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भाजपा ने डीसी शिमला को सौंपी अपनी चार्ज शीट,पढ़िए कांग्रेस और सीपीआईएम पर लगाए क्या क्या आरोप
हिमाचल प्रदेश विशेष रूप से जिसकी राजधानी शिमला है पिछले पांच वर्षो से एक भ्रष्ट सरकार को झेल रही है:भाजपा
शिमला- शिमला भाजपा ने आज डीसी शिमला को कम्युनिस्ट पार्टी और कांग्रेस सरकर पर लगाए आरोपों की अपनी चार्ज शीट सौंपी। भाजपा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की राजधानी तथा अन्तर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त प्रर्यटन नगरी शिमला को कम्युनिस्ट तथा भ्रष्ट कोंग्रेसी सरकार दोनों ने मिलकर शिमला शहर को तबाह करने में कोई कसर नहीं छोडी है।
भाजपा ने यह भी कहा कि प्रदेश में इस भ्रष्ट सरकार के राज में कार्यरत सभी गतिविधियों का अड्डा शिमला बन गया है तथा कम्युनिष्टों ने शिमला नगर-निगम क्षेत्र को स्लम बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है जो शिमला सफाई तथा पर्यटन नगरी के रूप में विश्व विख्यात था आज पूरा शहर सफाई के क्षेत्र में 47वें स्थान पर पहंच गया है तथा पर्यटन में भी पिछड़ा जा रहा है।
भाजपा शिमला मण्डल ने कहा कि उनका मानना है कि कांग्रेस सरकार तथा नगर-निगम शिमला पिछले 5 वर्षों में शिमला शहर के विकास तथा जनता की समस्याएं सुलझाने तथा मूल-भूत सुविधाएं देने में असफल रही हैं तथा मेयर व डिप्टी मेयर शहर की समस्याओं का समाधान करने के स्थान पर विदेशी दौरों पर मोज-मस्ती करते रहे।
पढ़िए क्या आरोप लगाए भाजपा ने नगर निगम शिमला पर
1. पिछले पांच वर्षाें मे कम्युनिष्टों तथा काग्रेंस सरकार शिमला की जनता को पीने का पानी देने में असफल रही है। निगम के मेयर व डिप्टी मेयर द्वारा 24×7 समय शहर की जनता को पानी देने का वायदा किया था जो झूठा साबित हुआ है। आज शहर की जनता को महीने में 7 दिन पानी मिलता है तथा पानी का बिल पूरे महीने का लिया जाता है आज भी शिमला की जनता बूंद-बूंद पानी के लिये तरस रही है क्या ये कांग्रेसी सरकार व कम्युनिष्टों की वायदा खिलाफी नहीं है? क्या ये शिमला की जनता से धोखा- धडी नहीं है?
2. कम्युनिष्टों और कांग्रेसियों की सरकार जनता को बूंद-बूंद पानी को तरसा रही है। अब जनता से सिवरेज सैस के नाम पर भी अवैध वसूली की जा रही है।
3.शिमला के सभी सिवरेज ट्रिटमेन्ट प्लाॅट भ्रष्टाचार के अड्डे बने हुए है ठेकेदारों के साथ मिलकर भ्रष्टाचार हो रहा है। सिवरेज ट्रिटमेंट प्लाॅट जहाँ पानी में गन्दगी फैला रहा है वहीं पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा रहा है।
4.शिमला शहर की जनता को काग्रेंस सरकार व कम्युनिष्टों की मिली भगत से मल-मूत्र मिला पानी पिलाया गया। जिसके कारण 32 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पडा तथा हज़ारों लोग पीलिया रोग से ग्रस्त हुए जो कि एक लापरवाही ही नहीं एक भयंकर अपराध है जिसके लिए दोषियों को दण्डित किया जाना चाहिए।
5.शिमला नगर-निगम के मेयर व डिप्टी मेयर डिंडोरा पिटते थकते नहीं थे कि वो यूनिट-ऐरिया मैथड़ शिमला में लागू नहीं होने दंेगे जबकि सत्ता में आने के बाद इस प्रणाली को लागू करके टैक्स का बोझ जनता पर ड़ाल दिया।
