एक बॉक्स में भर हाथ-पांव बांध दिए और मुंह पर टेप लगा पत्थर में जिंदा बांध टैंक में फेंका
शिमला- सीआइडी ने युग के अपहरण का वह वीडियो बरामद कर लिया है जिसमें वह बिना कपड़ों के जोर-जोर से चिल्ला रहा है कि पापा मुझे बचा लो.. ये लोग मुझे मार डालेंगे ! उसके चेहरे पर सूजन वीडियो क्लिप में नजर आ रही है। आरोपियों के मोबाइल से कई फोटो भी बरामद हुए हैं। इसमें उसके हाथ ब्राउन टेप से बांधे हुए हैं और एक फोटो में उसकी गर्दन पर छुरी भी रखी हुई है। ।
यह वीडियो हत्या के आरोपी विक्रांत बख्शी के मोबाइल फोन से बरामद किया गया है जिसे शिमला पुलिस ने चोरी के मामले में अपने मालखाने में सदर थाने में रखा हुआ था।
विक्रांत बख्शी के मोबाइल फोन में जो वीडियो मिला है सीआइडी ने उसे बरामद कर लिया है। यह वही मोबाइल फोन है जिसे शिमला पुलिस ने चोरी के मामले में थाना सदर के मालखाने में रखा हुआ था। सीआइडी ने थाना सदर में रखे गए हत्या के तीनों आरोपियों के मोबाइल फोन को कब्जे में लेने के बाद उसके डाटा को बरामद कर लिया है और इसमें युग के अपहरण का वीडियो मिला है।
हत्या के आरोपी के मोबाइल फोन से डिलीट किए गए करीब तीन से चार मिनट के वीडियो में युग बिना कपड़े के है और उसकी आंखों से आंसू बह रहे हैं। वह जोर-जोर से यही चिल्ला रहा है कि पापा ये मुझे मार देंगे..मुझे बचा लो। इस वीडियो को युग के परिजनों से फिरौती मांगने के लिए उन्हें भेजा जाना था, लेकिन वीडियो से अपने पकड़ में आने की बात का अंदेशा जताते हुए उसे मोबाइल फोन से डिलीट कर दिया। इसके साथ कई फोटो भी युग की मोबाइल फोन में मिली हैं
चॉकलेट, वीडियो गेम देकर, हाथ पांव बांधकर पेटी में डाल किया किडनेप
शुरुआती पूछताछ के दौरान आरोपियों ने सीआईडी को बताया कि 14 जून 2014 को युग घर से बाहर खेल रहा था। वहीं नजदीक में तेजिंद्र पाल सिंह का गोदाम है। यहां आरोपी चंद्र शर्मा और तेजिंद्र बैठे हुए थे। चंद्र शर्मा ने युग को आवाज देकर अपने पास बुलाया। युग चंद्र को अच्छे से पहचानता था। वह उसके पास चला आया। युग को गोदाम में ले जाया गया वहां पर उसे चॉकलेट दे दी गई। चॉकलेट के बाद उसे बहलाने के लिए वीडियो गेम दे दी। वीडियो गेम खेलने में युग व्यस्त हो गया।
तेजिंद्र और विक्रांत ने पैकिंग टेप से उसके हाथ-पांव बांध कर पेटी में डाल दिया था। इसके बाद करीब पौने छह बजे तेजिंद्र लोकल बस स्टैंड गुरुद्वारे के पास लग्जरी गाड़ी लेकर आया। चंद्र और विक्रांत पेटी उठाकर वहां पहुंचे। नवबहार के नजदीक किराये पर लिए गए कर्नल के फ्लैट में लाकर उसे बेड बॉक्स में डाल दिया।
युग की हत्या
योजना के मुताबिक चंद्र युग के पिता विनोद गुप्ता के साथ हरदम रहता जिससे उसे पुलिस के हर कदम की जानकारी आसानी से मिलती रही। जब उन्हें लगा कि फिरौती की राशि वह नहीं ले पाएंगे तो विक्रांत ने कहा कि युग को कहीं छोड़ देते हैं। लेकिन इसमें चंद्र ने यह कहकर इनकार कर दिया कि युग उसे पहचानता है। वह सबको बता देगा कि वह ही उसे अपने साथ ले गया था। वह फंस जाएगा। अगर वह फंस गया तो वह सबके नाम उगल देगा। जिसके बाद तीनों ने युग को कत्ल करने के लिए अपनी सहमति दे दी।
