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धूमल किसी भी बिजली कटौती के बिना सर्दियों के दौरान निर्बाध बिजली सुनिश्चित करता है
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हालांकि, पिछले कुछ दिनों से शिमला लंबी बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन सम्मान के मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पर्याप्त व्यवस्था सर्दियों के दौरान अतिरिक्त बिजली की जरूरत को पूरा करने के लिए बनाया गया है. वैसे भी रणनीति है, जो श्री धूमल उल्लेख किया गया है इसके अलावा एक नया नहीं है. वैसे भी, सरकार द्वारा आज जारी आधिकारिक बयान के माध्यम से जाओ.
प्रेम कुमार धूमल, मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पर्याप्त व्यवस्था के लिए सर्दियों के महीनों के दौरान बिजली की अतिरिक्त मांग उपभोक्ता किसी भी बिजली कटौती के बिना निर्बाध बिजली की आपूर्ति को पूरा करने के लिए बनाया था. यह सर्दियों के मौसम, आज यहां आगामी दौरान राज्य में बिजली की स्थिति का जायजा लेने के लिए एक आंतरिक समीक्षा में मुख्यमंत्री ने खुलासा किया गया था.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आम तौर पर सर्दियों के महीनों के दौरान बिजली की कमी का सामना जब नदी में पानी का स्तर तेजी से राज्य भर में सभी जल विद्युत परियोजनाओं द्वारा recedes कम बिजली की पीढ़ी में जिसके परिणामस्वरूप. उन्होंने कहा कि गर्मियों के महीनों के दौरान जब बर्फ पिघलने के कारण ऊंचाई वाले इलाकों और बारिश आदि और बिजली की आवश्यकता पर नदियों अतिप्रवाह भी न्यूनतम करने के लिए कम कर देता है, जबकि अन्य राज्यों में एक ही काफी हद तक बढ़ जाती है के लिए मांग के रूप में बिजली की कमी का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि राज्य में अच्छी बारिश और सर्दियों के मौसम के जो गर्मियों के महीनों के दौरान और अधिक अतिरिक्त बिजली को यह सुनिश्चित करना होगा सुनिश्चित करने के दौरान बर्फ गिरने की उम्मीद कर रहा था. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उन्हें गर्मियों के दौरान बिजली की आपूर्ति के लिए पड़ोसी राज्यों के साथ व्यवस्था की थी और वापस सर्दियों के महीनों के दौरान उसी के बराबर राशि ले जब घरेलू हीटिंग और अन्य लोगों की बिजली खपत आवश्यकताओं के कारण मांग बढ़ जाती है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड लिमिटेड के माध्यम से राज्य सरकार ने सत्ता के 244 लाख इकाइयों (यूनिट) अप्रैल की गर्मियों के महीनों के दौरान पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के लिए अक्टूबर के लिए, 2012 की आपूर्ति की थी और एक ही हिमाचल के लिए प्रेषित किया जा रहा था वापस संबंधित नवंबर से महीनों के दौरान वृद्धि की मांग को पूरा करने के लिए राज्यों द्वारा प्रदेश, 2012 से मार्च, 2013.
धूमल ने कहा कि HPSEBL Puinjab, हरियाणा और दिल्ली की सत्ता के सर्दियों के महीनों के दौरान और बढ़ती मांग की प्रत्याशा में अतिरिक्त बिजली सुनिश्चित करने के लिए एक दृश्य के साथ आगे बैंकिंग व्यवस्था के तहत 455MUs की खरीद के लिए पड़ोसी राज्यों के साथ टाई करने के लिए अधिकृत किया गया था. उन्होंने कहा कि हालांकि राज्य अपनी घरेलू मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त शक्ति थी लेकिन एक एहतियाती व्यवस्था के रूप में अतिरिक्त बिजली की आपूर्ति भी था, इसलिए सुनिश्चित किया जा रहा है कि वहाँ कोई बिजली कटौती और मांग उसी के आधार पर आपूर्ति की घरेलू और वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए यह सुनिश्चित किया गया था. उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य में 242 लाख यूनिट की मांग के खिलाफ के रूप में 252 लाख यूनिट बिजली की उपलब्धता थी. उन्होंने कहा कि वहाँ अभी भी अधिशेष जो आने वाले महीनों के दौरान राज्य में अनुमानित मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त था वितरण के लिए उपलब्ध शक्ति के रूप में 10 लाख यूनिट था.
प्रेस नोट: सूचना एवं पब्लिक रिलेशन, हिमाचल प्रदेश सरकार.