6.शिमला एक पर्यटन नगरी है उसके व्यवसाय पर विभिन्न प्रकार के टैक्स थोंप कर समाप्त करने का प्रयास कांग्रेस व कम्युनिस्टों का गठजोड़ कर रहा है ग्रीन टैक्स के नाम पर प्रर्यटकों के लिए कोई सुविधा दिए बिना वसूली की जा रही है।
7. कम्युनिस्ट जब से नगर निगम की सत्ता पर काबिज हुए है तब सें प्रदेश के बाहर से आने वाले लोग अवैध रूप सेबाज़ारों में बैठ रहे हैं जिससे बाजार व गलियां संकरी होती जा रही है व शहर की जनता को परेशानी हो रही है।
8.क्म्युनिष्टों व कांग्रेस सरकार के गठजोड़ के कारण शिमला मे अवैध, निर्माण तीव्र गति से बढा़ है जिसका मुख्य कारण भ्रष्टाचार है।
9.शिमला मे भरयाल कुड़ा संयंत्र से एक ठेकेदार भाग गया तथा अब दूसरी कंपनी को काम सौंपा गया है। इस कुड़ा संयंत्र के निर्माण व कार्य की उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए।
10.शिमला के हाॅलीलाॅज को जाने वाली सड़क को चौड़ा करने के लिए जबरदस्ती निजी भूमि लेने के लिए अधिकारियो द्वारा दबाव डाला जा रहा है तथा तथा जोधा निगम स्थित पार्किंग के साथ खड़े हरे पेडों को काटने की अनुमति नगर निगम व सरकार द्वारा किस आधार पर दी गई। जबकि वर्ष 2003 में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने वन व पेडो को काटने से रोकने हेतु नगर निगम की पार्किंग की ऊपरी मंजिल के निर्माण को रोक दिया था। इसी प्रकार हाॅलीलाॅज में गैस्टहाउस के निर्माण के लिए नगर निगम व सरकार द्वारा ही पेड़ को काटने की अनुमति प्रदान कर अपराध किया गया
11.एशियन विकास बैंक के सहयोग से मालरोड़ क्षेत्र के सौदर्यकरण परियोजना को बदला जा रहा है हरियाली के स्थान पर कंकरीट की दिवारें बनाई जा रही है अनारकली के जंगलो को बदल कर घटिया लोहे के जंगले लगाए जा रहे हैं । मालरोड़ के दोनों तरफ पत्थर बिछा कर सड़क को संकरा किया जा रहा है। वर्षा शालिकाओं को हैरीटेज़ की अनदेखी की जा रही है तथा निर्माण कार्यो मे भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।
12.सारे शहर का विकास कार्य ठप पड़ा है तथा एक क्षेत्र के सौंदर्यकरण के नाम पर भ्रष्टाचार हो रहा है।
13.ए.डी.वी. का पैसा भारी भरकम पैमाने पर व्यय किया जा रहा है तथा लाखों रूपया खर्च करके हिमाचल से बाहर की वस्तुओं को भारी भरकम मानदेय व वेतन पर नियुक्त किया गया।
14.सैहब सोसाइटी द्वारा जो पैसा इक्ट्ठा किया जा रहा है जिसका दुरूपयोग किया जा रहा है। अगर नगर-निगम निचले स्तर पर सफाई कर्मचारियों की भर्ती करे तो लोगो को रोजगार भी मिलेगा।
15.स्मार्ट सिटी जो कि शिमला शहर को मिलनी थी लेकिन कम्युनिष्ट और वर्तमान काग्रेंस सरकार की मिली भगत से स्र्माट सिटी को शिमला शहर से वंचित रखा गया। शहर को स्र्माट सिटी से वंचित रखने के लिए वामपंथियों व सरकार ने शिमला शहर को मिले अंको के साथ छेड़-छाड़ कर धर्मशाला को स्र्माट सिटी बना डाला।
16.केंद्र सरकार द्वारा जो अमृत मिशन में करोड़ों रूपया दिया जा रहा है जिसका कम्युनिस्ट व काग्रेंस द्वारा दुरूपयोग किया जा रहा है। जबकि यह पैसा शहर के विकास के लिए दिया था।