पत्थर में जिंदा बांध टैंक में फेंका
22 जून 2014 को युग की मौत का दिन आरोपियों ने चुना। उसे एक बॉक्स में भरा। हाथ-पांव बांध दिए और मुंह पर टेप लगा दी। रात को उसको गाड़ी में डाला। आरोपियों ने चौड़ा मैदान से एक बड़ा पत्थर उठाया और रस्सी की मदद से युग में बांध दिया। क्लस्टन टैंक पहुंचे, वहां आराम से गाड़ी को साइड में लगाया। इधर-उधर देखा और बेहोश युग को पानी से भरे टैंक में फेंक कर चलते बने।
नंगा कर खींचे हैं युग के फोटो
युग के फोटो करीब करीब नंगा करके खींचे हैं। केवल एक सफेद रंग का छोटा सा कपड़ा कमर पर बांधा हुआ था। ब्राउन रंग की टैप से उसके हाथ बांधे हुए थे। यह फोटो बेड बॉक्स के अंदर लिए हुए थे। फ्लैट में रखे मैट पर भी कुछ फोटो लिए हुए हैं। इस मैट को भी जांच के लिए कब्जे में लिया गया है।
पत्थर पर मिले खून के धब्बे
दावा किया जा रहा है कि जो पत्थर पानी के टैंक से बरामद किया गया है, उसमें खून के धब्बे मिले हैं। बताया जा रहा है कि यह ब्लड युग का ही है। हालांकि, फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी।घटनास्थल पर जो जबड़ा मिला है, वह भी युग का ही बताया गया है। इसमें तीन-चार दांत थे। इसके अलावा किराये के फ्लैट से युग की चप्पलें भी मिली हैं। सभी बरामद चीजों को फोरेंसिक लैब जुन्गा भेजा गया है। इन सब की बाकायदा वीडियोग्राफी की गई है।
हाई प्रोफाइल कनेक्शन से धमकाते, पुलिस भी हाथ डालने से बचती रही
मासूम युग का अपहरण और हत्या करने वाले आरोपियों के कई हाई प्रोफाइल लोगों से कनेक्शन थे। इसके चलते ही वे आपराधिक मामलों में फंसने के बाद भी आरोपी आसानी से छूटते रहे। पुलिस भी इन पर हाथ डालने से बचती रही। पुलिस ने इन्हें एक चोरी की घटना में पकड़ा, लेकिन ये जल्द ही छूट गए। छूटने के बाद इन लोगों ने चंडीगढ़ में एक बड़ी पार्टी की।
कानून की धज्जियां उड़ाने वालों पर स्मार्ट पुलिस को संदेह नहीं हुआ। युग के परिजनों के शक जताने पर ही पुलिस की रडार पर आरोपी आए। राजधानी शिमला के राम बाजार के कारोबारियों का कहना है तजेंद्र और चंद्र राजनेताओं और ऊंचे ओहदों पर बैठे प्रशासनिक अफसरों तक उनकी पहुंच होने की बात कहकर अपना दबदबा दिखाते थे।
जमानत पर छूटने पर दिखाई धौंस
युग मामले में एक बार गिरफ्तार होने के बाद जमानत पर बाहर आकर भी उन्होंने अपनी धौंस कई लोगों पर जमाई थी। कहा था कि उन्हें इस मामले में फंसाने वाले एक-एक आदमी को देख लेंगे। फेसबुक पर चंद्र शर्मा ने कई राजनेताओं के साथ फोटो खिंचवाकर अपलोड की है। इसकी फ्रेंड लिस्ट में कई नेता भी हैं। सोशल मीडिया की इन गतिविधियों को अपने दोस्तों को दिखाकर चंद्र खूब धौंस जमाता था। चंद्र शर्मा और तजेंद्र पाल सिंह का अकसर चंडीगढ़ आना-जाना होता था। युग मामले में एक बार गिरफ्तार होकर छूटने पर इन्होंने चंडीगढ़ में खूब पार्टियां भी की थी। इन पार्टियाें के बारे में उन्होंने शिमला आकर कई युवकों को कहानियां भी सुनाईं।
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