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इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज में बनाया जाएगा बहुमंजिला भवन परिसर मुख्यमंत्री
अस्पताल में एक नये बहुमंजिला भवन परिसर का निर्माण किया जाएगा और इसके साथ ही गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले बीएससी मेडिकल टेक्नोलोजी स्टूडेंट्स को निःशुल्क शिक्षा तथा प्रत्येक विद्यार्थियों को 3000 रुपये प्रति माह स्टाईफंड की सुविधा भी प्रदान की जाएगी
मुख्यमंत्री आज यहां इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज एवं अस्पतालए शिमला में बीएससी मेडिकल टेक्नोलोजी स्टूडेंट्स के वार्षिक समारोह (इनफ्यूज़न.2013) के अवसर पर बोल रहे थे।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि आईजीएमसी में बनने वाले इस नये भवन परिसर का निर्माण कार्ट रोड से आरम्भ होकर अस्पताल के मुख्य भवन तक किया जाएगा। परिसर में बाह्य रोगी कक्ष ;आपीडी, जांच सुविधाएं, चिकित्सकों के लिए कमरों का निर्माण, पार्किंग इत्यादि सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। शिमला में आईजीएमसी और कांगड़ा जिले में टांडा मेडिकल कालेज कांग्रेस के कार्यकाल में ही बनाए गए थे और आज ये दोनांे संस्थान पूरे उत्तरी भारत में चिकित्सा क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। आईजीएमसी में स्थान अभाव के कारण यहां और निर्माण कर पाना कठिन है ,लेकिन सरकार यह प्रयास करेगी कि अस्पताल के नजदीक ही चिकित्सकों एवं पैरा मेडिकल स्टाफ के लिए आवासीय भवन का निर्माण किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। उन्होंने विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं चिकित्सकों का आह्वान किया कि वे और समर्पण एवं इमानदारी से कार्य करें ताकि प्रदेश स्वास्थ्य क्षेत्र में देश का प्रथम राज्य बनकर उभर सके। आईजीएमसी प्रदेश का श्रेष्ठ स्वास्थ्य संस्थान है और प्रदेश सरकार इस संस्थान में सभी आधुनिक उपकरण व तकनीक उपलब्ध करवाने के प्रति वचनबद्ध है ताकि लोगों को यहां बेहतर उपचार सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में एक है और प्रदेश के कोने.कोने तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए इस वित्त वर्ष के दौरान 1187 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
आईजीएमसी में किडनी प्रत्यारोपण इकाई स्थापित करने पर 1.63 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं, जिसे छह माह के भीतर क्रियाशील बनाया जाएगा। इस सुविधा के मिलने से किडनी रोगियों को प्रदेश के भीतर ही कम लागत पर ही प्रत्यारोपण की सुविधा उपलब्ध होगी।
वहीं आईजीएमसी शिमला में ही किडनी स्टोन मेनेजमेंट थेरेपी की लिथोट्रिप्सी सुविधा स्थापित करने के लिए 1.75 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं, जिससे रोगियों को अब प्रदेश में ही यह सुविधा मिलेगी। यहां के कैंसर अस्पताल में एचडीआर ब्रैचथेरेपी सिस्टम तथा लिनियर एक्सेलेटर सिस्टम स्थापित करने के लिए 7 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। इसके अतिरिक्त, गंभीर रोगियों एवं कैंसर पीडि़तों के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना कार्ड धारकों के लिए 1 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इसी तरह, आरएसबीवाई के अन्तर्गत कैंसर रोगियों को 1 लाख रुपये प्रति रोगी वृद्धि की गई है, जो प्रति कार्ड धारक को वर्ष में मिलने वाली 30 हजार रुपये की राशि के अतिरिक्त होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत 25 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं, जिसके तहत किसी भी विद्यार्थी को स्वास्थ्य जांच के दौरान आवश्यक उपचार निःशुल्क प्रदान किया जाएगा।
