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आरटीआई में खुलासा: करोड़ों के क़र्ज़ में डूबे हिमाचल के मंत्री सपरिवार कर रहे विदेश की सैर
आरटीआई में खुलासा: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और विद्या स्टोक्स को छोड़ सभी ने क्लेम किया लाखों का डीए,सपरिवार की विदेश की सैर या फिर जमे रहे हलकों में, शांडिल को छोड़ किसी को नहीं मिली सचिवालय में बैठने की फुरसत
संसाधनों की कमी से साल दर साल करोड़ों के कर्ज में दब कर गरीब होते हिमाचल प्रदेश के विकास की इबारत विश्व बैंक, नाबार्ड और भारत सरकार की विभिन्न एजेंसियों से उधार लेकर लिखी जा रही है। लेकिन कई मंत्री मंत्री इस हालत को जानते हुए भी समझने को तैयार नहीं हैं। हां, विद्या स्टोक्स की तरह दरियादिली कोई नहीं दिखा रहा। सचिवालय प्रशासन विभाग का 2015 में छह माह का रिकॉर्ड बताता है कि दौरों में मंत्रियों की कमाई भी मोटी हो रही है।
मंत्री सिडनी, बैंकॉक, दुबई, न्यूयार्क, बोस्टन, यूरोप, स्पेन, इंग्लैंड जैसे देशों की सैर करने में रुचि दिखा रहे हैं लेकिन शिमला सचिवालय के कार्यालयों बैठना अधिकतर को पंसद नहीं।
क्लेम किया जा रहा डीए सरकारी खजाने में लाखों की सेंध लगा रहा है। प्रदेश या अन्य राज्यों में विभागीय कार्यों की एवज में जो दैनिक भत्ते मंत्री क्लेम कर रहे हैं, उन पैसों को लेने में तो जैसे मंत्रियों में होड़ लगी हैं। अन्य राज्यों में भी जनसुनवाई के हवाले से लाखों वसूले जो रहे हैं।
एक मंत्री ने प्रदेश के बाहर अपना नियमित स्वास्थ्य चैकअप और टेस्ट जहां करवाए, उस राज्य के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान के निदेशक और दूसरे पदाधिकारियों से बैठक का हवाला डीए क्लेम करने के लिए दिया। अगले ही दिन साहब उस राज्य के निजी स्वास्थ्य संस्थान में दाखिल हुए।
कई मंत्रियों ने उडनख़टोलों में की विदेशों की सैर के लिए लाखों रुपये का डीए लिया। एक मंत्री ने देश के भीतर अपने पूरे परिवार को दिल्ली से हिमाचल की सैर उडनख़टोले में करवाई पर खर्चा पूरा सरकार से ही लिया। एक अन्य मंत्री ने जीवन संगिनी को सैर करवाई। कई ने विदेश जाकर निजी दौरे के नाम पर कई दिन सरकारी घोषित किए। वहां की योजनाएं यहां के पहाड़ पर कितनी चढ़ीं, जनता उसे जानती है और इंतजार में है। और तो और, शताब्दी में खाए खाने का भी डीए लिया। काबिले-जिक्र यह कि यह डीए, गाडिय़ों, पेट्रोल, मंत्री स्टाफ सहित अन्य के लाखों खर्च का यह मात्र चुटकी भर है।
हिमाचल मंत्रियों का चंद दिनों का दैनिक भत्ता
मंत्री का नाम | दैनिक भत्ता (रुपये) | अवधि | |
---|---|---|---|
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह | 1,39,248 | 85 | |
उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री | 93,000 | 32 | |
वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी | 2,49,802 | 134 | |
शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा | 2,83,018 | 174 | |
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग धनीराम शांडिल | 1,67,335 | 185 | |
पंचायती राज मंत्री अनिल शर्मा | 3,70,750 | 177 | |
