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शिमला में होगा रोप वे (रज्जू मार्ग) का निर्माण होगाः वीरभद्र सिंह
“शिमला शहर में यातायात के बढ़ते दबाव को कम करने और पर्यटकों एवं स्थानीय लोगों को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से आईएसबीटी,टुटीकंडी से लिफ्ट और लिफ्ट से रानी झांसी पार्क तक एक रोप वे ( रज्जू मार्ग) का निर्माण किया जाएगा”
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि यह रज्जू मार्ग बिल्ट आपरेट ट्रांसफर (बीओटी) आधार पर सार्वजनिक-निजी सहभागिता के आधार पर निर्मित किया जाएगा। मुख्यमंत्री आज यहां हिमाचल प्रदेश अधोसंरचना विकास बोर्ड की एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि लगभग तीन किलोमीटर लम्बे इस रोप वे ( रज्जू मार्ग) की आरम्भिक लागत लगभग 250 करोड़ रुपये होगी तथा इसके बोर्डिंग स्टेशन टुटीकंडी और लिफ्ट में स्थापित किए जाएंगे। दोनों स्थानों पर 500- 500 वाहनों के लिए पार्किंग स्थल विकसित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस रज्जू मार्ग की एक तरफा क्षमता 1500 से 2000 व्यक्ति प्रति घण्टा होगी और एक तरफ की यात्रा में लगभग 10 मिनट का समय लगेगा। टुटीकंडी तथा लिफ्ट स्थित दोनों टर्मिनल में रेस्तरां, प्रतिक्षालय, शौचालय और पेयजल सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रज्जू मार्ग यात्रा समय बचाने के साथ.साथ प्रदूषण को रोकने में भी सहायक सिद्ध होगा। इससे शिमला में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और यह रज्जू मार्ग टुटीकंडी से दि माल और जाखू मंदिर तक यात्रियों को बेहतर यात्रा सुविधाएं उपलब्ध करवाएगा।
“हिमानी चामुण्डा रज्जू मार्ग निर्मित करने को भी स्वीकृति ”
वीरभद्र सिंह ने कांगड़ा जिले में हिमानी चामुण्डा रज्जू मार्ग निर्मित करने को भी स्वीकृति प्रदान की। उन्होंने कहा कि इस रज्जू मार्ग के माध्यम से हिमानी चामुण्डा आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी क्योंकि यह क्षेत्र अभी तक सड़क मार्ग से जुड़ हुआ नहीं है। लगभग छह किलोमीटर लम्बे इस रज्जू मार्ग के निर्माण पर लगभग 200 करोड़ रुपये व्यय होंगे। इस रज्जू मार्ग की एक तरफा क्षमता 1000 से 1200 व्यक्ति प्रति घण्टा होगी। उन्होंने कहा कि रज्जू मार्ग का बोर्डिंग टर्मिनल चामुण्डा नंदीकेश्वर धाम के समीप होगा और मध्य ठहराव के साथ यह रज्जू मार्ग हिमानी चामुण्डा मंदिर तक पहुंचेगा। एक तरफा यात्रा का समय लगभग 20 मिनट होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चामुण्डा नंदीकेश्वर मंदिर के समीप 500 वाहनों के लिए पार्किंग सुविधा और रेस्तरां, चिल्ड्रन पार्क और काटेज सहित ठहरने की अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। इसके अतिरिक्त, मध्य ठहराव के स्थान पर भी ठहरने की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। हिमानी चामुण्डा मंदिर के साथ बनने वाले टर्मिनल के समीप एक ओपन एयर रेस्तरां और अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध की जाएंगी।
