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राज्य के राष्ट्रीय उच्च मार्गों की मुरम्मत और रखरखाव के लिए केंद्र सरकार से की धनराशि कि मांग

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“केंद्र सरकार से प्रदेश के 1235. 875 किलोमीटर लम्बाई के 9 नए मार्गों को राष्ट्रीय उच्च मार्ग घोषित करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि इनमें से पांच मार्गों का मामला केंद्रीय भूतल परिवहन एवं उच्च मार्ग मंत्रालय से काफी लम्बे समय से उठाया जा रहा था ए जिसकी सभी औपचारिकताएं पूर्ण कर ली गई हैं, और अब अंतिम स्वीकृति शेष है, और इसके साथ ही राज्य के राष्ट्रीय उच्च मार्गों की मुरम्मत और रखरखाव के लिए केंद्र सरकार से की धनराशि कि मांग की गई है”

वीरभद्र सिंह आज यहां केंद्रीय भूतल परिवहन एवं उच्च मार्ग मंत्री आस्कल फर्नांडिज के साथ आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इन पांच राष्ट्रीय उच्च मार्गों में 59.775 किलोमीटर लम्बा हमीरपुर-सुजानपुर-पालमपुर मार्ग, 111. 80 किलोमीटर लम्बा ब्रह्मपुखर- बिलासपु- घुमारवीं-सरकाघाट -लडभडोल -बैजनाथ मार्ग , 133 किलोमीटर लम्बा भरमौर-चम्बा- डलहौजी-पठानकोट मार्ग , 106. 400 किलोमीटर लम्बा तारादेवी-जुब्बड़हट्टी- कुनिहार-रामशहर- नालागढ़- घनौली (हिमाचल प्रदेश की सीमा तक) और 83.90 किलोमीटर लम्बा चण्डीगढ़ -पीजीआई ; बद्दी -पंजाब पोखरन-नालागढ़-रामशहर-अर्की-शालाघाट मार्ग शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने चार महत्वपूर्ण राज्य मार्गों को राष्ट्रीय उच्च मार्ग के रूप में स्तरोन्नत करने का आग्रह किया। इनमें 250 किलोमीटर लम्बा किरतपुर-नंगल-भाखड़ा- बंगाणा-नदौन-संधोल-रिवाल्सर-नेरचैक मार्ग, 115 किलोमीटर लम्बा नारकंडा- बाघी-खदराला-सुंगरी- रोहड़ू -हाटकोटी मार्ग, 180 किलोमीटर लम्बा धनोटू -जयदेवी-रोहांडा-चुराग- ततापानी .

वीरभद्र सिंह ने कहा कि शिमला से कांगड़ा तक जाने वाला 197 किलोमीटर लम्बा राष्ट्रीय उच्च मार्ग 88 महत्वपूर्ण मार्ग है और इसपर यातायात का भारी दबाव रहता है। उन्होंने कहा कि इस मार्ग को फोर लेन मार्ग बनाया जाना चाहिए। यह मार्ग न केवल प्रदेश के पांच जिलों से होकर गुजरता है बल्कि हिमाचल प्रदेश के सभी जिलों को जोड़ता है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में इसी वर्ष मई में उन्होंने तत्कालीन केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री सी. पी. जोशी को पत्र लिखा था। उन्होंने गरामोड़ा से घाघस तक राष्ट्रीय उच्च मार्ग 21 की मुरम्मत और रखरखाव के लिए अधिक धनराशि उपलब्ध करवाने की मांग करते हुए कहा कि यह मार्ग देश के मुख्य पर्यटक स्थलों मण्डी, कुल्लू और मनाली तक जाता है।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को अवगत करवाया कि प्रदेश में हवाई और रेल नेटवर्क अपर्याप्त होने के कारण सड़कें ही संचार का मुख्य साधन हैं। प्रदेश में वर्तमान में सड़कों की कुल लम्बाई 32000 किलोमीटर है, जिसमें से राष्ट्रीय उच्च मार्गों की लम्बाई केवल 1553 किलोमीटर है। प्रदेश में राज्य उच्च मार्गों की लम्बाई लगभग 1500 किलोमीटर, मुख्य जिला मार्ग की लम्बाई 2139 किलोमीटर है। प्रदेश में अधिकांश मार्ग ग्रामीण मार्ग हैं, जिनकी कुल लम्बाई 27049 किलोमीटर है। उन्होंने राष्ट्रीय उच्च मार्गों के अन्तर्गत और अधिक सड़कों को शामिल व स्तरोन्नयन करने का आग्रह किया। उन्होंने प्रदेश के सभी राष्ट्रीय उच्च मार्गों के रखरखाव के लिए और अधिक धनराशि उपलब्ध करवाने की मांग की।

