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हिमाचल प्रदेश में बनेगा उत्तर भारत का पहला एक मेगावाट ग्रीन हाईड्रोजन संयंत्र

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green hydrogen plant in himachal pradesh

सोलन: बुधवार को नालागढ़ तहसील के दभोटा में उत्तर भारत के पहले एक मेगावाट क्षमता के ग्रीन हाईड्रोजन संयंत्र की आधारशिला रखी गई। राज्य सरकार द्वारा जारी की गई जानकारी के अनुसार 9.04 करोड़ रुपये की इस परियोजना को हिमाचल प्रदेश पॉवर कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा ऑयल इंडिया लिमिटेड के संयुक्त तत्वावधान से विकसित किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा अधिकारियों को एक वर्ष की समयावधि के भीतर इस परियोजना को पूरा करने के निर्देश दिए है।

जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार ने 26 अप्रैल, 2023 को आयल इंडिया लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया है। जिसके तहत सौर ऊर्जा, जियो थर्मल ऊर्जा और कम्प्रेस्ड बायो गैस के विकास की दिशा में कार्य किया जाएगा।

इस संयंत्र के लिए दभोटा में 4 हजार वर्ग मीटर की भूमि का चयन किया गया है। यह संयंत्र इलेक्ट्रोलाइट के रूप में क्षारीय पोटाशियम हाइड्रोक्साइड घोल का उपयोग कर इलेक्ट्रोलाइसिस के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के उपयोग से हाइड्रोजन का उत्पादन करेगा। इस विधि से ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में कमी आएगी और स्वच्छ ऊर्जा पारिस्थितिकीय तंत्र का निर्माण होगा।

इस संयंत्र की प्रतिदिन 423 किलोग्राम ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन की क्षमता है जिसके लिए प्रति किलोग्राम हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए 13 लीटर पानी की आवश्यकता होगी। भूमिगत जल के रूप में ट्यूबवेल के माध्यम से पानी की आवश्यकता को पूरा किया जाएगा। उत्पादन की प्रक्रिया के दौरान प्रति किलोग्राम हाइड्रोजन के लिए लगभग 52.01 यूनिट बिजली की खपत होगी। संयंत्र द्वारा वार्षिक 1,54,395 किलोग्राम ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादित होने की संभावना है।

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आयुर्वेदिक चिकित्सालय मंडी में टेलीमेडिसिन सुविधा आरंभ, मरीज वीडियो कॉल के माध्यम से करवा सकेंगे इलाज

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मंडी – 17 फरवरी, 2025- जिला आयुर्वेदिक चिकित्सालय मंडी में टेलीमेडिसिन की सुविधा आरंभ की गई है। इस सुविधा के आरंभ होने से मरीजों को वीडियो कॉल के माध्यम से इलाज की सुविधा मिलेगी। जिला आयुष अधिकारी मंडी डॉ राजेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि आयुर्वेद चिकित्सालय के धरातल पर टेलीमेडिसिन रूम बनाया गया है।

यहां पर चिकित्सक के लिए कम्प्यूटर व स्पीकर सहित इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है, जिससे मरीज चिकित्सक के साथ वीडियो कॉल के माध्यम से बात कर अपनी बीमारी का इलाज करवा सकते हैं।

टेलीमेडिसिन की सुविधा प्रतिदिन कार्य दिवस को सायं 2 बजे से लेकर 4 बजे तक उपलब्ध रहेगी। अस्पताल में हर रोज अलग-अलग बीमारी के चिकित्सक टेलीमेडिसिन की सुविधा के लिए उपलब्ध रहेंगे।

परामर्श समय सारिणी इस प्रकार है:

सोमवार व बुधवार – स्त्री रोग विशेषज्ञ
मंगलवार व वीरवार – योगा विशेषज्ञ
शुक्रवार – शल्य रोग
शनिवार – शल्य तथा काया चिकित्सा विशेषज्ञ अपनी सेवाएं प्रदान करेंगे।

 

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मंत्रिमंडल के निर्णय: महिला कर्मचारियों के लिए 60 दिन का विशेष अवकाश और छः पोस्ट कोड के 699 पदों के लम्बित परिणामों को घोषित करने को मंजूरी

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शिमला: शनिवार को राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में कईं अहम निर्णय लिए गए है।

बजट सत्र की सिफारिश

मंत्रिमंडल ने राज्यपाल को हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 10 मार्च से 28 मार्च, 2025 तक आयोजित करने की सिफारिश करने का निर्णय लिया है।