परिवहन एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री जीएस बाली | 2,51,637 | 76 | |
आबकारी एवं कराधान मंत्री प्रकाश चौधरी | 2,74,627 | 154 | |
स्वास्थ्य एवं राजस्व मंत्री ठाकुर कौल सिंह | 2,18,576 | 151 | |
ऊर्जा मंत्री सुजान सिंह पठानिया | 1,40,850 | 163 | |
आईपीएच मंत्री विद्या स्टोक्स | – | – |
राहत यह है कि सरकार के वरिष्ठ मंत्री इस लिहाज से समझदार हैं। विद्या स्टोक्स ऐसा कोई पैसा नहीं लेती तो मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह इस मामले में सबसे शालीन हैं। उन्होंने सबसे कम दैनिक भत्ता क्लेम किया है। दूसरे नंबर पर ऊर्जा मंत्री व तीसरे स्थान पर धनी राम शांडिल हैं। जबकि विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान अधिकतर मंत्रियों ने वहां डीए क्लेम नहीं किया हैं। एक मंत्री की जानकारी देने में जीएडी ने गुरेज किया।
प्रकाश चौधरी ने की विदेश की सैर
प्रकाश चौधरी औसतन बीस प्रतिशत ही शिमला में सचिवालय में अपने स्टाफ के साथ बैठे। अस्सी फीसद दौरे उनके विदेश, दिल्ली, चंड़ीगढ़ सहित अपने विधानसभा क्षेत्रों में ही रहे। 24 सितंबर को शिमला से विदेश के लिए रवाना हुए। एक दिन बाद दिल्ली एयरपोर्ट से बैंकाक के लिए निकले, फिर यहां से सिडनी पहुंचे। इतने सफर तक उन्होंने हिमाचल प्रदेश सरकार के डॉलर खर्चे। मगर इसके बाद सिडनी में वेलिंगटन घूमे। चार से लेकर दस अक्टूबर तक उन्होंने टीए-डीए क्लेम नहीं किया और ऑकलैंड में रुके। उन्होंने यह निजी दौरा बताया है। वापस दिल्ली पहुंचे। 14 अक्टूबर को शिमला पहुंचे। धर्मशाला में शीतकालीन विधानसभा सत्र के दौरान अपने दम पर रहे, कोई सरकारी खर्च नहीं लिया।
भरमौरी को भाता है भरमौर में रहना
प्रदेश के वन मंत्री अपने विधानसभा क्षेत्रों के लोगों के बीच रहना पंसद करते हैं। अक्तूबर में तो दो दिन ही वन मंत्री शिमला आए हैं। दिल्ली और चंडीगढ़ के दौरों पर भी कम ही जाते हैं। घरेलू एयरपोर्ट से चंडीगढ़ दिल्ली में हवाई सेवाएं अगस्त महीने में बैठकों के लिए उपयोग की। मुख्यमंत्री के साथ हेलीकॉप्टर में भी घूमे, उनके साथ जनसभाओं में गए। दिल्ली दौरे के दौरान हालांकि अपने साथ एक सहयोगी को भी हवाई यात्रा सरकारी खर्च पर करवाई। अपने विधानसभा क्षेत्र में दौरे किए। 19 से लेकर 23 नवंबर 2015 तक निजी गाड़ी में घूमे, मगर डीए लेना नहीं भूले।
सचिवालय में बैठने का रिकॉर्ड शांडिल के नाम
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग मंत्री अधिक सचिवालय में बैठना पंसद करते हैं। अन्य मंत्रियों में सबसे अधिक सचिवालय में बैठने का उनका रिकॉर्ड रहा हैं। जुलाई महीने में 27 दिन तक वह शिमला सचिवालय में बैठे, एक साथ इतने दिनों तक सचिवालय में मौजूदगी का रिकॉर्ड उपरोक्त अवधि में अन्य किसी के नाम नही रहा हैं। अन्य महीनों में औसतन 6 माह में तीस फीसद तक सचिवालय में मौजूद रहे जबकि पचास प्रतिशत तक अपने विधानसभा क्षेत्र और शेष में बाहरी राज्यों के दौरों और मंत्रालय के साथ बैठकों में गए। नई दिल्ली और चंडीगढ़ दौरों के दौरान बोर्डिंग पास पर 5500 रुपये के लिए क्लेम सरकार से लिया। सितंबर में प्रदेश के बाहर के दौरों के लिए हवाई सेवा टिकट क्लेम किया है। विदेश दौरे पर नहीं गए।
