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‘कहीं मैं मुख्यमंत्री न बन जांऊ, इसके लिए जारी की सीडी’
शिमला- महिला से अंतरंग बातचीत और राजनीतिक चर्चा से जुड़ी ऑडियो सीडी के लीक होने के तीसरे दिन पहली बार मीडिया के सामने आए स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि यह मेरे खिलाफ सोची-समझी साजिश है। इसके पीछे आईपीएस अधिकारी एपी सिंह का हाथ है।
उनके अनुसार ‘सब्र का प्याला भर चुका है, अब मैं चुप बैठने वाला नहीं हूं’। उन्होंने सरकार से सीडी की जांच और आईपीएस अफसर पर कार्रवाई की मांग की। शिमला में सोमवार को बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस कर कौल सिंह ने कहा कि इस सीडी से मेरा कोई ताल्लुक नहीं है। कांग्रेस पार्टी के कुछ नेता मुझे हाशिये पर धकेलने के प्रयास में हैं।
1. सीडी में क्या-क्या !
40 साल के राजनीतिक कैरियर में 8 बार विधायक रहा हूं, आज तक किसी ने चरित्र पर लांछन नहीं लगाया। इस समय सीडी जारी करने का क्या मतलब है? उन्होंने न तो सीडी सुनी है और न ही देखी है। समाचारपत्रों से ही ये उन्हें पता चला। विस चुनाव में उन्हें हराने की यह साजिश थी। उन्होंने यहां तक कह डाला कि मैं कहीं सीएम न बन जांऊ, इसके लिए ये सीडी जारी की गई।
कौल सिंह के खुलासे से अफसरों में हड़कंप
सीडी प्रकरण में स्वास्थ्य मंत्री ठाकुर कौल सिंह ने आईपीएस अफसर एपी सिंह के नाम का खुलासा कर प्रदेश की सियासत में गरमाहट ला दी है। सार्वजनिक तौर पर एपी सिंह का नाम सामने आने से प्रदेश की खुफिया एजेंसियों के अलावा सरकारी अधिकारियों में भी हड़कंप है। एपी सिंह मौजूदा समय में दिल्ली में आवासीय आयुक्त के पद पर हैं।
कौल सिंह का सीधा आरोप है कि एपी सिंह वहां बैठकर एक व्यक्ति विशेष के लिए लाइजनिंग कर रहे हैं। सीडी के पीछे भी इसी अफसर का हाथ है। हालांकि, एपी सिंह आरोपों को सिरे से नकार रहे हैं। यह पूछने पर कि स्वास्थ्य मंत्री ने इस मामले में आपका नाम सीधे तौर पर क्यों लिया तो कहते हैं कि इस बारे में मंत्री जी ही बेहतर बता सकते हैं।
2. सीडी में क्या-क्या !
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पसंदीदा अफसरों में भी एपी सिंह की गिनती होती है। वीरभद्र सिंह सरकार के पिछले कार्यकाल में वह एसपी शिमला के पद पर भी थे। उस दौरान सीपीएमटी घोटाले के पर्दाफाश को लेकर प्रदेश में अच्छी-खासी चर्चाएं बटोरीं। कई सफेदपोशों को सलाखों के पीछे पहुंचाया। प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद इनका तबादला विजिलेंस में कर दिया गया।
अब सीडी मामले में अकेले पड़े कौल सिंह
सीडी प्रकरण सामने आने के बाद स्वास्थ्य मंत्री ठाकुर कौल सिंह अकेले पड़ते नजर आए। उनका यह दर्द प्रेस वार्ता के दौरान भी दिखा। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि जब उनको मुसीबतें आईं तो वह हर मोर्च पर उनके साथ विधानसभा तक खड़े रहे।
3. सीडी में क्या-क्या !