वहीं इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने इस अवसर पर कहा कि सरकार चिकित्सा शिक्षा को विशेष महत्व दे रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता देकर बजट में 22 प्रतिशत वृद्धि करने के लिए उनका आभार व्यक्त किया। चिकित्सा शिक्षा के बजट को भी 7 करोड़ रुपये से बढ़कर 30 करोड़ रुपये किया गया है। वर्तमान प्रदेश सरकार ने गत तीन माह में आईजीएमसी में विभिन्न गतिविधियों के लिए 15 करोड़ रुपये जारी किए हैं ताकि यहां चिकित्सा सुविधाओं को और सुदृढ़ बनाया जा सके। कैंसर अस्पताल में विशेषज्ञ सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
ठाकुर ने कहा कि सरकार चिकित्सकों के रिक्त पड़े सभी पदों को भरेगी। इस वर्ष 100 और अगले वर्ष 100 और चिकित्सकों के पद भरे जाएंगे। रोगी कल्याण समिति के अन्तर्गत भर्ती किए गए चिकित्सकों का मानदेय भी 26,000 रुपये से बढ़ाकर 40,000 रुपये किया गया है। स्नातकोत्तर चिकित्सकों की कमी को भी शीघ्र पूरा किया जाएगा। दूर.दराज क्षेत्रों में तैनात स्नातकोत्तर चिकित्सों का मानदेय भी 50,000 रुपये से बढ़ाकर 65,000 रुपये किया गया है। सरकार ने सालिड बनो इंडिया व साप्ताहिक आयरन एवं फालिक एसिड पूरकता कार्यक्रम आरम्भ किया है, जिसके तहत सभी सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को आयरन गोलियां उपलब्ध करवाई जाएगी।
निदेशक, मेडिकल शिक्षा डाॅ जयश्री शर्मा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
स्टाफ सलाहकार बीएससी नर्सिंग एवं विकिरण सुरक्षा अधिकारी विनोद चैहान ने मुख्यमंत्री का बीपीएल के बीएससी मेडिकल टेक्नोलोजी स्टूडेंट्स को निःशुल्क शिक्षा तथा प्रत्येक विद्यार्थियों को 3000 रुपये प्रति माह स्टाईफंड की सुविधा प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी में बीएससी नर्सिंग वर्ष 2003 में आरम्भ किया गया था और यह संस्थान उस समय पीजीआई, चण्डीगढ़ के पश्चात उत्तरी भारत का दूसरा ऐसा संस्थान था।
इस अवसर पर विद्यार्थियों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।
विधायक अजय महाजन एवं संजय रतन, शिमला नगर निगम के पूर्व उप महापौर एवं हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद के सदस्य हरीश जनार्था, स्वास्थ्य सचिव.आर. रिज़वी, आईजीएमसी के प्रधानाचार्य डाॅ. एस.एस. कौशल, डेंटल कालेज के प्रधानाचार्य डाॅ. आर. पी. लूथरा, आईजीएमसी अस्पताल के वरिष्ठ एमएस डाॅ.रमेश चंद, आईजीएमसी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष एस.एस. जोगटा तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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पुलिस की समयोचित कार्रवाई के बावजूद भाजपा का प्रदर्शन व आरोपी का घर जलाना ओछी राजनीति : मुख्यमंत्री
चंबा – मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चम्बा जिला के सलूणी में हुए हत्याकांड के मामले में भारतीय जनता पार्टी द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन पर गहरा क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि यह शायद देश का पहला ऐसा मामला है जिसमें सभी आरोपियों को पकड़ा जा चुका है और पुलिस की समयोचित कार्रवाई के बावजूद भाजपा इस पर शोर-शराबा जारी रखे हुए है। उनका यह प्रदर्शन पूर्णतया अवांच्छित है और इसे न्यायसंगत नहीं कहा जा सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में शामिल सभी लोगों की गिरफ्तारी के बावजूद घटना के पाँच दिनों के बाद भाजपा युवा मोर्चा से जुड़े लोगों ने आरोपी के घर को आग की भेंट चढ़ा दिया।