इस अवसर पर परामर्शदाता मै0 ऊषा ब्रैको लिमिटेड द्वारा शिमला जिले के कोटगढ़ ,बाघी,कोटखाई, ठियोग, गुम्मा, यशवंत नगर और सैंज से परवाणु तक कृषि एवं बागवानी उत्पादों के परिवहन की व्यवहारिकता के संबंध में (मैटीरियल रज्जू मार्ग परियोजना ) के बारे में एक प्रस्तुतिकरण दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को देश भर में श्रेष्ठ किस्म के सेबों के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा कि सड़कों पर यातायात का दबाव उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है और सड़क परिवहन डीजल के मूल्य, ट्रकों की उपलब्धता तथा मौसम पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि वैकल्पिक रज्जू मार्ग परिवहन प्रणाली अपनाने से पूर्व आवश्यक है कि उत्पाद उतारने के स्थान, भण्डारण क्षमता, विपणन यार्ड और समुचित पार्किंग सुविधाएं विकसित कर परियोजना के साथ जोड़ी जाएं ताकि किसानों और बागवानों को इसका पूर्ण लाभ मिल सके।
वीरभद्र सिंह ने किसानों एवं बागवानों को परवाणु स्थित टर्मिनल प्वाईंट पर सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इस परियोजना पर 250-300 करोड़ रुपये की लागत आएगी तथा इसे सार्वजनिक-निजी सहभागिता के अन्तर्गत विकसित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश अधोसंरचना विकास बोर्ड को निर्देश दिए कि उपरोक्त सभी परियोजनाओं का कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। उन्होंने कहा कि शिमला शहर में पर्सनल रैपिड ट्रांसपोर्ट प्रणाली विकसित की जाएगी ताकि शिमला शहर और आसपास के क्षेत्रों में यातायात के बढ़ते दबाव को कम किया जा सके।
सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य तथा बागवानी मंत्री श्रीमती विद्या स्टोक्स ने कहा कि शिमला जिले में सामग्री रज्जू मार्ग परियोजना से जहां एक ओर ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम कर स्वच्छ पर्यावरण प्राप्त करने में सहायता मिलेगी वहीं सड़कों को होने वाले नुकसान और दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि परिवहन लागत में वर्तमान लागत के मुकाबले एक तिहाई की कमी आएगी।
शहरी विकास एवं आवास मंत्री सुधीर शर्मा ने प्रदेश में परिवहन के वैकल्पिक साधन अपनाने के मुख्यमंत्री के निर्णय की सराहना की। उन्होंने कहा कि शिमला शहर और कांगड़ा जिले के हिमानी चामुण्डा के रज्जू मार्ग पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ -साथ श्रद्धालुओं ,पर्यटकों और स्थानीय लोगों को सुविधाएं प्रदान करेंगे।
उन्होंने कहा कि यह प्रदूषणमुक्त परिवहन प्रणाली समय की बचत करने के साथ-साथ सस्ता वैकल्पित परिवहन भी उपलब्ध करवाएगी। उन्होंने हिमानी चामुण्डा रज्जू मार्ग को स्वीकृति प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हिमानी चामुण्डा पहुंचने के लिए सड़क सुविधा नहीं है।
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पुलिस की समयोचित कार्रवाई के बावजूद भाजपा का प्रदर्शन व आरोपी का घर जलाना ओछी राजनीति : मुख्यमंत्री
चंबा – मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चम्बा जिला के सलूणी में हुए हत्याकांड के मामले में भारतीय जनता पार्टी द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन पर गहरा क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि यह शायद देश का पहला ऐसा मामला है जिसमें सभी आरोपियों को पकड़ा जा चुका है और पुलिस की समयोचित कार्रवाई के बावजूद भाजपा इस पर शोर-शराबा जारी रखे हुए है। उनका यह प्रदर्शन पूर्णतया अवांच्छित है और इसे न्यायसंगत नहीं कहा जा सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में शामिल सभी लोगों की गिरफ्तारी के बावजूद घटना के पाँच दिनों के बाद भाजपा युवा मोर्चा से जुड़े लोगों ने आरोपी के घर को आग की भेंट चढ़ा दिया।