17.एसआरएल (SRL) लैब को फायदा पहुंचाने के लिए टेस्टिंग का काम आउटसोर्स किया गया निजी लैब में टेस्ट के दाम बार-बार बढाये जा रहे है तथा हाॅस्पिटल का बडा भाग इनको सौंपा गया है टेस्टिंग व व आउटसोर्स के माध्यम से अपने चहिते कर्मचारियों को नौकरियां दी जाती है और उनका वेतन सामान्य वेतन से 30 प्रतिशत अधिक होता है। डीडीयू में पूर्व भाजपा सरकार द्वारा नये भवन निर्माण कार्य प्रारम्भ किया गया था लेकिन कांग्रेस सरकार ने अपनी पट्टिका लगाने के लिये अधूरे हस्पताल का उद्घाटन कर दिया। अस्पतालों में सफाई व डाइट के ठेके देने मे भाई-भतीजा वाद किया जा रहा है तथा बिना टैंडरों के अपने चहेतों को काम दिया जा रहा है।
परिवहन
1. जेएनएनयूआरएम(Jnnurm) के अंतर्गत 800 बसों की खरीद की गई जिसमे 300 करोड़ भारत सरकार से प्राप्त हुआ था। इन बसों की बाॅडी आदि बनाने में बडा घोटाला हुआ है। ये बसें Jnnurm के तहत शिमला शहर में चलाई जानी थी लेकिन ये बसें शिमला की सड़कों मे चलने लायक नहीं है लम्बी बसों के कारण शिमला में आए दिन जाम लगता है तथा शिमला शहर के सभी भागों में यह बस नहीं चलाई जा सकती है जिसके कारण जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड रहा है।
2. नौकरियां कॉर्पोरेट केयर (Corporate Care) नाम की संस्था द्वारा आउटसोर्स कर के दी गई हैं जिससे एक भी विशेषयज्ञों से 52000/- पर हस्ताक्षर लिये जाते है तथा उसे केवल 25000/- रूपये दिया जाता है 22 करोड से अधिक वेतन आदि पर खर्च किया गया है।
3. क्राइस्ट चर्च व कैथोलिक चर्च के सौन्दर्याकरण के नाम पर भी करोडों रूपये खर्च किये जा रहे हैं। जिसके लिए कॉर्पोरेट केयर आउटसोर्स (Corporate Care Outsource) कम्पनी द्वारा नियुक्त करवाए गए सलाहकारों को लाखों रूपया दिया जा रहा है।
4. टाउन हाॅल की रैनोवेशन के नाम पर मामूली बदलाव के नाम पर करोडों रूपये खर्च किये जा रहे है। शहर में सभी सुविधाओं टेलीफोन, बिजली, पानी की लाईनों को एक साथ रखने के लिए डक्ट का निर्माण किया जाना था जिसे सौन्दर्यकरण परियोजना से हटा दिया गया। नगर निगम शिमला के अनेकों स्थानों पर एस्कलेटरो का निर्माण इस योजना के अंर्तगत किया जाना था अपितु अभी तक इस कार्य पर कोई काम नहीं हुआ और इसको परियोजना से रद्द कर दिया गया है। इस योजना की डी.पी.आर. तैयार करने के लिए करोडों रूपये का खर्चा आया जोकि व्यर्थ हो गया। इसकी जांच होनी चाहिए।
बिजली (विद्युत)
1.सरकार द्वारा शिमला में जबरदस्ती विद्युत विभाग द्वारा बिना किसी शिकायत से पुराने मिटर जो बढ़िया काम कर रहे थे। उन मीटरों को बदल कर नए घटिया मिटर लगा दिए गए जिन्हे लगाने से भारी घोटाला हुआ है।
2.हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री अपने चहेते शहरी विकास मंत्री के प्रेम में इतने मदहोश हो गए हैं कि 68 लाख की आबादी वाले छोटे से प्रदेश में दुसरी राजधानी बनाने की घोषणा करके शिमला के महत्व को कम कर रहे हैं।
3.हिमाचल सरकार व नगर निगम शिमला की कार्य प्रणाली का नमुना इस वर्ष जनवरी माह में देखा। जब एक रात बर्फ गिरने के बाद शहर 7 दिन तक बिजली और पानी से महरूम रहा तथा नगर निगम के रास्तों को चलने के लायक बनाने मे भी 15 दिन लग गए।
