एच डब्ल्यू कम्युनिटी
ढाण्ड़ा क्षेत्र के लोगों को सालों बाद मिला एक कूड़ादान
“हिमाचल वॉचर की एक साल की शिकायतों के बाद कूडे़ के ढेर में परिवर्तित हो चुके ढाण्ड़ा क्षेत्र को सालों बाद एक कूड़ादान दिया गया है पर इस समस्या को सुलझाने के लिए ये पहल काफि नहीं है इसके लिए पहले ढाण्ड़ा क्षेत्र में फंैले कचरे को साफ करना बेहद जरुरी है”
हिमाचल वॉचर द्वारा एक नहीं बल्कि अनेकों ही बार ढाण्ड़ा क्षेत्र में खुले में फैले कूडे कचरे जो पूरे क्षेत्र में फैलता जा रहा है कि समस्या को लेकर अनेक बार लिखा गया है और इस समस्या के सही समाधान के लिए हिमाचल वॉचर समय समय पर इस क्षेत्र के पंचायत प्रधान को क्षेत्र की समस्या को लेकर उचित समाधान करवाने के लिए के लिए भी कहता रहा है।
समस्या ये कि ढाण्ड़ा क्षेत्र में पिछले तकरिबन दस सालों से लोग अपने घरों का कचरा सड़क के किनारे की खाली जमीन पर डालने के लिए मजबूर थे क्यांेकि क्षेत्र में पंचायत के अधिकारियों द्वारा कचरा डालने के लिए किसी भी तरह के कूड़ा एकत्र करने वाले डिब्बों की सुविधा क्षेत्र के निवासियों को प्रदान नहीं करवाई गई थी। जिससे कारण क्षेत्र के लोग इधर उधर सड़को पर कूड़ा कचरा डालने के लिए मजबुर थे।
हिमाचल वॉचर ने ढाण्ड़ा क्षेत्र की इस समस्या को लेकर एक नहीं बल्कि अनेकों बार लिखा जिसके चलते अब ढाण्ड़ा क्षेत्र के लोगों को कचरा डालने के लिए एक कूड़ादान की सुविधा दी गई है जिससे क्षेत्र की जनता अपने घरों का कचरा सही जगह पर डाल सके।
लेकिन इस समस्या से समाधान के लिए ये पहल ही काफि नहीं है इसके लिए क्षेत्र में पहले से फैले कचरे को साफ करने की आवश्यकता है जिससे गंदगी को फंैलने से रोका जा सके। इस क्षेत्र में कूड़ा कचरा इतने ज्यादा स्तर पर फैल चुका है कि इस क्षेत्र में एक कूड़ादान लगाने से इस समस्या का सामाधान हो जाए ये संभव नहीं है ।
पहले क्षेत्र में फैले कचरे को सही तरह से साफ करने की जरुरत है जिससे की वहां पर लगाए गए कूड़ादान का सही और उचित उपयोग हो सके और हां क्षेत्र की आबादी को देखते हुए इस क्षेत्र में केवल एक कूड़ादान से काम चलेगा ऐसा लगता तो नहीं है पर न होने से बेहतर तो वो एक कूड़ादान ही है जो यहां की जनता को इतने सालों बाद नसीब हुआ है ।
पर अब ये जिम्मेदारी जनता की भी बनती है कि अगर उन्हें कूड़ा डालने के लिए कूड़ादान की सुविधा दी ही गई है तो वे उसका सही और उचित इस्तेमाल करे और अपने क्षेत्र को और गंदा न होने दे।
हिमाचल वॉचर ने ढाण्ड़ा क्षेत्र की ऐसी एक नहीं अनेक समस्याओं से क्षेत्र के अधिकारियों को अवगत करवाया है जिसमें से एक गंभीर समस्या कचरा फैंकने के उचित प्रावधान के लिए एक कूड़ादान लगवाने की पहल में तो हिमाचल वॉचर सफल रहा है और उम्मीद है कि क्षेत्र की अन्य समस्याओं जिन के बारे में हिमाचल वॉचर ने पंचायत अधिकारियों का ध्यान केंद्रीत करवाया है उसका भी जल्द ही समाधान किया जाएगा ।
हिमाचल वॉचर का मकसद यही है कि जो समस्याएं आपको अपने क्षेत्र या शहर में या कहीं भी आपके आस पास दिखाई दे रही हो और उन पर किसी तरह की कोई सही कार्यवाही नहीं की जा रही है तो उसके सही और उचित समाधान के लिए हम हर सभंव प्रयास करते है।
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घोटाला: रोहड़ू में प्रधान निलंबित, फर्जी बिल, समान की खरीददारी में गड़बड़ी व कई अन्य वित्तीय घोटालों की हुई थी पुष्टि
शिमला : विकास खंड रोहड़ू की पंचायत करासा के प्रधान देव राज को फर्जी बिल, समान की खरीददारी में अनियमिताएं बरतने, बिना बजट के अत्याधिक कार्य करवाने इत्यादी घोटालों के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम और 15वें वित्त आयोग के तहत निलंबित कर दिया है। उपायुक्त अनुपम कश्यप ने प्रधान देव राज को निलंबित करने के आदेश की अधिसूचना जारी कर दी है ।
ग्राम पंचायत करासा के स्थानीय निवासी ने खंड विकास अधिकारी रोहड़ू के पास उक्त प्रधान के खिलाफ लिखित में शिकायत दर्ज की थी। जिसके बाद इस शिकायत की प्रारंभिक जांच की गई।
6 मई 2024 को 135 पन्नों की जांच रिपोर्ट सौंपी गई। जिसमें वर्ष 2020 से 2024 तक विकासात्मक कार्यों में वित्तीय अनियमिताएं पाए जाने की पुष्टि हुई। 1 जुलाई 2024 को जांच में लगे आरोपों को लेकर प्रधान ग्राम पंचायत करासा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। 4 जुलाई 2024 को प्रधान ने उक्त आरोपों पर अपना जवाब लिखित में दायर किया।