प्रदेश सरकार की ओर से बार-बार आश्वस्त किया गया है कि इस मामले में संलिप्त सभी दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी के बावजूद विरोध प्रदर्शन समझ से परे है और भाजपा इस मामले में ओछी राजनीति कर रही है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि इस मामले की संवदेनशीलता को देखते हुए पुलिस ने चौबीस घंटों के भीतर सभी आरोपियों को हिरासत में ले लिया। उन्होंने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी तथा सरकार द्वारा राष्ट्रीय जांच एजैंसी से मामले की जांच करवाने सम्बंधी मांग स्वीकार करने के बावजूद भाजपा द्वारा विरोध प्रदर्शन जारी रखना तर्कहीन है।
मुख्यमंत्री नें यह भी कहा कि केंद्र में सत्ता में होने के बावजूद भाजपा जांच को मुद्दा बना रही है जबकि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के लिए एक फोन कॉल पर यह जांच शुरू करवाना कोई बड़ी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे प्रतीत हो रहा है कि इस घटना को राजनीतिक रंग देते हुए भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव-2024 को ध्यान में रखते हुए ऐसी तरकीबें अपना रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर यह होता कि भाजपा प्रदेश हित से जुड़े मामलों एवं हिमाचल के अधिकारों के लिए केंद्र के समक्ष आवाज उठाती, जिससे कि प्रदेशवासियों का भी भला होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के हितों को प्राथमिकता देने के लिए आन्दोलन में कांग्रेस पार्टी भी अपना पूर्ण सहयोग देगी। राज्य के हितों की रक्षा करने की दिशा में प्रदेश सरकार तथा विपक्ष की साझा जिम्मेदारी पर बल देते हुए उन्होंने जल उपकर तथा विभिन्न जल विद्युत परियोजनाओं में निःशुल्क बिजली की रॉयल्टी बढ़ाने जैसे मुद्दों पर भाजपा को प्रदेश सरकार का साथ देने का परामर्श भी दिया।
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अगर 25 वर्षों से आतंकीयों से जुड़े थे चंबा हत्याकांड के आरोपी के तार तो सरकारें क्यूँ देती रही शरण : आम आदमी पार्टी
चंबा- जिला चंबा के सलूनी इलाके में हुए (मनोहर, 21) हत्याकांड की घटना राजनीतिक रूप लेती जा रही है। पक्ष -विपक्ष में बयानबाजी का दौर जारी है। इलाके में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है।
इसी कड़ी में हिमाचल आम आदमी पार्टी ने चम्बा में हुई मनोहर की निर्मम हत्या की कड़ी निंदा की है। आम आदमी पार्टी नेता चमन राकेश आजटा ने पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की और इस पूरी घटना की निष्पक्ष जांच एवं दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की भी मांग की। साथ ही उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम को जिस प्रकार से राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है वो बहुत ही चिंता का विषय है।
इसके साथ ही आजटा ने यह भी कहा कि यदि नेता विपक्ष जयराम ठाकुर जी के बयानों में सच्चाई है तो यह जांच का विषय है। आजटा नें पूछा कि अगर पिछले 25 वर्षो से इस घटना के लिए जिम्मेवार व्यक्ति गैरकानूनी तरीके से बेशुमार दौलत इक्कठी कर रहा था तो वहां का प्रशासन व राज्य सरकारें 25 वर्ष से उसे क्यों शरण दे रही थी?
