सिरमौर
ट्रांस-गिरी क्षेत्र को जनजातीय दर्जा दिलवाने के लिए केंद्र सरकार के समक्ष प्रभावी ढंग से उठाया जाएगा मामला:जयराम ठाकुर
शिमला- सिरमौर जिला के ट्रांस-गिरी क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र और हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिलवाने की मांग लंबे समय से की जा रही हैं। अब इस मामले को हिमाचल सरकार केंद्र सरकार के समक्ष प्रभावी ढंग से उठाएगी जिससे कि इन क्षेत्रों से जुड़े लोगों की मांग पूरी हो सके और उन्हें लाभ मिल सके। यह बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सिरमौर जिला के ट्रांस-गिरी क्षेत्र के लोगों के एक प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पड़ोसी राज्य उत्तराखंड के साथ लगते जौनसार क्षेत्र को पहले ही जनजातीय क्षेत्र घोषित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि वे सिरमौर जिला के ट्रांस-गिरी क्षेत्र को जनजातीय दर्जा प्रदान करने का मामला एक बार फिर से केंद्रीय गृह मंत्री के समक्ष उठाएंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि इससे न केवल इस क्षेत्र के विकास के लिए अतिरिक्त एवं विशेष बजट का प्रावधान सुनिश्चित होगा, बल्कि क्षेत्र के लोगों की चिरलंबित मांग भी पूरी होगी।
अन्य खबरे
जिंदान हत्या केस: दो दोषियों को उम्र कैद, तीसरे को कठोर कारावास
सिरमौर– हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में अधिवक्ता रहे आरटीआई एक्टिविस्ट एवं दलित नेता केदार सिंह जिंदान की हत्या के दो दोषियों को विशेष न्यायाधीश सिरमौर आरके चौधरी की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है तथा तीसरे दोषी को तीन साल का कठोर कारावास मिला है। जिला न्यायवादी बीएन शांडिल ने मामले की पैरवी करते हुए बताया कि केदार सिंह जिंदान की मौत के दोषी जयप्रकाश को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 और एससी एसटी एक्ट के तहत आजीवन कारावास एवं एक लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है और यदि जुर्माना अदा नहीं किया गया तो एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। धारा 201 के तहत पांच वर्ष का कारावास और 25000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
हत्या के दूसरे दोषी गोपाल सिंह को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 और एससी एसटी एक्ट के तहत आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है तथा धारा 201 के तहत पांच वर्ष की जेल और 25000 रुपये जुर्माना अदा करना होगा ।
हत्या के तीसरे दोषी कर्म सिंह को धारा 323 के तहत एक वर्ष का कठोर कारावास और एक हजार रुपये का जुर्माना तथा धारा 325 के तहत तीन वर्ष कारावास और पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
7 सितंबर, 2018 का है मामला
बता दें कि 7 सितंबर, 2018 को सिरमौर जिले के शिलाई में केदार सिंह जिंदान की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। जिला न्यायवादी ने बताया कि केदार सिंह जिंदान, रघुवीर सिंह एवं जगदीश चंद्र बीआरसीसी कार्यालय शिलाई से बाहर निकले तो आरोपी जयप्रकाश, कर्म सिंह एवं गोपाल सड़क के नीचे खड़े थे। जयप्रकाश ने केदार सिंह जिंदान को आवाज लगाई। केदार सिंह जिंदान गाड़ी के पास पहुंचा तो आरोपी के साथ किसी बात पर बहस हो गई थी।
तीनों आरोपियों ने स्कॉर्पियो से डंडे निकालकर केदार सिंह के साथ मारपीट की थी जिसके बाद केदार सिंह सड़क पर गिर गया था। जब केदार ने उठने की कोशिश की तो जयप्रकाश ने लोहे की रॉड से सिर पर चार-पांच बार हमला किया था। फिर जयप्रकाश ने गाड़ी स्टार्ट की, जबकि गोपाल ने केदार सिंह को गाड़ी के सामने सड़क पर रखा और जयप्रकाश ने केदार सिंह पर गाड़ी चढ़ा दी थी।
अन्य खबरे
मुख्यमंत्री जयराम ने अधूरे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के भवन ही कर दिया उद्घाटन, क्षेत्र के लोगों ने की कड़ी भर्त्सना
सिरमौर- मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर आजकल पूरे प्रदेश के दौरे कर रहे है और उद्घाटन पे उद्घाटन कर रहे है। पर एक ऐसा भी मामला सामने आया है जहाँ निर्माण कार्य पूर्ण हुए बिना ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के भवन का उद्घाटन कर दिया। यह मामला है जिला सिरमौर के हाब्बन क्षेत्र से, जहाँ निर्माण कार्य पूर्ण हुए बिना ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के भवन का उद्घाटन कर दिया। जिसकी हाब्बन क्षेत्र के लोगों ने कड़ी भर्त्सना की है।