आज उन्होंने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं। उनके साथ केवल जुब्बल-कोटखाई से विधायक रोहित ठाकुर थे। पूर्व में कौल सिंह को मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट करने वाले उनके समर्थक विधायक भी नजर नहीं आए। हालांकि, इसके पीछे तर्क दिया गया कि रविवार देर शाम को ही प्रेस वार्ता के बारे में सोचा गया। लिहाजा, किसी विधायक को बुलाने की जरूरत नहीं समझी गई।
मुझे नीचा दिखाने की भी हुई कोशिश
कौल सिंह ने बताया कि देहरा में सिविल अस्पताल का उद्घाटन होना था, बीमार होने के कारण वह कार्यक्रम में नहीं जा सके। अस्पताल में लगी इनके नाम की पट्टिका पर मुख्यमंत्री ने एतराज जताया और बाद में सीएमओ का तबादला कर दिया गया।
हमीरपुर स्कूल के एक कार्यक्रम में भी न जाने पर प्रधानाचार्य का तबादला कर दिया गया। पालमपुर पीएचसी के उद्घाटन के दौरान भी उन्हें ठेस पहुंचाने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि प्रदेश ऐसे भी उद्घाटन हुए है, मंत्री दिल्ली में होते हैं और पट्टिका में उनका नाम होता है।
साल 2012 की है सीडी
कौल सिंह ठाकुर ने बताया कि किसी का फोन टैप करना जुर्म है। कोई किसी का फोन टैप नहीं कर सकता। किसके इशारे पर ऐसा हुआ जांच होनी चाहिए। समाचार पढ़कर पता चला है यह सीडी 2012 की है।
सीएम पद के लिए ठोकी थी दावेदारी
कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद कौल सिंह ने मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी ठोकी थी। वीरभद्र विरोधी समझे जाने वाले कांग्रेस विधायक उस वक्त कौल सिंह के समर्थन में उतरे, लेकिन वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री बनने में कामयाब रहे। मंत्रिमंडल के गठन के दौरान भी मनचाहे मंत्रालय को लेकर खूब खींचतान हुई। हाईकमान के पास दिल्ली खूब लगी। इसमें भी मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का पलड़ा भारी रहा।
कुछ महीनों से सब शांत चल रहा था, लेकिन सीबीआई की दस्तक ने विरोधी गुट के चेहरे पर फिर से चमक ला दी। इस दौरान मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और परिवहन मंत्री जीएस बाली के बीच की तनतनानी जगजाहिर हो गई। कांग्रेस के भीतर अचानक विरोधी गुट जरूरत से ज्यादा सक्रिय हो गए। कुछ वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की दबी हुई महत्वाकांक्षाएं सीएम की कुर्सी के लिए उछाले मारने लगीं।
इससे पहले कि सीएम की कुर्सी को लेकर कोई विवाद सामने आता एक सीडी ने आग में घी का काम कर दिया। अगर यह विवाद जल्द नहीं सुलझा तो आने वाले दिनों में एक बार फिर से हिमाचल की राजनीति में वरिष्ठ कांग्रेस नेता विधायकों के समर्थन को लेकर दिल्ली दरबार में हाईकमान के सामने हाजिरी भरते नजर आएंगे।
4. सीडी में क्या-क्या !
हमेशा वीरभद्र का दिया साथ
प्रेस वार्ता में कौल सिंह ने कहा कि पार्टी किसी एक व्यक्ति के दम पर चुनाव नहीं जीतती है। जब भी मुख्यमंत्री पर विपक्ष ने आरोप लगाए तो वे उनके साथ चट्टान की तरह खड़े रहे। ये भी याद दिलाया कि मंडी से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के बजाए उन्होंने हमेशा वीरभद्र सिंह का साथ दिया है।
सीडी की कराई जाए जांच
कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि उन्होंने डीआईजी से बात की है। उनसे मामले को गंभीरता से लेने को कहा है, सीडी जारी करने के पीछे कौन है, इस बारे में छानबीन करने को कहा है। वहीं, आनी में कौल सिंह ने कहा कि यदि ईमानदारी से सीडी की छानबीन की जाए तो जरूर इसकी सच्चाई सामने आएगी। वह कानूनी लड़ाई के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता कि वीरभद्र सिंह उनके साथ हैं या नहीं। इस बारे में जल्द ही हाईकमान से बात की जाएगी।