प्रदेश सरकार की ओर से बार-बार आश्वस्त किया गया है कि इस मामले में संलिप्त सभी दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी के बावजूद विरोध प्रदर्शन समझ से परे है और भाजपा इस मामले में ओछी राजनीति कर रही है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि इस मामले की संवदेनशीलता को देखते हुए पुलिस ने चौबीस घंटों के भीतर सभी आरोपियों को हिरासत में ले लिया। उन्होंने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी तथा सरकार द्वारा राष्ट्रीय जांच एजैंसी से मामले की जांच करवाने सम्बंधी मांग स्वीकार करने के बावजूद भाजपा द्वारा विरोध प्रदर्शन जारी रखना तर्कहीन है।
मुख्यमंत्री नें यह भी कहा कि केंद्र में सत्ता में होने के बावजूद भाजपा जांच को मुद्दा बना रही है जबकि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के लिए एक फोन कॉल पर यह जांच शुरू करवाना कोई बड़ी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे प्रतीत हो रहा है कि इस घटना को राजनीतिक रंग देते हुए भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव-2024 को ध्यान में रखते हुए ऐसी तरकीबें अपना रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर यह होता कि भाजपा प्रदेश हित से जुड़े मामलों एवं हिमाचल के अधिकारों के लिए केंद्र के समक्ष आवाज उठाती, जिससे कि प्रदेशवासियों का भी भला होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के हितों को प्राथमिकता देने के लिए आन्दोलन में कांग्रेस पार्टी भी अपना पूर्ण सहयोग देगी। राज्य के हितों की रक्षा करने की दिशा में प्रदेश सरकार तथा विपक्ष की साझा जिम्मेदारी पर बल देते हुए उन्होंने जल उपकर तथा विभिन्न जल विद्युत परियोजनाओं में निःशुल्क बिजली की रॉयल्टी बढ़ाने जैसे मुद्दों पर भाजपा को प्रदेश सरकार का साथ देने का परामर्श भी दिया।
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अगर 25 वर्षों से आतंकीयों से जुड़े थे चंबा हत्याकांड के आरोपी के तार तो सरकारें क्यूँ देती रही शरण : आम आदमी पार्टी
चंबा- जिला चंबा के सलूनी इलाके में हुए (मनोहर, 21) हत्याकांड की घटना राजनीतिक रूप लेती जा रही है। पक्ष -विपक्ष में बयानबाजी का दौर जारी है। इलाके में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है।
इसी कड़ी में हिमाचल आम आदमी पार्टी ने चम्बा में हुई मनोहर की निर्मम हत्या की कड़ी निंदा की है। आम आदमी पार्टी नेता चमन राकेश आजटा ने पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की और इस पूरी घटना की निष्पक्ष जांच एवं दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की भी मांग की। साथ ही उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम को जिस प्रकार से राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है वो बहुत ही चिंता का विषय है।
इसके साथ ही आजटा ने यह भी कहा कि यदि नेता विपक्ष जयराम ठाकुर जी के बयानों में सच्चाई है तो यह जांच का विषय है। आजटा नें पूछा कि अगर पिछले 25 वर्षो से इस घटना के लिए जिम्मेवार व्यक्ति गैरकानूनी तरीके से बेशुमार दौलत इक्कठी कर रहा था तो वहां का प्रशासन व राज्य सरकारें 25 वर्ष से उसे क्यों शरण दे रही थी?