“इस व्यक्ति के तार क्या किसी आतंकवादी संगठन से जुड़े हुए है , या किसी पार्टी और नेता विशेष की शरण में वो पलता रहा जिसका खामयाज़ा एक गरीब युवा को अपनी जान से हाथ धोकर भुगतना पड़ा। क्या इस आरोपी ने इस तरह की अन्य घटनाओं को भी अंजाम दिया था या उनमें संलिप्त रहा था।” आजटा ने जयराम पर यह सवाल उठाते हुए कहा।
आपको बता दें कि बीते दिन जयराम ठाकुर ने हत्या के इस मामले में गहरी साजिश की आशंका जताते हुए तथा आरोपियों के तार आतंकियों से जोड़ते हुए कहा था कि नोटबंदी के दौरान आरोपी ने 95 लाख नोट बदले व उसके खाते में दो करोड़ की राशि जमा है, जबकि आरोपी के पास इतना बड़ा कोई भी आय का साधन नहीं है।
जयराम ने आरोप लगाया था कि आरोपी के पास तीन बीघा ज़मीन है जबकि कब्जा 100 बीघा जमीन पर कर रखा है। यही नहीं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया था कि चंबा में 1998 में हुए सतरुंडी आतंकी हमले में 35 लोगों की मौत हुई थी और उससे भी आरोपी के तार जुड़े थे।
साथ ही आजटा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह से कानून को हाथ में लेकर घरों को जलाने, गाडियां तोड़ने और माहौल खराब करने की घटना में संलिप्त लोगों के खिलाफ करवाई करने की अपील की है, ताकि राजनीति की आड़ में हिमाचल जैसे प्रदेश का नाम खराब न हो।
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चंबा हत्याकांड: धारा 144 तोड़ने से रोका तो धरने पर बैठे भाजपा नेता
चंबा-मनोहर हत्याकांड के सात दिन बाद भी इलाके में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। पूरे इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है, एक स्थान पर चार से ज्यादा लोगों का एकीकृत होना मना है और साथ ही इलाके के आस पास के सभी स्कूलों को भी एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया गया है।
भाजपा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने कहा कि भाजपा ने तय किया है कि भाजपाई 17 जून को प्रदेश के सभी 12 जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन करेंगे।
सीएम के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने एक प्रेससवार्ता में कहा कि हत्या के कारणों की प्रशासन द्वारा पूरी जांच करवाई जा रही है। चौहान नें कहा कि जिन लोगों ने हत्या की है उनको गिरफ्तार कर लिया गया है और कानून निश्चित तौर पर अपना कार्य कर रहा है।
साथ ही उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, तथा उनके साथी सदस्य जिस तरह से प्रदर्शन कर रहे हैं वह तर्कसंगत नहीं है। कानून द्वारा मुज़रिमों को हिरासत में ले लिया गया है, गुनहगार सलाखों के पीछे है तथा पूरे मामले की सख्ती से जांच कारवाई की जा रही है। चौहान ने नेता प्रतिपक्ष द्वारा एनआईए से जांच की मांग को लेकर कहा कि वह अगर लिखित में सरकार को मांग दे दें तो सरकार इसके लिए भी तैयार है।
चौहान ने जयराम पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह पूर्व मुख्यमंत्री रहे है, एक जिम्मेदार नागरिक हैं, तथा धारा 144 का मतलब भी वह अच्छे से समझते हैं, फिर भी उसकी अवहेलना करने पर अड़े हैं। चौहान नें पूछा कि इसका क्या अर्थ निकलता है।
चौहान नें यह भी कहा कि इसके बावजूद भी पुलिस तथा प्रशासन द्वारा कानून के दायरे में रहते हुए नेता प्रतिपक्ष और कुछ चुने हुए लोगों को पीड़ित परिवार से मिलने की अनुमति दे दी गई थी, लेकिन विपक्ष फिर भी अपने साथ पूरी भीड़ को आगे ले जाने के लिए अड़ा रहा।
उन्होंने कहा कि विपक्ष के जिम्मेदार लोग अगर इसके बावजूद भी राजनीति करना चाहते हैं तो तो यह बिल्कुल भी तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने विपक्ष की मंशा पर सवाल खड़े किये। उन्होंने पूछा कि वह सच मे पीड़ित परिवार से मिलना चाहते थे या इसस घटना को मात्र राजनीतिक दृष्टि से मुद्दा बनाना चाहते थे?