स्वास्थ्य
एनएचएम कर्मचारियों की मांगो को हलके में न ले सरकार, 26 जनवरी तक दे रेगुलर स्केल:अनुबंध कर्मचारी संघ
शिमला- राज्य स्वास्थ्य समिति (नॅशनल हेल्थ मिशन) अनुबंध कर्मचारी संघ के महासचिव गुलशन कुमार ने कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य स्वास्थ्य समिति (एनएचएम) अनुबंध संघ के कर्मचारीयों ने हिमाचल प्रदेश सरकार को 26 जनवरी तक रेगुलर स्केल की मांग को पूरी करने का अल्टीमेटम दिया है।
उन्होंने कहा की यदि हिमाचल प्रदेश सरकार कर्मचारियों की रेगुलर पे स्केल की मांग को पूरा कर देती है तो ठीक है अन्यथा कर्मचारियों को मजबूर होकर 2 अप्रैल से हड़ताल का रास्ता भी अपनाना पड़ सकता है जिसकी सुचना मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर,स्वास्थ्य मंत्री, मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव, मिशन डायरेक्टर,निदेशक स्वास्थ्य सहित अन्य अधिकारीयों को दे दी गई है।
महासचिव कुमार ने यह भी कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार एनएचएम के कर्मचारियों की मांगों को हल्के में ले रही है। एनएचएम व स्वास्थ्य विभाग समितियों के अंतर्गत नियुक्त 1700 कर्मचारी है जो की विभिन्न स्वास्थ्य समितियों के अंतर्गत पिछले 23 वर्षों (1996) से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत अपनी सेवाएं दे रहे हैं परन्तु हिमाचल प्रदेश सरकार के द्वारा न तो आज दिन तक इन कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जा सका व न ही रेगुलर पे स्केल का लाभ इन कर्मचारियों को दिया जा रहा है जिससे की इन कर्मचारियों में खासा रोष है।
उन्हीने कहा कि हरियाणा सरकार के द्वारा राज्य में कार्यरत एनएचएम कर्मचारियों को 1 जनवरी 2018 से रेगुलर पे स्केल का लाभ दिया जा रहा है। वहीं दुसरी और एनएचएम के कर्मचारी पिछले लगभग दो वर्षों से विभिन् पदों पर कोरोना काल में अपनी सेवाएं पूरी निष्ठां भावना से देते आ रहे हैं और कई कर्मचारी कोरोना से भी संक्रमित हो रहे हैं।
उन्होंने कहा की एक ओर सरकार कोविड काल में वेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर अपनी पीठ थप– थपा रही है वहीं दूसरी और इस वैश्विक महामारी में भी स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत काम करने वाले स्वास्थ्य समिति (नॅशनल हेल्थ मिशन) अनुबंध कर्मचारियों की सुध न लेना व उनकी सेवाओं को नजरंदाज करना सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाता है।
स्वास्थ्य
भाजपा सरकार का बजट दिशाहीन, कर्मचारी और बेरोजगारों को किया निराश: मुकेश अग्निहोत्री
शिमला- हिमाचल प्रदेश विधानसभा में आज सीएम जयराम ठाकुर ने वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया। सरकार अपने इस बजट को सभी वर्गों के हित का बजट करार दे रही है और इस बजट को जनता हित का बजट बता रही है तो वहीं कांग्रेस ने इस बजट को दिशाहीन बताया है।
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री का कहना है कि सरकार से सिर्फ आगामी चुनाव के मद्देनज़र कुछ लोगों को लुभाने की कोशिश बजट के ज़रिए की है। जबकि सरकार ने कमर्चारियों के सभी मांगों में से एक को भी बजट में शामिल नही किया। बजट में आउटसोर्स कर्मचारियों का सरकारी कर्मचारी बनाने की मांग की भी बजट में कोई जिक्र नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि इस बजट में एसएमसी शिक्षकों को नियमित करने का कोई जिक्र नही है। ऐसे में ये बजट कर्मचारियों के लिए निराशा लेकर आया है। इसके अलावा बजट में रोजगार को लेकर कोई बात नही की गई। वहीं सरकार सिर्फ अपने लोगों को ही बैक डोर एंट्री से नौकरियां दे रही है।