“इस व्यक्ति के तार क्या किसी आतंकवादी संगठन से जुड़े हुए है , या किसी पार्टी और नेता विशेष की शरण में वो पलता रहा जिसका खामयाज़ा एक गरीब युवा को अपनी जान से हाथ धोकर भुगतना पड़ा। क्या इस आरोपी ने इस तरह की अन्य घटनाओं को भी अंजाम दिया था या उनमें संलिप्त रहा था।” आजटा ने जयराम पर यह सवाल उठाते हुए कहा।
आपको बता दें कि बीते दिन जयराम ठाकुर ने हत्या के इस मामले में गहरी साजिश की आशंका जताते हुए तथा आरोपियों के तार आतंकियों से जोड़ते हुए कहा था कि नोटबंदी के दौरान आरोपी ने 95 लाख नोट बदले व उसके खाते में दो करोड़ की राशि जमा है, जबकि आरोपी के पास इतना बड़ा कोई भी आय का साधन नहीं है।
जयराम ने आरोप लगाया था कि आरोपी के पास तीन बीघा ज़मीन है जबकि कब्जा 100 बीघा जमीन पर कर रखा है। यही नहीं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया था कि चंबा में 1998 में हुए सतरुंडी आतंकी हमले में 35 लोगों की मौत हुई थी और उससे भी आरोपी के तार जुड़े थे।
साथ ही आजटा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह से कानून को हाथ में लेकर घरों को जलाने, गाडियां तोड़ने और माहौल खराब करने की घटना में संलिप्त लोगों के खिलाफ करवाई करने की अपील की है, ताकि राजनीति की आड़ में हिमाचल जैसे प्रदेश का नाम खराब न हो।
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चंबा हत्याकांड: धारा 144 तोड़ने से रोका तो धरने पर बैठे भाजपा नेता
चंबा-मनोहर हत्याकांड के सात दिन बाद भी इलाके में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। पूरे इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है, एक स्थान पर चार से ज्यादा लोगों का एकीकृत होना मना है और साथ ही इलाके के आस पास के सभी स्कूलों को भी एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया गया है।
भाजपा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने कहा कि भाजपा ने तय किया है कि भाजपाई 17 जून को प्रदेश के सभी 12 जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन करेंगे।
सीएम के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने एक प्रेससवार्ता में कहा कि हत्या के कारणों की प्रशासन द्वारा पूरी जांच करवाई जा रही है। चौहान नें कहा कि जिन लोगों ने हत्या की है उनको गिरफ्तार कर लिया गया है और कानून निश्चित तौर पर अपना कार्य कर रहा है।
साथ ही उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, तथा उनके साथी सदस्य जिस तरह से प्रदर्शन कर रहे हैं वह तर्कसंगत नहीं है। कानून द्वारा मुज़रिमों को हिरासत में ले लिया गया है, गुनहगार सलाखों के पीछे है तथा पूरे मामले की सख्ती से जांच कारवाई की जा रही है। चौहान ने नेता प्रतिपक्ष द्वारा एनआईए से जांच की मांग को लेकर कहा कि वह अगर लिखित में सरकार को मांग दे दें तो सरकार इसके लिए भी तैयार है।
चौहान ने जयराम पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह पूर्व मुख्यमंत्री रहे है, एक जिम्मेदार नागरिक हैं, तथा धारा 144 का मतलब भी वह अच्छे से समझते हैं, फिर भी उसकी अवहेलना करने पर अड़े हैं। चौहान नें पूछा कि इसका क्या अर्थ निकलता है।
चौहान नें यह भी कहा कि इसके बावजूद भी पुलिस तथा प्रशासन द्वारा कानून के दायरे में रहते हुए नेता प्रतिपक्ष और कुछ चुने हुए लोगों को पीड़ित परिवार से मिलने की अनुमति दे दी गई थी, लेकिन विपक्ष फिर भी अपने साथ पूरी भीड़ को आगे ले जाने के लिए अड़ा रहा।
उन्होंने कहा कि विपक्ष के जिम्मेदार लोग अगर इसके बावजूद भी राजनीति करना चाहते हैं तो तो यह बिल्कुल भी तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने विपक्ष की मंशा पर सवाल खड़े किये। उन्होंने पूछा कि वह सच मे पीड़ित परिवार से मिलना चाहते थे या इसस घटना को मात्र राजनीतिक दृष्टि से मुद्दा बनाना चाहते थे?