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डाक्टरों की लापरवाही से मर गई मोनिका – आरोप – ,उच्च स्तरीय जांच की मांग
महामहिम राज्यपाल महोदया ,हिमाचल प्रदेश !
माननीय मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश !
(जनहित में बिना विलम्ब उच्च -स्तरीय जांच के आदेश देने की कृपा करें )
( दोषियों के खिलाफ एफ.आई.आर.दर्ज की जाए )
आरोप : डाक्टरों की लापरवाही के कारण हुई है महिला की मौत !
विषय : सही समय पर सही उपचार न होने के कारण मर गई महिला के केस की उच्च स्तरीय जांच की जाए –जनहित में मांग !
महोदया,
महोदय ,मुझे बुधवार 10.4.14 रात्रि तकरीबन 12 बजे उसी वार्ड में दाखिल मेरी परिचित महिला (नाम वीरा शर्मा उर्फ़ मधु शर्मा Ph.88949-89536) का मैसेज आया कि आप एक समाज सेवक हैं और आपकी मदद चाहिए ! उक्त महिला ने मुझे कहा की कृपा एक मोनिका नामक महिला जो इसी वार्ड में दाखिल है और शायद उसका बच्चा उसके पेट में मर चुका है तथा अपनी बीमारी के कारण काफी समय से चीख -चिल्ला रही है उसकी मदद करें क्योंकि काफी समय से कोई भी डाक्टर या नर्स उसकी देखभाल को नहीं कर रहा है!
महोदया,मेरे पास टांडा मैडीकल कालेज का कोई नंबर उपलब्ध न था और तुरंत कोई विकल्प न होने की दिशा में मैंने परिचित महिला को उपायुक्त कांगड़ा का लैंड लाईन फोन नंबर दे दिया परन्तु महिला को डी.सी.कांगड़ा द्वारा रात बारह बजे कोई तस्सली बक्श उत्तर न मिला जिस कारण उसने मुझे दोबारा कोई विकल्प तलाशने को कहा ताकि मोनिका को सही उपचार मिल सके ! परिचित महिला ने मुझे यहां तक कहा की यदि आपने मरीज मोनिका की चीख पुकार सुननी है तो मैं रिकार्ड कर मोबाइल पर भेजती हूँ!
महोदया,देर रात्रि एस.पी.कांगड़ा के घर से थाना कांगड़ा तथा टांडा चौकी/आपातकाल कक्ष के माध्यम से टांडा का फोन नंबर तलाशते-तलाशते रात्रि के तकरीबन एक बज गए परन्तु तब तक कोई भी डाक्टर मोनिका के इलाज को वार्ड में नहीं पहुंचा!
महोदया,प्रयास करने पर तथा टांडा की बेबसाईट पर नंबर सर्च करने व् टांडा एमरजैंसी से एम.एस.का मोबाइल प्राप्त करने पर मैंने बुधवार रात बारह बजे से लगातार डेढ़ बजे तक प्रिंसिपल तथा एम.एस. से लैंड लाईन तथा एम.एस.के मोबाइल नं. -94180-82247 पर तकरीबन एक बजे से डेढ़ बजे तक सम्पर्क करने की कोशिश की परन्तु अफसोस की फोन की घंटियाँ बजती रही और नंबर नो रिप्लाई हुए! इस बीच उपायुक्त ,कांगड़ा को मैंने भी लैंडलाइन नंबर पर फोन किया परन्तु उन्होंने फोन नहीं उठाया!
तड़पती मोनिका को सही उपचार मिलने के उद्देश्य से मैंने शिमला के एम.एस. डा.रमेश जी से भी रात्रि एक बजे सम्पर्क साधा ताकि वह किसी परिचित डा. को महिला के इलाज के लिए भेज सकें!
महोदया,देर रात्रि कोई विकल्प न मिलने पर सुबह सात बजे मैंने वार्ड में दाखिल अपनी परिचित महिला से मोनिका के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा की अभी तक कोई भी डाक्टर उसके इलाज को नहीं पहुंचा है और उक्त महिला रात भर चीखती -चिल्लाती रही है और पल-पल की जानकारी से पता चलता रहा की सुबह 11 बजे तक किसी भी डा.ने उसकी जांच-पड़ताल नहीं की है!