अक्टूबर में एक ही दिन शिमला रहे सुधीर
शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा अधिकतम समय शिमला से बाहर ही रहें हैं। दिल्ली चड़ीगढ़ के दौरे विभागीय बैठकों के नाम पर थे। इस दौरान एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से हिमाचल में एयरपोर्ट विस्तार, विभाग की विभिन्न योजनाओं के फॉलोअप कई मंत्रालयों में किए। अक्तूबर में तो सिर्फ एक दिन शिमला सचिवालय में बैठे। बैजनाथ में पैराग्लाइडिंग वल्र्ड कप की मेजबानी में भी व्यस्तता रही। नौ अक्टूबर को शिमला से दिल्ली रवाना हुए और फिर पूरे महीने शिमला ही नहीं आए। हां दिल्ली में मुख्यमंत्री के इर्द-गिर्द रहे।
नवंबर अंत से लेकर मध्य दिसंबर तक चंडीगढ़ दिल्ली में अपने परिवार के साथ रहे। 21 नवंबर को धर्मशाला से गग्गल तक 10,955 रूपए की टिकट , फिर 22 से लेकर 28 नवंबर तक विभिन्न मंत्रालयों में योजनाओं का फीडबैक लिया और प्रदेश का पक्ष रखा। अगले दिन अपनी बेटी आध्या और पत्नी रीना के साथ दिल्ली से गग्गल पहुंचे। इस दौरान 8,027 रूपए क्लेम किए। शीतकालीन विधानसभा सत्र के बाद सात दिसंबर को परिवार सहित दिल्ली गए, 21 हजार रुपए की टिकट लगी और वापसी 13 दिसंबर को भी हवाई सेवा से की उसके टिकट भी 16000 के आसपास दिए।
दिल्ली में हुई कैबिनेट बैठक में गए सुजान
प्राप्त जानकारी में सुजान सिंह पठानिया ने एक टुअर ऐसा भी डीए के लिए क्लेम किया हैं जिसका जिक्र अन्य मंत्रियों ने अपने दिल्ली दौरे के दौरान नहीं किया हैं। 19 सितंबर को शिमला से दिल्ली सरकारी गाड़ी में रवाना हुए और बीस को वहां कैबिनेट बैठक में भाग लिया और मुख्यमंत्री के साथ रहे। उसके बाद अगले दिन शिमला पहुंचे। विदेश सैर नहीं की, शिमला सचिवालय में बैठना भी अधिक पंसद नहीं किया। मगर दिल्ली चंडीगढ़ का दौरे विभागीय कार्यो के लिए हवाई सेवाओं के जरिए खूब की। फतेहपुर में ही अधिक जमे रहे।
अपना खर्च करते हैं मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह शिमला में कम बैठे, दिल्ली, चंडीगढ़ के दौरे विभागीय कार्यो के चलते अधिक किए। अन्य राज्यों में भी गए मगर, उन्होंने अन्य मंत्रियों के लिए मिसाल कायम की कि निजी दौरों के लिए सरकारी खर्च के लिए क्लेम नहीं किया। अधिकतर दौरों का स्वयं भुगतान किया, जो निजी दौरे घोषित किए हैं। 19 जुलाई को लखनऊ बाई एयर, 25 जुलाई को सड़क मार्ग से जालंधर, मगर स्वयं खर्च उठाया।
दिल्ली, चंडीगढ़ और नगरोटा में रहे बाली
परिवहन एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री जीएस बाली इस अवधि में औसतन दस प्रतिशत ही सचिवालय में रहे। अधिकतर अपने विधानसभा क्षेत्र और दिल्ली चंडीगढ़ के दौरे पर रहे। सभी दौरों में दिल्ली चंडीगढ़ में अपनी निजी गाड़ी का प्रयोग किया, मगर डीए का लाभ लेना परिवहन मंत्री नहीं भूले हैं। सरकारी गाड़ी का प्रयोग नहीं किया।
अरे वाह पेरिस, इंग्लैंड घूम आए अनिल शर्मा
अनिल शर्मा का लंदन और पेरिस में निजी दौरे पर रहे हैं। इस दौरान उनकी पत्नी सुनीता शर्मा उनके साथ रहीं। कालका से दिल्ली शताब्दी एक्सप्रैस में नौ जुलाई को गए और 23 को दिल्ली से इसी माध्यम से वापस चंडीगढ़ पहुंचे। उसके बाद सरकारी गाड़ी में शिमला पहुंचे। टीए नियम दो सेक्शन एक के तहत दो लाख रुपये की एवज में 208500 रुपये दो सीटों के लिए क्लेम किए। 14 से 27 नवंबर तक इंग्लैंड की यात्रा पर रहे,सरकारी खर्चा नहीं मांगा।