बजट में 30 हज़ार नौकरियां देने की बात की गई है , जिसपर मुकेश अग्निहोत्री ने सरकार पर आरोप लगाया कि अब तक के कार्यकाल में सरकार रोजगार देने में पूरी तरह से फेल साबित हुई है, ऐसे में 6 महीने में कहा से नौकरी देगी।
मुकेश अग्निहोत्री सरकार पर आरोप लगाया कि बजट में महंगाई पर काबू पाने और काम करने की कोई बात नहीं की गई और महंगाई के मुद्दे पर सरकार पूरी तरह से फेल हुई है।
उन्होंने कहा कि यह बजट घाटे का बजट है। इस बजट के बाद यह अंदेशा भी है कि सरकार आने वाले समय में भारी कर्ज लेगी जिससे प्रदेश पर और ज्यादा आर्थिक बोझ पड़ेगा।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पिछले बजट में विकास पर 44% पैसा विकास पर खर्च होने के लिए रखा गया था जबकि इस बजट में विकास पर मात्र 29% पैसा ही रखा गया है। ऐसे में प्रदेश में विकास पूरी तरह से खत्म होने की कगार पर है।
अग्निहोत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री का फोकस सिर्फ चंद रियायतें बांटने तक ही सीमित हो चुका है और पुरानी बातों को ही इस बजट में रिपीट किया गया है। उन्होंने कहा कि यह जयराम सरकार का अंतिम बजट है लिहाजा सरकार को ऐसा बजट पेश करने से कोई फर्क नहीं पड़ता है आर्थिक बोझ आगामी कांग्रेस सरकार पर ही पड़ेगा।
स्वास्थ्य
हिमाचल में पिछले 24 घंटो में कोरोना के 67 नए मामलें दर्ज
शिमला- 4 मार्च की एनएचएम की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में पिछले 24 घंटो में कोविड के 4172 टेस्ट हुए जिनमें से 67 नए कोरोना पॉजिटिव केस दर्ज हुए हैं और कोई भी मौत नहीं हुई है।
वहीं प्रदेश में कोविड एक्टिव केस की बात करे तो यह आंकड़ा केवल 536 रह गया है।
आपको बता दें कि इस समय प्रदेश में कोरोना के पॉजिटिव मामलों में बहुत कमी देखने को मिल रही है तो वहीं सरकार ने भी कोरोना बंदिशों और रात्रि कर्फ्यू को खत्म कर दिया है और प्रदेश में सभी स्कूलों को भी शुरूकर दिया है।
साथ ही साथ सरकार ने जनता से कोविड प्रोटोकॉल को फॉलो करने,मास्क और हैंड सैनिटाइजर व उचित दुरी बनाए रखने की अपील की है।सरकार ने नो मास्क नो सर्विस को प्रदेश में जारी रखा है।
स्वास्थ्य
हिमाचल में पिछले 24 घंटो में कोरोना के 53 नए केस दर्ज,1 की मौत
शिमला- 1 मार्च की एनएचएम की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में पिछले 24 घंटो में कोविड के 1749 टेस्ट हुए जिनमें से 53 नए कोरोना पॉजिटिव केस दर्ज हुए हैं और 1 मौत काँगड़ा में हुई है।
इस समय हिमाचल में कोरोना एक्टिव केस का आंकड़ा 802 है,जिसमें पहले के मुकालबे काफी अधिक गिरवाट देखने को मिली है।
इस समय प्रदेश में कोरोना के पॉजिटिव मामलों में बहुत कमी देखने को मिल रही है तो वहीं सरकार ने भी कोरोना बंदिशों और रात्रि कर्फ्यू को खत्म कर दिया है। साथ ही साथ सरकार ने जनता से कोविड प्रोटोकॉल को फॉलो करने,मास्क और हैंड सैनिटाइजर व उचित दुरी बनाए रखने की अपील की है।सरकार ने नो मास्क नो सर्विस को प्रदेश में जारी रखा है।
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