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नागरिक सेवा पोर्टल: व्यापार लाईसेंस, सम्पत्ति कर प्रबंधन, शिकायत निवारण, सामुदायिक स्थानों की बुकिंग सहित अनेक सेवाएं होंगी ऑनलाइन

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शिमला-राज्य सरकार ने शहरी विकास विभाग के कार्यक्रम ‘स्वच्छ शहर-समृद्ध शहर’ पहल और ‘नागरिक सेवा पोर्टल’ का शुभारम्भ किया। एक राज्य एक पोर्टल पहल के तहत यह पोर्टल citizenseva.hp.gov.in प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगा।

जारी की गई जानकारी के अनुसार स्वच्छ शहर-समृद्ध शहर कार्यक्रम के तहत शहरी स्थानीय निकायों में स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और कचरे के प्रबन्धन के लिए विभिन्न पहल की जाएंगी। नागरिक सेवा पोर्टल के तहत विभिन्न ऑनलाईन जन सेवाएं भी प्रदान की जाएंगी।

नागरिक सेवा पोर्टल आरम्भ करने का उद्देश्य राज्य के सभी शहरी स्थानीय निकायों में एक एकीकृत एण्ड-टू-एण्ड ऑनलाइन समाधान प्रदान करना है। इसके माध्यम से पहले 9 आवश्यक सेवाएं प्रदान की जाएंगी, जिनमें से 7 सेवाएं नागरिकों की आवश्यकताओं के अनुरूप होंगी और दो शहरी स्थानीय निकायों के प्रबंधन के लिए डिजाइन की गई हैं। इसके माध्यम से व्यापार लाईसेंस, सम्पत्ति कर प्रबंधन, शिकायत निवारण, सामुदायिक स्थानों की बुकिंग सहित अनेक जन सेवाएं लोगों को ऑनलाइन उपलब्ध होंगी। आने वाले समय में इस प्लेटफार्म के माध्यम से 45 सेवाएं प्रदान की जाएंगी।

शहरी क्षेत्रों के घरों के गारबेज आई.डी. बनाए जाएंगे

सिटीजन सेवा पोर्टल के माध्यम से कूड़ा संग्रहण और बिल जारी करने के लिए शहरी क्षेत्रों के 2 लाख 82 हजार घरों के गारबेज आई.डी. बनाए जाएंगे। भविष्य में इन सभी पंजीकृत इकाइयों को डिजिटल पहचान प्लेट्स प्रदान की जाएंगी।

प्रदेश सरकार के अनुसार ईज़-ऑफ लिविंग को सर्वोच्च अधिमान दे रही है। पहले सभी स्थानीय निकायों में कार्य परम्परागत रूप से ही किए जा रहे थे। अब इनकी कार्यशैली मेें बदलाव लाया गया है, जिससे इनकी दक्षता में भी बढ़ोतरी हुई है।

शिमला शहर को ईज़-ऑफ लिविंग इंडेक्स में पहला स्थान प्राप्त

सरकार के अनुसार शिमला शहर को ईज़-ऑफ लिविंग इंडेक्स में पहला स्थान प्राप्त हुआ है और आपसी सहयोग से हिमाचल प्रदेश को ई-गवर्नेंस और नागरिक सशक्तिकरण का मॉडल राज्य बनाया जाएगा।

शिमला शहर में पायलट आधार पर प्रोजेक्ट होगा शुरू

शिमला शहर में पेयजल को स्वच्छ बनानेे के लिए पायलट आधार पर प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा, जिसमें ओजोन और यूवी तकनीक का उपयोग किया जाएगा।  10 फरवरी, 2025 से सभी शहरी स्थानीय निकायों में सार्वजनिक शिकायतों के समाधान के लिए वार्ड स्तर पर समाधान शिविर आयोजित किए जाएंगे। सभी शहरी स्थानीय निकायों में स्वच्छ शहर समृद्ध शहर के रूप में दो माह तक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

नवनिर्मित शहरी स्थानीय निकायों को कचरा संग्रहण वाहन खरीदने के लिए 10.62 लाख रुपये प्रति निकाय वित्तीय सहायता कर प्रावधान किया गया है। साथ ही स्थानीय निकायों को ऑनलाईन भुगतान के लिए पीओएस मशीनें भी प्रदान की गई।

सरकार के अनुसार शहरी विकास विभाग ने आईआईटी रोपड़ और जीआईजेड के साथ शहरी सतत पहलों के दृष्टिगत दो समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। इसका उद्देश्य शोध, नवाचार कचरा प्रबन्धन तकनीकों सहित अन्य विषयों पर आपसी साझेदारी व समन्वय से कार्य करना है ताकि स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में व्यापक स्तर पर सकारात्मक बदलाव लाए जा सकें।

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हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में बसों की कमी, HRTC की दो बसें किराये पर लेकर चलाया जा रहा काम

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शिमला21 फरवरी 2025-  हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (HPU) के छात्रों ने बसों की कमी की समस्या को लेकर कुलसचिव को ज्ञापन सौंपा है। छात्रों ने मांग की है कि जल्द से जल्द नई बसों की व्यवस्था की जाए, ताकि परिवहन समस्या का समाधान हो सके।