भाजपा शिमला मण्डल ने आरोप लगते हुए कहा है कि हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार प्रदेश चुनाव आयोग तथा नगर निगम के मेयर, डिप्टी मेयर अपनी असफलताओं को छुपाने के लिए लोकतन्त्र की हत्या कर रहें है तथा नगर निगम का चुनाव न करवाकर संविधान का उल्लंघन कर रहें हैं। भाजपा ने कहा कि व राज्यपाल से विन्रम निवेदन करते है कि उपरोक्त तथ्यों को ध्यान मे रखकर प्रदेश सरकार को भंग करने की सिफारीश करें, चुनाव आयोगों को बरर्खास्त करें और आरोपो की जांच उच्च जांच एजेंसी से करवाकर कार्यवाही करने के आदेश दें।
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हिमाचल की तीन ग्राम पंचायतों में 435 एकड़ भूमि पर लगे 76,000 से अधिक सेब के पौधे
शिमला- डॉ यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के विस्तार शिक्षा निदेशालय में पहाड़ी कृषि एवं ग्रामीण विकास एजेंसी(हार्प), शिमला द्वारा एक अनुभव-साझाकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस कार्यशाला में जिला किन्नौर के निचार विकास खंड के रूपी, छोटा कम्बा और नाथपा ग्राम पंचायतों के 34 किसानों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर जीएम नाबार्ड डॉ. सुधांशु मिश्रा मुख्य अतिथि रहे जबकि नौणी विवि के अनुसंधान निदेशक डॉ रविंदर शर्मा ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की।
संस्था के अध्यक्ष डॉ. आर एस रतन ने कहा कि यह कार्यक्रम एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना के तहत रूपी, छोटा कम्बा और नाथपा ग्राम पंचायतों में वर्ष 2014 से आयोजित किया जा रहा है। परियोजना को नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित किया गया है और इसे हार्प द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
उन्होंने यह बताया कि यह एक बागवानी आधारित आजीविका कार्यक्रम है जिसे किसानों की भागीदारी से लागू किया गया है। इन तीन ग्राम पंचायतों में 435 एकड़ भूमि पर 76,000 से अधिक सेब के पौधे लगाए गए हैं और 607 परिवार लाभान्वित हुए हैं।
डॉ. सुधांशु मिश्रा ने यह भी कहा कि नाबार्ड हमेशा सामाजिक-आर्थिक उत्थान कार्यक्रमों के संचालन में आगे रहा है। उन्होंने इस कार्यशाला में भाग लेने वाले किसानों से अपने सहयोग से विभिन्न कार्यक्रमों को सफल बनाने का आग्रह किया।
अनुसंधान निदेशक डॉ. रविंदर शर्मा और विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. दिवेंद्र गुप्ता ने नाबार्ड और हार्प के प्रयासों की सराहना की और किसानों को आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय किसानों को तकनीकी रूप से समर्थन देने के लिए हमेशा तैयार है।
डॉ. नरेद्र कुमार ठाकुर ने कहा कि हार्प ने कृषक समुदाय के समन्वय से दुर्गम क्षेत्रों में कठिन परिस्थितियों में काम किया है। इस अवसर पर एक किसान-वैज्ञानिक परिचर्चा का भी आयोजन किया गया जिसमें भाग लेने वाले किसानों के तकनीकी प्रश्नों को संबोधित किया गया।
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हिमाचल सरकार पुलिसकर्मियों का कर रही है शोषण