सीएम ने दिया कौल सिंह को जवाब
जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि कौल सिंह अपने ही बुने जाल में फंस रहे हैं। सीडी प्रकरण के बाद कौल सिंह अलग-थलग पड़े दिख रहे हैं। हालांकि कौल सिंह कह रहे हैं कि वे सीडी की जांच कराने को तैयार हैं, बशर्ते की सरकार निष्पक्षता अपनाए।
सीडी प्रकरण पर मचे बवाल पर डरोह में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि सीडी की जांच नहीं होगी। उन्होंने कहा कि भाजपा के कार्यकाल में कई नेताओं के फोन टैप हुए हैं। इस मामले में कई सीडी की जांच विजिलेंस कर चुकी है। मामला कोर्ट में है। यह सीडी नई नहीं है। पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके खिलाफ भी सीडी जारी हुई थी। इसमें सच्चाई की जीत हुई थी। कोर्ट से से बरी हुए हैं।
आईपीएस एपी सिंह ने दी ये सफाई
आवासीय आयुक्त दिल्ली एपी सिंह (आईपीएस) ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ने उन पर जो आरोप लगाए हैं, वे निराधार हैं। इस प्रकरण से उनका कोई लेना-देना नहीं है। जिस सीडी की वह बात कर रहे हैं, वह पता नहीं कौन सी है। इतना जरूर है कि टैपिंग मामले में मई 2013 को हार्ड डिस्क जांच के लिए आई थी। तथ्यों पर चार्जशीट दाखिल की गई है।
टैपिंग की जांच भी कर चुके हैं एपी सिंह
इस दौरान वीरभद्र सिंह केंद्र में इस्पात मंत्री बने। राज्य सरकार की मंजूरी के बाद इन्हें ओएसडी के तौर पर इस्पात मंत्रालय में तैनाती दी। प्रदेश में कांग्रेस के सत्ता में लौटने के बाद वीरभद्र सरकार ने इन्हें विजिलेंस का जिम्मा सौंपा।
सरकार बनने के बाद भाजपा सरकार के दौरान हुई टैपिंग की तफ्तीश का जांच अफसर नियुक्त किया। इस दौरान मिली हार्ड डिस्क की जांच मई 2013 में शुरू की गई। इसमें टैपिंग से जुड़ा इतना मैटीरियल बरामद हुआ कि इसे सुनने को कम से कम एक साल लगता। सरकार की स्वीकृति के बाद टैप किए गए फोन की रिकार्डिंग के अलावा अवैध रिकार्डिंग के साक्ष्य भी मिले।
जांच पूरा करने को कई टीमें बनाई गईं। 21 अगस्त, 2014 को अदालत में चार्जशीट दाखिल की गई और मामले से जुड़ा रिकार्ड भी सपुर्द किया गया। अब मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
युवा कांग्रेस का ये बयान
युकां प्रदेशाध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह ने कहा प्रदेश के एक वरिष्ठ मंत्री की कथित तौर पर बातचीत की एक ऑडियो सीडी हाल ही में सामने आई है। बताया जा रहा है कि इसे चुनिंदा सरकारी अधिकारियों और पत्रकारों को भेजा गया है। यह विपक्ष के भाजपा सदस्यों, कांग्रेस सरकार के विरोधियों एवं मुख्यमंत्री का विरोध करने वाले तत्वों का एक और षड्यंत्रकारी कारनामा है।
कहा कि इस तरह की ऑडियो सीडी का आना प्रदेश के राजनीतिक इतिहास में नया नहीं है। पूर्व में भी ऐसी मनगढ़ंत सीडी आई हैं। इनमें वीरभद्र सिंह सहित वरिष्ठ नेताओं की अवैध वित्तीय लेन-देन की तथाकथित बातचीत है। यह सीडी कोर्ट में झूठी पाई गई और अभियोजन पक्ष के दावों को सेशन कोर्ट की ओर से खारिज कर दिया गया। पूर्व भाजपा सरकार के शासनकाल के दौरान आरोपियों को क्लीन चिट दी गई।
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पुलिस की समयोचित कार्रवाई के बावजूद भाजपा का प्रदर्शन व आरोपी का घर जलाना ओछी राजनीति : मुख्यमंत्री