लंबित परिणामों की घोषणा

मंत्रिमंडल ने ‘टेंटिड’ पदों को छोड़कर छः पोस्ट कोड के 699 पदों के लम्बित परिणामों को घोषित करने की स्वीकृति प्रदान की। इनमें मार्केट सुपरवाइजर (पोस्ट कोड-977), फायरमैन (पोस्ट कोड-916), ड्राइंग मास्टर (पोस्ट कोड-980), लिपिक (हिमाचल प्रदेश सचिवालय पोस्ट कोड-962), लाइनमैन (पोस्ट कोड-971) और स्टेनो टाइपिस्ट (पोस्ट कोड-928) शामिल हैं।

संजौली पुलिस चौकी को बनाया जाएगा पुलिस स्टेशन

मंत्रिमंडल ने संजौली पुलिस चौकी को पुलिस स्टेशन में स्तरोन्नत करने सहित विभिन्न श्रेणियों के 20 पद सृजित कर भरने की स्वीकृति प्रदान की है। शिमला के नेरवा में अग्निशमन चौकी खोलने तथा इसमें विभिन्न श्रेणियों के 17 पद सृजित कर भरने की स्वीकृति प्रदान की गई। कोटखाई के पुलिस स्टेशन के अंतर्गत हाल ही में खोले गए बागी पुलिस चौकी में विभिन्न श्रेणियों के छः पद सृजित कर भरने को स्वीकृति प्रदान की गई।

सरकारी महिला कर्मचारियों के लिए विशेष मातृत्व अवकाश

बैठक में सरकारी महिला कर्मचारियों को प्रसव के दौरान बच्चे की मृत्यु पर या नवजात शिशुओं की मौत होने पर 60 दिन का विशेष मातृत्व अवकाश प्रदान करने की स्वीकृति प्रदान की गई।

इन विभागों में भरे जाएंगे खाली पद

बैठक में राजस्व विभाग में तहसीलदार के नौ पद सृजित कर भरने की स्वीकृति प्रदान की गई। योजना विभाग में विभिन्न श्रेणियों के तीन पद भरने की स्वीकृति प्रदान की गई। कोषागार, लेखा एवं लॉटरी विभाग में कोषागार अधिकारियों के तीन पद भरने का निर्णय लिया गया है।

कांगड़ा जिला में जल शक्ति विभाग का नया मंडल खोलने तथा आवश्यक पदों को सृजित कर भरने का निर्णय लिया गया।

बिलासपुर जिला के श्री नयना देवी जी विधानसभा क्षेत्र के जगातखाना में जल शक्ति विभाग का नया मंडल खोलने तथा इसके संचालन के लिए आवश्यक पदों को सृजित कर भरने का भी निर्णय लिया गया।

सोलन जिला के बशील में नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने तथा विभिन्न श्रेणियों के तीन पदों को सृजित कर भरने को मंजूरी दी गई।

इन महाविद्यालयों में नए कोर्स होंगे शुरु

बैठक में शिमला जिला के प्रगतिनगर स्थित अटल बिहारी वाजपेयी राजकीय इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान में बी.टेक (सिविल इंजीनियरिंग) पाठ्यक्रम शुरू करने के साथ-साथ विभिन्न श्रेणियों के सात पदों को सृजित कर भरने की मंजूरी दी गई।

कांगड़ा जिला के नगरोटा बगवां में राजीव गांधी राजकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय में विभिन्न श्रेणियों के आठ पदों को सृजित करने और भरने के साथ बी.टेक (आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस और डेटा सांइस) और बी.टेक (कंप्यूटर साईंस) पाठ्यक्रम शुरू करने को भी मंजूरी दी गई।

शिमला जिला के प्रगतिनगर स्थित अटल बिहारी वाजपेयी राजकीय इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान में बी.टेक (सिविल इंजीनियरिंग) पाठ्यक्रम शुरू करने के साथ-साथ विभिन्न श्रेणियों के सात पदों को सृजित कर भरने की मंजूरी दी गई।

मंत्रिमंडल ने जिला मंडी के राजकीय बहुतकनीकी महाविद्यालय सुन्दरनगर में कम्प्यूटर साईंस और इंजीनियरिंग (आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग) में एक नया डिप्लोमा कोर्स शुरू करने को स्वीकृति प्रदान की।