पुलिसकर्मियों की डयूटी बेहद सख्त है,कई-कई बार तो चौबीसों घण्टे वर्दी व जूता उनके शरीर में बंधा रहता है।थानों में खाने की व्यवस्था तीन के बजाए दो टाइम ही है,राजधानी शिमला के कुछ थानों के पास अपनी खुद की गाड़ी तक नहीं है,हैड कॉन्स्टेबल से एएसआई बनने के लिए सत्रह से बीस वर्ष भी लग जाते हैं।
शिमला सीटू राज्य कमेटी ने प्रदेश सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाया है। कमेटी ने यह कहा है कि वह हिमाचल प्रदेश के पुलिसकर्मियों की मांगों का पूर्ण समर्थन करती है। आरोप लगाते हुए सीटू ने कहा है कि प्रदेश सरकार पुलिसकर्मियों का शोषण कर रही है।
राज्य कमेटी ने प्रदेश सरकार से यह मांग की है कि वर्ष 2013 के बाद नियुक्त पुलिसकर्मियों को पहले की भांति 5910 रुपये के बजाए 10300 रुपये संशोधित वेतन लागू किया जाए व उनकी अन्य सभी मांगों को बिना किसी विलंब के पूरा किया जाए।
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने प्रदेश सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जेसीसी बैठक में भी कर्मचारियों की प्रमुख मांगों को अनदेखा किया गया है। उन्होंने कहा कि जेसीसी बैठक में पुलिसकर्मियों की मांगों को पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया है।
सीटू कमेटी ने कहा कि सबसे मुश्किल डयूटी करने वाले व चौबीस घण्टे डयूटी में कार्यरत पुलिसकर्मियों को इस बैठक से मायूसी ही हाथ लगी है। इसी से आक्रोशित होकर पुलिसकर्मी मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे। उनके द्वारा पिछले कुछ दिनों से मैस के खाने के बॉयकॉट से उनकी पीड़ा का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों के साथ ही सभी सरकारी कर्मचारी नवउदारवादी नीतियों की मार से अछूते नहीं है। कमेटी ने कहा कि पुलिसकर्मियों की डयूटी बेहद सख्त है। कई-कई बार तो चौबीसों घण्टे वर्दी व जूता उनके शरीर में बंधा रहता है।
कमेटी ने यह भी कहा है कि थानों में स्टेशनरी के लिए बेहद कम पैसा है व आईओ को केस की पूरी फ़ाइल का सैंकड़ों रुपये का खर्चा अपनी ही जेब से करना पड़ता है। थानों में खाने की व्यवस्था तीन के बजाए दो टाइम ही है। मैस मनी केवल दो सौ दस रुपये महीना है जबकि मैस में पूरा महीना खाना खाने का खर्चा दो हज़ार रुपये से ज़्यादा आता है। यह प्रति डाइट केवल साढ़े तीन रुपये बनता है, जोकि पुलिस जवानों के साथ घोर मज़ाक है। यह स्थिति मिड डे मील के लिए आबंटित राशि से भी कम है।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के जमाने के बने बहुत सारे थानों की स्थिति खंडहर की तरह प्रतीत होती है जहां पर कार्यालयों को टाइलें लगाकर तो चमका दिया गया है परन्तु कस्टडी कक्षों,बाथरूमों,बैरकों,स्टोरों,मेस की स्थिति बहुत बुरी है। इन वजहों से भी पुलिस जवान भारी मानसिक तनाव में रहते हैं।
सीटू ने कहा कि पुलिस में स्टाफ कि बहुत कमी है या यूं कह लें कि बेहद कम है व कुल अनुमानित नियुक्तियों की तुलना में आधे जवान ही भर्ती किये गए हैं जबकि प्रदेश की जनसंख्या पहले की तुलना में काफी बढ़ चुकी है यहाँ तक पुलिस के पास रिलीवर भी नहीं है।