इसके बाद जब प्रधान के लिखित जवाबों का अवलोकन पंचायत के रिकॉर्ड के साथ किया गया, तो जांच में पाया गया कि प्रधान की ओर से अपने बचाव में जो तथ्य पेश किए गए है वह तथ्य ठोस नहीं पाए गए है।
प्रधान देव राज द्वारा फर्जी बिल, समान की खरीददारी में अनियमिताएं बरतने, कार्यों के बजट को स्थानांतरित करने, अधूरे कार्यों, मजदूरों के खातों में सीधे मजदूरी न ट्रांसफर करने, एक ही व्यक्ति को बिना कोटेशन के कार्य आवंटित करने, बिना बजट के अत्याधिक कार्य करवाने, तकनीकी अनुमति के बिना कार्य करने आदि की अनियमिताएं जांच में सामने आई है।
ऐसे में उपायुक्त ने हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 145 (1) (c) के तहत प्रधान को अपने कार्य में लापरवाही बरतने के लिए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
इसके साथ ही पंचायत से जुड़ा सारा रिकॉर्ड स्टोर, स्टॉक, स्टांप आदि जो प्रधान के पास मौजूद है उसे पंचायत सचिव को सौंपने के आदेश जारी किए है।
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आबकारी विभाग की बड़ी कार्रवाई, 85 हजार लीटर अवैध कच्ची शराब को कब्जे में लेकर किया नष्ट
शिमला- राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने अवैध शराब मामले में एक बड़ी कार्रवाई की है। विभाग की नूरपुर टीम ने पंजाब के साथ लगते सीमांत क्षेत्र छन्नी वैली में अवैध शराब बनाने वालों पर इस कार्रवाई को अमल में लाया है ओर 85 हजार लीटर कच्ची शराब को कब्ज़े में लेकर नष्ट किया है।
राज्य कर एवं आबकारी विभाग के आयुक्त युनूस ने जानकारी देते हुए बताया कि विभाग की ओर से इस कार्रवाई में पंजाब आबकारी विभाग व पंजाब पुलिस और इंदौरा पुलिस थाना की सहायता ली गई थी।
उन्होंने कहा कि आबकारी विभाग को इस क्षेत्र में अवैध शराब के बनाने की सूचनाएं प्राप्त हो रही थी। जिसके अंतर्गत नूरपुर टीम के सदस्यों ने पंजाब के सीमांत क्षेत्र में पंजाब आबकारी विभाग व पंजाब पुलिस के सहयोग से इस क्षेत्र में अवैध शराब बनाने वालों पर संयुक्त कार्रवाई की।
उन्होंने बताया कि सीमांत क्षेत्र होने की वजह से कार्रवाई करने में शुरू में कुछ कठिनाइयां भी आई लेकन इसके बावजूद भी विभाग ने इस क्षेत्र में कार्रवाई की और (85000 लीटर लाहन) कच्ची शराब को कब्जे में लिया और कानूनी प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद अवैध शराब को नष्ट किया गया है।
यूनुस ने बताया कि विभाग अवैध शराब बनाने वालों पर कड़ी कार्रवाई कर रहा है और भविष्य में भी यह कार्रवाई विभाग जारी रखेगा।
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13 फरवरी को आपदा जोख़िम से बचाव पर उमंग आयोजित करेगी वेबिनार
शिमला- उमंग फाउंडेशन की ओर से रविवार 13 फरवरी को आपदा जोख़िम से बाचव विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया जा रहा है।
आपदा प्रबंधन के विशेषज्ञ और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के लिए कार्य कर चुके नवनीत यादव उमंग फाउंडेशन के वेबीनार में “आपदा जोखिम से बचाव का अधिकार” विषय पर युवाओं के साथ चर्चा करेंगे। वह दिव्यांगों को आपदा के समय सुरक्षित बचाने के तरीके भी बताएंगे।
कार्यक्रम के संयोजक संजीव शर्मा ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष में मानवाधिकार जागरूकता पर संस्था का ये 22वां साप्ताहिक कार्यक्रम होगा।
गूगल मेल पर 13 फरवरी को शाम 7:00 बजे लिंक http://meet.google.com/zop-pbkn-heg के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुआ जा सकता है। यहां ‘उमंग फाउंडेशन शिमला’ के फेसबुक पेज पर भी लाइव उपलब्ध रहेगा।
उन्होंने कहा कि आपदा जोखिम से बचाव को लेकर समाज में जागरूकता की कमी है। विशेषकर दिव्यांग व्यक्तियों को भीषण आपदा के समय कैसे सुरक्षित निकाला जाए, यह एक बड़ा मुद्दा है।
‘आपदा जोखिम से बचाव का अधिकार’ विषय पर आपदा जोखिम प्रबंधन से जुड़े संगठन डूअर्स के कार्यक्रम निदेशक और जापान, थाईलैंड, सेनेगल एवं नेपाल में अंतरराष्ट्रीय पाठ्यक्रमों में नवनीत यादव हिस्सा ले चुके हैं।
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