बस दिल्ली, चंडीगढ़ में ही रहे मुकेश
उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री अस्सी प्रतिशत तक दिल्ली चंडीगढ़ में ही रहे। दस प्रतिशत शिमला और इतनी ही फीसद में अपने हलके में गए। जीएडी ने उनकी जानकारी मात्र 32 दिनों की ही दी है। जून अंत से लेकर जुलाई 2015 तक की जानकारी सचिवालय सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में दी हैं।
स्वास्थ्य एवं राजस्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर दुबई, न्यूयार्क घूमे
स्वास्थ्य मंत्री ने विदेश दौरा किया। हालांकि इस अवधि में बीमार भी थे। विधानसभा क्षेत्र में तीस प्रतिशत तक ही जा पाए। 8 नवंबर को दुबई रवाना हुए। 14 नवंबर को वापस दिल्ली आए। इसके बाद विशाखापतनम, हैदराबाद, तिरुपति के लिए उड़ान भरी, डीए भी लिया। विशाखापटनम के लिए 11843 रुपये फ्लाइट टिकट के लिए क्लेम किया। यहां रात्रि विश्राम रहा और अगले दिन 19 नवंबर को डिजास्टर मैनेजमेंट विषय पर दूसरे विश्व सम्मेलन में पहुंचे। यहां से हैदराबाद गए, इसके लिए 5177 तथा तिरुपति के लिए 2883 रुपये क्लेम किए। रोचक यह रहा कि ट्रीटमेंट पर जाने से पहले जब चंडीगढ़ में रहे तो पीजीआई निदेशक और अन्य अथॉरिटी के साथ मैराथन बैठकें की थी। 10 से 14 जुलाई तक वे वहीं रुके। इस दौरान पांच दिन का डीए 1500 रुपये के हिसाब से लिया। अगले दिन से वह फोर्टिस में दाखिल हुए और 3 अगस्त तक वहीं रहे। इस दौरान टीए, डीए एडवांस में लिया था। दो सितंबर को शताब्दी से ट्रेन से दिल्ली गए।
स्टोक्स नहीं लेती कोई खर्च
सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री विद्या स्टोक्स सरकारी खर्चा दौरों के लिए लेती ही नहीं हैं। शिमला में अन्य मंत्रियों और मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से अधिक वह सचिवालय कार्यालय में मौजूद रहती हैं। प्रदेश से बाहर दौरों पर कम ही रही है,अपने विधानसभा क्षेत्र में भी शिमला से कम दिखी है।
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पुलिस की समयोचित कार्रवाई के बावजूद भाजपा का प्रदर्शन व आरोपी का घर जलाना ओछी राजनीति : मुख्यमंत्री
चंबा – मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चम्बा जिला के सलूणी में हुए हत्याकांड के मामले में भारतीय जनता पार्टी द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन पर गहरा क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि यह शायद देश का पहला ऐसा मामला है जिसमें सभी आरोपियों को पकड़ा जा चुका है और पुलिस की समयोचित कार्रवाई के बावजूद भाजपा इस पर शोर-शराबा जारी रखे हुए है। उनका यह प्रदर्शन पूर्णतया अवांच्छित है और इसे न्यायसंगत नहीं कहा जा सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में शामिल सभी लोगों की गिरफ्तारी के बावजूद घटना के पाँच दिनों के बाद भाजपा युवा मोर्चा से जुड़े लोगों ने आरोपी के घर को आग की भेंट चढ़ा दिया।