वीरभद्र सिंह ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण प्रदेश में काफी नुकसान हुआ है तथा सड़कों को भारी क्षति पहुंची है। केवल सड़कों को ही 1000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग 4394 मार्ग क्षतिग्रस्त हुए हैं तथा अधिकांश नुकसान किन्नौर जिले में हुआ है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया कि राष्ट्रीय उच्च मार्ग की वैकल्पिक एलाईनमेंट को पुराने हिन्दुस्तान.तिब्बत मार्ग के साथ बहाल किया जाए, क्योंकि इस मार्ग का विशेष सामरिक महत्व है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के समक्ष अनेक मार्ग वन स्वीकृति के लिए लंबित पड़े हैं। पहाड़ी प्रदेश होने के कारण प्रदेश के अधिकांश भाग वनांछादित हैं और लोगों को इस कारण समस्या पेश नहीं आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वन संरक्षण अधिनियम 1980 के अन्तर्गत पांच हैक्टेयर वन भूमि तक स्वीकृति प्रदान करने की शक्तियां राज्य को मिलनी चाहिए। इससे वन संरक्षण अधिनियम के तहत स्वीकृति प्रदान करने के कार्य में तेजी आएगी। इस अधिनियम के तहत स्वीकृति मिलने में सामान्य तौर पर एक से दो वर्ष लगते हैं।

केंद्रीय भूतल परिवहन एवं उच्च मार्ग मंत्री आस्कर फर्नांडीज ने मुख्यमंत्री को विश्वास दिलाया कि पांच राष्ट्रीय उच्च मार्गों की स्वीकृति शीघ्र प्रदान कर दी जाएगी और चार अन्य मार्गों को राष्ट्रीय उच्च मार्गों के तौर पर स्तरोन्नत करने पर प्राथमिकता से विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार नगरोटा-रानीताल-मुबारकपुर और पांवटा साहिब-शिलाई-हाटकोटी मार्ग को राष्ट्रीय उच्च मार्ग बनाएगी। प्रदेश के दुरूह मौसम को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय उच्च मार्गों के रखरखाव और मुरम्मत के लिए समुचित धनराशि उपलब्ध करवाई जाएगी। इसमें किरतपुर-नेरचैक( राष्ट्रीय उच्च मार्ग 21) शामिल है, जबकि शिमला-कांगड़ा राष्ट्रीय उच्च मार्ग को स्तरोन्नत कर फोर लेन करने की संभावनाएं तलाशी जाएंगी।

फर्नांडीज ने कहा कि 23 जुलाई , 2013 को हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए एक केंद्रीय दल आ रहा है। केंद्रीय दल की रिपोर्ट प्रस्तुत होने के बाद हिमाचल प्रदेश को पुनर्बहाली के लिए सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय से संबंधित विभिन्न समस्याओं को समझने और सुलझाने के लिए अनेक राज्यों का दौरा किया है। देरी के कारण परियोजना लागत में वृद्धि होती है और इसलिए वे अपने मंत्रालय और राज्य सरकारों के मध्य आ रहे अवरोधों को दूर करना चाहते हैं। उन्हें प्रसन्नता है कि न केवल हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारी बल्कि मुख्यमंत्री भी भूतल परिवहन मंत्रालय से संबंधित परियोनजाओं की सूक्ष्म जानकारी रखते हैं। उन्होंने राज्य सरकार को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।

फर्नांडीज ने कहा कि केंद्र सरकार पहाड़ी राज्यों को पेश आ रही समस्याओं और वन संरक्षण अधिनियम के तहत मिलने वाली स्वीकृतियों में देरी से अवगत है। प्रधानमंत्री सचिवालय ने केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को निर्देश दिए हैं कि इन राज्यों के सभी मामलों को चरणबद्ध तरीके से प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाए ताकि पर्यावरण संरक्षण में योगदान करने के लिए इन राज्य के लोगों को मुश्किलों का सामना न करना पड़े।

उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है कि हाल ही में हुई भारी बारिशए बाढ़ और भू-स्खलन के कारण हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी क्षति हुई है और सड़कों को चैड़ा करने तथा सुरंगों का निर्माण करने जैसे दीर्घावधि समाधान तलाशे जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि रखरखाव और मुरम्मत की तरफ भी ध्यान दिया जाना चाहिए।

परिवहन मंत्री जी. एस. बाली ने केंद्रीय मंत्री से दो राष्ट्रीय उच्च मार्गों की शीघ्र घोषणा का आग्रह किया। इनमें से एक 91 किलोमीटर लम्बा नगरोटा-रानीताल-मुबारकपुर मार्ग उनके अपने विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत आता है, जबकि दूसरा 160 किलोमीटर लम्बा पांवटा-शिलाई-हाटकोटी मार्ग है। इस संबंध में सभी औपचारिकताएं राज्य सरकार द्वारा पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने कहा कि दिसम्बर, 2008 में इन मार्गों को राष्ट्रीय उच्च मार्ग घोषित कर दिया गया था। किन्तु केंद्र सरकार द्वारा इस दिशा में अंतिम अधिसूचना की जानी शेष है।

प्रधान सचिव लोक निर्माण विभाग नरेन्द्र चैहान ने विभाग की विभिन्न परियोजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि भारी बारिश से प्रदेश विशेषकर किन्नौर जिले में काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने प्रदेश के सभी प्रभावित मार्गों एवं पुलों को बहाल करने के लिए धनराशि उपलब्ध करवाने का आग्रह किया।

दीपक परियोजना के ब्रिगेडियर एस. के. कटारिया ने अवगत करवाया कि भारी नुकसान के बावजूद भी सभी मार्ग एक माह के भीतर बहाल कर दिए गए हैं जबकि मालिंग को शीघ्र ही जोड़ दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पवारी के पास मुख्यालय स्थानांतरित किया गया था और पुनर्बहाली कार्यों में तेजी लाने के लिए भारी मशीनें चंडीगढ़ से हवाई मार्ग द्वारा लाई गई। उन्होंने कहा कि 21 नई परियोजनाओं में से 16 पर्यावरण स्वीकृति के कारण बंद कर दी गई।

रोहतांग सुरंग परियोजना के मुख्य अभियंता एसण्पीण् शर्मा ने कहा कि 8. 802 किलोमीटर लम्बी रोहतांग सुरंग का कार्य 28 जुलाई, 2010 को आरम्भ हुआ था और इस की आधारशीला यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रखी थी। इस सुरंग का कार्य दक्षिण दिशा यानी मनाली और उत्तरी दिशा यानी लाहुल की तरफ से आरम्भ किया गया। दक्षिण में सख्त चट्टान, पानी के रिसाव और मलबा गिरने के कारण सुरंग के निर्माण कार्य में देरी हो रही है। उन्होंने कहा कि हालांकि यह सुरंग निर्धारित अवधि वर्ष 2015 तक पूरी नहीं बन पाएगी ,किन्तु सभी कठिनाइयों के बावजूद वर्ष 2016 तक इसे पूरा करने के प्रयास किए जाएंगे।

भारतीय राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष आर. ण्पी. सिंह और मुख्य अभियंता केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय ऐ. के. श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री तथा केंद्रीय मंत्री को विश्वास दिलाया कि सभी निर्माणाधीन परियोजनाओं के कार्य में तेजी लाई जाएगी और लंबित कार्यों को आरम्भ करने के लिए समुचित सहायता प्रदान की जाएगी।

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पुलिस की समयोचित कार्रवाई के बावजूद भाजपा का प्रदर्शन व आरोपी का घर जलाना ओछी राजनीति : मुख्यमंत्री