चंबा – मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चम्बा जिला के सलूणी में हुए हत्याकांड के मामले में भारतीय जनता पार्टी द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन पर गहरा क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि यह शायद देश का पहला ऐसा मामला है जिसमें सभी आरोपियों को पकड़ा जा चुका है और पुलिस की समयोचित कार्रवाई के बावजूद भाजपा इस पर शोर-शराबा जारी रखे हुए है। उनका यह प्रदर्शन पूर्णतया अवांच्छित है और इसे न्यायसंगत नहीं कहा जा सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में शामिल सभी लोगों की गिरफ्तारी के बावजूद घटना के पाँच दिनों के बाद भाजपा युवा मोर्चा से जुड़े लोगों ने आरोपी के घर को आग की भेंट चढ़ा दिया।
प्रदेश सरकार की ओर से बार-बार आश्वस्त किया गया है कि इस मामले में संलिप्त सभी दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी के बावजूद विरोध प्रदर्शन समझ से परे है और भाजपा इस मामले में ओछी राजनीति कर रही है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि इस मामले की संवदेनशीलता को देखते हुए पुलिस ने चौबीस घंटों के भीतर सभी आरोपियों को हिरासत में ले लिया। उन्होंने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी तथा सरकार द्वारा राष्ट्रीय जांच एजैंसी से मामले की जांच करवाने सम्बंधी मांग स्वीकार करने के बावजूद भाजपा द्वारा विरोध प्रदर्शन जारी रखना तर्कहीन है।
मुख्यमंत्री नें यह भी कहा कि केंद्र में सत्ता में होने के बावजूद भाजपा जांच को मुद्दा बना रही है जबकि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के लिए एक फोन कॉल पर यह जांच शुरू करवाना कोई बड़ी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे प्रतीत हो रहा है कि इस घटना को राजनीतिक रंग देते हुए भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव-2024 को ध्यान में रखते हुए ऐसी तरकीबें अपना रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर यह होता कि भाजपा प्रदेश हित से जुड़े मामलों एवं हिमाचल के अधिकारों के लिए केंद्र के समक्ष आवाज उठाती, जिससे कि प्रदेशवासियों का भी भला होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के हितों को प्राथमिकता देने के लिए आन्दोलन में कांग्रेस पार्टी भी अपना पूर्ण सहयोग देगी। राज्य के हितों की रक्षा करने की दिशा में प्रदेश सरकार तथा विपक्ष की साझा जिम्मेदारी पर बल देते हुए उन्होंने जल उपकर तथा विभिन्न जल विद्युत परियोजनाओं में निःशुल्क बिजली की रॉयल्टी बढ़ाने जैसे मुद्दों पर भाजपा को प्रदेश सरकार का साथ देने का परामर्श भी दिया।
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अगर 25 वर्षों से आतंकीयों से जुड़े थे चंबा हत्याकांड के आरोपी के तार तो सरकारें क्यूँ देती रही शरण : आम आदमी पार्टी
चंबा- जिला चंबा के सलूनी इलाके में हुए (मनोहर, 21) हत्याकांड की घटना राजनीतिक रूप लेती जा रही है। पक्ष -विपक्ष में बयानबाजी का दौर जारी है। इलाके में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है।
इसी कड़ी में हिमाचल आम आदमी पार्टी ने चम्बा में हुई मनोहर की निर्मम हत्या की कड़ी निंदा की है। आम आदमी पार्टी नेता चमन राकेश आजटा ने पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की और इस पूरी घटना की निष्पक्ष जांच एवं दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की भी मांग की। साथ ही उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम को जिस प्रकार से राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है वो बहुत ही चिंता का विषय है।
इसके साथ ही आजटा ने यह भी कहा कि यदि नेता विपक्ष जयराम ठाकुर जी के बयानों में सच्चाई है तो यह जांच का विषय है। आजटा नें पूछा कि अगर पिछले 25 वर्षो से इस घटना के लिए जिम्मेवार व्यक्ति गैरकानूनी तरीके से बेशुमार दौलत इक्कठी कर रहा था तो वहां का प्रशासन व राज्य सरकारें 25 वर्ष से उसे क्यों शरण दे रही थी?