प्रदेश सरकार की ओर से बार-बार आश्वस्त किया गया है कि इस मामले में संलिप्त सभी दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी के बावजूद विरोध प्रदर्शन समझ से परे है और भाजपा इस मामले में ओछी राजनीति कर रही है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि इस मामले की संवदेनशीलता को देखते हुए पुलिस ने चौबीस घंटों के भीतर सभी आरोपियों को हिरासत में ले लिया। उन्होंने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी तथा सरकार द्वारा राष्ट्रीय जांच एजैंसी से मामले की जांच करवाने सम्बंधी मांग स्वीकार करने के बावजूद भाजपा द्वारा विरोध प्रदर्शन जारी रखना तर्कहीन है।
मुख्यमंत्री नें यह भी कहा कि केंद्र में सत्ता में होने के बावजूद भाजपा जांच को मुद्दा बना रही है जबकि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के लिए एक फोन कॉल पर यह जांच शुरू करवाना कोई बड़ी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे प्रतीत हो रहा है कि इस घटना को राजनीतिक रंग देते हुए भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव-2024 को ध्यान में रखते हुए ऐसी तरकीबें अपना रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर यह होता कि भाजपा प्रदेश हित से जुड़े मामलों एवं हिमाचल के अधिकारों के लिए केंद्र के समक्ष आवाज उठाती, जिससे कि प्रदेशवासियों का भी भला होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के हितों को प्राथमिकता देने के लिए आन्दोलन में कांग्रेस पार्टी भी अपना पूर्ण सहयोग देगी। राज्य के हितों की रक्षा करने की दिशा में प्रदेश सरकार तथा विपक्ष की साझा जिम्मेदारी पर बल देते हुए उन्होंने जल उपकर तथा विभिन्न जल विद्युत परियोजनाओं में निःशुल्क बिजली की रॉयल्टी बढ़ाने जैसे मुद्दों पर भाजपा को प्रदेश सरकार का साथ देने का परामर्श भी दिया।
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अगर 25 वर्षों से आतंकीयों से जुड़े थे चंबा हत्याकांड के आरोपी के तार तो सरकारें क्यूँ देती रही शरण : आम आदमी पार्टी
चंबा- जिला चंबा के सलूनी इलाके में हुए (मनोहर, 21) हत्याकांड की घटना राजनीतिक रूप लेती जा रही है। पक्ष -विपक्ष में बयानबाजी का दौर जारी है। इलाके में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है।
इसी कड़ी में हिमाचल आम आदमी पार्टी ने चम्बा में हुई मनोहर की निर्मम हत्या की कड़ी निंदा की है। आम आदमी पार्टी नेता चमन राकेश आजटा ने पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की और इस पूरी घटना की निष्पक्ष जांच एवं दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की भी मांग की। साथ ही उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम को जिस प्रकार से राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है वो बहुत ही चिंता का विषय है।
इसके साथ ही आजटा ने यह भी कहा कि यदि नेता विपक्ष जयराम ठाकुर जी के बयानों में सच्चाई है तो यह जांच का विषय है। आजटा नें पूछा कि अगर पिछले 25 वर्षो से इस घटना के लिए जिम्मेवार व्यक्ति गैरकानूनी तरीके से बेशुमार दौलत इक्कठी कर रहा था तो वहां का प्रशासन व राज्य सरकारें 25 वर्ष से उसे क्यों शरण दे रही थी?