महोदया,वीरवार सुबह तकरीबन 11 बजे प्रिंसिपल कार्यालय में सम्पर्क कर तथा एम.एस.टांडा डा.सूद से उसी मोबाइल नंबर जो देर राति अटैंड नहीं हो रहा था उस पर सम्पर्क कर तथा सीधे मैडीकल स्पेस्लिस्ट डा. कपूर से फोन पर निवेदन करने पर मोनिका के उपचार के लिए आग्रह किया गया!
परन्तु सही समय पर तकरीबन 12 घंटे तक कोई डाक्टर नहीं आया। ज़ब एम्.एस से सम्पर्क किया गया तो 12 बजें डाक्टरों की टीम आती है और मरीज(मोनिका) के अटैंडेंट को बोलती है हमारे पास आपकी बीमारी का कोई इलाज नहीं इसे कहीं और जगह ले जाओ ! बेचारी गरीब मोनिका कहाँ जाए पेट में बच्चा ज़िंदा भी है या नहीं ,पता नहीं..?
दूसरी ओर मुझे मैडीकल स्पेस्लिस्ट डॉ.कपूर ने फोन पर बताया कि मरीज लीवर की बीमारी से ग्रस्त है और उसका इलाज किया जा रहा है!
महोदय,आज 12.4.14 (शनिवार ) को सुबह 7 बजे मेरी परिचित महिला का फोन आया की मोनिका की देर रात मोनिका की मौत हो गई है और डाक्टरों की लापरवाही के कारण उसकी मौत हुईं है जिसकी जांच की जनहित में मांग की जाए!
महोदया,मेरी परिचित महिला जो स्वयं दिल के रोग के कारण टांडा मैडीकल कालेज में उसी वार्ड में दाखिल है का कहना है की मोनिका गर्व से थी तथा उनकी समंझ के अनुसार उसका बच्चा बुधवार रात्रि जबसे महिला चिल्ला रही थी उसके पेट में मर चुका था जिसको डाक्टरों ने पिछले 48-50 घण्टे से बाहर निकाला नहीं निकाला जिस कारण एक जवान महिला की मौत हुई है जबकि डा.लीवर खराब बोलते रहे!
महोदया,उपरोक्त प्रकरण को पहले ही मीडिया /आल इंडिया रेडियों शिमला न्यूज के माध्यम से प्रशासन के समक्ष उठाया गया है तथा उक्त महिला मरीज मोनिका की मौत होने की उच्च-स्तरीय जांच की जानी बहुत ही अनिवार्य है ताकि दोबारा कोई लापरवाही किसी मरीज के इलाज में हॉस्पिटल प्रशासन डाक्टरों द्वारा न बरती जाए!
महोदया,यह भी देखा जाए की क्या रात्रि को किसी डाक्टर की ड्यूटी वार्ड में लगाई गयी थी या नहीं और यदि ड्यूटी थी तो वह डाक्टर रात भर कहाँ था क्यों किसी ने रात्रि 11 बजे से सुबह 12 बजे तक मरीज (मोनिका ) का इलाज न किया !महोदया,जनहित में इस सभी तथ्यों की जांच की जाए तथा दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाए ! महोदया,मैं जनहित में आपका सदा आभारी रहूंगा!