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घोटाला: रोहड़ू में प्रधान निलंबित, फर्जी बिल, समान की खरीददारी में गड़बड़ी व कई अन्य वित्तीय घोटालों की हुई थी पुष्टि
शिमला : विकास खंड रोहड़ू की पंचायत करासा के प्रधान देव राज को फर्जी बिल, समान की खरीददारी में अनियमिताएं बरतने, बिना बजट के अत्याधिक कार्य करवाने इत्यादी घोटालों के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम और 15वें वित्त आयोग के तहत निलंबित कर दिया है। उपायुक्त अनुपम कश्यप ने प्रधान देव राज को निलंबित करने के आदेश की अधिसूचना जारी कर दी है ।
ग्राम पंचायत करासा के स्थानीय निवासी ने खंड विकास अधिकारी रोहड़ू के पास उक्त प्रधान के खिलाफ लिखित में शिकायत दर्ज की थी। जिसके बाद इस शिकायत की प्रारंभिक जांच की गई।
6 मई 2024 को 135 पन्नों की जांच रिपोर्ट सौंपी गई। जिसमें वर्ष 2020 से 2024 तक विकासात्मक कार्यों में वित्तीय अनियमिताएं पाए जाने की पुष्टि हुई। 1 जुलाई 2024 को जांच में लगे आरोपों को लेकर प्रधान ग्राम पंचायत करासा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। 4 जुलाई 2024 को प्रधान ने उक्त आरोपों पर अपना जवाब लिखित में दायर किया।
इसके बाद जब प्रधान के लिखित जवाबों का अवलोकन पंचायत के रिकॉर्ड के साथ किया गया, तो जांच में पाया गया कि प्रधान की ओर से अपने बचाव में जो तथ्य पेश किए गए है वह तथ्य ठोस नहीं पाए गए है।
प्रधान देव राज द्वारा फर्जी बिल, समान की खरीददारी में अनियमिताएं बरतने, कार्यों के बजट को स्थानांतरित करने, अधूरे कार्यों, मजदूरों के खातों में सीधे मजदूरी न ट्रांसफर करने, एक ही व्यक्ति को बिना कोटेशन के कार्य आवंटित करने, बिना बजट के अत्याधिक कार्य करवाने, तकनीकी अनुमति के बिना कार्य करने आदि की अनियमिताएं जांच में सामने आई है।
ऐसे में उपायुक्त ने हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 145 (1) (c) के तहत प्रधान को अपने कार्य में लापरवाही बरतने के लिए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
इसके साथ ही पंचायत से जुड़ा सारा रिकॉर्ड स्टोर, स्टॉक, स्टांप आदि जो प्रधान के पास मौजूद है उसे पंचायत सचिव को सौंपने के आदेश जारी किए है।
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आबकारी विभाग की बड़ी कार्रवाई, 85 हजार लीटर अवैध कच्ची शराब को कब्जे में लेकर किया नष्ट
शिमला- राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने अवैध शराब मामले में एक बड़ी कार्रवाई की है। विभाग की नूरपुर टीम ने पंजाब के साथ लगते सीमांत क्षेत्र छन्नी वैली में अवैध शराब बनाने वालों पर इस कार्रवाई को अमल में लाया है ओर 85 हजार लीटर कच्ची शराब को कब्ज़े में लेकर नष्ट किया है।
राज्य कर एवं आबकारी विभाग के आयुक्त युनूस ने जानकारी देते हुए बताया कि विभाग की ओर से इस कार्रवाई में पंजाब आबकारी विभाग व पंजाब पुलिस और इंदौरा पुलिस थाना की सहायता ली गई थी।
उन्होंने कहा कि आबकारी विभाग को इस क्षेत्र में अवैध शराब के बनाने की सूचनाएं प्राप्त हो रही थी। जिसके अंतर्गत नूरपुर टीम के सदस्यों ने पंजाब के सीमांत क्षेत्र में पंजाब आबकारी विभाग व पंजाब पुलिस के सहयोग से इस क्षेत्र में अवैध शराब बनाने वालों पर संयुक्त कार्रवाई की।
उन्होंने बताया कि सीमांत क्षेत्र होने की वजह से कार्रवाई करने में शुरू में कुछ कठिनाइयां भी आई लेकन इसके बावजूद भी विभाग ने इस क्षेत्र में कार्रवाई की और (85000 लीटर लाहन) कच्ची शराब को कब्जे में लिया और कानूनी प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद अवैध शराब को नष्ट किया गया है।
यूनुस ने बताया कि विभाग अवैध शराब बनाने वालों पर कड़ी कार्रवाई कर रहा है और भविष्य में भी यह कार्रवाई विभाग जारी रखेगा।
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13 फरवरी को आपदा जोख़िम से बचाव पर उमंग आयोजित करेगी वेबिनार
शिमला- उमंग फाउंडेशन की ओर से रविवार 13 फरवरी को आपदा जोख़िम से बाचव विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया जा रहा है।
आपदा प्रबंधन के विशेषज्ञ और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के लिए कार्य कर चुके नवनीत यादव उमंग फाउंडेशन के वेबीनार में “आपदा जोखिम से बचाव का अधिकार” विषय पर युवाओं के साथ चर्चा करेंगे। वह दिव्यांगों को आपदा के समय सुरक्षित बचाने के तरीके भी बताएंगे।
कार्यक्रम के संयोजक संजीव शर्मा ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष में मानवाधिकार जागरूकता पर संस्था का ये 22वां साप्ताहिक कार्यक्रम होगा।
गूगल मेल पर 13 फरवरी को शाम 7:00 बजे लिंक http://meet.google.com/zop-pbkn-heg के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुआ जा सकता है। यहां ‘उमंग फाउंडेशन शिमला’ के फेसबुक पेज पर भी लाइव उपलब्ध रहेगा।
उन्होंने कहा कि आपदा जोखिम से बचाव को लेकर समाज में जागरूकता की कमी है। विशेषकर दिव्यांग व्यक्तियों को भीषण आपदा के समय कैसे सुरक्षित निकाला जाए, यह एक बड़ा मुद्दा है।
‘आपदा जोखिम से बचाव का अधिकार’ विषय पर आपदा जोखिम प्रबंधन से जुड़े संगठन डूअर्स के कार्यक्रम निदेशक और जापान, थाईलैंड, सेनेगल एवं नेपाल में अंतरराष्ट्रीय पाठ्यक्रमों में नवनीत यादव हिस्सा ले चुके हैं।
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