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चंबा – मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चम्बा जिला के सलूणी में हुए हत्याकांड के मामले में भारतीय जनता पार्टी द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन पर गहरा क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि यह शायद देश का पहला ऐसा मामला है जिसमें सभी आरोपियों को पकड़ा जा चुका है और पुलिस की समयोचित कार्रवाई के बावजूद भाजपा इस पर शोर-शराबा जारी रखे हुए है। उनका यह प्रदर्शन पूर्णतया अवांच्छित है और इसे न्यायसंगत नहीं कहा जा सकता।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में शामिल सभी लोगों की गिरफ्तारी के बावजूद घटना के पाँच दिनों के बाद भाजपा युवा मोर्चा से जुड़े लोगों ने आरोपी के घर को आग की भेंट चढ़ा दिया।

प्रदेश सरकार की ओर से बार-बार आश्वस्त किया गया है कि इस मामले में संलिप्त सभी दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी के बावजूद विरोध प्रदर्शन समझ से परे है और भाजपा इस मामले में ओछी राजनीति कर रही है।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि इस मामले की संवदेनशीलता को देखते हुए पुलिस ने चौबीस घंटों के भीतर सभी आरोपियों को हिरासत में ले लिया। उन्होंने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी तथा सरकार द्वारा राष्ट्रीय जांच एजैंसी से मामले की जांच करवाने सम्बंधी मांग स्वीकार करने के बावजूद भाजपा द्वारा विरोध प्रदर्शन जारी रखना तर्कहीन है।

मुख्यमंत्री नें यह भी कहा कि केंद्र में सत्ता में होने के बावजूद भाजपा जांच को मुद्दा बना रही है जबकि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के लिए एक फोन कॉल पर यह जांच शुरू करवाना कोई बड़ी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे प्रतीत हो रहा है कि इस घटना को राजनीतिक रंग देते हुए भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव-2024 को ध्यान में रखते हुए ऐसी तरकीबें अपना रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर यह होता कि भाजपा प्रदेश हित से जुड़े मामलों एवं हिमाचल के अधिकारों के लिए केंद्र के समक्ष आवाज उठाती, जिससे कि प्रदेशवासियों का भी भला होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के हितों को प्राथमिकता देने के लिए आन्दोलन में कांग्रेस पार्टी भी अपना पूर्ण सहयोग देगी। राज्य के हितों की रक्षा करने की दिशा में प्रदेश सरकार तथा विपक्ष की साझा जिम्मेदारी पर बल देते हुए उन्होंने जल उपकर तथा विभिन्न जल विद्युत परियोजनाओं में निःशुल्क बिजली की रॉयल्टी बढ़ाने जैसे मुद्दों पर भाजपा को प्रदेश सरकार का साथ देने का परामर्श भी दिया।

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अगर 25 वर्षों से आतंकीयों से जुड़े थे चंबा हत्याकांड के आरोपी के तार तो सरकारें क्यूँ देती रही शरण : आम आदमी पार्टी

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manohar case

चंबा- जिला चंबा के सलूनी इलाके में हुए (मनोहर, 21) हत्याकांड की घटना राजनीतिक रूप लेती  जा रही है। पक्ष -विपक्ष में बयानबाजी का दौर जारी है। इलाके में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है।

इसी कड़ी में  हिमाचल आम आदमी पार्टी ने चम्बा में हुई मनोहर की निर्मम हत्या की कड़ी निंदा की है। आम आदमी पार्टी नेता चमन राकेश आजटा ने पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की और इस  पूरी  घटना की निष्पक्ष जांच एवं  दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की भी मांग की। साथ ही उन्होंने कहा कि  इस घटनाक्रम को जिस प्रकार से राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है वो बहुत ही चिंता का विषय है।

इसके साथ ही आजटा ने यह भी कहा कि यदि नेता विपक्ष जयराम ठाकुर जी के बयानों में सच्चाई है तो यह जांच का विषय है। आजटा नें पूछा कि अगर  पिछले 25 वर्षो से इस घटना के लिए जिम्मेवार व्यक्ति गैरकानूनी तरीके से  बेशुमार दौलत इक्कठी कर रहा था तो वहां का प्रशासन व राज्य सरकारें 25 वर्ष से उसे क्यों शरण दे रही थी?