हिमाचल प्रदेश राजकीय दंत महाविद्यालय शिमला के विभिन्न विभागों में सहायक प्रोफेसर के 16 स्वीकृत पदों को एसोसिएट प्रोफेसर में स्तरोन्नत करने को मंजूरी दी गई।

बैठक में मंडी जिला के श्री लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सा महाविद्यालय नेरचौक में न्यूक्लियर मेडिसन विभाग स्थापित करने का निर्णय लिया। इसके अलावा, बैठक में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर, न्यूक्लियर मेडिसन टेक्नोलॉजिस्ट और रेडिएशन सेफ्टी अधिकारी जैसे पदों को सृजित कर भरने को भी स्वीकृति प्रदान की गई।

मंत्रिमंडल ने जिला सिरमौर के डॉक्टर वाई.एस. परमार राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय के पैथोलॉजी विभाग के अंतर्गत इम्यूनोहेमेटोलॉजी और ब्लड ट्रांसफ्यूज़न विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद को भरने को स्वीकृति प्रदान की।

बैठक में एलोपैथिक चिकित्सकों को भारत या विदेश में अध्ययन अवकाश (स्टडी लीव) के दौरान पूरा वेतन प्रदान करने का निर्णय लिया गया।

135 पुलिस थाने छः श्रेणियों में होंगे वर्गीकृत

मंत्रिमंडल ने राज्य के सभी 135 पुलिस थानों को जनसंख्या, क्षेत्रफल, बड़े अपराध, यातायात, अंतर्राज्यीय सीमाओं और पर्यटकों की आवाजाही जैसे मानकों के आधार पर छः श्रेणियों में वर्गीकृत करने का निर्णय लिया है। पुलिस थानों में स्टाफ की तैनाती को उनकी श्रेणियों के अनुसार संशोधित किया जाएगा।

वित्त वर्ष 2025-26 के लिए प्रवेश कर की वसूली

बैठक में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए प्रवेश कर (एन्ट्री टैक्स) की वसूली के लिए नीलामी-कम-निविदा प्रक्रिया को मंजूरी प्रदान की गई, जिससे वित्त वर्ष 2024-25 की तुलना में 11.56 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व अर्जित होने की संभावना है। इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने राज्य में सभी एन्ट्री टॉल बैरियर्ज पर चरणबद्ध तरीके से फास्टैग सुविधा लागू करने का निर्णय लिया।

पहले चरण में यह सुविधा गरामोड़ा (बिलासपुर), परवाणु (मेन) और टियारा बाईपास (सोलन), गोविन्दघाट (सिरमौर), कंडवाल (नूरपुर), मैहतपुर (ऊना) और बद्दी (सोलन) के टोल बैरियर्ज पर शुरू की जाएगी।

मंत्रिमंडल ने बिलासपुर जिला की सदर तहसील के आठ पटवार वृतों को नम्होल उप-तहसील में शामिल कर इसका पुनर्गठन करने का निर्णय लिया।

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ऑनलाइन उत्पाद बेच रहीं स्वयं सहायता समूह की महिलाएं,एक महीने में आए 1,000 से अधिक ऑर्डर

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शिमला: हिमाचल प्रदेश में महिलाओं को सशक्त बनाने और उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए राज्य सरकार ने 3 जनवरी, 2025 को आधिकारिक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म हिमईरा (https://himira.co.in/) लॉन्च किया था। राज्य सरकार की मानें तो हिमाचल प्रदेश की ग्रामीण महिलाओं के जीवन में इस पहल से सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से देश भर में लोगों के बीच हिमईरा उत्पादों की लोकप्रियता बढ़ रही है।

एक महीने में 1,000 से अधिक ऑर्डर

राज्य सरकार द्वारा जारी किये गए आंकड़ों के अनुसार ई-कॉमर्स हिमईरा प्लेटफॉर्म के लॉन्च के महज एक महीने के भीतर ही देश भर से 1,000 से अधिक ऑर्डर प्राप्त हुए हैं। केरल, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान जैसे राज्यों में ग्राहकों को 1,050 से अधिक ऑनलाइन ऑर्डर सफलतापूर्वक डिलीवर किए जा चुके हैं।

ई-कॉमर्स में एकीकरण के साथ, स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा तैयार किए गए उत्पाद अब पेटीएम और माईस्टोर जैसे प्लेटफार्मों पर स्वचालित रूप से सूचीबद्ध हो जाते हैं। राज्य सरकार के अनुसार यह पहल ग्रामीण हिमाचल के शिल्प कौशल की समृद्धि और विविधता को भारत के हर कोने में ला रही है।