“इस व्यक्ति के तार क्या किसी आतंकवादी संगठन से जुड़े हुए है , या किसी पार्टी और नेता विशेष की शरण में वो पलता रहा जिसका खामयाज़ा एक गरीब युवा को अपनी जान से हाथ धोकर भुगतना पड़ा। क्या इस आरोपी ने इस तरह की अन्य घटनाओं को भी अंजाम दिया था या उनमें संलिप्त रहा था।” आजटा ने जयराम पर यह सवाल उठाते हुए कहा।
आपको बता दें कि बीते दिन जयराम ठाकुर ने हत्या के इस मामले में गहरी साजिश की आशंका जताते हुए तथा आरोपियों के तार आतंकियों से जोड़ते हुए कहा था कि नोटबंदी के दौरान आरोपी ने 95 लाख नोट बदले व उसके खाते में दो करोड़ की राशि जमा है, जबकि आरोपी के पास इतना बड़ा कोई भी आय का साधन नहीं है।
जयराम ने आरोप लगाया था कि आरोपी के पास तीन बीघा ज़मीन है जबकि कब्जा 100 बीघा जमीन पर कर रखा है। यही नहीं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया था कि चंबा में 1998 में हुए सतरुंडी आतंकी हमले में 35 लोगों की मौत हुई थी और उससे भी आरोपी के तार जुड़े थे।
साथ ही आजटा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह से कानून को हाथ में लेकर घरों को जलाने, गाडियां तोड़ने और माहौल खराब करने की घटना में संलिप्त लोगों के खिलाफ करवाई करने की अपील की है, ताकि राजनीति की आड़ में हिमाचल जैसे प्रदेश का नाम खराब न हो।
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चंबा हत्याकांड: धारा 144 तोड़ने से रोका तो धरने पर बैठे भाजपा नेता
चंबा-मनोहर हत्याकांड के सात दिन बाद भी इलाके में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। पूरे इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है, एक स्थान पर चार से ज्यादा लोगों का एकीकृत होना मना है और साथ ही इलाके के आस पास के सभी स्कूलों को भी एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया गया है।
भाजपा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने कहा कि भाजपा ने तय किया है कि भाजपाई 17 जून को प्रदेश के सभी 12 जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन करेंगे।
सीएम के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने एक प्रेससवार्ता में कहा कि हत्या के कारणों की प्रशासन द्वारा पूरी जांच करवाई जा रही है। चौहान नें कहा कि जिन लोगों ने हत्या की है उनको गिरफ्तार कर लिया गया है और कानून निश्चित तौर पर अपना कार्य कर रहा है।
साथ ही उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, तथा उनके साथी सदस्य जिस तरह से प्रदर्शन कर रहे हैं वह तर्कसंगत नहीं है। कानून द्वारा मुज़रिमों को हिरासत में ले लिया गया है, गुनहगार सलाखों के पीछे है तथा पूरे मामले की सख्ती से जांच कारवाई की जा रही है। चौहान ने नेता प्रतिपक्ष द्वारा एनआईए से जांच की मांग को लेकर कहा कि वह अगर लिखित में सरकार को मांग दे दें तो सरकार इसके लिए भी तैयार है।
चौहान ने जयराम पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह पूर्व मुख्यमंत्री रहे है, एक जिम्मेदार नागरिक हैं, तथा धारा 144 का मतलब भी वह अच्छे से समझते हैं, फिर भी उसकी अवहेलना करने पर अड़े हैं। चौहान नें पूछा कि इसका क्या अर्थ निकलता है।
चौहान नें यह भी कहा कि इसके बावजूद भी पुलिस तथा प्रशासन द्वारा कानून के दायरे में रहते हुए नेता प्रतिपक्ष और कुछ चुने हुए लोगों को पीड़ित परिवार से मिलने की अनुमति दे दी गई थी, लेकिन विपक्ष फिर भी अपने साथ पूरी भीड़ को आगे ले जाने के लिए अड़ा रहा।
उन्होंने कहा कि विपक्ष के जिम्मेदार लोग अगर इसके बावजूद भी राजनीति करना चाहते हैं तो तो यह बिल्कुल भी तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने विपक्ष की मंशा पर सवाल खड़े किये। उन्होंने पूछा कि वह सच मे पीड़ित परिवार से मिलना चाहते थे या इसस घटना को मात्र राजनीतिक दृष्टि से मुद्दा बनाना चाहते थे?