छात्रों के अनुसार, विश्वविद्यालय के पास पहले कुल छह बसें थीं, लेकिन तीन बसों की अवधि समाप्त होने के बाद अब केवल तीन बसें ही बची हैं। इसके बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन नई बसें खरीदने के बजाय हिमाचल प्रदेश राज्य परिवहन निगम (HRTC) की दो बसों को किराए पर लेकर छात्रों की परिवहन सुविधा को पूरी कर रहा है। छात्रों का आरोप है कि इन बसों में निर्धारित क्षमता से अधिक विद्यार्थी सफर करने को मजबूर हैं, जिससे उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

चार लाख रुपए मासिक किराया

छात्रों का कहना है कि इन दो बसों के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को हर महीने चार लाख रुपए देने पड़ रहे हैं। पिछले साल भी छात्रों ने बसों की कमी को लेकर विश्वविद्यालय कुल सचिव को ज्ञापन सौंपा था। जिसके जवाब में विश्वविद्यालय कुल सचिव ने यह आश्वासन दिया था कि शीतकालीन अवकाश के दौरान विश्वविद्यालय में बसों की कमी को पूरा कर दिया जाएगा। छात्रों का कहना है कि इसके बावजूद भी विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कोई नई बस छात्रों के लिए नहीं खरीदी गई।

गैर-शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में देरी का मुद्दा भी उठाया

छात्रों ने विश्वविद्यालय में लंबित पड़ी गैर-शिक्षक भर्ती प्रक्रिया का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने बताया कि 2019 और 2021 में इन पदों के लिए विज्ञापन जारी किए गए थे, लेकिन अब तक भर्ती नहीं की गई है। इससे विश्वविद्यालय के प्रशासनिक कार्यालय में गैर-शिक्षक स्टाफ पर अतिरिक्त कार्यभार बढ़ रहा है।

छात्रों का आरोप है कि दो बार विज्ञापित किए गए इन गैर शिक्षक पदों के लिए छात्रों से लगभग 4 करोड़ से ज्यादा पैसा लिया जा चुका है। लेकिन अभी तक किसी भी पद को नहीं भरा गया।

कुलसचिव ने दिया आश्वासन

कुलसचिव ने बसों की समस्या को लेकर अपनी अक्षमता बताते हुए कहा कि यह वित्त समिति की मंजूरी पर निर्भर करता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय प्रशासन जल्द ही गैर-शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने का प्रयास करेगा।

छात्रों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो वे आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।

 

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हिमाचल में सरकारी सेवा में कार्यरत महिलाओं को मिलेगा 60 दिन का विशेष मातृत्व अवकाश

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राज्य सरकार ने सरकारी सेवा में कार्यरत महिलाओं के लिए 60 दिन का विशेष मातृत्व अवकाश देने की पहल की है। यह अवकाश उन महिलाओं को दिया जाएगा जो मृत शिशु को जन्म देती हैं या जन्म के तुरंत बाद बच्चे को खो देती है।

वर्तमान में सरकारी सेवा में कार्यरत महिला कर्मचारी,जिनके दो से कम जीवित बच्चे हैं, वे प्रसव के बाद 180 दिनों के मातृत्व अवकाश की पात्र हैं। नई घोषणा के तहत केवल मृत शिशु के जन्म या नवजात शिशु की मृत्यु के मामले में ही अतिरिक्त 60 दिन का अवकाश दिया जाएगा। यह विशेष अवकाश केवल अधिकृत अस्पतालों में प्रसव कराने वाली महिलाओं के लिए लागू होगा।

राज्य सरकार के अनुसार इस पहल का उद्देश्य शारीरिक और भावनात्मक रूप से प्रभावित महिलाओं को राहत देना और उन्हें पर्याप्त समय तक उपचार व आराम का अवसर प्रदान करना है।

Image by fezailc from Pixabay

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आयुर्वेदिक चिकित्सालय मंडी में टेलीमेडिसिन सुविधा आरंभ, मरीज वीडियो कॉल के माध्यम से करवा सकेंगे इलाज

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मंडी – 17 फरवरी, 2025- जिला आयुर्वेदिक चिकित्सालय मंडी में टेलीमेडिसिन की सुविधा आरंभ की गई है। इस सुविधा के आरंभ होने से मरीजों को वीडियो कॉल के माध्यम से इलाज की सुविधा मिलेगी। जिला आयुष अधिकारी मंडी डॉ राजेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि आयुर्वेद चिकित्सालय के धरातल पर टेलीमेडिसिन रूम बनाया गया है।

यहां पर चिकित्सक के लिए कम्प्यूटर व स्पीकर सहित इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है, जिससे मरीज चिकित्सक के साथ वीडियो कॉल के माध्यम से बात कर अपनी बीमारी का इलाज करवा सकते हैं।

टेलीमेडिसिन की सुविधा प्रतिदिन कार्य दिवस को सायं 2 बजे से लेकर 4 बजे तक उपलब्ध रहेगी। अस्पताल में हर रोज अलग-अलग बीमारी के चिकित्सक टेलीमेडिसिन की सुविधा के लिए उपलब्ध रहेंगे।

परामर्श समय सारिणी इस प्रकार है:

सोमवार व बुधवार – स्त्री रोग विशेषज्ञ
मंगलवार व वीरवार – योगा विशेषज्ञ
शुक्रवार – शल्य रोग
शनिवार – शल्य तथा काया चिकित्सा विशेषज्ञ अपनी सेवाएं प्रदान करेंगे।

 

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