आरोप लगाते हुए कमेटी ने कहा कि प्रदेश की राजधानी शिमला के कुछ थानों के पास अपनी खुद की गाड़ी तक नहीं है। वहीं पुलिस कर्मी निरन्तर ओवरटाइम डयूटी करते हैं। इसकी एवज में उन्हें केवल एक महीना ज़्यादा वेतन दिया जाता है। इस से प्रत्येक पुलिसकर्मी को वर्तमान वेतन की तुलना में दस से बारह हज़ार रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है। उन्हें लगभग नब्बे साप्ताहिक अवकाश,सेकंड सैटरडे,राष्ट्रीय व त्योहार व अन्य छुट्टियों के मुकाबले में केवल पन्द्रह स्पेशल लीव दी जाती है।
सीटू कमेटी ने यह भी कहा कि वर्ष 2007 में हिमाचल प्रदेश में बने पुलिस एक्ट के पन्द्रह साल बीतने पर भी नियम नहीं बन पाए हैं। इस एक्ट के अनुसार पुलिसकर्मियों को सुविधा तो दी नहीं जाती है परन्तु कर्मियों को दंडित करने के लिए इसके प्रावधान बगैर नियमों के भी लागू किये जा रहे हैं जिसमें एक दिन डयूटी से अनुपस्थित रहने पर तीन दिन का वेतन काटना भी शामिल है। पुलिसकर्मियों की प्रोमोशन में भी कई विसंगतियां हैं व इसका टाइम पीरियड भी बहुत लंबा है। हैड कॉन्स्टेबल से एएसआई बनने के लिए सत्रह से बीस वर्ष भी लग जाते हैं।
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किन्नौर में लापता पर्यटकों में से 2 और के शव बरामद, 2 की तालाश जारी,आभी तक कुल 7 शव बरामद
शिमला रिकोंगपिओ में 14 अक्तुबर को उत्तरकाशी के हर्षिल से छितकुल की ट्रैकिंग पर निकले 11 पर्यटकों में से लापता चार पर्वतारोहीयों में से दो पर्वतारोहियों के शवो को आई.टी.बी.पी व पुलिस दल द्वारा पिछले कल सांगला लाया गया था जहां सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सांगला में दोनों शवों का पोस्टमार्टम किया गया।
यह जानकारी देते हुए उपायुक्त किन्नौर अपूर्व देवगन ने बताया कि इन दोनों की पहचान कर ली गई है जिनमे मे एक उतरकाशी व दूसरा पश्चिम बंगाल से सम्बंधित था।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन किन्नौर द्वारा आज एक शव वाहन द्वारा उतरकाशी को भेज दिया गया है जहाँ शव को जिला प्रशासन उतरकाशी को सौंपा जाएगा। जब कि दूसरा शव वाहन द्वारा शिमला भेजा गया है जिसे शिमला में मृतक के परिजनों को सौंपा जायेगा।
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि अभी भी लापता दो पर्यटकों की तलाश आई.टी.बी.पी के जवानों द्वारा जारी है। उल्लेखनीय है कि गत दिनों उतरकाशी से छितकुल के लिये 11 पर्वतारोही ट्रेकिंग पर निकले थे जो बर्फबारी के कारण लमखंगा दर्रे में फंस गये थे जिसकी सूचना मिलने पर जिला प्रशासन द्वारा सेना के हेलीकॉप्टर व आई.टी.बी.पी के जवानों की सहायता से राहत व बचाव कार्य आरम्भ किया था। सेना व आई.टी.बी.पी के जवानों ने 21 अक्टूबर को दो पर्यटकों को सुरक्षित ढूंढ निकाला था। इसी दौरान उन्हें अलग अलग स्थानों पर पाँच ट्रेकरों के शव ढूंढ निकलने में सफलता मिली थी। जबकि 4 पर्यटक लापता थे जिसमे से राहत व बचाव दल को 22 अक्तुबर को 2 शव ढूढ़ निकालने में सफलता मिली थी। अभी भी दो पर्यटक लापता हैं जिनकी राहत व बचाव दल द्वारा तलाश जारी है।
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