“इस व्यक्ति के तार क्या किसी आतंकवादी  संगठन से जुड़े हुए है , या किसी पार्टी और नेता विशेष की शरण में वो पलता रहा जिसका खामयाज़ा एक गरीब युवा को अपनी जान से हाथ धोकर भुगतना पड़ा। क्या इस आरोपी ने इस तरह की अन्य घटनाओं को भी अंजाम दिया था या उनमें संलिप्त रहा था।” आजटा ने  जयराम पर यह सवाल उठाते हुए कहा।

आपको बता दें कि बीते दिन जयराम ठाकुर ने हत्या के इस मामले में गहरी साजिश की आशंका जताते हुए तथा आरोपियों के तार आतंकियों से जोड़ते हुए कहा था कि नोटबंदी के दौरान आरोपी ने 95 लाख नोट बदले व उसके खाते में दो करोड़ की राशि जमा है, जबकि आरोपी के पास इतना बड़ा कोई भी आय का साधन नहीं है।

जयराम ने आरोप लगाया था कि आरोपी के पास तीन बीघा ज़मीन है जबकि कब्जा 100 बीघा जमीन पर कर रखा है। यही नहीं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया था कि चंबा में 1998 में हुए सतरुंडी आतंकी हमले में 35 लोगों की मौत हुई थी और उससे भी आरोपी के तार जुड़े थे।

साथ ही आजटा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह से कानून को हाथ में लेकर घरों को जलाने, गाडियां तोड़ने और माहौल खराब करने की घटना  में संलिप्त लोगों के खिलाफ करवाई करने की अपील की है, ताकि राजनीति की आड़ में हिमाचल जैसे प्रदेश का नाम खराब न हो।

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चंबा हत्याकांड: धारा 144 तोड़ने से रोका तो धरने पर बैठे भाजपा नेता

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BJP protest chmba

चंबा-मनोहर हत्याकांड के सात दिन बाद भी इलाके में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। पूरे इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है, एक स्थान पर चार से ज्यादा लोगों का एकीकृत होना मना है और साथ ही इलाके के आस पास के सभी स्कूलों को भी एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया गया है।

भाजपा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने कहा कि भाजपा ने तय किया है कि भाजपाई 17 जून को प्रदेश के सभी 12 जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन करेंगे।

सीएम के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने एक प्रेससवार्ता में कहा कि हत्या के कारणों की प्रशासन द्वारा पूरी जांच करवाई जा रही है। चौहान नें कहा कि जिन लोगों ने हत्या की है उनको गिरफ्तार कर लिया गया है और कानून निश्चित तौर पर अपना कार्य कर रहा है।

साथ ही उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, तथा उनके साथी सदस्य जिस तरह से प्रदर्शन कर रहे हैं वह तर्कसंगत नहीं है। कानून द्वारा मुज़रिमों को हिरासत में ले लिया गया है, गुनहगार सलाखों के पीछे है तथा पूरे मामले की सख्ती से जांच कारवाई की जा रही है। चौहान ने  नेता प्रतिपक्ष द्वारा एनआईए से जांच की मांग को लेकर कहा कि वह अगर लिखित में सरकार को  मांग दे दें तो सरकार इसके लिए भी तैयार है।

चौहान ने जयराम पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह पूर्व मुख्यमंत्री रहे है, एक जिम्मेदार नागरिक हैं, तथा धारा 144 का मतलब भी वह अच्छे से समझते हैं, फिर भी उसकी अवहेलना करने पर अड़े हैं। चौहान नें पूछा कि इसका क्या अर्थ निकलता है।

चौहान नें यह भी कहा कि इसके बावजूद भी पुलिस तथा प्रशासन द्वारा कानून के दायरे में रहते हुए नेता प्रतिपक्ष और कुछ चुने हुए लोगों को पीड़ित परिवार से मिलने की अनुमति दे दी गई थी, लेकिन विपक्ष फिर भी अपने साथ पूरी भीड़ को आगे ले जाने के लिए अड़ा रहा।

उन्होंने कहा कि विपक्ष के जिम्मेदार लोग अगर इसके बावजूद भी राजनीति करना चाहते हैं तो तो यह बिल्कुल भी तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने विपक्ष की मंशा पर सवाल खड़े किये। उन्होंने पूछा कि वह सच मे पीड़ित परिवार से मिलना चाहते थे या इसस घटना को मात्र राजनीतिक दृष्टि से मुद्दा बनाना चाहते थे?

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