“इस व्यक्ति के तार क्या किसी आतंकवादी संगठन से जुड़े हुए है , या किसी पार्टी और नेता विशेष की शरण में वो पलता रहा जिसका खामयाज़ा एक गरीब युवा को अपनी जान से हाथ धोकर भुगतना पड़ा। क्या इस आरोपी ने इस तरह की अन्य घटनाओं को भी अंजाम दिया था या उनमें संलिप्त रहा था।” आजटा ने जयराम पर यह सवाल उठाते हुए कहा।
आपको बता दें कि बीते दिन जयराम ठाकुर ने हत्या के इस मामले में गहरी साजिश की आशंका जताते हुए तथा आरोपियों के तार आतंकियों से जोड़ते हुए कहा था कि नोटबंदी के दौरान आरोपी ने 95 लाख नोट बदले व उसके खाते में दो करोड़ की राशि जमा है, जबकि आरोपी के पास इतना बड़ा कोई भी आय का साधन नहीं है।
जयराम ने आरोप लगाया था कि आरोपी के पास तीन बीघा ज़मीन है जबकि कब्जा 100 बीघा जमीन पर कर रखा है। यही नहीं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया था कि चंबा में 1998 में हुए सतरुंडी आतंकी हमले में 35 लोगों की मौत हुई थी और उससे भी आरोपी के तार जुड़े थे।
साथ ही आजटा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह से कानून को हाथ में लेकर घरों को जलाने, गाडियां तोड़ने और माहौल खराब करने की घटना में संलिप्त लोगों के खिलाफ करवाई करने की अपील की है, ताकि राजनीति की आड़ में हिमाचल जैसे प्रदेश का नाम खराब न हो।
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चंबा हत्याकांड: धारा 144 तोड़ने से रोका तो धरने पर बैठे भाजपा नेता
चंबा-मनोहर हत्याकांड के सात दिन बाद भी इलाके में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। पूरे इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है, एक स्थान पर चार से ज्यादा लोगों का एकीकृत होना मना है और साथ ही इलाके के आस पास के सभी स्कूलों को भी एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया गया है।
भाजपा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने कहा कि भाजपा ने तय किया है कि भाजपाई 17 जून को प्रदेश के सभी 12 जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन करेंगे।
सीएम के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने एक प्रेससवार्ता में कहा कि हत्या के कारणों की प्रशासन द्वारा पूरी जांच करवाई जा रही है। चौहान नें कहा कि जिन लोगों ने हत्या की है उनको गिरफ्तार कर लिया गया है और कानून निश्चित तौर पर अपना कार्य कर रहा है।
साथ ही उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, तथा उनके साथी सदस्य जिस तरह से प्रदर्शन कर रहे हैं वह तर्कसंगत नहीं है। कानून द्वारा मुज़रिमों को हिरासत में ले लिया गया है, गुनहगार सलाखों के पीछे है तथा पूरे मामले की सख्ती से जांच कारवाई की जा रही है। चौहान ने नेता प्रतिपक्ष द्वारा एनआईए से जांच की मांग को लेकर कहा कि वह अगर लिखित में सरकार को मांग दे दें तो सरकार इसके लिए भी तैयार है।
चौहान ने जयराम पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह पूर्व मुख्यमंत्री रहे है, एक जिम्मेदार नागरिक हैं, तथा धारा 144 का मतलब भी वह अच्छे से समझते हैं, फिर भी उसकी अवहेलना करने पर अड़े हैं। चौहान नें पूछा कि इसका क्या अर्थ निकलता है।
चौहान नें यह भी कहा कि इसके बावजूद भी पुलिस तथा प्रशासन द्वारा कानून के दायरे में रहते हुए नेता प्रतिपक्ष और कुछ चुने हुए लोगों को पीड़ित परिवार से मिलने की अनुमति दे दी गई थी, लेकिन विपक्ष फिर भी अपने साथ पूरी भीड़ को आगे ले जाने के लिए अड़ा रहा।
उन्होंने कहा कि विपक्ष के जिम्मेदार लोग अगर इसके बावजूद भी राजनीति करना चाहते हैं तो तो यह बिल्कुल भी तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने विपक्ष की मंशा पर सवाल खड़े किये। उन्होंने पूछा कि वह सच मे पीड़ित परिवार से मिलना चाहते थे या इसस घटना को मात्र राजनीतिक दृष्टि से मुद्दा बनाना चाहते थे?