पझौता स्वतंत्रता सैनानी कल्याण समिति के अध्यक्ष जय प्रकाश चौहान, जिप सदस्य शकुंतला प्रकाश, वार्ड सदस्य कृष्णा शर्मा, निर्मला शर्मा, संजू ठाकुर, वेदप्रकाश ठाकुर, इंदिरा शर्मा, रामानंद शर्मा, रामस्वरूप शर्मा, स्वरूपा ठाकुर सहित मढ़ेची, हड़ेच हाब्बन के महिला व युवक मंडलों ने संयुक्त बयान में कहा कि पीएचसी भवन में अभी तक बिजली व पानी की कोई व्यवस्था नहीं है और इसके बिना इस भवन में पीएचसी को क्रियाशील बनाना संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि इन दिनों भवन के भीतर बिजली की फिटिंग का कार्य चल रहा है और इस भवन को क्रियाशील बनाने में करीब दो माह का समय लग जाएगा।
इन सबका कहना है कि जिस प्रकार सरांह में मुख्यमंत्री से आनन फानन में करीब 50 योजनाओं के उद्घाटन व शिलान्यास करवाए गए। उससे ऐसा प्रतीत हो रहा था कि विधानसभा चुनाव का डंका बजने वाला है। इन्होने कहा है कि ऐसे अधूरे कार्यों का उद्घाटन करवाकर क्षेत्र के चुने हुए प्रतिनिधियों व अधिकारियों द्वारा सीएम को भी गुमराह किया जा रहा है जोकि खेद का विषय है। जय प्रकाश चौहान ने बताया कि इस पीएचसी भवन की आधारशिला पूर्व कांग्रेस सरकार में योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष जीआर मुसाफिर द्वारा रखी गई थी।
उन्होंने कहा कि इस भवन को बनाने में चार वर्ष लग गए। चौहान ने बताया कि विकास कार्यों में श्रेय लेने की होड़ नहीं होनी चाहिए बल्कि चुने हुए प्रतिनिधियों को दलगत राजनीति से उपर उठकर कार्य करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि पीएचसी हाब्बन की तरह न जाने कितने आधे अधूरे विकास कार्यों के उद्घाटन करवा दिए गए होगें ।
उन्होने कहा कि आजादी के 74 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी हाब्बन विकास कार्यों के लिए तरस रहा है। सहायक अभियंता लोनिवि हाब्बन रजनीश बंसल ने बताया कि इस भवन के निर्माण पर 74 लाख की राशि व्यय की गई। बिजली और पानी का कनेक्शन लगाना संबधित विभाग का कार्य है।
अन्य खबरे
सिरमौर: गोबर के ढेर में मिली नवजात बच्ची की माँ निकली बारहवीं कक्षा की छात्रा, दुष्कर्म के आरोप में जीजा गिरफ्तार
सिरमौर- प्रदेश में कुछ दिन पहले सिरमौर जिले के शिलाई उपमंडल के एक गांव में नवजात बच्ची को खेत में गोबर के ढेर के पास फेंकने का मामला सामने आया था। पुलिस ने कुछ समय के पश्चात ही इस मामले को सुलझा दिया है। पुलिस ने बच्ची को जन्म देने वाली मां की पहचान कर ली है और बुधवार को उसका मेडिकल करवाया गया है। बताया जा रहा है कि नवजात बच्ची को जन्म देने वाली माँ स्कूल में पढ़ने वाली बारहवीं कक्षा की छात्रा है। पुलिस ने जब लड़की का बयान लिया तो उसने बताया कि उसके जीजा ने उसके साथ दुष्कर्म किया था, जिसके बाद वो गर्भवती हो गई थी। इसलिए लोकलाज के डर से उसने अपनी नवजात बच्ची को पैदा होने के बाद ही खेत में गोबर के ढेर में लावारिस छोड़ दिया था। फिलहाल नवजात बच्ची नाहन मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों की देखरेख में स्वास्थ्य लाभ ले रही है और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
पांवटा साहिब के डीएसपी बीर बहादुर ने मामले की पुष्टि की और उन्होंने बताया कि नवजात बच्ची को जन्म देने के बाद लावारिस छोड़ने पर लड़की के खिलाफ आईपीसी की धारा 317 और आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 व पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर इन पर करवाई की जाएगी।
बता दे कि रोनहाट उपतहसील की शंखोली पंचायत के कमियारा (खड़काह) नामक स्थान पर मंगलवार को किसी ने एक बच्ची को जन्म देने के बाद खेत में गोबर के ढेर के पास फेंक दिया था। सुबह जब एक व्यक्ति अपने खेत मे काम करने गया तो उसने उस नवजात बच्ची को वहां देखा तो उसने तुरंत पुलिस को इस मामले की सूचना दी। पुलिस की टीम सीएचसी रोनहाट में तैनात डॉक्टर को साथ में लेकर तत्काल मौके पर पहुंची और नवजात शिशु को प्राथमिक उपचार देने के बाद आगामी ईलाज और देखभाल के लिए 108 एम्बुलेंस से सिविल अस्पताल शिलाई पहुंचाया गया था।
-
अन्य खबरे4 weeks ago
गोबिंद सागर झील में क्रूज़ ट्रायल शुरू, अक्तूबर के अंत तक उपलब्ध होगी सुविधा
-
अन्य खबरे1 month ago
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल के निर्णय : पोस्ट कोड 903 और 939 के परिणाम होंगे घोषित।
-
एच डब्ल्यू कम्युनिटी2 days ago
घोटाला: रोहड़ू में प्रधान निलंबित, फर्जी बिल, समान की खरीददारी में गड़बड़ी व कई अन्य वित्तीय घोटालों की हुई थी पुष्टि
-
अन्य खबरे13 hours ago
मंत्रिमंडल के निर्णय: वन मित्रों की भर्ती को मंजूरी, 10 अंकों के व्यक्तिगत साक्षात्कार की शर्त समाप्त
-
अन्य खबरे4 weeks ago
शिमला में एचआरटीसी ने शुरू की मोबिलिटी कार्ड की सुविधा,जानिए कहां बनेगा कार्ड