स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को हो रहा लाभ: मुख्यमंत्री 

इसी बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि “इस डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से राज्य भर में लगभग 30,000 स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को आजीविका के ऐसे अवसरों तक सीधी पहुँच मिली है। वेबसाइट पर हाथ से बुने हुए हिमाचली वस्त्रों से लेकर शुद्ध और प्राकृतिक खाद्य पदार्थों तक लगभग 30 उत्पादों की विविधतापूर्ण रेंज उपलब्ध है।”

महिलाओं की सफलता की कहानियां

सरकार द्वारा जारी जानकारी के अनुसार हिमईरा प्लेटफॉर्म से जुड़ी कई महिलाओं ने अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव देखे हैं। सोलन जिले की जसविंदर कौर, कांगड़ा जिले की मेघा देवी, लाहौल-स्पीति जिले की रिग्जिन छोदान और हमीरपुर जिले की अनीता देवी जैसी महिलाओं ने हिमईरा के माध्यम से अपनी आय में उल्लेखनीय वृद्धि की है और अब वे आत्मनिर्भर जीवन जी रहीं हैं।

सोलन जिले की जसविंदर कौर का कहना है कि उनके लिए साईनाथ एसएचजी में शामिल होना जीवन बदलने वाला रहा है। उन्होंने वित्तीय सहायता और पशुधन और गैर-कृषि गतिविधियों के लिए 60,000 रुपये के ऋण के साथ गोबर के उत्पाद बनाने का काम शुरू किया था। उनकी मासिक आय, जो कभी मात्र 1000 रुपये थी, अब बढ़कर 20,000 रुपये हो गई है। उन्होंने कहा कि इस मंच के माध्यम से मुझे जो कौशल मिले हैं, उन्होंने वास्तव में उनके जीवन को बदल दिया है। पशुधन और गोबर के उत्पाद बेचकर वह अपने बच्चों की शिक्षा का खर्च उठा सकती है।

कांगड़ा जिले की मेघा देवी की भी कुछ ऐसी ही कहानी है। श्री गणेश एसएचजी से जुड़ने के बाद उन्होंने डोना-पत्तल (पत्तल बनाने) का एक छोटा सा उद्यम शुरू किया। उनकी मासिक आय 5000 रुपये से बढ़कर 20000 रुपये हो गई है। एक समय वह पूरी तरह से अपने पति की आय पर निर्भर थीं, लेकिन अब उनकी आर्थिक स्थिति बदल गई है। मेघा कहती हैं, “अपने जुनून को आजीविका में बदलना लचीलेपन और विकास की यात्रा रही है। मेरी खुदरा दुकान से होने वाली हर बिक्री और मेरे द्वारा बनाए गए हर पत्तल के साथ, मैं न केवल लाभ बल्कि अपने बच्चों के सपनों को साकार होते हुए देखती हूँ।

लाहौल-स्पीति जिले के केलांग में रिग्जिन छोदान को कंगला बेरी एसएचजी के माध्यम से कृषि, पशुपालन, हस्तशिल्प और हथकरघा से जुड़ी। उनकी मासिक आय 4000 रुपये से बढ़कर 25000 रुपये हो गई है। अब वह अपने उद्यम का विस्तार करने और ग्रामीण बाजारों में नए अवसरों की तलाश करने की योजना बना रही हैं। वह कहती हैं, “यह अविश्वसनीय है कि कैसे नए कौशल सीखने से मेरी कमाई ही नहीं बल्कि जीवन के प्रति मेरा पूरा दृष्टिकोण बदल गया है।”

हमीरपुर जिले के झमियाट गांव की अनीता देवी शुरू में एक निजी आईटी नौकरी पर निर्भर थीं और उन्हें हर महीने मात्र 5000 रुपये मिलते थे। SHG के साथ उनकी यात्रा बुनियादी बचत से शुरू हुई और मशरूम की खेती में NRLM प्रशिक्षण के माध्यम से, उनकी मासिक आय धीरे-धीरे बढ़कर 20000 रुपये हो गई। वह बताती हैं, “कड़ी मेहनत और अपने समूह और राज्य सरकार के समर्थन से, मैंने अपनी छोटी बचत को एक संपन्न व्यवसाय में बदल दिया। अब, मैं न केवल अपने परिवार का समर्थन करती हूँ, बल्कि दूसरों को भी उनकी क्षमता पर विश्वास करने के लिए सशक्त बनाती हूँ।”

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