(नागेन्द्र गुप्ता)
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पुलिस की समयोचित कार्रवाई के बावजूद भाजपा का प्रदर्शन व आरोपी का घर जलाना ओछी राजनीति : मुख्यमंत्री
चंबा – मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चम्बा जिला के सलूणी में हुए हत्याकांड के मामले में भारतीय जनता पार्टी द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन पर गहरा क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि यह शायद देश का पहला ऐसा मामला है जिसमें सभी आरोपियों को पकड़ा जा चुका है और पुलिस की समयोचित कार्रवाई के बावजूद भाजपा इस पर शोर-शराबा जारी रखे हुए है। उनका यह प्रदर्शन पूर्णतया अवांच्छित है और इसे न्यायसंगत नहीं कहा जा सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में शामिल सभी लोगों की गिरफ्तारी के बावजूद घटना के पाँच दिनों के बाद भाजपा युवा मोर्चा से जुड़े लोगों ने आरोपी के घर को आग की भेंट चढ़ा दिया।
प्रदेश सरकार की ओर से बार-बार आश्वस्त किया गया है कि इस मामले में संलिप्त सभी दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी के बावजूद विरोध प्रदर्शन समझ से परे है और भाजपा इस मामले में ओछी राजनीति कर रही है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि इस मामले की संवदेनशीलता को देखते हुए पुलिस ने चौबीस घंटों के भीतर सभी आरोपियों को हिरासत में ले लिया। उन्होंने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी तथा सरकार द्वारा राष्ट्रीय जांच एजैंसी से मामले की जांच करवाने सम्बंधी मांग स्वीकार करने के बावजूद भाजपा द्वारा विरोध प्रदर्शन जारी रखना तर्कहीन है।
मुख्यमंत्री नें यह भी कहा कि केंद्र में सत्ता में होने के बावजूद भाजपा जांच को मुद्दा बना रही है जबकि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के लिए एक फोन कॉल पर यह जांच शुरू करवाना कोई बड़ी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे प्रतीत हो रहा है कि इस घटना को राजनीतिक रंग देते हुए भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव-2024 को ध्यान में रखते हुए ऐसी तरकीबें अपना रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर यह होता कि भाजपा प्रदेश हित से जुड़े मामलों एवं हिमाचल के अधिकारों के लिए केंद्र के समक्ष आवाज उठाती, जिससे कि प्रदेशवासियों का भी भला होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के हितों को प्राथमिकता देने के लिए आन्दोलन में कांग्रेस पार्टी भी अपना पूर्ण सहयोग देगी। राज्य के हितों की रक्षा करने की दिशा में प्रदेश सरकार तथा विपक्ष की साझा जिम्मेदारी पर बल देते हुए उन्होंने जल उपकर तथा विभिन्न जल विद्युत परियोजनाओं में निःशुल्क बिजली की रॉयल्टी बढ़ाने जैसे मुद्दों पर भाजपा को प्रदेश सरकार का साथ देने का परामर्श भी दिया।
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अगर 25 वर्षों से आतंकीयों से जुड़े थे चंबा हत्याकांड के आरोपी के तार तो सरकारें क्यूँ देती रही शरण : आम आदमी पार्टी
चंबा- जिला चंबा के सलूनी इलाके में हुए (मनोहर, 21) हत्याकांड की घटना राजनीतिक रूप लेती जा रही है। पक्ष -विपक्ष में बयानबाजी का दौर जारी है। इलाके में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है।
इसी कड़ी में हिमाचल आम आदमी पार्टी ने चम्बा में हुई मनोहर की निर्मम हत्या की कड़ी निंदा की है। आम आदमी पार्टी नेता चमन राकेश आजटा ने पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की और इस पूरी घटना की निष्पक्ष जांच एवं दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की भी मांग की। साथ ही उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम को जिस प्रकार से राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है वो बहुत ही चिंता का विषय है।
इसके साथ ही आजटा ने यह भी कहा कि यदि नेता विपक्ष जयराम ठाकुर जी के बयानों में सच्चाई है तो यह जांच का विषय है। आजटा नें पूछा कि अगर पिछले 25 वर्षो से इस घटना के लिए जिम्मेवार व्यक्ति गैरकानूनी तरीके से बेशुमार दौलत इक्कठी कर रहा था तो वहां का प्रशासन व राज्य सरकारें 25 वर्ष से उसे क्यों शरण दे रही थी?
