंडल उप-समिति के गठन को मंजूरी प्रदान की गई। समिति की अध्यक्षता राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी करेंगे। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह और नगर नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी इस समिति के सदस्य होंगे। शिमला के विधायक हरीश जनारथा विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में कार्य करेंगे। यह समिति लिफ्ट पार्किंग, छोटा शिमला पार्किंग, संजौली पार्किंग, न्यू बस स्टैंड पार्किंग और टुटीकंडी पार्किंग की समीक्षा करेगी।

मंत्रिमंडल ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) का प्रशासनिक नियंत्रण अतिरिक्त महानिदेशक (होमगार्ड और नागरिक सुरक्षा) को हस्तांतरित करने का निर्णय लिया है। इसके अतिरिक्त, एसडीआरएफ का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए अधिकतम दो वर्षों की अवधि के लिए होमगार्ड की प्रतिनियुक्ति को भी मंजूरी दी गई।

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गोबिंद सागर झील में क्रूज़ ट्रायल शुरू, अक्तूबर के अंत तक उपलब्ध होगी सुविधा

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बिलासपुर-जिला बिलासपुर में इस वर्ष अक्तूबर के अंत तक पर्यटकों को क्रूज की सुविधा उपलब्ध हो जायेगी। इस बारे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जानकारी देते हुए कहा कि गोविंद सागर झील में क्रूज चलाने का ट्रायल आरम्भ कर दिया गया है।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बिलासपुर से मनाली या कुल्लू तक हेली टैक्सी सेवा शुरू करने पर भी विचार कर रही है।

वहीं जिला ऊना के अंदरौली में गोविंद सागर झील में जल क्रीड़ा गतिविधियां भी शुरू होने वाली हैं। जिसे शुरू करने के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं और संभवतः इस माह के अंत तक इन्हें जारी कर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष के अंत तक जल क्रीड़ा गतिविधियों, पैराग्लाइडिंग और अन्य संबद्ध गतिविधियों सहित साहसिक खेलों को शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इन साहसिक गतिविधियों को औपचारिक रूप से शुरू करने के लिए शीघ्र ही अंदरौली में गोविंद सागर झील कार्निवल का आयोजन किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला कांगड़ा के पौंग बांध में भी साहसिक खेल गतिविधियां शुरू करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस दिशा में फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के मतियाल और जसवां- परागपुर विधानसभा क्षेत्र के नंगल चौक क्षेत्र में पौंग बांध में जल क्रीड़ा– गतिविधियां शुरू करने की अनुमति मिल गई है।

पर्यटन विभाग जून, 2025 तक शिकारा, क्रूज फ्लोटिंग रेस्तरां, हाउस बोट तथा अन्य जल आधारित खेल गतिविधियों का संचालन शुरू करने की योजना बना रहा है।

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