“इस व्यक्ति के तार क्या किसी आतंकवादी संगठन से जुड़े हुए है , या किसी पार्टी और नेता विशेष की शरण में वो पलता रहा जिसका खामयाज़ा एक गरीब युवा को अपनी जान से हाथ धोकर भुगतना पड़ा। क्या इस आरोपी ने इस तरह की अन्य घटनाओं को भी अंजाम दिया था या उनमें संलिप्त रहा था।” आजटा ने जयराम पर यह सवाल उठाते हुए कहा।
आपको बता दें कि बीते दिन जयराम ठाकुर ने हत्या के इस मामले में गहरी साजिश की आशंका जताते हुए तथा आरोपियों के तार आतंकियों से जोड़ते हुए कहा था कि नोटबंदी के दौरान आरोपी ने 95 लाख नोट बदले व उसके खाते में दो करोड़ की राशि जमा है, जबकि आरोपी के पास इतना बड़ा कोई भी आय का साधन नहीं है।
जयराम ने आरोप लगाया था कि आरोपी के पास तीन बीघा ज़मीन है जबकि कब्जा 100 बीघा जमीन पर कर रखा है। यही नहीं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया था कि चंबा में 1998 में हुए सतरुंडी आतंकी हमले में 35 लोगों की मौत हुई थी और उससे भी आरोपी के तार जुड़े थे।
साथ ही आजटा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह से कानून को हाथ में लेकर घरों को जलाने, गाडियां तोड़ने और माहौल खराब करने की घटना में संलिप्त लोगों के खिलाफ करवाई करने की अपील की है, ताकि राजनीति की आड़ में हिमाचल जैसे प्रदेश का नाम खराब न हो।
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चंबा हत्याकांड: धारा 144 तोड़ने से रोका तो धरने पर बैठे भाजपा नेता
चंबा-मनोहर हत्याकांड के सात दिन बाद भी इलाके में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। पूरे इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है, एक स्थान पर चार से ज्यादा लोगों का एकीकृत होना मना है और साथ ही इलाके के आस पास के सभी स्कूलों को भी एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया गया है।
भाजपा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने कहा कि भाजपा ने तय किया है कि भाजपाई 17 जून को प्रदेश के सभी 12 जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन करेंगे।
सीएम के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने एक प्रेससवार्ता में कहा कि हत्या के कारणों की प्रशासन द्वारा पूरी जांच करवाई जा रही है। चौहान नें कहा कि जिन लोगों ने हत्या की है उनको गिरफ्तार कर लिया गया है और कानून निश्चित तौर पर अपना कार्य कर रहा है।
साथ ही उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, तथा उनके साथी सदस्य जिस तरह से प्रदर्शन कर रहे हैं वह तर्कसंगत नहीं है। कानून द्वारा मुज़रिमों को हिरासत में ले लिया गया है, गुनहगार सलाखों के पीछे है तथा पूरे मामले की सख्ती से जांच कारवाई की जा रही है। चौहान ने नेता प्रतिपक्ष द्वारा एनआईए से जांच की मांग को लेकर कहा कि वह अगर लिखित में सरकार को मांग दे दें तो सरकार इसके लिए भी तैयार है।
चौहान ने जयराम पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह पूर्व मुख्यमंत्री रहे है, एक जिम्मेदार नागरिक हैं, तथा धारा 144 का मतलब भी वह अच्छे से समझते हैं, फिर भी उसकी अवहेलना करने पर अड़े हैं। चौहान नें पूछा कि इसका क्या अर्थ निकलता है।
चौहान नें यह भी कहा कि इसके बावजूद भी पुलिस तथा प्रशासन द्वारा कानून के दायरे में रहते हुए नेता प्रतिपक्ष और कुछ चुने हुए लोगों को पीड़ित परिवार से मिलने की अनुमति दे दी गई थी, लेकिन विपक्ष फिर भी अपने साथ पूरी भीड़ को आगे ले जाने के लिए अड़ा रहा।
उन्होंने कहा कि विपक्ष के जिम्मेदार लोग अगर इसके बावजूद भी राजनीति करना चाहते हैं तो तो यह बिल्कुल भी तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने विपक्ष की मंशा पर सवाल खड़े किये। उन्होंने पूछा कि वह सच मे पीड़ित परिवार से मिलना चाहते थे या इसस घटना को मात्र राजनीतिक दृष्टि से मुद्दा बनाना चाहते थे?